बल्कि आपकी कमजोरियाँ भी अभिषेकित हैं
परिचय
क्या आपने कभी परमेश्वर द्वारा उपयोग किये जाने के लिए खुद को कमजोर या अपर्याप्त समझा है?
उत्तरी इंग्लैंड में कुब्रिया के एक युवा ने महसूस किया कि परमेश्वर उसे बुला रहे हैं. पॅट्रिक शिक्षा में कमजोर व वाक्पटुता में कमजोर था और अपनी पूरी सेविकाई में उसने उन लोगों से विरोध का सामना किया था जिन्हें यह लगा कि वह इस कार्य के योग्य नहीं है. बल्कि एक वृद्ध के रूप में भी वह कबूल करते हैं कि, मुझे आज भी शर्म आती है और किसी भी चीज से ज्यादा मुझे यह डर लगा रहता है कि शिक्षा में मेरी कमी का कभी खुलासा न हो जाए.'
मगर इन सभी असुविधाओं के बावजूद पॅट्रिक को यह यकीन था कि परमेश्वर ने उसे एक सुसमाचार प्रचारक के रूप में बुलाया है और उसे अभिषेकित किया है. उन्होंने लिखा है, 'हम उद्धार के लिए मसीह का एक पत्र हैं, जो पहले से भी बहुत पहले लिखे गए हैं – पर इससे क्या फर्क पड़ता है यदि यह न पढ़ा गया एक पत्र है? क्योंकि यह अब भी सभी को पढ़ने के लिए मान्य और कोरा पाया गया, जो आपके दिलों में लिखा गया है, स्याही से नहीं बल्कि जीवित परमेश्वर की आत्मा से!'
आज उनकी आधुनिक वाक्पटुता को भुलाए काफी समय हो गया है, लेकिन 1500 साल पहले आयरलैंड में पॅट्रिक सेविकाई और उनके मिशन का प्रभाव पूरी दुनिया में आज भी याद किया जाता है. बल्कि उनकी कमजोरियाँ भी अभिषेकित थीं.
जब दाऊद इस्राएल का सिंहासन प्राप्त करता है, तो वह कहता है, '.... और यद्पि मैं अभिषिक्त राजा हूँ तब भी आज निर्बल हूँ' (2 शमूएल 3:39). जिस पल आप अपना विश्वास यीशु पर रखते हैं, परमेश्वर पवित्र आत्मा से आपका अभिषेक करते हैं. आप चाहें जितना भी कमजोर या अपर्याप्त महसूस करें, परमेश्वर दाऊद की तरह आपका उपयोग असाधारण तरीके से कर सकते हैं. बल्कि आपकी कमजोरियाँ भी अभिषेकित हैं.
भजन संहिता 69:13-28
13 हे यहोवा, जहाँ तक मेरी बात है, मेरी तुझसे यह विनती है कि
मैं चाहता हूँ; तू मुझे अपना ले!
हे परमेश्वर, मैं चाहता हूँ कि तू मुझको प्रेम भरा उत्तर दे।
मैं जानता हूँ कि मैं तुझ पर सुरक्षा का भरोसा कर सकता हूँ।
14 मुझको दलदल से उबार ले।
मुझको दलदल के बीच मत डूबने दे।
मुझको मेरे बैरी लोगों से तू बचा ले।
तू मुझको इस गहरे पानी से बचा ले।
15 बाढ की लहरों को मुझे डुबाने न दे।
गहराई को मुझे निगलने न दे।
कब्र को मेरे ऊपर अपना मुँह बन्द न करने दे।
16 हे यहोवा, तेरी करूण खरी है। तू मुझको निज सम्पूर्ण प्रेम से उत्तर दे।
मेरी सहायता के लिए अपनी सम्पूर्ण कृपा के साथ मेरी ओर मुख कर!
17 अपने दास से मत मुख मोड़।
मैं संकट में पड़ा हूँ! मुझको शीघ्र सहारा दे।
18 आ, मेरे प्राण बचा ले।
तू मुझको मेरे शत्रुओं से छुड़ा ले।
19 तू मेरा निरादर जानता है।
तू जानता है कि मेरे शत्रुओं ने मुझे लज्जित किया है।
उन्हें मेरे संग ऐसा करते तूने देखा है।
20 निन्दा ने मुझको चकनाचूर कर दिया है!
बस निन्दा के कारण मैं मरने पर हूँ।
मैं सहानुभूति की बाट जोहता रहा, मैं सान्त्वना की बाट जोहता रहा,
किन्तु मुझको तो कोई भी नहीं मिला।
21 उन्होंने मुझे विष दिया, भोजन नहीं दिया।
सिरका मुझे दे दिया, दाखमधु नहीं दिया।
22 उनकी मेज खानों से भरी है वे इतना विशाल सहभागिता भोज कर रहे हैं।
मैं आशा करता हूँ कि वे खाना उन्हें नष्ट करें।
23 वे अंधे हो जायें और उनकी कमर झुक कर दोहरी हो जाये।
24 ऐसे लगे कि उन पर
तेरा भरपूर क्रोध टूट पड़ा है।
25 उनके घरों को तू खाली बना दे।
वहाँ कोई जीवित न रहे।
26 उनको दण्ड दे, और वे दूर भाग जायें।
फिर उनके पास, उनकी बातों के विषय में उनके दर्द और घाव हो।
27 उनके बुरे कर्मों का उनको दण्ड दे, जो उन्होंने किये हैं।
उनको मत दिखला कि तू और कितना भला हो सकता है।
28 जीवन की पुस्तक से उनके नाम मिटा दे।
सज्जनों के नामों के साथ तू उनके नाम उस पुस्तक में मत लिख।
समीक्षा
कठिनाई के समय में अभिषेकित रहना
क्या आप कठिन दौर से गुजर रहे हैं? दाऊद अपने जीवन के कठिन दौर से गुजर रहे थे. उन्हें लगा कि 'मैं धारा में डूब न जाऊं, और न मैं गहरे जल में डूब मरूं, और न पाताल का मुंह मेरे ऊपर बन्द हो....... क्योंकि मैं संकट में हूं' (वव.15-20).
दाऊद, इस्राएल का अभिषेकित अगुआ, प्रार्थना करने वाला व्यक्ति था. उसके द्वारा कई भजन कहे गए हैं. इस भजन में हम उनकी ईमानदारी, सच्ची और घनिष्ठ प्रार्थनाओं का उदाहरण देखते हैं.
जब आप कठिनाई में या बड़ी निर्बलता में हों तब आप:
- अपने प्रति परमेश्वर के महान प्रेम को जान लें
दाऊद प्रार्थना करते हैं, 'हे परमेश्वर, मेरी प्रार्थना तो तेरी प्रसन्नता के समय में हो रही हैं; हे परमेश्वर अपनी करूणा की बहुतायात से, और बचाने की अपनी सच्ची प्रतिज्ञा के अनुसार मेरी सुन ले' (व.16).
- अपने दिल में परमेश्वर को पुकारें
परमेश्वर के साथ ईमानदार रहें. उन्हें बताएं कि आप क्या महसूस कर रहे हैं: 'मुझ को दलदल में से उबार' (व.14). 'अपने दास से अपना मुंह न मोड़; क्योंकि मैं संकट में हूं, फुर्ती से मेरी सुन ले' (व.17).
प्रार्थना
प्रभु, आपको धन्यवाद कि संकट के समय में मैं आपसे प्रार्थना कर सकता हूँ. प्रभु, आज मैं मदद के लिए आपको पुकारता हूँ.
प्रेरितों के काम 1:1-22
लूका द्वारा लिखी गयी दूसरी पुस्तक का परिचय
1हे थियुफिलुस,
मैंने अपनी पहली पुस्तक में उन सब कार्यों के बारे में लिखा जिन्हें प्रारंम्भ से ही यीशु ने किया और 2 उस दिन तक उपदेश दिया जब तक पवित्र आत्मा के द्वारा अपने चुने हुए प्रेरितों को निर्देश दिए जाने के बाद उसे ऊपर स्वर्ग में उठा न लिया गया। 3 अपनी मृत्यु के बाद उसने अपने आपको बहुत से ठोस प्रमाणों के साथ उनके सामने प्रकट किया कि वह जीवित है। वह चालीस दिनों तक उनके समने प्रकट होता रहा तथा परमेश्वर के राज्य के विषय में उन्हें बताता रहा। 4 फिर एक बार जब वह उनके साथ भोजन कर रहा था तो उसने उन्हें आज्ञा दी, “यरूशलेम को मत छोड़ना बल्कि जिसके बारे में तुमने मुझसे सुना है, परम पिता की उस प्रतिज्ञा के पूरा होने की प्रतीक्षा करना। 5 क्योंकि यूहन्ना ने तो जल से बपतिस्मा दिया था, किन्तु तुम्हें अब थोड़े ही दिनों बाद पवित्र आत्मा से बपतिस्मा दिया जायेगा।”
यीशु का स्वर्ग में ले जाया जाना
6 सो जब वे आपस में मिले तो उन्होंने उससे पूछा, “हे प्रभु, क्या तू इसी समय इस्राएल के राज्य की फिर से स्थापना कर देगा?”
7 उसने उनसे कहा, “उन अवसरों या तिथियों को जानना तुम्हारा काम नहीं है, जिन्हें परम पिता ने स्वयं अपने अधिकार से निश्चित किया है। 8 बल्कि जब पवित्र आत्मा तुम पर आयेगा, तुम्हें शक्ति प्राप्त हो जायेगी, और यरूशलेम में, समूचे यहूदिया और सामरिया में और धरती के छोरों तक तुम मेरे साक्षी बनोगे।”
9 इतना कहने के बाद उनके देखते देखते उसे स्वर्ग में ऊपर उठा लिया गया और फिर एक बादल ने उसे उनकी आँखों से ओझल कर दिया। 10 जब वह जा रहा था तो वे आकाश में उसके लिये आँखें बिछाये थे। तभी तत्काल श्वेत वस्त्र धारण किये हुए दो पुरुष उनके बराबर आ खड़े हुए 11 और कहा, “हे गलीली लोगों, तुम वहाँ खड़े-खड़े आकाश में टकटकी क्यों लगाये हो? यह यीशु जिसे तुम्हारे बीच से स्वर्ग में ऊपर उठा लिया गया, जैसे तुमने उसे स्वर्ग में जाते देखा, वैसे ही वह फिर वापस लौटेगा।”
एक नये प्रेरित का चुनाव
12 फिर वे जैतून नाम के पर्वत से, जो यरूशलेम से कोई एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, यरूशलेम लौट आये। 13 और वहाँ पहुँच कर वे ऊपर के उस कमरे में गये जहाँ वे ठहरे हुए थे। ये लोग थे: पतरस, यूहन्ना, याकूब, अन्द्रियास, फिलिप्पुस, थोमा, बर्तुलमै और मत्ती, हलफई का पुत्र याकूब, उत्साही शमौन और याकूब का पुत्र यहूदा।
14 इनके साथ कुछ स्त्रियाँ, यीशु की माता मरियम और यीशु के भाई भी थे। ये सभी अपने आपको एक साथ प्रार्थना में लगाये रखते थे।
15 फिर इन्हीं दिनों पतरस ने भाई-बंधुओं के बीच खड़े होकर, जिनकी संख्या कोई एक सौ बीस थी, कहा, 16-17 “हे मेरे भाईयों, यीशु को बंदी बनाने वालों के अगुआ यहूदा के विषय में, पवित्र शास्त्र का वह लेख जिसे दाऊद के मुख से पवित्र आत्मा ने बहुत पहले ही कह दिया था, उसका पूरा होना आवश्यक था। वह हम में ही गिना गया था और इस सेवा में उसका भी भाग था।”
18 (इस मनुष्य ने जो धन उसे उसके नीचतापूर्ण काम के लिये मिला था, उससे एक खेत मोल लिया किन्तु वह पहले तो सिर के बल गिरा और फिर उसका शरीर फट गया और उसकी आँतें बाहर निकल आई। 19 और सभी यरूशलेम वासियों को इसका पता चल गया। इसीलिये उनकी भाषा में उस खेत को हक्लदमा कहा गया जिसका अर्थ है “लहू का खेत।”)
20 क्योंकि भजन संहिता में यह लिखा है कि,
‘उसका घर उजड़ जाये और
उसमें रहने को कोई न बचे।’
और
‘उसका मुखियापन कोई दूसरा व्यक्ति ले ले।’
21-22 “इसलिये यह आवश्यक है कि जब प्रभु यीशु हमारे बीच था तब जो लोग सदा हमारे साथ थे, उनमें से किसी एक को चुना जाये। यानी उस समय से लेकर जब से यूहन्ना ने लोगों को बपतिस्मा देना प्रारम्भ किया था और जब तक यीशु को हमारे बीच से उठा लिया गया था। इन लोगों में से किसी एक को उसके फिर से जी उठने का हमारे साथ साक्षी होना चाहिये।”
समीक्षा
पवित्र आत्मा से अभिषेकित
जिस सामर्थ ने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया अब वही सामर्थ आप में रहती है. सुसमाचार के चार लेखकों में से, केवल लूका ही अगली पीढ़ी का इतिहास बताते हैं. यीशु की कहानी 'विश्वासियों में' (व. 15) जारी रहती है और अब यह आप में जारी है.
प्रेरितों के कार्य की पुस्तक कलीसिया का इतिहास संस्करण 1 है. लूका के लिए इतिहास मायने रखता है. वह 'इन बातों के देखने वाले', 'ठीक ठीक जांच करके', 'क्रमानुसार ' जैसे शब्दों का उपयोग करते हैं (लूका 1:2-3); और यहाँ पर वह 'यकीन दिलाने वाले बहुत से सबूतों' की बात करते हैं (प्रेरितों के कार्य 1:3). वह जोर देते हैं कि यीशु एक प्रेत के समान अस्थायी रूप से दिखाई देने वाले के रूप में प्रकट नहीं हुए थे: ' उस ने दु:ख उठाने के बाद बहुत से पड़े प्रमाणों से अपने आप को उन्हें जीवित दिखाया, और चालीस दिन तक वह उन्हें दिखाई देता रहा.... क्योंकि वे मिले थे और उन्होंने साथ मिलकर भोजन किया था' (वव.2-4).
यह लूका के जीवन में यीशु का दूसरा संस्करण है. वह अपने पहले सुसमाचार की बात बताते हैं ' जो यीशु ने आरम्भ में किया और करता और सिखाता रहा' (व.1). अब वह उस कहानी को बताते हैं कि यीशु पवित्र आत्मा के द्वारा क्या-क्या करते रहे.
यीशु ने पवित्र आत्मा के बारे में कहा, जो परमेश्वर के द्वारा किया गया एक वायदा था (व.4). अब वह वायदा करते हैं कि कुछ ही दिनों में शिष्यों का पवित्र आत्मा से बपतिस्मा होगा और वे यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह बनने के लिए पवित्र आत्मा से सामर्थ पाएंगे (व.8).
बाकी के लेखांश में हम उन लोगों के अनेक उदाहरण देखते हैं जो पवित्र आत्मा से भर गए थे और पूरी दुनिया में उनके संदेश वाहक बन गए थे. आश्चर्य की बात यह है कि इस सूची में आप भी शामिल हैं!
- दाऊद
पवित्र आत्मा लोगों के द्वारा बात करते हैं, जिसमे दाऊद भी शामिल हैं (व.16). पतरस उदाहरण बताते हैं कि किस तरह से पवित्र आत्मा ने दाऊद के द्वारा भजन संहिता में कहा था – बल्कि विश्वासघाती यहूदा की जगह पर उसका पद कोई दूसरा ले लेगा (वव.15-20).
- यीशु
सर्वोच्च रूप से, पवित्र आत्मा ने यीशु का अभिषेक किया था. लूका हमें बताते हैं कि 'यीशु ने पवित्र आत्मा के द्वारा उन प्रेरितों को निर्देश दिये थे जिन्हें उन्होंने चुना था' (व.2). विशेष रूप से, 'उन से मिलकर उन्हें आज्ञा दी, कि यरूशलेम को न छोड़ो, परन्तु पिता की उस प्रतिज्ञा के पूरा होने की बाट जोहते रहो, जिस की चर्चा तुम मुझ से सुन चुके हो। क्योंकि यूहन्ना ने तो पानी में बपतिस्मा दिया है परन्तु थोड़े दिनों के बाद तुम पवित्रात्मा से बपतिस्मा पाओगे ' (वव. 4-5).
- प्रेरित
हालाँकि कई तरीकों से वे कमजोर थे, प्रेरितों का अभिषेक पवित्र आत्मा से किया जाना था उन कार्यों को करने के लिए जो आगे आने वाले हैं. शब्द 'प्रेरित' का उपयोग नये नियम में कई प्रकार से किया गया है. मुख्यत: उस व्यक्ति के लिए जिसे परमेश्वर द्वारा भेजा गया है, स्पष्ट रूप से यह कई लोगों पर लागू होता है जिनका पहले किया जा चुका है और अब भी हो रहा है (1कुरिंथिंयों 12:28-29). संकीर्ण अभिप्राय में, ऐसे लोग भी हैं जिनका उल्लेख अगुवाई के 'प्रेरित' संबंधी वरदान प्राप्त व्यक्ति के रूप में किया जा सकता है (मरकुस 3:14). मगर इसका उपयोग शब्द के सबसे संकीर्ण अभिप्राय से किया गया है. ये उन लोगों का विशेष समूह था जिन्हे यीशु द्वारा अविशिष्ट रूप से योग्यता मिली थी. पवित्र आत्मा ने उनके द्वारा असाधारण तरीके से बात की थी. इन प्रेरितों को यीशु ने चुना था और जिन्हें यीशु ने पवित्र आत्मा के द्वारा विशेष निर्देश दिये थे (प्रेरितों के कार्य 1:2) शुरू में यहूदा इस समूह का एक हिस्सा था. अब वे उसके बदले में किसी को ढूँढ रहे थे. पतरस ने योग्यताएं निर्धारित कीं. उसे यीशु के साथ उनकी पूरी सेविकाई में साथ रहकर उसे आवश्यक प्रशिक्षण पाना जरूरी था (वव. 21-22).
- आप
यीशु ने कहा था, ' थोड़े दिनों के बाद तुम पवित्रात्मा से बपतिस्मा पाओगे..... ब पवित्र आत्मा तुम पर आएगा तब तुम सामर्थ पाओगे; और यरूशलेम और सारे यहूदिया और सामरिया में, और पृथ्वी की छोर तक मेरे गवाह होगे' (वव. 5,8). पेंताकुस के दिन यह पूरा हुआ और प्रेरित पतरस ने यह स्पष्ट किया कि ' यह प्रतिज्ञा तुम, और तुम्हारी सन्तानों, और उन सब दूर दूर के लोगों के लिये भी है जिन को प्रभु हमारा परमेश्वर अपने पास बुलाएगा' (2:39). इसमें आप भी शामिल हैं! पवित्र आपका अभिषेक करने के लिए और आपको सामर्थ देने के लिए आते हैं – आपके जीवन के हरएक पहलू में आपकी मदद करने और आपका मार्गदर्शन करने के लिए – सिर्फ 'आत्मिक' भाग में नहीं. आपके पास जो भी है वह परमेश्वर का है और वह आपके संपूर्ण जीवन में शामिल होना चाहते हैं. परमेश्वर चाहते हैं कि आप में पवित्र आत्मा के रहने के द्वारा आप अपने सभी विचारों, व्यवहारों, शब्दों और कार्यों में यीशु के समान बन जाएं. आप दुनिया के लिए यीशु हैं.
प्रार्थना
प्रभु, आपको धन्यवाद कि अब आपका पवित्र आत्मा मुझ में रहता है. आपको धन्यवाद कि, मेरे कमजोर होने के बावजूद भी मैं आपका गवाह बनने के लिए अभिषेकित हूँ. मुझे आपके पवित्र आत्मा का मुख बनने में मेरी मदद कीजिये.
2 शमूएल 3:22-5:5
अब्नेर की मृत्यु
22 योआब और दाऊद के अधिकारी युद्ध से लौटकर आए। उनके पास बहुत कीमती सामान थे जो वे शत्रु से लाए थे। दाऊद ने अब्नेर को शान्तिपूर्वक जाने दिया था। इसलिए अब्नेर दाऊद के साथ हेब्रोन में नहीं था। 23 योआब और उसकी सारी सेना हेब्रोन पहुँची। सेना ने योआब से कहा कि, “नेर का पुत्र अब्नेर राजा दाऊद के पास आया था और दाऊद ने उसे शान्तिपूर्वक जाने दिया।”
24 योआब राजा के पास आया और कहा, “यह आपने क्या किया? अब्नेर आपके पास आया और आपने उसे बिना चोट पहुँचाये जाने दिया। क्यों? 25 आप नेर के पुत्र अब्नेर को जानते हैं। वह आपके साथ चाल चलने आया। वह उन सभी बातों का पता करने आया था जो आप कर रहे हैं।”
26 योआब ने दाऊद को छोड़ा और सीरा के कुँए पर अब्नेर के पास दूत भेजे। दूत अब्नेर को वापस लाये। किन्तु दाऊद को इसका पता न चला। 27 जब अब्नेर हेब्रोन आया तो योआब, प्रवेशद्वार के एक किनारे उसे ले गया और तब योआब ने अब्नेन के पेट में प्रहार किया और अब्नेर मर गया। पिछले दिनों में अब्नेर ने योआब के भाई असाहेल को मारा था। अत: अब योआब ने अब्नेर को मार डाला।
दाऊद अब्नेर के लिये रोता है
28 बाद में दाऊद यह समाचार सुना। दाऊद ने कहा, “मैं और मेरा राज्य नेर के पुत्र अब्नेर की मृत्यु के लिये निरपराध है। यहोवा इसे जानता है। 29 योआब और उसका परिवार इसके लिये उत्तरदायी है और उसका पूरा परिवार इसके लिए दोषी है। मुझे आशंका है कि योआब के परिवार पर बहुत विपत्तियाँ आएंगी। मुझे यह आशा है कि उसके परिवार में सदा कोई न कोई जख्म से अथवा भयानक चर्मरोग से पीड़ित होगा, और कोई बैसाखी उपयोग में लाएगा, और कोई युद्ध में मारा जाएगा और कोई बिना भोजन रहेगा!”
30 योआब और उसके भाई अबीशै ने अब्नेर को मार डाला क्योंकि अब्नेर ने उसके भाई असाहेल को गिबोन की लड़ाई में मारा था।
31-32 दाऊद ने योआब के साथ के सभी व्यक्तियों से कहा, “अपने वस्त्रों को फाड़ो और शोक वस्त्रों को पहनो। अब्नेर के लिये रोओ।” उन्होंने अब्नेर को हेब्रोन में दफनाया। दाऊद अंत्येष्टि में दाऊद अर्थी के पीछे गया। राजा दाऊद और सभी लोग अब्नेर की कब्र पर रोए।
33 दाऊद ने अब्नेर के लिये अपना शोक—गीत गाया:
“क्या अब्नेर को किसी मूर्ख की तरह मरता था?
34 अब्नेर, तुम्हारे हाथ बंधे नहीं थे।
तुम्हारे पैर जंजीरों में कसे नहीं थे।
नहीं अब्नेर, तुम्हें दुष्टों ने मारा!”
तब सभी लोग फिर अब्नेर के लिये रोये। 35 सभी लोग दाऊद को दिन रहते भोजन करने के लिये प्रेरित करने आए। किन्तु दाऊद ने विशेष प्रतिज्ञा की। उसने कहा, “परमेश्वर मुझे दण्ड दे और मेरे कष्टों को बढ़ाए यदि मैं सूरज डूबने के पहले रोटी या कोई अन्य भोजन करुँ।” 36 जो कुछ हुआ सभी लोगों ने देखा और वे उन सभी कामों से सहमत हुए जो राजा दाऊद कर रहा था। 37 उस दिन यहूदा के लोगों और सभी इस्राएलियों ने समझ लिया कि राजा दाऊद वह व्यक्ति नहीं जिसने नेर के पुत्र अब्नेर को मारा।
38 राजा दाऊद ने अपने सेवकों से कहा, “तुम लोग जानते हो की आज इस्राएल में एक बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति मर गया है। 39 ये उसी दिन हुआ जिस दिन मेरा अभिषेक राजा के रूप में हुआ था किन्तु सरूयाह के पुत्र मुझसे अधिक उग्र हैं। यहोवा इन व्यक्तियों को अवश्य दण्ड दे।”
शाऊल के परिवार में परेशानियाँ आती हैं
4शाऊल के पुत्र (ईशबोशेत) ने सुना कि अब्नेर की मृत्यु हेब्रोन में हो गई। ईशबोशेत और उसके सभी लोग बहुत अधिक भयभीत हो गये। 2 दो आदमी शाऊल के पुत्र (ईशबोशेत) को देखने गये। ये दोनों आदमी सेना के सेनापति थे। एक व्यक्ति का नाम बाना था और दूसरे का नाम रेकाब था। बाना और रेकाब बेरोत के रिम्मोन के पुत्र थे। (वे बिन्यामीन परिवार समूह के थे। बेरोत नगर बिन्यामीन परिवार समूह का था। 3 बेरोत के लोग गितैम को भाग गए और वे आज तक वहाँ रहते हैं।)
4 शाऊल के पुत्र योनातन का एक पुत्र मपीबोशेत था जो लंगड़ा था। योनातन का पुत्र उस समय पाँच वर्ष का था, जब यह सूचना मिली थी कि शाऊल और योनातन यिज्रेल में मारे गए। इस पुत्र की धायी ने इस बच्चे को उठाया और वह भाग गई। किन्तु जब धायी ने भागने में जल्दी की तो योनातन का पुत्र उसकी बाँहों से गिर पड़ा। यही कारण था कि योनातन का पुत्र लंगड़ा हो गया था। इस पुत्र का नाम मपीबोशेत है।
5 बेरोत के रिम्मोन के पुत्र रेकाब और बाना दोपहर को ईशबोशेत के महल में घुसे। ईशबोशेत गर्मी के कारण आराम कर रहा था। 6-7 रेकाब और बाना महल के बीच में इस प्रकार आये मानों वे कुछ गेहूँ लेने जा रहे हों। ईशबोशेत अपने बिस्तर में अपने शयनकक्ष में लेटा हुआ था। रेकाब और बाना ने आघात किया और ईशबोशेत को मार डाला। तब उन्होंने उसका सिर काटा और उसे अपने साथ ले गये। वे यरदन घाटी से होकर रात भर चलते रहे। 8 वे हेब्रोन पहुँचे, और उन्होंने ईशबोशेत का सिर दाऊद को दिया।
रेकाब और बाना ने राजा दाऊद से कहा, “यह आपके शत्रु शाऊल के पुत्र ईशबोशेत का सिर है। उसने आपको मारने का प्रयत्न किया। यहोवा ने शाऊल और उसके परिवार को आपके लिये आज दण्ड दिया है।”
9 दाऊद ने रेकाब और उसके भाई बाना को उत्तर दिया, दाऊद ने कहा, “निश्चय ही, यहोवा शाश्वत है, उसने मुझे सभी आपत्तियों से बचाया है। 10 किन्तु एक व्यक्ति ने यह सोचा था कि वह मेरे लिये अच्छी खबर लायेगा। उसने मुझसे कहा, ‘देखो! शाऊल मर गया।’ उसने सोचा था कि मैं उसे इस खबर को लाने के कारण पुरस्कार दूँगा। किन्तु मैंने उस व्यक्ति को पकड़ा और सिकलग में मार डाला। 11 इसलिये मैं तुम लोगों को मारना चाहूँगा और तुमको धरती से हटाऊँगा क्योंकि दुष्ट व्यक्तियों ने एक अच्छे व्यक्ति को अपने घर के शयनकक्ष में बिस्तर पर आराम करते समय मार डाला।”
12 दाऊद ने युवकों को आदेश दिया कि वे रेकाब और बाना को मार डालें। तब युवकों ने रेकाब और बाना के हाथ—पैर काट डाले और हेब्रोन के चश्मे के सहारे लटका कर मार डाला। तब उन्होंने ईशबोशेत के सिर को लिया और उसी स्थान पर उसे दफनाया जिस स्थान पर हेब्रोन में अब्नेर को दफनाया गया था।
इस्राएली दाऊद को राजा बनाते हैं
5तब इस्राएल के सारे परिवार समूहों के लोग दाऊद के पास हेब्रोन में आए। उन्होंने दाऊद से कहा, “देखो हम सब एक परिवार के हैं! 2 बीते समय में जब शाऊल हमारा राजा था तो वे आप ही थे जो इस्राएल के लिये युद्ध में हमारा नेतृत्व करते थे और आप इस्राएल को युद्धों से वापस लाये। यहोवा ने आपसे कहा, ‘तुम मेरे लोग अर्थात् इस्राएलियों के गड़ेंरिया होगे। तुम इस्राएल के शासक होगे।’”
3 इस्राएल के सभी प्रमुख, राजा दाऊद के पास, हेब्रोन में आए। राजा दाऊद ने यहोवा के सामने, हेब्रोन में, इन प्रमुखों के साथ एक सन्धि की। तब प्रमुखों ने इस्राएल के राजा के रूप में दाऊद का अभिषेक किया।
4 दाऊद उस समय तीस वर्ष का था जब उसने शासन करना आरम्भ किया। उसने चालीस वर्ष शासन किया। 5 उसने हेब्रोन में यहूदा पर सात वर्ष छ: महीने तक शासन किया और उसने, सारे इस्राएल और यहूदा पर यरूशलेम में तैंतीस वर्ष तक शासन किया।
समीक्षा
अगुआई के लिए अभिषेकित
अगुआ बनने के लिए हमें सिद्ध होने की जरूरत नहीं है. दाऊद ने कहा है, '..... यद्पि मैं अभिषिक्त राजा हूँ तब भी आज निर्बल हूँ; ' (3:39). बाइबल में दाऊद का इतिहास दाऊद की निर्बलता का और उसके अभिषेकित होने का एक महान उदाहरण है. वह जानता था कि वह सिद्धता से बहुत दूर है, मगर वह यह भी जानता था कि परमेश्वर तब भी उसका उपयोग कर सकते हैं. वह अपनी निर्बलता में नहीं रहा, बल्कि उसने यह स्थिति परमेश्वर की ओर पलट दी (व.39). उसकी निर्बलता के बावजूद, परमेश्वर ने असाधारण तरीके से उसका उपयोग किया.
यह लेखांश हमें यह भी याद दिलाता है कि दाऊद के पूरे जीवन में परमेश्वर ने उसका उपयोग किया. हमने कई उदाहरण देखे कि किस तरह से परमेश्वर ने दाऊद का उपयोग एक अगुआ के रूप में किया, इससे पहले कि वह राजा बनता. मगर जब वह राजा बना, तब दाऊद अपेक्षाकृत युवा ही था. इसके बाद लंबे समय तक परमेश्वर द्वारा उसका उपयोग होता रहा और (ज्यादातर) सफलता पूर्वक राज्य करने में: ' दाऊद तीस वर्ष का हो कर राज्य करने लगा, और चालीस वर्ष तक राज्य करता रहा' (5:4).
प्रभु ने दाऊद के विषय में कहा, 'मेरी प्रजा इस्राएल का चरवाहा, और इस्राएल का प्रधान तू ही होगा' (व.2). ' सो सब इस्राएली पुरनिये हेब्रोन में राजा के पास आए और उन्होंने इस्राएल का राजा होने के लिये दाऊद का अभिषेक किया' (व.3). दाऊद एक निष्ठावान अगुआ बना. ' तब उसने खरे मन से उनकी चरवाही की, और अपने हाथ की कुशलता से उनकी अगुवाई की' (भजन संहिता 78:72). आज हमें अपने चर्च में और अपने समाज में दाऊद जैसे अगुआ – खरे मन वाले पुरूष और स्त्री की बेहद जरूरत है.
प्रार्थना
प्रभु, आपको धन्यवाद कि, जो पवित्र आत्मा दाऊद, यीशु और प्रेरितों में रहता था, अब मुझे अभिषेक करता है और मुझ में रहता है. आपको धन्यवाद कि मेरी निर्बलता में भी मैं अभिषेकित हूँ.
पिप्पा भी कहते है
शमूएल 3:30
' योआब और उसके भाई अबीशै ने अब्नेर को इस कारण घात किया, कि उसने उनके भाई असाहेल को गिबोन में लड़ाई के समय मार डाला था.'
प्रतिशोध की इच्छा करना एक शक्तिशाली भावना है. मैं योआब को समझ सकता हूँ जिसने अपने भाई की मौत का बदला लिया. ऐसे व्यक्ति को क्षमा करना आसान नहीं है जिसने उसे दु:खी किया हो जिससे आप प्रेम करते हैं. बिना जाने कि यीशु मेरे लिए मरे, मुझे यकीन नहीं है कि मैं शुरुवात भी कर सकता हूँ. मुझे अब भी अपने बच्चों को एक शिक्षक के समान क्षमा करते रहना है जो प्रतिशोधी था – मुझे मत शुरू करो!

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संदर्भ
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।
जिन वचनों को \[आरएसवी RSV\] से चिन्हित किया गया है वे बाइबल के रिवाइज्ड स्टैंडर्ड संस्करण से लिए गए हैं, कॉपीराइट © 1946, 1952, और 1971 युनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरीका में द डिविजन ऑफ एज्युकेशन ऑफ द नैशनल काउंसिल ऑफ द चर्चेस. अनुमति द्वारा उपयोग किये गए हैं. सभी अधिकार सुरक्षित.