अपना नया जीवन कैसे जीएं
परिचय
फोर्सेस के लिए पूर्वी चॅपलिन जनरल, बिशप टेलर स्मिथ, ने एक बार एक युवा से बातचीत कीः
बिशप: 'जब आप मसीह के क्रूस के बारे में सोचते हैं, तब आप क्या देखते हैं?'
युवाः'मैं मसीह और दो चोर को देखता हूँ...'
बिशप:'आप और क्या देखते हैं?'
युवाः 'सैनिकों को जुआ खेलते हुए देखता हूँ..'
बिशप: 'यदि आप केवल यही देखते हैं, तो मैं सोचता हूँ कि आपको मसीह जीवन के साथ परेशानी होगी। जब मैं क्रूस को देखता हूँ – तब मैं पुराने बिशप टेलर स्मिथ को देखता हूँ। मैं मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाया गया था।'
आज के लिए नये नियम के लेखांश में, पौलुस प्रेरित व्याख्या करते हैं और समझाते हैं कि 'मसीह के साथ क्रूस पर चढ़ाए जाने' का क्या अर्थ है। हम 'मसीह यीशु में' हैं। ' अत: उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उनके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गये, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें' (रोमियो 6:4)। 'हम अनुग्रह के नये देश में आ चुके हैं – एक नये देश में एक नया जीवन' (व.5, एम.एस.जी)।
यीशु से मिलने के तुरंत बाद मैंने लिखा, 'फरवरी 1974 में मैं मर गया। मेरा पुराना जीवन गाड़ा गया। तब से मैं जीवन के नयेपन में चलता हूँ। यह सच में ऐसा लगता हैं। पहले का जीवन पूरी तरह से और बिल्कुल अलग था।'
यीशु मसीह की मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा हम 'एक नया जीवन जीने के लिए' सक्षम किए गए हैं। आज के लेखांश में, हम देखते हैं कि कैसे पुराने नियम में इसकी आशा की गई और नये नियम में यह पूरा हुआ।
भजन संहिता 87:1-7
कोरह वंशियों का एक स्तुति गीत।
87परमेश्वर ने यरूशलेम के पवित्र पहाड़ियों पर अपना मन्दिर बनाया।
2 यहोवा को इस्राएल के किसी भी स्थान
से सिय्योन के द्वार अधिक भाते हैं।
3 हे परमेश्वर के नगर, तेरे विषय में लोग
अद्भुत बातें बताते है।
4 परमेश्वर अपने लोगों की सूची रखता है।
परमेश्वर के कुछ भक्त मिस्र और बाबेल में रहते है।
कुछ लोग पलिश्ती, सोर और कूश तक में रहते हैं।
5 परमेश्वर हर एक जन को
जो सिय्योन में पैदा हुए जानता है।
इस नगर को परम परमेश्वर ने बनाया है।
6 परमेश्वर अपने भक्तों की सूची रखता है।
परमेश्वर जानता है कौन कहाँ पैदा हुआ।
7 परमेश्वर के भक्त उत्सवों को मनाने यरूशलेम जाते हैं। परमेश्वर के भक्त गाते, नाचते और अति प्रसन्न रहते हैं।
वे कहा करते हैं, “सभी उत्तम वस्तुएं यरूशलेम से आई?”
समीक्षा
नया गीत
यह स्तुति का एक भजन है। यह समझने में कठिन है और संपूर्ण भजन संहिता में इसका वर्णन सबसे कठिन के रूप में किया गया है। यह कविता के रूप में लिखी गई है।
भजनसंहिता के लेखक भविष्य की आशा करते हुए समापन करते हैं:'गवैये और नृतक दोनों कहेंगे, हमारे सब सोते तुझी में पाए जाते हैं' (व.7)। बहते पानी का यह चित्र बहुतायत जीवन का एक चित्र है। अक्सर पुराने नियम में इसका इस्तेमाल मंदिर में परमेश्वर की उपस्थिति को दर्शाने के लिए किया गया है (उदाहरण के लिए यहेजकेल 47 में)।
किंतु, यीशु कहते हैं कि यह सब एक स्थान में नहीं किंतु एक व्यक्ति में पुरा हुआ (यूहन्ना 7:37 से पढ़ते हुए)। उनके अंदर से जीवित जल की धाराएँ बही। अब हम परमेश्वर के लिए आराधना के नये गीत को गा सकते हैं, 'मेरे सभी झरने आपमें हैं।'
प्रार्थना
परमेश्वर, होने दीजिए कि जीवित जल की आपकी धाराएँ मुझमें और मुझमें से आज बहें।
रोमियों 6:1-14
पाप के लिए मृत किन्तु मसीह में जीवित
6तो फिर हम क्या कहें? क्या हम पाप ही करते रहें ताकि परमेश्वर का अनुग्रह बढ़ता रहे? 2 निश्चय ही नहीं। हम जो पाप के लिए मर चुके हैं पाप में ही कैसे जियेंगे? 3 या क्या तुम नहीं जानते कि हम, जिन्होंने यीशु मसीह में बपतिस्मा लिया है, उसकी मृत्यु का ही बपतिस्मा लिया है। 4 सो उसकी मृत्यु में बपतिस्मा लेने से हम भी उसके साथ ही गाड़ दिये गये थे ताकि जैसे परमपिता की महिमामय शक्ति के द्वारा यीशु मसीह को मरे हुओं में से जिला दिया गया था, वैसे ही हम भी एक नया जीवन पायें।
5 क्योंकि जब हम उसकी मृत्यु में उसके साथ रहे हैं तो उसके जैसे पुनरुत्थान में भी उसके साथ रहेंगे। 6 हम यह जानते हैं कि हमारा पुराना व्यक्तित्व यीशु के साथ ही क्रूस पर चढ़ा दिया गया था ताकि पाप से भरे हमारे शरीर नष्ट हो जायें। और हम आगे के लिये पाप के दास न बने रहें। 7 क्योंकि जो मर गया वह पाप के बन्धन से छुटकारा पा गया।
8 और क्योंकि हम मसीह के साथ मर गये, सो हमारा विश्वास है कि हम उसी के साथ जियेंगे भी। 9 हम जानते हैं कि मसीह जिसे मरे हुओं में से जीवित किया था अमर है। उस पर मौत का वश कभी नहीं चलेगा। 10 जो मौत वह मरा है, वह सदा के लिए पाप के लिए मरा है किन्तु जो जीवन वह जी रहा है, वह जीवन परमेश्वर के लिए है। 11 इसी तरह तुम अपने लिए भी सोचो कि तुम पाप के लिए मर चुके हो किन्तु यीशु मसीह में परमेश्वर के लिए जीवित हो।
12 इसलिए तुम्हारे नाशवान् शरीरों के ऊपर पाप का वश न चले। ताकि तुम पाप की इच्छाओं पर कभी न चलो। 13 अपने शरीर के अंगों को अधर्म की सेवा के लिए पाप के हवाले न करो बल्कि मरे हुओं में से जी उठने वालों के समान परमेश्वर के हवाले कर दो। और अपने शरीर के अंगों को धार्मिकता की सेवा के साधन के रूप में परमेश्वर के हवाले कर दो। 14 तुम पर पाप का शासन नहीं होगा क्योंकि तुम व्यवस्था के सहारे नहीं जीते हो बल्कि परमेश्वर के अनुग्रह के सहारे जीते हो।
समीक्षा
नई स्वतंत्रता
पागल लेकिन प्रभावी रशियन भिक्षु, रेस्पुटिन ने अपने अनुयायियों को सिखाया कि परिवर्तित होने के बाद उन्हें जाकर और अधिक पाप करना चाहिए, ताकि क्षमा पाकर, वे परमेश्वर के प्रेम को और अधिक महसूस करें। वह नहीं समझ पाये कि अनुग्रह पाप करने के लिए एक बहाना नहीं है। इसके बजाय यह पाप न करने का कारण है।
पौलुस इस मामले से निबटते हैं, यह पूछते हुए कि ' तो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें कि अनुग्रह बहुत हो?' (व.1, एम.एस.जी)।
वह उत्तर देते हैं, ' बिल्कुल नहीं! हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उसमें कैसे जीवन बिताएँ?' (व.2, एम.एस.जी)।
अब हम स्वतंत्र हैं, पाप के प्रति हमारे पास पूरी तरह से बदला हुआ व्यवहार है। कैसे हम, जो पूरी तरह से बदल गए हैं –जीवन और मृत्यु के बीच अंतर – अब भी पाप में जीएँ? पहले हम पाप के दास थे, इसलिए हमें इसकी आज्ञाएँ माननी पड़ती थी, लेकिन अब हम स्वतंत्र हैं।
इस लेखांश में हम उद्धार के तीनों काल देखते हैं:
- आप पाप के दंड से छुड़ाए गए हैं।
पौलुस भूतकाल में लिखते हैं कि 'हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, और हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें। क्योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर सत्यनिष्ठ ठहरा' (वव.6-7)।
हमारे लिए क्रूस पर यीशु की मृत्यु के द्वारा भूतकाल को पूरी तरह से क्षमा कर दिया गया है। आपके अपराधों को हटा दिया गया है। आपके सभी पापों – भूतकाल, वर्तमान और भविष्यकाल – के लिए दाम चुका दिया गया है। आप स्वतंत्र हो चुके हैं।
- पाप की उपस्थिति से आप बचाए जाएंगे
पौलुस लिखते हैं, ' क्योंकि यदि हम उनकी मृत्यु की समानता में उनके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय ही उनके जी उठने की समानता में भी जुट जाएँगे' (व.5)।
आपका उद्धार अभी पूरा नहीं हुआ है। उद्धार में एक भविष्यकाल है। एक दिन आप उनके पुनरुत्थान में उनके साथ जुट जाएंगे और आप हमेशा के लिए पाप की उपस्थिति से स्वतंत्र हो जाएंगे और सर्वदा के लिए परमेश्वर की उपस्थिति का आनंद लेंगे।
- आप पाप की सामर्थ से बचाए जा रहे हैं
पौलुस लिखते हैं, 'अब से, इसके बारे में इस तरह से सोचोः पाप एक मृत भाषा बोलता है जो आपको समझ नहीं आती है; परमेश्वर आपकी मातृभाषा बोलते हैं, और आप हर एक वचन को सुनते हैं। आप पाप के लिए मरे हुए और परमेश्वर के लिए जीवित हैं। यीशु ने यही किया।
इसका अर्थ है कि आप को अवश्य ही पाप को सहमति नहीं देनी है, आपके जीवन जीने के तरीके के द्वारा। इसे दिन में समय मत दो। उन छोटे कामों को भी मत करो जो जीवन जीने के पुराने तरीके के साथ जुड़ा हुआ है। अपने आपको पूरे हृदय से और पूरे समय के लिए दीजिए - याद रखिये, आप मरे हुओं में से जीवित किए गए हैं! परमेश्वर की तरह चीजों को करने के लिए' (वव.11-14, एम.एस.जी.)।
यीशु ने आपको स्वतंत्र किया है, ना केवल पाप से लेकिन इसकी व्यसनी सामर्थ से भी। अब आपको पाप करने की आवश्यकता नहीं है -'पाप की आप पर कोई प्रभुता नहीं होगी' (व.14)। आपको अपने आपको पाप के लिए मरा हुआ और परमेश्वर के लिए जीवित समझना है। आपको पाप की बुरी ईच्छाओं की आज्ञा मानने की आवश्यकता नहीं है। यह उद्धार का वर्तमान काल है। आप पाप की सामर्थ से मुक्त हो रहे हैं जैसे ही आप अपने शरीर के अंगो को सत्यनिष्ठा के उपकरण के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
प्रार्थना
परमेश्वर आपका धन्यवाद क्योंकि आपने मुझे एक नया जीवन जीने के लिए स्वतंत्र किया है। मैं आज अपने शरीर को आपको चढ़ाता हूँ और प्रार्थना करता हूँ कि सत्यनिष्ठा के एक उपहरण के रूप में आप मेरा इस्तेमाल करेंगे।
होशे 1:1-2:23
होशे के द्वारा यहोवा परमेश्वर का सन्देश
1यह यहोवा का वह सन्देश है, जो बेरी के पुत्र होशे के द्वारा प्राप्त हुआ। यह सन्देश उस समय आया था जब यहूदा में उज्जियाह, योताम, आहाज और हिजकिय्याह का राज्य था। यह उन दिनों की बात है जब इस्राएल के राजा योआश के पुत्र यारोबाम का समय था।
2 होशे के लिये यह यहोवा का पहला सन्देश था। यहोवा ने कहा, “जा, और एक वेश्या से विवाह कर ले फिर उस वेश्या से संतान पैदा कर। क्यों क्योंकि इस देश के लोग वेश्या का सा आचरण कर रहे हैं। वे यहोवा के प्रति सच्चे नहीं रहे हैं। उन्होंने यहोवा को त्याग दिया है।”
यिज्रेल का जन्म
3 सो होशे ने दिबलैम की पुत्री गोमेर से विवाह कर लिया। गोमेर गर्भवती हुई और उसने होशे के लिये एक पुत्र को जन्म दिया । 4 यहोवा ने होशे से कहा, “इसका नाम यिज्रेल रखो। क्यों क्योंकि मैं शीघ्र ही यिज्रेल घाटी में की गई हत्याओं के लिये येहू के परिवार को दण्ड दूँगा फिर इसके बाद इस्राएल के वंश के राज्य का अंत कर दूँगा। 5 उसी समय यिज्रेल घाटी में, मैं इस्राएल के धनुष को तोड़ दूँगा।”
लोरूहामा का जन्म
6 इसके बाद गोमेर फिर गर्भवती हुई और उसने एक कन्या को जन्म दिया। यहोवा ने होशे से कहा, “इस कन्या का नाम लोरूहामा रख। क्यों क्यौंकि मैं अब इस्राएल के वंश पर और अधिक दया नहीं दिखाऊँगा। मैं उन्हें क्षमा नहीं करूँगा। 7 बल्कि मैं तो यहूदा के वंश पर दया दिखाऊँगा। मैं यहूदा के वंश की रक्षा करूँगा। किन्तु उनकी रक्षा के लिये मैं न तो धनुष और तलवार का प्रयोग करूँगा और न ही युद्ध के घोड़ों और सैनिकों का, मैं स्वयं अपनी शक्ति से उन्हें बचाऊँगा।”
लोअम्मी का जन्म
8 गोमेर ने अभी लोरूहामा को दूध पिलाना छोड़ा ही था कि वह फिर गर्भवती हो गयी। सो उसने एक पुत्र को जन्म दिया। 9 इसके बाद यहोवा ने कहा, “इसका नाम लोअम्मी रख। क्यों क्योंकि तुम मेरी प्रजा नहीं हो और मैं तुम्हारा परमेश्वर नहीं हूँ।”
परमेश्वर यहोवा का वचनःइस्राएली असंख्य होंगे
10 “भविष्य में, इस्राएल की प्रजा इतनी अधिक हो जायेगी जितने सागर के रेत के कण होते हैं। वह रेत जो न तो नापी जा सकती है, और न ही जिसकी गिनती की जा सकती है। फिर उसी स्थान पर जहाँ उनसे यह कहा गया था, ‘तुम मेरी प्रजा नही हो,’ उनसे यह कहा जायेगा, ‘तुम जीवित परमेश्वर की संतानें हो।’
11 “इसके बाद यहूदा और इस्राएल के लोग एक साथ इकट्ठे किये जायेंगे। वे अपने लिये एक शासक का चुनाव करेंगे। उस धरती के हिसाब से उनकी प्रजा अधिक हो जायेगी! यिज्रेल का दिन वास्तव में एक महान दिन होगा।”
2“फिर तुम अपने भाई—बंधुओं से कहा करोगे, ‘तुम मेरी प्रजा हो’ और अपनी बहनों को बताया करोगे, ‘उसने मुझ पर दया दिखाई है।’”
2 “अपनी माँ के साथ विवाद करो! क्योंकि वह मेरी पत्नी नहीं है! और नही मैं उसका पति हूँ! उससे कहो कि वह वेश्या न बनी रहे। उससे कहो कि वह अपने प्रेमियों को अपनी छातियों के बीच से दूर हटा दे। 3 यदि वह अपने इस व्यभिचार को छोड़ने से मना करे तो मैं उसे एक दम नंगा कर दूँगा। मैं उसे वैसा करके छोड़ूँगा जैसा वह उस दिन थी, जब वह पैदा हुई थी। मैं उसके लोगों को उससे छींन लूँगा और वह ऐसी हो जायेगी जैसे कोई वीरान रेगिस्तान होता है। मैं उसे प्यासा मार दूँगा। 4 मैं उसकी संतानों पर कोई दया नहीं दिखाऊँगा क्योंकि वे व्यभिचार की संताने होंगी। 5 उनकी माँ ने वेश्या का सा आचरण किया है। उनकी माँ को, जो काम उसने किये हैं, उनके लिये लज्जित होना चाहिये। उसने कहा था, ‘मैं अपने प्रेमियों के पास चली जाऊँगी। मेरे प्रेमी मुझे खाने और पीने को देते हैं। वे मुझे ऊन और सन देते हैं। वे मुझे दाखमधु और जैतून का तेल देते हैं।’
6 “इसलिये, मैं (यहोवा) तेरी (इस्राएल) राह काँटों से भर दूँगा। मैं एक दीवार खड़ी कर दूँगा। जिससे उसे अपना रास्ता ही नहीं मिल पायेगा। 7 वह अपने प्रेमियों के पीछे भागेगी किन्तु वह उन्हें प्राप्त नही कर सकेगी। वह अपने प्रेमियों को ढूँढ़ती फिरेगी किन्तु उन्हे ढूँढ़ नहीं पायेगी। फिर वह कहेगी, ‘मैं अपने पहले पति (परमेश्वर) के पास लौट जाऊँगी। जब मैं उसके साथ थी, मेरी जीवन बहुत अच्छा था। आज की अपेक्षा, उन दिनों मेरा जीवन अधिक सुखी था।’
8 “वह (इस्राएल) यह नहीं जानती थी कि मैं (यहोवा) ही उसे अन्न, दाखमधु और तेल दिया करता था। मैं उसे अधिक से अधिक चाँदी और सोना देता रहता था। किन्तु इस्राएल के लोगों ने उस चाँदी और सोने का प्रयोग बाल की मूर्तियाँ बनाने में किया। 9 इसलिये मैं (यहोवा) वापस आऊँगा और अपने अनाज को उस समय वापस ले लूँगा जब वह पक कर कटनी के लिये तैयार होगा। मैं उस समय अपने दाखमधु को वापस ले लूँगा जब अँगूर पक कर तैयार होंगे। अपनी ऊन और सन को भी मैं वापस ले लूँगा। ये वस्तुएँ मैंने उसे इसलिये दी थीं कि वह अपने नंगे तन को ढक ले। 10 अब मैं उसे वस्त्र विहीन करके नंगा कर दूँगा ताकि उसके सभी प्रेमी उसे देख सकें। कोई भी व्यक्ति उसे मेरी शक्ति से बचा नही पायेगा। 11 मैं (परमेश्वर) उससे उसकी सारी हँसी खुशी छींन लूँगा। मैं उसके वार्षिक उत्सवों, नये चाँद की दावतों और विश्राम के दिनों के उत्सवों का अंत कर दूँगा। मैं उसकी सभी विशेष दावतों को रोक दूँगा। 12 उसकी अँगूर की बेलों और अंजीर के वृक्षों को मैं नष्ट कर दूँगा।उसने कहा था, “ये वस्तुएँ मेरे प्रेमियों ने मुझे दी थीं।” किन्तु अब मैं उसके बगीचों को बदल डालूँगा। वे किसी उजड़े जंगल जैसा हो जायेंगे। उन वृक्षों से जंगली जानवर आकर अपनी भूख मिटाया करेंगे।
13 “वह बाल की सेवा किया करती थी, इसलिये मैं उसे दण्ड दूँगा। वह बाल देवताओं के आगे धूप जलाया करती थी। वह आभूषणों से सजती और नथ पहना करती थी। फिर वह अपने प्रेमियों के पास जाया करती और मुझे भूल जाती।” यहोवा ने यह कहा था।
14 “इसलिये मैं (यहोवा) उसकी मनुहार करूँगा। मैं उसे रेगिस्तान में ले जाऊँगा। मैं उसके साथ दयापूर्वक बाते करूँगा। 15 वहाँ मैं उसे अंगूर के बगीचे दूँगा। आशा के द्वार के रूप में मैं उसे आकोर की घाटी दे दूँगा। फिर वह मुझे उसी प्रकार उत्तर देगी जैसे उस समय दिया करती थी, जव वह मिस्र से बाहर आयी थी।” 16 यहोवा ने यह बताया है।
“उस अवसर पर, तू मुझे ‘मेरा पति’ कह कर पुकारेगी। तब तू मुझे ‘मेरे बाल’ नहीं कहेगी। 17 बाल देवताओं के नामों को उसके मुख पर से दूर हटा दूँगा। फिर लोग बाल देवताओं के नाम नहीं लिया करेंगे।
18 “फिर, मैं इस्राएल के लोगों के लिये जंगल के पशुओं, आकाश के पक्षियों, और धरती पर रेंगने वाले प्राणियों के साथ एक वाचा करूँगा। मैं धनुष, तलवार और युद्ध के अस्त्रों को तोड़ फेंकूँगा। कोई अस्त्र—शस्त्र उस धरती पर नहीं बच पायेगा। मैं उस धरती को सुरक्षित बना दूँगा जिससे इस्राएल के लोग शांति के साथ विश्राम कर सकेंगे। 19 मैं (यहोवा) तुझे सदा—सदा के लिये अपनी दुल्हन बना लूँगा। मैं तुझे नेकी, खरेपन, प्रेम और करुणा के साथ अपनी दुल्हन बना लूँगा। 20 मैं तुझे अपनी सच्ची दुल्हन बनाऊँगा। तब तू सचमुच यहोवा को जान जायेगी 21 उस समय, मैं तुझे उत्तर दूँगा।” यहोवा ऐसा कहता है:
“मैं आकाशों से कहूँगा
और वे धरती को वर्षा देंगे।
22 धरती अन्न, दाखमधु और तेल उपजायेगी
और वे यिज्रेल की मांग पूरी करेंगे।
23 मैं उसकी धरती पर बहुतेरे बीजों को बोऊँगा।
मैं लोरूहामा पर दया दिखाऊँगा:
मैं लोअम्मी से कहूँगा ‘तू मेरी प्रजा है’
और वे मुझसे कहेंगे, ‘तु हमारा परमेश्वर है।’”
समीक्षा
नया प्रेम
परमेश्वर आपसे बिना शर्त के, पूरे हृदय से और निरंतर प्रेम करते हैं। इससे अंतर नहीं पड़ता है कि आपने क्या किया है, आप एक नई शुरुवात कर सकते हैं, एक ताजी शुरुवात, एक नया जीवन और एक नया प्रेम।
'होशे प्रेम के भविष्यवक्ता हैं, ' यूजन पीटरसन लिखते हैं। 'लेकिन वह प्रेम नहीं जिसकी हम कल्पना करते या सोचते हैं। वह परमेश्वर के प्रेम के एक दृष्टांत थे उनके लोगों के लिए, जैसे ही परमेश्वर ने इसे प्रकट किया और प्रस्तुत किया – एक जीवित दृष्टांत। यह एक चकित करने वाली कहानी हैः एक भविष्यवक्ता को एक सामान्य वेश्या से विवाह करने और उससे संतान उत्पन्न करने का आदेश दिया गया था। यह और भी चकित करने वाला संदेश हैः परमेश्वर हमसे इस तरह से प्रेम करते हैं – हमारी बदतर दशा में भी हमारे पीछे आते हैं, हम तक पहुँचने तक वह हमारे पीछे आते हैं, और उन पुरुषों और महिलाओं से प्रेम करते हैं जो सच्चे प्रेम को नहीं जानते हैं।'
आमोस के समय के बाद होशे भविष्यवाणी कर रहे थे (750-722 बी.सी.)। गोमेर से उनका विवाह, परमेश्वर के साथ इस्राएल के संबंध के समरूप था। परमेश्वर ने होशे से कहाः
'एक वेश्या को अपनी पत्नी बना ले।'
उसे अपने बच्चों की माता बना।
क्योंकि यह देश यहोवा के पीछे चलना छोड़कर वेश्या का सा बहुत काम करता है' (1:2, एम.एस.जी.)।
इस्राएल की गलती थी परमेश्वर के बजाय चीजों के पीछे जाना (भोजन, दाखरस, फैशन, गहने और इत्र) (2:5,8, एम.एस.जी.)। वे देख नहीं पाये कि परमेश्वर ने यें सारी चीजें उन्हें दी थी। वह सिर्फ यह चाहते हैं कि हम पहले उनके पीछे जाये।
जब हम परमेश्वर के बजाय चीजों के पीछे जाते हैं, तब परमेश्वर का उत्तर हमें निराश करता है, यह हमें उन चीजों को नहीं पाने देता है, जिन पर हमने अपना मन लगाया है। वह कहते हैं:
'वह अपने यारों के पीछे चलने से भी उन्हें न पाएगी; और उन्हें ढूँढ़ने से भी न पाएगी' (व.7अ, एम.एस.जी.)।
परमेश्वर चाहते हैं कि आप उनके साथ एक संबंध में रहे, जैसे एक पति और पत्नी रहते हैं। वह कहते हैं, 'मैं उसे मोहित करुँगा' (व.14अ)। वह उसे जंगल में ले जाते हैं (अक्सर इस स्थान में परमेश्वर की आवाज सुनाई देती हैं) और सौम्य रूप से बात करती है (व.14)। परमेश्वर कहते हैं, 'उस दिन तू मुझे पति कहेगी...मैं सदा के लिए तुझे अपनी स्त्री करने की प्रतिज्ञा करुँगा' (वव.16,19)।
यह चर्च के साथ यीशु के संबंध की परछाई है। परमेश्वर उनके और उनके लोगों के बीच एक नये प्रेम संबंध का वायदा करते हैं (वव.19-20)। वे परमेश्वर को जानेंगे,,
यह प्रेम और करुणा का एक संबंध होगा। वह कहते हैं, 'मैं कहूँगा, तू मेरी प्रजा है, और वह कहेगा, 'हे मेरे परमेश्वर' (व.23)।
प्रार्थना
परमेश्वर, आपका धन्यवाद क्योकि यीशु की मृत्यु और पुनरुत्थान के द्वारा मेरे लिए यह संभव है कि मैं आपको जानूं। आपका धन्यवाद क्योंकि हर दिन मैं आपके साथ एक संबंध में चल सकता हूँ। आपका धन्यवाद क्योंकि आप हमारे लिए अपने प्रेम को दिखाते हैं और हमें अपनी प्रजा कहते हैं। आपका धन्यवाद क्योंकि मैं आपसे कह सकता हूँ, 'हे मेरे परमेश्वर'।
पिप्पा भी कहते है
रोमियो 6:12-13ब
'इसलिए अपने नश्वर शरीर में पाप को राज्य मत करने दो...लेकिन इसके बजाय अपने आपको परमेश्वर के सम्मुख प्रस्तुत करो।'
जब फोकस (हमारी वार्षिक चर्च छुट्टीयाँ) कुछ ही दिनों में शुरु होंगी, तब बहुत से अवसर होंगे कि हम अपने जीवन का पुन: मूल्यांकन करें और परमेश्वर के लिए अपने जीवन को पुन: समर्पित करें। यह समय है कि कुछ कूड़े से छुटकारा पाये, जो शायद से अंदर आ गया है या कुछ समय से नीचे चिपका हुआ है। और यह एक अवसर है कि परमेश्वर से सुने और आने वाले वर्ष के लिए अपनी बुलाहट को खोजें।
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संदर्भ
युजन पिटरसन, द मैसेज, 'होशे का परिचय' (नवप्रेस, 1993) पी.1221
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।
नोट्स
यह स्तुति का एक भजन है। यह समझने में कठिन है और संपूर्ण Psalter में सबसे कठिन के रूप में इसका वर्णन किया गया है। (ए.ए. ऍन्डर्सन)
युजन पिटरसन, होशे का परिचय, द मैसेज (पेज 1221)।