दिन 168

परमेश्वर के पीछे चलना, ना कि उनका विरोध करना

बुद्धि भजन संहिता 74:10-17
नए करार प्रेरितों के काम 10:23-11:18
जूना करार 1 राजा 1:12-2:12

परिचय

मुझे अच्छी तरह से याद है वह समय जब कैथलिक चर्च में अल्फा की शुरुवात हुई. न्यूकैसल और हेक्साम के बिशप ऐम्ब्रुस ने सुना कि कुछ इंग्लैंड के चर्च में अल्फा के साथ क्या हो रहा था. वह दिलचस्पी लेने लगे और इसके विषय में और अधिक जानना चाहते थे. किंतु, वह नहीं चाहते थे कि हमें पता चले कि वह दिलचस्पी ले रहे हैं. इसलिए, उन्होंने भेष बदलवा कर दो कैथलिक याजक को लंदन अल्फा कॉन्फरेंस में भेजा! वे अपने-अपने क्षेत्रों में वापस गए और अल्फा की शुरुवात की और महान सफलता प्राप्त की.

इसके परिणामस्वरूप, कार्डिनल हुम ने हमें वेस्टमिंस्टर कैथरडल में कैथलिक के लिए एक कॉन्फरेंस लेने के लिए आमंत्रित किया. वह स्थान 450 कैथलिक याजक और जनसाधारण से भर गया. कैथलिकों के लिए कॉन्फरेंस करने के कारण कुछ लोग हमारी आलोचना कर रहे थे. एक दो चर्च में हमें धमकी भी दी गई कि वे अल्फा का चलना बंद कर देंगे यदि हम इस कॉन्फरेंस को करते हैं. पीछे से यह थोड़ा असाधारण लग रहा था कि कोई विरोध भी करेगा, लेकिन उस समय यह थोड़ी चिंता का विषय था.

कॉन्फरेंस की पहली रात को पवित्र आत्मा महान रूप से ऊंडेला गया और लोग इस तरह से अन्य भाषाएँ बोल रहे थे जैसा कि हमने पहले कभी नहीं सुना था. उस रात मैं घर पहुँचा और आज के लिए लेखांश को पढ़ाः 'अत: जब परमेश्वर ने उन्हें भी वही दान दिया ...तो मैं कौन था जो परमेश्वर को रोक सकता?' (प्रेरितों के काम 11:17). यह पवित्र आत्मा था जो उन पर ऊँडेला गया था जैसा कि हमारे साथ हुआ था. मैंने समझा कि यदि हम एक साथ काम करना शुरु नहीं करेंगे, तो मैं भी परमेश्वर का विरोध कर रहा होगा.

सबसे मूर्ख चीज को जो कोई मनुष्य कर सकता है, वह है परमेश्वर का विरोध करना. यीशु का विरोध किया गयाः 'उन्होंने उसे क्रूस पर चढ़ाकर मार डाला. उसको परमेश्वर ने तीसरे दिन जिलाया, और प्रकट भी कर दिया है' (10:39-40). भिन्न रूप से, सबसे अद्भुत सुविधा जो किसी मनुष्य के पास हो सकती है, वह है नासरी के यीशु का चेला बनना, जिन्हें 'परमेश्वर ने अभिषिक्त किया...पवित्र आत्मा और सामर्थ के साथ' (10:38).

बुद्धि

भजन संहिता 74:10-17

10 हे परमेश्वर, ये शत्रु कब तक हमारी हँसी उड़ायेंगे?
 क्या तू इन शत्रुओं को तेरे नाम का अपमान सदा सर्वदा करने देगा?
11 हे परमेश्वर, तूने इतना कठिन दण्ड हमकों क्यों दिया?
 तूने अपनी महाशक्ति का प्रयोग किया और हमें पूरी तरह नष्ट किया!

12 हे परमेश्वर, बहुत दिनों से तू ही हमारा शासक रहा।
 इस देश में तूने अनेक युद्ध जीतने में हमारी सहायता की।

13 हे परमेश्वर, तूने अपनी महाशक्ति से लाल सागर के दो भाग कर दिये।
14 तूने विशालकाय समुद्री दानवों को पराजित किया!
 तूने लिव्यातान के सिर कुचल दिये, और उसके शरीर को जंगली पशुओं को खाने के लिये छोड़ दिया।
15 तूने नदी, झरने रचे, फोड़कर जल बहाया।
 तूने उफनती हुई नदियों को सुखा दिया।
16 हे परमेश्वर, तू दिन का शासक है, और रात का भी शासक तू ही है।
 तूने ही चाँद और सूरज को बनाया।
17 तू धरती पर सब की सीमाएं बाँधता है।
 तूने ही गर्मी और सर्दी को बनाया।

समीक्षा

परमेश्वर की सामर्थ

जब आप विरोध का सामना करते हैं तब परमेश्वर की सामर्थ को याद करना अच्छा है. भजनसंहिता के लेखक ने उन शत्रुओं का सामना किया जो परमेश्वर के नाम की निंदा कर रहे थे (व.10). वह परमेश्वर की सामर्थ को याद करते हैं, पहले अपने खुद के जीवन में (व.12), और सृष्टि की सारी चीजों के ऊपर (वव.13-17).

ये वचन प्राचीन पूर्व के महान पुराण – शास्त्र की ओर ध्यान खीचते हैं. सृष्टि को अव्यवस्था और विनाश के बलों के ऊपर ईश्वरों की विजय के रूप में देखा जाता था, जो कि अक्सर प्रचंड समुद्र और 'दानव' के द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, जिसे 'लिव्यातान' भी कहा जाता है (वव.13-14). ईश्वर के रूप में सूरज और चंद्रमा की आराधना की जाती थी. फिर भी, इस भजन में लेखक उन कल्पनाओं को अलग कर देते हैं और घोषणा करते हैं कि परमेश्वर ने विश्व का निर्माण किया और इसे स्थापित किया, कुछ नहीं में से व्यवस्था को लाते हुए और 'सूरज और चंद्रमा को स्थापित करते हुए' (व.16).

हमेशा एक प्रलोभन होता है कि 'दूसरी वस्तुओं' को परमेश्वर के साथ अपने संबंध से अधिक महत्वपूर्ण बनाएं. 'दूसरे ईश्वरों' के प्रति श्रद्धा पुराने नियम में परमेश्वर के लोगों की मुख्य परीक्षा और कमजोरियाँ थी. यह भजन हमें याद दिलाता है कि परमेश्वर कौन हैं और दूसरे ईश्वरों के पीछे जाने के द्वारा परमेश्वर का विरोध करना कितनी मूर्ख बात होगी.

प्रार्थना

परमेश्वर आपका धन्यवाद क्योंकि आप एकमात्र सच्चे परमेश्वर हैं, जो पृथ्वी पर उद्धार को लाते हैं. मेरी सहायता कीजिए कि अपने जीवन में आपसे अधिक किसी दूसरी वस्तु को महत्व देने के प्रलोभन को रोक सकूँ.

नए करार

प्रेरितों के काम 10:23-11:18

23 इस पर पतरस ने उन्हें भीतर बुला लिया और ठहरने को स्थान दिया।

फिर अगले दिन तैयार होकर वह उनके साथ चला गया। और याफा के निवासी कुछ अन्य बन्धु भी उसके साथ हो लिये। 24 अगले ही दिन वह कैसरिया जा पहुँचा। वहाँ अपने सम्बन्धियों और निकट-मित्रों को बुलाकर कुरनेलियुस उनकी प्रतीक्षा कर रहा था।

25 पतरस जब भीतर पहुँचा तो कुरनेलियुस से उसकी भेंट हुई। कुरनेलियुस ने उसके चरणों पर गिरते हुए उसको दण्डवत प्रणाम किया। 26 किन्तु उसे उठाते हुए पतरस बोला, “खड़ा हो। मैं तो स्वयं मात्र एक मनुष्य हूँ।” 27 फिर उसके साथ बात करते करते वह भीतर चला गया। और वहाँ उसने बहुत से लोगों को एकत्र पाया।

28 उसने उनसे कहा, “तुम जानते हो कि एक यहूदी के लिये किसी दूसरी जाति के व्यक्ति के साथ कोई सम्बन्ध रखना या उसके यहाँ जाना विधान के विरुद्ध है किन्तु फिर भी परमेश्वर ने मुझे दर्शाया है कि मैं किसी भी व्यक्ति को अशुद्ध या अपवित्र न कहूँ। 29 इसीलिए मुझे जब बुलाया गया तो मैं बिना किसी आपत्ति के आ गया। इसलिए मैं तुमसे पूछता हूँ कि तुमने मुझे किस लिये बुलाया है।”

30 इस पर कुरनेलियुस ने कहा, “चार दिन पहले इसी समय दिन के नवें पहर (तीन बजे) मैं अपने घर में प्रार्थना कर रहा था। अचानक चमचमाते वस्त्रों में एक व्यक्ति मेरे सामने आकर खड़ा हुआ। 31 और कहा, ‘कुरनेलियुस! तेरी विनती सुन ली गयी है और दीन दुखियों को दिये गये तेरे दान परमेश्वर के सामने याद किये गये हैं। 32 इसलिए याफा भेजकर पतरस कहलाने वाले शमौन को बुलवा भेज। वह सागर किनारे चर्मकार शमौन के घर ठहरा हुआ है।’ 33 इसीलिए मैंने तुरंत तुझे बुलवा भेजा और तूने यहाँ आने की कृपा करके बहुत अच्छा किया। सो अब प्रभु ने जो कुछ आदेश तुझे दिये हैं, उस सब कुछ को सुनने के लिये हम सब यहाँ परमेश्वर के सामने उपस्थित हैं।”

कुरनेलियुस के घर पतरस का प्रवचन

34 फिर पतरस ने अपना मुँह खोला। उसने कहा, “अब सचमुच मैं समझ गया हूँ कि परमेश्वर कोई भेद भाव नहीं करता। 35 बल्कि हर जाति का कोई भी ऐसा व्यक्ति जो उससे डरता है और नेक काम करता है, वह उसे स्वीकार करता है। 36 यही है वह संदेश जिसे उसने यीशु मसीह के द्वारा शांति के सुसमाचार का उपदेश देते हुए इस्राएल के लोगों को दिया था। वह सभी का प्रभु है।

37 “तुम उस महान घटना को जानते हो, जो समूचे यहूदिया में घटी थी। गलील में प्रारम्भ होकर यूहन्ना द्वारा बपतिस्मा दिए जाने के बाद से जिसका प्रचार किया गया था। 38 तुम नासरी यीशु के विषय में जानते हो कि परमेश्वर ने पवित्र आत्मा और शक्ति से उसका अभिषेक कैसे किया था और उत्तम कार्य करते हुए तथा उन सब को जो शैतान के बस में थे, चंगा करते हुए चारों ओर वह कैसे घूमता रहा था। क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।

39 “और हम उन सब बातों के साक्षी हैं जिन्हें उसने यहूदियों के प्रदेश और यरूशलेम में किया था। उन्होंने उसे ही एक पेड़ पर लटका कर मार डाला। 40 किन्तु परमेश्वर ने तीसरे दिन उसे फिर से जीवित कर दिया और उसे प्रकट होने को प्रेरित किया। 41 सब लोगों के सामने नहीं वरन् बस उन साक्षियों के सामने जो परमेश्वर को द्वारा पहले से चुन लिये गये थे। अर्थात् हमारे सामने जिन्होंने उसके मरे हुओं में से जी उठने के बाद उसके साथ खाया और पिया।

42 “उसी ने हमें आदेश दिया है कि हम लोगों को उपदेश दें और प्रमाणित करें कि यह वही है, जो परमेश्वर के द्वारा जीवितों और मरे हुओं का न्यायकर्ता बनने को नियुक्त किया गया है। 43 सभी भविष्यवक्ताओं ने उसके विषय में साक्षी दी है कि उसमें विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उसके नाम के द्वारा पापों की क्षमा पाता है।”

ग़ैर यहूदियों पर पवित्र आत्मा का उतरना

44 पतरस अभी ये बातें कह ही रहा था कि उन सब पर पवित्र आत्मा उतर आया जिन्होंने सुसंदेश सुना था। 45 क्योंकि पवित्र आत्मा का वरदान ग़ैर यहूदियों पर भी उँडेला जा रहा था, सो पतरस के साथ आये यहूदी विश्वासी आश्चर्य में डूब गये। 46 वे उन्हें नाना भाषाएँ बोलते और परमेश्वर की स्तुति करते हुए सुन रहे थे। तब पतरस बोला, 47 “क्या कोई इन लोगों को बपतिस्मा देने के लिये, जल सुलभ कराने को मना कर सकता है? इन्हें भी वैसे ही पवित्र आत्मा प्राप्त हुआ हैं, जैसे हमें।” 48 इस प्रकार उसने यीशु मसीह के नाम में उन्हें बपतिस्मा देने की आज्ञा दी। फिर उन्होंने पतरस से अनुरोध किया कि वह कुछ दिन उनके साथ ठहरे।

पतरस का यरूशलेम लौटना

11समूचे यहूदिया में बंधुओं और प्रेरितों ने सुना कि प्रभु का वचन ग़ैर यहूदियों ने भी ग्रहण कर लिया है! 2 सो जब पतरस यरूशलेम पहुँचा तो उन्होंने जो ख़तना के पक्ष में थे, उसकी आलोचना की। 3 वे बोले, “तू ख़तना रहित लोगों के घर में गया है और तूने उनके साथ खाना खाया है।”

4 इस पर पतरस वास्तव में जो घटा था, उसे सुनाने समझाने लगा, 5 “मैंने याफा नगर में प्रार्थना करते हुए समाधि में एक दृश्य देखा। मैंने देखा कि एक बड़ी चादर जैसी कोई वस्तु नीचे उतर रही है, उसे चारों कोनों से पकड़ कर आकाश से धरती पर उतारा जा रहा है। फिर वह उतर कर मेरे पास आ गयी। 6 मैंने उसको ध्यान से देखा। मैंने देखा कि उसमें धरती के चौपाये जीव-जंतु, जँगली पशु रेंगने वाले जीव और आकाश के पक्षी थे। 7 फिर मैंने एक आवाज़ सुनी, जो मुझसे कह रही थी, ‘पतरस उठ, मार और खा।’

8 “किन्तु मैंने कहा, ‘प्रभु निश्चित रूप से नहीं, क्योंकि मैंने कभी भी किसी तुच्छ या समय के अनुसार किसी अपवित्र आहार को नहीं लिया है।’

9 “आकाश से दूसरी बार उस स्वर ने फिर कहा, ‘जिसे परमेश्वर ने पवित्र बनाया है, उसे तू अपवित्र मत समझ!’

10 “तीन बार ऐसा ही हुआ। फिर वह सब आकाश में वापस उठा लिया गया। 11 उसी समय जहाँ मैं ठहरा हुआ था, उस घर में तीन व्यक्ति आ पहुचें। उन्हें मेरे पास कैसरिया से भेजा गया था। 12 आत्मा ने मुझसे उनके साथ बेझिझक चले जाने को कहा। ये छह: बन्धु भी मेरे साथ गये। और हमने उस व्यक्ति के घर में प्रवेश किया। 13 उसने हमें बताया कि एक स्वर्गदूत को अपने घर में खड़े उसने कैसे देखा था। जो कह रहा था याफा भेज कर पतरस कहलाने वाले शमौन को बुलवा ले। 14 वह तुझे वचन सुनायेगा जिससे तेरा और तेरे परिवार का उद्धार होगा।

15 “जब मैंने प्रवचन आरम्भ किया तो पवित्र आत्मा उन पर उतर आया। ठीक वैसे ही जैसे प्रारम्भ में हम पर उतरा था। 16 फिर मुझे प्रभु का कहा यह वचन याद हो आया, ‘यूहन्ना जल से बपतिस्मा देता था किन्तु तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा दिया जायेगा।’ 17 इस प्रकार यदि परमेश्वर ने उन्हें भी वही वरदान दिया जिसे उसने जब हमने प्रभु यीशु मसीह में विश्वास किया था, तब हमें दिया था, तो विरोध करने वाला मैं कौन होता था?”

18 विश्वासियों ने जब यह सुना तो उन्होंने प्रश्न करना बन्द कर दिया। वे परमेश्वर की महिमा करते हुए कहने लगे, “अच्छा, तो परमेश्वर ने विधर्मियों तक को मन फिराव का वह अवसर दिया है, जो जीवन की ओर ले जाता है!”

समीक्षा

परमेश्वर का आत्मा

पवित्र आत्मा एक दर्शन के द्वारा पतरस को कुर्नेलियुस के घर ले गए. जब वह वहाँ पर पहुँचे उन्होंने पाया कि परमेश्वर ने दूसरे दर्शन के द्वारा कुर्नेलियुस से भी बातें की थी. यह सुनकर, पतरस ने 'निष्पक्ष रूप से सुसमाचार का प्रचार किया' (10:34, एम.एस.जी) - यीशु मसीह के द्वारा अच्छा समाचार जो कि सभी के प्रभु हैं (व.36).

'शांती' के लिए ग्रीक शब्द का अर्थ है इब्रानी शब्द 'शालोम'. इसका अर्थ शत्रुता की भावना की अनुपस्थिति से कहीं अधिक बढ़कर है. इसका अर्थ है 'परिपूर्णता, ' 'विवेकशीलता', 'कुशलक्षेम', 'हर प्रकार की आशीष और भलाई.' इसका अर्थ है लोगों के बीच में तालमेल और सामंजस्य. इसका अर्थ है आत्मिक कुशल-क्षेम, परमेश्वर की कृपादृष्टि में जीना.

अच्छा समाचार यह है कि यीशु मसीह के द्वारा आप परमेश्वर के साथ शांती में है. क्रूस पर यीशु की मृत्यु ने आपका परमेश्वर के साथ मेल-मिलाप कर दिया. उन्होंने शांती लायी और आपने एक उपहार के रूप में उस शांती को ग्रहण किया.

आपको भी एक मेल-मिलाप करने वाला व्यक्ति होना चाहिए जैसे ही आप दूसरों को परमेश्वर के साथ शांती में लाने का प्रयास करते हैं और आप अपने घर में, काम पर, समुदाय में और देश में शांती लाते हैं.

पतरस आगे बताते हैं कि ' परमेश्वर ने किस रीती से यीशु नासरी को पवित्र आत्मा और सामर्थ से अभिषेकित किया; वह भलाई करता और उन सब को जो शैतान के सताए हुए थे, चंगा करता फिरा, क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था' (38). उन्होंने उन्हें क्रूस और पुनरुत्थान के विषय में बताया, विश्वास और पापों की क्षमा के बारे में बताया (व.43).

जब पतरस यीशु के विषय में अच्छे समाचार का प्रचार कर ही रहे थे, तब पवित्र आत्मा उन सभी पर उतरा जो संदेश सुन रहे थे (व.44). ' और जितने खतना किए हुए विश्वासी पतरस के साथ आए थे, वे सब चकित हुए कि अन्य जातियों पर भी पवित्र आत्मा का दान उंडेला गया है' (व.45, एम.एस.जी).

वे जानते थे कि यह पवित्र आत्मा का ऊँडेला जाना है क्योंकि पिंतेकुस्त के दिन प्रेरितों के साथ जो हुआ, वही इस समूह के साथ अब हो रहा था - ' उन्होंने उन्हें भाँति भाँति की भाषा बोलते और परमेश्वर की बड़ाई करते हुए सुना' (व.46).

पतरस का उत्तर था,' 'क्या कोई जल को रोक सकता है कि ये बपतिस्मा न पाएँ, जिन्होंने हमारे समान पवित्र आत्मा पाया है?' (व.47).

समाचार तेजी से फैलने लगा - यहूदी विश्वासी चिंता कर रहे थे कि 'इन अन्यजातियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना उनके अच्छे नाम को खराब कर देगा' (11:3, एम.एस.जी.).

जो उस समय उनके साथ वहाँ पर नहीं थे उन्होंने 'उनकी आलोचना की' (व.2). लेकिन पतरस समझाते हैं (व.4). वह कहानी बताते हैं कि कैसे पवित्र आत्मा ने उनकी अगुवाई की - 'आत्मा ने मुझे बताया...' (व.12).

वह आगे कहते हैं, ' जब मैं बातें करने लगा, तो पवित्र आत्मा उन पर उसी रीती से उतरा जिस रीती से आरम्भ में हम पर उतरा था... अत: जब परमेश्वर ने उन्हें भी वही दान दिया, जो हमें प्रभु यीशु मसीह पर विश्वास करने से मिला था; तो मैं कौन था जो परमेश्वर को रोक सकता?' (वव.15-17).

'यह सुनकर वे चुप रहे, और परमेश्वर की बड़ाई करके कहने लगे.'तब तो परमेश्वर ने अन्यजातियों को भी जीवन के लिये मन फिराव का दान दिया है' (व.18, एम.एस.जी.). पतरस का स्पष्टीकरण आलोचना के लिए उत्तर था. कभी – कभी, जब आपकी आलोचना होती है, तब समाधान केवल यही है कि एक स्पष्टीकरण दें.

प्रार्थना

परमेश्वर, आपका धन्यवाद क्योंकि हम पवित्र आत्मा के इसी वरदान को उन सभी को देता हुआ देखते हैं जो आपमें विश्वास करते हैं, इस बात के बावजूद कि चर्च या समुदाय के किस भाग से वे आते हैं. होने दीजिए कि हम कभी भी आपका विरोध न करें, बल्कि आपके पवित्र आत्मा के मार्गदर्शन के पीछे चले.

जूना करार

1 राजा 1:12-2:12

12 तुम्हारा जीवन और तुम्हारे पुत्र सुलैमान का जीवन खतरे में पड़ सकता है। किन्तु मैं तुम्हें बताऊँगा कि अपने को बचाने के लिये तुम्हें क्या करना चाहिए। 13 राजा दाऊद के पास जाओ और उससे कहो, ‘मेरे राजा, आपने मुझे वचन दिया था कि आपके बाद मेरा पुत्र सुलैमान अगला राजा होगा। फिर, अदोनिय्याह राजा क्यों बन गया है’ 14 तब, जब तुम उससे बात कर ही रही होगी, मैं अन्दर आऊँगा। जब तुम चली जाओगी तब मैं जो कुछ घटित हुआ है उसके बारे में राजा को बातऊँगा। इससे यह प्रदर्शित होगा कि तुमने अदोनिय्याह के बारे में जो कुछ कहा है, वह सत्य है।”

15 अत: बतशेबा राजा के सोने के कमरे में अन्दर उससे मिलने गई। राजा बहुत अधिक बूढ़ा था। शूनेमिन से आई लड़की अबीशग वहाँ उसकी देख—रेख कर रही थी। 16 बतशेबा राजा के सामने प्रणाम करने झुकी। राजा ने पूछा, “तुम क्या चाहती हो”

17 बतशेबा ने उत्तर दिया, “मेरे राजा, आपने अपने परमेश्वर, यहोवा का नाम लेकर मुझसे प्रतिज्ञा की थी। आपने कहा था, ‘तुम्हारा पुत्र सुलैमान मेरे बाद राजा होगा। मेरे सिंहासन पर सुलैमान शासन करेगा।’ 18 किन्तु अब अदोनिय्याह राजा हो गया है और आप इसे जानते भी नहीं। 19 अदोनिय्याह ने मेलबलि के लिये कई जानवरों को मार डाला है। उसने बहुत से बैलों, मोटे बछड़ों और भेड़ों को मारा है और उसने आपके सभी पुत्रों को आमन्त्रित किया है। उसने याजक एब्यातार और आपकी सेना के सेनापति योआब को भी आमन्त्रित किया है। किन्तु उसने आपके पुत्र सुलैमान को आमन्त्रित नहीं किया, जो आपकी सेवा करता है। 20 मेरे राजा, इस्राएल के सभी लोगों की आँखें आप पर लगी हैं। वे आपके इस निर्णय की प्रतीक्षा कर रहै हैं कि आपके बाद कौन राजा होगा। 21 जब आप मेरेंगे तो आप अपने पूर्वजों के साथ दफनाये जायेंगे। उस समय लोग यही कहेंगे कि मैं और सुलैमान अपराधी हैं।”

22 जब बतशेबा राजा से बातें कर रही थी, नातान नबी उससे मिलने आया। 23 सेवकों ने राजा से कहा, “नातान नबी आये हैं।” अत: नातान ने प्रवेश किया और राजा के पास गया। नातान राजा के सामने धरती तक झुका। 24 तब नातान ने कहा, “मेरे राजा, क्या आपने यह घोषणा कर दी है कि आपके बाद अदोनिय्याह नया राजा होगा क्या आपने यह निर्णय कर लिया है कि आपके बाद अदोनिय्याह लोगों पर शासन करेगा। 25 आज उसने घाटी में विशेष मेलबलियाँ भेंट की हैं। उसने कई बैलों, मोटे बछड़ों और भेड़ों को मारा है और उसने आपके अन्य सभी पुत्रों, सेना के सेनापति और याजक एब्यातार को आमन्त्रित किया है। अब वे उनके साथ खा रहे हैं और पी रहे हैं और वे कह रहे हैं, ‘राजा अदोनिय्याह दीर्घायु हो!’ 26 किन्तु उसने मुझे या याजक सादोक, यहोयादा के पुत्र बनायाह या आपके पुत्र सुलैमान को आमन्त्रित नहीं किया। 27 क्या यह आपने किया है हम आपकी सेवा और आपकी आज्ञा का पालन करते हैं। आपने हम लोगों से पहले ही क्यों नहीं कहा कि आपने उसे अपने बाद होने वाला राजा चुना है”

28 तब राजा दाऊद ने कहा, “बतशेबा से अन्दर आने को कहो!” अत: बतशेबा अन्दर राजा के सामने आई।

29 तब राजा ने एक प्रतिज्ञा की “यहोवा परमेश्वर ने मुझे हर एक खतरे से बचाया है और यहोवा परमेश्वर शाश्वत है। मैं तुम से प्रतिज्ञा करता हूँ। 30 मैं आज वह कार्य करूँगा जिसका वचन मैंने इसके पूर्व तुम्हें दिया था। मैंने यह प्रतिज्ञा यहोवा इस्राएल के परमेश्वर की शक्ति से की थी। मैंने प्रतिज्ञा की थी कि तुम्हारा पुत्र सुलैमान मेरे बाद राजा होगा और मेरे बाद सिंहासन पर मेरा स्थान वही लेगा। मैं अपनी प्रतिज्ञा पूरी करुँगा।”

31 तब बतशेबा राजा के सामने प्रणाम करने धरती तक झुकी। उसने कहा, “राजा दाऊद दीर्घायु हो!”

32 तब राजा दाऊद ने कहा, “याजक सादोक, नातान नबी और यहोयादा के पुत्र बनायाह से यहाँ अन्दर आने को कहो।” अत: तीनों व्यक्ति राजा के सामने आये। 33 तब राजा ने उनसे कहा, “मेरे अधिकारियों को अपने साथ लो और मेरे पुत्र सुलैमान को मेरे निजी खच्चर पर बिठाओ। उसे गीहोन सोते पर ले जाओ। 34 उस स्थान पर याजक सादोक और नातान नबी, इस्राएल के राजा के रूप में उसका अभिषेक करें। तुम लोग तुरही बजाओगे और यह घोषणा करो, ‘यह सुलैमान नया राजा है।’ 35 तब इसके बाद उसके साथ यहाँ लौट आओ। सुलैमान मेरे सिंहासन पर बैठेगा और हमारे स्थान पर नया राजा होगा। मैंने सुलैमान को इस्राएल और यहूदा का शासक होने के लिये चुना है।”

36 यहोयादा के पुत्र बनायाह ने राजा को उत्तर दिया, “आमीन! यहोवा परमेश्वर ने स्वयं यह कहा है! 37 मेरे स्वामी राजा, यहोवा ने हमेशा आपकी सहायता की है। यहोवा सुलैमान की भी सहायता करे और राजा सुलैमान आपसे भी बड़े राजा बनें।”

38 अत: सादोक, नातान, बनायाह और राजा के अधिकारियों ने राजा दाऊद की आज्ञा का पालन किया। उन्होंने सुलैमान को राजा दाऊद के खच्चर पर चढ़ाया और उसके साथ गीहोन के सोते पर गये। 39 याजक सादोक ने पवित्र तम्बू से तेल लिया। सादोक ने, यह दिखाने के लिये कि सुलैमान राजा है, उसके सिर पर तेल डाला। उन्होंने तुरही बजाई और सभी लोगों ने उद्घोष किया, “राजा सुलैमान दीर्घायु हों!” 40 सभी लोग नगर में सुलैमान के पीछे आए। वे बीन बजा रहे थे और उल्लास के नारे लगा रहे थे। वे इतना उद्घोष कर रहे थे कि धरती काँप उठी।

41 इस समय अदोनिय्याह और उसके साथ के सभी अतिथि अपना भोजन समाप्त कर रहे थे। उन्होंने तुरही की आवाज सुनी। योआब ने पूछा, “यह शोर कैसा है नगर में क्या हो रहा है”

42 जब योआब बोल ही रहा था, याजक एब्यातार का पुत्र योनातन वहाँ आया। अदोनिय्याह ने कहा, “यहाँ आओ! तुम अच्छे व्यक्ति हो। अत: तुम मेरे लिये शुभ सूचना अवश्य लाये होगे।”

43 किन्तु योनातन ने उत्तर दिया, “नहीं! यह तुम्हारे लिये शुभ सूचना नहीं है! हमारे राजा दाऊद ने सुलैमान को नया राजा बनाया है 44 और राजा दाऊद ने याजक सादोक, नातान नबी, यहोयादा के पुत्र बनायाह और राजा के सभी अधिकारियों को उसके साथ भेजा है। उन्होंने सुलैमान को राजा के निजी खच्चर पर बिठाया। 45 तब याजक सादोक और नातान नबी ने गीहोन सोते पर सुलैमान का अभिषेक किया और तब वे नगर में गये। लोगों ने उनका अनुसरण किया और अब नगर में लोग बहुत प्रसन्न हैं। यह शोर जो तुम सुनते हो, उसी का है। 46-47 सुलैमान अब राजा के सिंहासन पर बैठा है। राजा के सभी सेवक राजा दाऊद से यह कहने आये हैं कि आपने यह अच्छा कार्य किया है। वे कह रहे हैं, ‘राजा दाऊद, आप एक महान राजा हैं और अब हम प्रार्थना करते हैं कि आपका परमेश्वर, सुलैमान को भी महान राजा बनाएगा। आपका परमेश्वर सुलैमान को आपसे भी अधिक प्रसिद्ध राजा बनाए और उसे आप जितने महान राजा थे उससे भी अधिक महान राजा होने दे।’ यहाँ तक कि राजा दाऊद भी वहाँ थे, और राजा दाऊद अपने बिस्तर पर लेटे हुए थे। 48 राजा दाऊद ने कहा, ‘इस्राएल के परमेश्वर यहोवा की स्तुति करो। यहोवा ने मेरे पुत्रों से एक को मेरे सिंहासन पर बिठाया है और इसे मुझे देखने दिया है।’”

49 तब अदोनिय्याह के सभी अतिथि डर गए और शीघ्रता से चले गए। 50 अदोनिय्याह भी सुलैमान से डर गया था। इसलिये वह वेदी तक गया और वेदी के सींगों को उसने पकड़ लिया। 51 तब किसी ने सुलैमान से कहा, “अदोनिय्याह तुमसे बहुत भयभीत है। अदोनिय्याह वेदी के पास है। उसने वेदी के सीगों को पकड़ रखा है और छोड़ने से इन्कार करता है। अदोनिय्याह कहता है, ‘राजा सुलैमान से यह प्रतिज्ञा करने को कहो कि वह मुझे मारेगा नहीं।’”

52 इसलिये सुलैमान ने उत्तर दिया, “यदि अदोनिय्याह यह प्रमाणित करता है कि वह एक अच्छा आदमी है तो मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि उसके सिर का एक बाल भी बाँका नहीं होगा। किन्तु यदि वह कुछ बुरा करेगा तो मार दिया जायेगा।” 53 तब रजा सुलैमान ने कुछ व्यक्तियों को अदोनिय्याह को लाने के लिये भेजा। वे व्यक्ति अदोनिय्याह को सुलैमान के सामने ले आए। अदोनिय्याह राजा सुलैमान के सामने आया और झुककर प्रणाम किया। तब सुलैमान ने कहा, “घर जाओ।”

2दाऊद के मरने का समय लगभग आ पहुँचा। इसलिये दाऊद ने सुलैमान से बातें कीं और उससे कहा, 2 “मेरे मरने का समय निकट आ गया है। जैसे हर एक व्यक्ति का आता है। लेकिन तुम एक शक्तिशाली पुरुष बन रहे हो। 3 उन सभी आदेशों का सावधानी पूर्वक पालन करो जिन्हें यहोवा परमेश्वर ने हमें दिया है। सावधानीपूर्वक उसके सभी नियमों का पालन करो, और वे कार्य करो जो उसने हमें कहा है। सावधानी से उन नियमों का पालन करो जो मूसा की व्यवस्था की किताब में लिखे हैं। यदि तुम इन सभी का पालन करोगे तो तुम जो कुछ करोगे और जहाँ कहीं जाओगे, सफल होगे 4 और यदि तुम यहोवा की आज्ञा का पालन करते रहोगे तो यहोवा मेरे लिये की गई प्रतिज्ञाओं का पालन करेगा। मेरे लिये यहोवा ने जो प्रतिज्ञा की, वह यह है, ‘तुम्हारे पुत्रों को मेरी आज्ञा का पालन करना चाहिये और उन्हें वैसे रहना चाहिये जैसा रहने के लिये मैं कहूँ। तुम्हारे पुत्रों को पूरे हृदय और आत्मा से मुझमें विश्वास रखना चाहिये। यदि तुम्हारे पुत्र यह करेंगे तो तुम्हारे परिवार का एक व्यक्ति सदा इस्राएल के लोगों का शासक होगा।’”

5 दाऊद ने यह भी कहा, “तुम यह भी याद रखो कि सरुयाह के पुत्र योआब ने मेरे लिये क्या किया। उसने इस्राएल की सेना के दो सेनापतियों को मार डाला। उसने नेर के पुत्र अब्नेर और येतेर के पुत्र अमासा को मारा। तुम्हें याद होगा कि उसने उन्हें बदले की भावना से प्रेरित होकर शान्ति के समय इसलिये मारा क्योंकि उन्होंने दूसरों को युद्ध में मारा था। इन व्यक्तियों के रक्त का दाग उसकी तलवार की मूठ और उसके पहने हुए सैनिकों के जूतों पर लगा हुआ था। इसलिये मैं उसे अवश्य दण्ड दूँगा। 6 किन्तु अब राजा तुम हो। अत: तुम्हें उसे इस प्रकार दण्ड देना चाहिये जिसे तुम सबसे अधिक बुद्धिमत्तापूर्ण समझो। किन्तु तुम्हें यह निश्चय कर लेना चाहिये कि वह मार डाला जाये। उसे बुढ़ापे की शान्तिपूर्ण मृत्यु न पाने दो!

7 “गिलाद के, बर्जिल्लै के बच्चों पर दयालु रहो। उन्हें अपना मित्र होने दो और अपनी मेज पर भोजन करने दो। उन्होंने मेरी तब सहायता की, जब मैं तुम्हारे भाई अबशालोम से भाग खड़ा हुआ था।

8 “और याद रखो गेरा का पुत्र शिमी तुम्हारे साथ यहाँ है। वह बहूरीम के बिन्यामीन परिवार समूह का है। याद रखो कि उसने, उस दिन मेरे विरुद्ध बहुत बुरी बातें कीं, जिस दिन मैं महनैम को भाग गया था। तब वह मुझसे मिलने यरदन नदी पर आया था। किन्तु मैंने यहोवा के समाने प्रतिज्ञा की थी, ‘शिमी मैं तुम्हें नहीं मारूँगा।’ 9 परन्तु शिमी को दण्ड दिये बिना न रहने दो। तुम बुद्धिमान व्यक्ति हो, तुम समझ जाओगे कि उसके साथ क्या करना चाहिये। किन्तु उसे बुढ़ापे की शान्तिपूर्ण मृत्यु न पाने दो।”

10 तब दाऊद मर गया। वह दाऊद नगर में दफनाया गया। 11 दाऊद ने इस्राएल पर चालीस वर्ष तक शासन किया। उसने हब्रोन में सात वर्ष और यरूशलेम में तैंतीस वर्ष तक शासन किया।

12 अब सुलैमान अपने पिता दाऊद के सिंहासन पर शासन करने लगा और इसमें कोई सन्देह नहीं था कि वह राजा है।

समीक्षा

परमेश्वर का अभिषेक

सुलैमान दाऊद के लिए परमेश्वर के अभिषिक्त वारिस थे. याजक सदोक और भविष्यवक्ता नतान ने उन्हें इस्राएल के ऊपर राजा नियुक्त किया (1:34).

अदोनिय्याह ने गलती की कि वह अपने आपको राजा के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे परमेश्वर की आज्ञा के बिना. उन्होंने अपने आपको आगे रखकर कहा, 'मैं राजा बनूँगा' (व.5). परमेश्वर की अवहेलना करना मूर्खता है, और इस मामले में, इसका अर्थ था सुलैमान के लिए परमेश्वर की योजनाओं का विरोध करना. वह सफल नहीं हुए.

दाऊद ने अपने अभिषिक्त वारिस को यह आज्ञा दीः 'मैं संसार की रीती पर कूच करने वाला हूँ इसलिये तू हियाव बाँधकर पुरुषार्थ दिखा. और जो कुछ तेरे परमेश्वर यहोवा ने तुझे सौंपा है, उसकी रक्षा करके उसके मार्गों पर चला करना और जैसा मूसा की व्यवस्था में लिखा है, वैसा ही उसकी विधियों तथा आज्ञाओं, और नियमों, और चितौनियो का पालन करते रहना; जिससे जो कुछ तू करे और जहां कही तू जाए, उसमें तू सफल हो' (2:2-3, एम.एस.जी.).

दाऊद के वचन हमारे लिए एक महान स्मरणीय बातें हैं. परमेश्वर का पवित्र आत्मा के साथ सभी विश्वासियो को अभिषिक्त करना, परमेश्वर के वचन की आज्ञापालन की आवश्यकता का खंडन नहीं करते. अवश्य ही परमेश्वर के वचन का आज्ञापालन करना (व.3अ) परमेश्वर के अभिषेक के साथ होना चाहिए (व.3ब). परमेश्वर के वचन का आज्ञापालन करने के लिए आपको मजबूत करने के लिए आपको परमेश्वर का आत्मा दिया गया है.

ना तो दाऊद, ना सुलैमान, नाही इस्राएल का कोई दूसरा राजा, परमेश्वर की आज्ञाओं को सिद्ध रूप से मान पायें. केवल यीशु, दाऊद के अंतिम राजा, पूरी तरह से आज्ञाकारी रहे, अनंत, अभिषिक्त राजा. वह '(परमेश्वर) के सम्मुख वफादारी से चलते हैं...(अपने) हृदय और प्राण के साथ' (व.4).

राजाओं की पुस्तक है, जैसा कि यूजन पीटरसन इसे बताते हैं, 'असफलता का एक लगातार प्रदर्शन'. फिर भी परमेश्वर निरंतर अपने सार्वभौमिक उद्देश्य को पूरा करते हैं – अक्सर चुपचाप से और छिपे हुए तरीके से. परमेश्वर की सार्वभौमिकता कभी खत्म नहीं हुई, यहाँ तक कि गहरे पाप किये हुए लीडर्स (राजाओं) के द्वारा भी. इसका यह अर्थ है कि आप अपने जीवन में, अपने चर्च में और अपनी संस्कृति में उनकी सार्वभौमिकता पर भरोसा कर सकते हैं.

प्रार्थना

परमेश्वर, मेरी सहायता कीजिए कि मैं यीशु के पीछे चलूँ, जिन्हें परमेश्वर ने पवित्र आत्मा और सामर्थ के साथ अभिषिक्त किया. जैसे ही मैं 'विरोध और शत्रुओं' का सामना करता हूँ, मुझे पवित्र आत्मा की सामर्थ और अभिषेक की आवश्यकता है. मेरी सहायता कीजिए कि मैं मजबूत बनूं और आपके मार्गों पर चलूं और अपने पूरे हृदय और प्राण से आपके सम्मुख वफादारी से चलूं (व.4).

पिप्पा भी कहते है

1राजा 1:1-2

दाऊद राजा बूढ़ा वरन् बहुत पुरनिया हो गया था; और यद्पि उसको कपड़े ओढ़ाये जाते थे, तब भी वह गर्म नहीं होता था. इसलिये उसके कर्मचारियों ने उससे कहा, 'हमारे प्रभु राजा के लिये कोई जवान कुँवारी ढूंढ़ी जाए, जो राजा के सम्मुख रहकर उसकी सेवा किया करे, और तेरे पास लेटा करे, कि हमारे प्रभु राजा को गर्मी पहुँचे.'

मुझे दाऊद राजा के साथ बहुत सहानुभूति है – मुझे बहुत ठंड लगती है. मुझे दाऊद के समाधान के विषय में नहीं पता. मुझे लगता है कि मुझे एक गरम पानी की बोतल रखनी चाहिए.

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संदर्भ

युजन पिटरसन, '1राजाओं का परिचय, ' द मैसेज, कॉपीराइट 1993, 1994, 1995,1996, 2000, 2001,2002 नवप्रेस प्रकाशन ग्रुप के अनुमति के द्वारा इस्तेमाल किया गया.

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।

जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।

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