आपका पारिवारिक वृक्ष
परिचय
मेरे पिता ने कभी मुझे इंग्लैंड में आने और मेरी माँ से विवाह करने से पहले उनके जीवन के बारे में नहीं बताया था। मुझे उनके पिछले जीवन के बारे में कुछ नहीं पता था। चार साल पहले, मैं बर्लीन में जुदैका संग्रहालय के संपर्क में आया। वे गंबल परिवार में कुछ खोज कर रहे थे। उन्होंने मुझे मेरे परिवार वृक्ष की एक प्रति भेजी। मुझे पता चला कि मेरे परदादा का नाम अब्राहम गंबल था। मेरे परदादा का नाम इसहाक था और उनके भाई का नाम मूसा था!
मेरे पिता यहूदी थे। वह एक वकील थे और 1927 में तूबिंजन की यूनिवर्सिटी में नियम के एक डॉक्टर बन चुके थे। बाद में उन्होंने अडॉल्फ हिटलर का मेन कॅम्प पढ़ा और जानते थे कि उनके साथ क्या होने वाला था क्योंकि वह 'इस्राएली' थे। वह इंग्लैंड में आये और एक अंग्रेजी वकील की भी शिक्षा उन्होंने ली। उनकी बहन और माता-पिता भी बाद में आ गए। उनके परिवार के बाकी बहुत से सदस्य दकाउ, रिगा और दूसरे नजी कॉन्संट्रेशन कैम्प में नष्ट हो गए।
सदियों से यहूदियों के साथ बर्ताव जटिल रहा है, और कभी कभी दुखद। कभी कभी बाईबल के लेखांश ने यहूदियों विरूद्ध निंदा के एक हथियार के रूप में, गलत अर्थ बताया और गलत तरह से उपयोग किया गया।
पुराने नियम में परमेश्वर के लोग इस्राएल देश थे। नये नियम में परमेश्वर के लोग वे सभी हैं जो यीशु मसीह में विश्वास करते हैं। हमारा इतिहास और पारिवारिक -एक वृक्ष समान हैं। हम एक ही परमेश्वर की आराधना करते हैं और पौलुस प्रेरित हमें बताते हैं कि उद्धार का मार्ग हम सभी के लिए एक समान है।
भजन संहिता 89:14-18
14 तेरा राज्य सत्य और न्याय पर आधारित है।
प्रेम और भक्ति तेरे सिंहासन के सैनिक हैं।
15 हे परमेश्वर, तेरे भक्त सचमुच प्रसन्न है।
वे तेरी करूणा के प्रकाश में जीवित रहते हैं।
16 तेरा नाम उनको सदा प्रसन्न करता है।
वे तेरे खरेपन की प्रशंसा करते हैं।
17 तू उनकी अद्भुत शक्ति है।
उनको तुमसे बल मिलता है।
18 हे यहोवा, तू हमारा रक्षक है।
इस्राएल का वह पवित्र हमारा राजा है।
समीक्षा
आपका परमेश्वर, इस्राएल का परमेश्वर है
जिस परमेश्वर की हम आराधना करते हैं, वह इस्राएल का पवित्र है। 'हमारी ढाल यहोवा की ओर से है, हमारा राजा इस्राएल के पवित्र की ओर से है' (व.18, एम.एस.जी.)।
भजनसंहिता के लेखक परमेश्वर के विषय में कहते हैं, 'तेरे सिंहासन का मूल, सही और न्याय है; करुणा और सच्चाई तेरे आगे आगे चलती है' (व.14, एम.एस.जी.)। परमेश्वर के द्वारा इस्राएल के लोगों का चुनाव, उन्हें असत्यनिष्ठ और अन्यायी नहीं बनाता है।वह प्रेम और वफादारी के परमेश्वर हैं। वह सभी लोगों से प्रेम करते हैं। उनके सिंहासन की नींव सत्यनिष्ठा और न्याय है। वह सही तरीके से काम करेंगे और दूसरे देशों के प्रति उनका बर्ताव कभी भी अन्यायी नहीं होगा।
परमेश्वर चाहते थे कि सारे देश इस्राएल के उनके चुनाव से आशीषित हो जाएँ (उत्पत्ति 12:3 देखे)। अब यह यीशु के द्वारा संभव बना दिया गया है। आप भी परमेश्वर के साथ सही संबंध में चल सकते हैं और उस आशीष का अनुभव कर सकते हैं जिसके विषय में यह भजन बताता हैः'क्या ही धन्य है वह...लोग जो तेरे मुख के प्रकाश में चलते हैं, वे तेरे नाम के हेतु दिन भर मगन रहते हैं, और तेरी सत्यनिष्ठा के कारण महान हो जाते हैं। क्योंकि तू उनके बल की शोभा है' (भजनसंहिता 89:15-17)। इसके परिणामस्वरूप, 'हम हवा में चल रहे हैं!' (व.17, एम.एस.जी.)।
प्रार्थना
परमेश्वर, आज मेरी सहायता कीजिए कि आपकी उपस्थिति के प्रकाश में चलूं और दिन भर आपके नाम में आनंद मनाऊँ।
रोमियों 9:22-10:4
22 किन्तु इसमें क्या है यदि परमेश्वर ने अपना क्रोध दिखाने और अपनी शक्ति जताने के लिए उन लोगों की, जो क्रोध के पात्र थे और जिनका विनाश होने को था, बड़े धीरज के साथ सही, 23 उसने उनकी सही ताकि वह उन लोगों के लाभ के लिए जो दया के पात्र थे और जिन्हें उसने अपनी महिमा पाने के लिए बनाया था, उन पर अपनी महिमा प्रकट कर सके। 24 अर्थात हम जिन्हें उसने न केवल यहूदियों में से बुलाया बल्कि ग़ैर यहूदियों में से भी 25 जैसा कि होशे की पुस्तक में लिखा है:
“जो लोग मेरे नहीं थे
उन्हें मैं अपना कहूँगा।
और वह स्त्री जो प्रिय नहीं थी
मैं उसे प्रिया कहूँगा।”
26 और,
“वैसा ही घटेगा जैसा उसी भाग में उनसे कहा गया था,
‘तुम लोग मेरी प्रजा नहीं हो।’
वहीं वे जीवित परमेश्वर की सन्तान कहलाएँगे।”
27 और यशायाह इस्राएल के बारे में पुकार कर कहता है:
“यद्यपि इस्राएल की सन्तान समुद्र की बालू के कणों के समान असंख्य हैं।
तो भी उनमें से केवल थोड़े से ही बच पायेंगे।
28 क्योंकि प्रभु पृथ्वी पर अपने न्याय को पूरी तरह से और जल्दी ही पूरा करेगा।”
29 और जैसा कि यशायाह ने भविष्यवाणी की थी:
“यदि सर्वशक्तिमान प्रभु हमारे लिए,
वंशज न छोड़ता
तो हम सदोम जैसे
और अरोमा जैसे ही हो जाते।”
30 तो फिर हम क्या कहें? हम इस नतीजे पर पहुँचे हैं कि अन्य जातियों के लोग जो धार्मिकता की खोज में नहीं थे, उन्होंने धार्मिकता को पा लिया है। वे जो विश्वास के कारण ही धार्मिक ठहराए गए। 31 किन्तु इस्राएल के लोगों ने जो ऐसी व्यवस्था पर चलना चाहते थे जो उन्हें धार्मिक ठहराती, उसके अनुसार नहीं जी सके। 32 क्यों नहीं? क्योंकि वे इसका पालन विश्वास से नहीं, बल्कि अपने कर्मों से कर रहे थे, वे उस चट्टान पर ठोकर खा गये, जो ठोकर दिलाती है। 33 जैसा कि शास्त्र कहता है:
“देखो, मैं सिय्योन में एक पत्थर रख रहा हूँ, जो ठोकर दिलाता है
और एक चट्टान जो अपराध कराती है।
किन्तु वह जो उस में विश्वास करता है, उसे कभी निराश नहीं होना होगा।”
10हे भाईयों, मेरे हृदय की इच्छा है और मैं परमेश्वर से उन सब के लिये प्रार्थना करता हूँ कि उनका उद्धार हो। 2 क्योंकि मैं साक्षी देता हूँ कि उनमें परमेश्वर की धुन है। किन्तु वह ज्ञान पर नहीं टिकी है, 3 क्योंकि वे उस धार्मिकता को नहीं जानते थे जो परमेश्वर से मिलती है और वे अपनी ही धार्मिकता की स्थापना का जतन करते रहे सो उन्होंने परमेश्वर की धार्मिकता को नहीं स्वीकारा। 4 मसीह ने व्यवस्था का अंत किया ताकि हर कोई जो विश्वास करता है, परमेश्वर के लिए धार्मिक हो।
समीक्षा
आपका उद्धार इस्राएल के साथ शुरु हुआ
उद्धार की परमेश्वर की योजना इस्राएल के साथ शुरु हुई। इस्राएल (यहूदी) और बाकीयों (अन्यजातियों) के लिए उनकी योजना अलग न किये जा सकने वाले रूप में जुड़ी हुई है। अब इससे आप क्या समझते हैं?
परमेश्वर के पास योजना थी कि ' दया के बर्तनो पर, जिन्हें उसने महिमा के लिये पहले से तैयार किया, अपने महिमा के धन को प्रकट करने की इच्छा की? अर्थात् हम पर जिन्हें उसने न केवल यहूदियों में से, वरन् अन्यजातियों में से भी बुलाया' (9:23-24)। उद्धार की उनकी योजना केवल इस्राएल देश से बढ़कर है।
उद्धार इन पर आधारित हैः
विश्वास –नाकि आपके अच्छे काम
दया – नाकि जिसके आप लायक थे
भरोसा – नाकि जहाँ पर आज जन्में थे।
होशे के वचनों पर चित्र बनाते हुए पौलुस इसे प्रदर्शित करते हैं। परमेश्वर ने कहा कि वह उन लोगों को बुलायेंगे जो 'मेरे लोग नही थे' – अर्थात, अन्यजाति - 'मेरे लोग, 'मेरे प्रिय' और 'जीवित परमेश्वर की संतान' (वव.25-26)।
यह एक अद्भुत सुविधा है कि परमेश्वर के लोगों के भाग ने, परमेश्वर के द्वारा प्रेम किए जाएं, उनकी संतान, उनकी दया का केंद्र बनने के लिए बुलाए जाएं, महिमा के लिए पहले से तैयार हो जाएं, ताकि वह अपने महिमा के धन को दिखाएं (वव.23-24)।
नये नियम में, किसी को भी छोड़ा नहीं गया है। हर कोई उद्धार पा सकता है। परमेश्वर ने यीशु के द्वारा विश्वास से सत्यनिष्ठा को संभव बनाया है (व.30)।
यीशु उद्धार का मार्ग है। कुछ लोग उनसे ठोकर खायेंगे, लेकिन 'जो उनमें भरोसा रखते हैं वह कभी लज्जित नहीं होंगे' (व.33)।
पौलुस इस्राएल के लोगों से प्रेम करते हैं। वे उनके लोग हैं। वह चाहते हैं कि उनका उद्धार हो जाएं। वह जुझारू रूप से उनके उद्धार के लिए मध्यस्थता करते हैं। ' हे भाइयो, मेरे मन की अभिलाषा और उनके लिये परमेश्वर से मेरी प्रार्थना है कि वे उद्धार पाएँ' (10:1, एम.एस.जी.)।
एकमात्र तरीका यह है जिससे वे उद्धार पा सकते हैं, और यह विश्वास के द्वारा है, 'सत्यनिष्ठा के द्वारा जो परमेश्वर से आती है' (व.3)। यह सत्यनिष्ठा मसीह के द्वारा आती है। ' क्योंकि हर एक विश्वास करने वाले के लिये सत्यनिष्ठा के लिए मसीह व्यवस्था का अन्त है' (व.4)।
'मसीह व्यवस्था का अंत है' एक बड़ा, धरती हिला देने वाला, जीवन बदलने वाला, इतिहास बनाने वाला कथन है। एक बहुत बड़ा विवाद हुआ कि पौलुस का क्या अर्थ था। किंतु, कुछ चीजें स्पष्ट हैं।
पहला, यीशु ने आपको व्यवस्था से उद्धार खोजने का प्रयास करने से मुक्त कर दिया है। कोई भी व्यवस्था के द्वारा उद्धार नहीं पा सकता था। यीशु के अलावा, कोई भी संपूर्ण व्यवस्था का पालन नहीं कर पाया। 'मसीह व्यवस्था का अंत है' इसमें उन्होंने आपको अपनी खुद की सत्यनिष्ठा स्थापित करने से मुक्त कर दिया है। इसके बजाय, अब आपको 'वह सत्यनिष्ठा दी गई है जो परमेश्वर से आती है' (व.3)।
दूसरा, 'मसीह व्यवस्था का अंत है' इसमें उन्होंने व्यवस्था को पूरा किया है। यीशु ने एक बार अपना वर्णन किया कि वह 'व्यवस्था को पूरा करने के लिए आए हैं' (मत्ती 5:17)। व्यवस्था का उद्देश्य था कि हमें यीशु की ओर ले जाएं (गलातियों 3:24)। अब यीशु आ गए, इसका काम पूरा हो चुका है।
तीसरा, 'मसीह व्यवस्था का अंत है' इसमें उन्होंने व्यवस्था को तृप्त किया है। यीशु एकमात्र व्यक्ति थे जिन्होंने पूरी तरह से नियम का पालन किया, क्रूस के द्वारा आप उनकी आज्ञाकारिता के लाभ को ग्रहण करते हैं।
चौथा, 'मसीह व्यवस्था का अंत है' इसमें उन्होंने आपको व्यवस्था के बोझ और दंड से मुक्त कर दिया है। जैसे ही हम नियमित रूप से असफल होते हैं, वैसे ही हम दंड के एक काले बादल के नीचे अपना जीवन जीते हैं। यीशु के कारण, 'उन पर कोई दंड की आज्ञा नहीं जो मसीह यीशु में हैं' (रोमियो 8:1)।
प्रार्थना
परमेश्वर, आपका धन्यवाद क्योंकि यीशु में विश्वास के द्वारा आपका उद्धार सभी के लिए खुला है। आज मैं इस्राएल के लोगों के लिए प्रार्थना करता हूँ:'मेरे हृदय की इच्छा और परमेश्वर से प्रार्थना है कि...उनका उद्धार हो जाऍा' (10:1)।
1 इतिहास 1:1-2:17
आदम से नूह तक परिवारिक इतिहास
1आदम, शेत, एनोश, केनान, महललेल, येरेद, हलोक, मतूशेलह, लेमेक, नूह।
4 नूह के पुत्र शेम,
हाम और येपेत थे।
येपेत के वंशज
5 येपेत के पुत्र
गोमेर, मागोग, मादै, यावान, तूबल, मेशेक और तीरास थे।
6 गोमेर के पुत्र
अशकनज, दीपत और तोगर्मा थे।
7 यावान के पुत्र
एलीशा, तर्शीश, कित्ती और रोदानी थे।
हाम के वंशज
8 हाम के पुत्र
कूश (मिस्रम), पूत और कनान थे।
9 कूश के पुत्र
सबा, हबीला, सबाता, रामा और सब्तका थे। रामा के पुत्र शबा और ददान थे।
10 कूश का वंशज
निम्रोद संसार में सर्वाधिक शक्तिशाली वीर योद्धा हुआ।
11 मिस्र लूदी, अनामी, लहावी, नप्तही,
12 पत्रूसी, कसलूही और कप्तोरी का पिता था। (पलिश्ती के लोग कसलूही के वंशज थे।)
13 कनान सीदोन का पिता था।
सीदोन उसका प्रथम पुत्र था। कनान, हित्तियों, 14 यबूसी, एमोरी, गिर्गाशी, के लोगों का भी पिता था। 15 हिव्वी, अकर्की, सीनी, 16 अर्वदी, समारी और हमाती के लोगों का भी पिता था।
शेम के वंशज
17 शेम के पुत्र
एलाम, अश्शूर, अर्पक्षद, लूद और अराम थे।
अराम के पुत्र
ऊस, हूल, गेतेर और मेशेक थे।
18 अर्पक्षद शेलह का पिता था।
शेलह एबेर का पिता था।
19 एबेर के दो पुत्र थे।
एक पुत्र का नाम पेलेग था, क्योंकि पृथ्वी के मनुष्य उसके जीवनकाल में कई भाषाओं में बटे थे। पेलेग के भाई का नाम योक्तान था।
20 (योक्तान से पैदा हुये
अल्मोदाद, शुलेप, हसर्मावेत, येरह, 21 हदोराम, ऊजाल, दिक्ला, 22 एबाल, अबीमाएल, शबा, 23 ओपीर, हवीला, और योबाब, ये सब योक्तान की सन्तान थे।)
24 शेम के वंशजः अर्पक्षद, शेलह,
25 एबेर, पेलेग, रू,
26 सरूग, नाहोर, तेरह
27 और अब्राम (अब्राम को इब्राहीम भी कहा जाता है।)
इब्राहीम का परिवार
28 इब्राहीम के पुत्र
इसहाक और इश्माएल थे।
29 ये इसके वंशज हैं:
इश्माएल का प्रथम पुत्र नबायोत था।
इश्माएल के अन्य पुत्र केदार, अदवेल, मिबसाम, 30 मिश्मा, दूमा, मस्सा, हदद, तेमा, 31 यतूर, नापीश और केदमा थे। वे इश्माएल के पुत्र थे।
32 कतूरा इब्राहीम की रखैल थी।
उसने जिम्रान, योक्षान, मदान, मिद्दान, यिशबाक और शूह को जन्म दिया।
योक्षान के पूत्र्र
शबा और ददान थे।
33 मिद्दान के पुत्र्र
एपा, एपेर, हनोक, अबीदा और एलदा थे। ये सभी कतूरा के पुत्र थे।
इसहाक के वंशज
34 इब्राहीम इसहाक का पिता था।
इसहाक के पुत्र एसाव और इस्राएल थे।
35 एसाव के पुत्र एलीपज,
रूएल, यूश, यालाम और कोरह थे।
36 एलीपज के पुत्र
तेमान, ओमार, सपी, गाताम और कनज थे। एलीप और तिम्ना का पुत्र अमालेक नाम का था।
37 रूएल के पुत्र
नहत, जेरह, शम्मा और मिज्जा थे।
सेईर के एदोमी
38 सेईर के पुत्र
लोतान, शोबाल, सिबोन, अना, दीशोन, एसेर और दीशान थे।
39 लोतान के पुत्र
होरी और होमाम थे। लोतान की एक बहन तिम्ना नाम की थी।
40 शोबाल के पुत्र
अल्यान, मानहत, एबाल, शपी और ओनाम थे।
सिबोन के पुत्र
अय्या और अना थे।
41 अना का पुत्र दीशोन था।
दीशोन के पुत्र
हम्रान, एशबान, यित्रान और करान थे।
42 एसेर के पुत्र बिल्हान,
जावान और याकान थे।
दीशोन के पुत्र
ऊस और अरान थे।
एदोम के राजा
43 इस्राएल में राजोओं के होने के बहुत पहले एदोम में राजा थे। एदोम के राजाओं के नाम ये हैं:
उनके नाम थेः बोर का पुत्र बेला। बेला के नगर का नाम दिन्हाबा था।
44 जब बेला मरा, तब जेरह का पुत्र योबाब नया राजा बना। योबाब बोस्रा का था।
45 जब योबाब मरा, हूशाम नया राजा हुआ। हुशाम तेमनी लोगों के देश का था।
46 जब हूशाम मरा, बदद का पुत्र हदद नया राजा बना। हदद ने मिद्यानियों को मोआब देश में हराया। हदद के नगर का नाम अवीत था।
47 जब हदद मरा, सम्ला नया राजा हुआ। सम्ला मस्रेकाई का था।
48 जब सम्ला मरा, शाऊल नया राजा बना। शाऊल महानद के किनारे के रहोबोत का था।
49 जब शाऊल मरा, अकबोर का पुत्र बाल्हानान नया राजा हूआ।
50 जब बाल्हानान मरा, हदद नया राजा बना। हदद के नगर का नाम पाई था। हदद की पत्नी का नाम महेतबेल था। महेतबेल मत्रेद की पुत्री थी। मत्रेद, मेज़ाहाब की पुत्री थी। 51 तब हदद मरा।
एदोम के प्रमुख तिम्ना, अल्या, यतेत, 52 ओहोलीवामा, एला पीनोन, 53 कनज, तेमान, मिबसार, 54 मग्दीएल और ईराम थे। यह एदोम के प्रमुखों की एक सूची है।
इस्राएल के पुत्र
2इस्राएल के पुत्र
रूबेन, शिमोन, लेवी, यहूदा, इस्साकार, जबूलून, 2 दान, यूसुफ, बिन्यामीन, नप्ताली, गाद और आशेर थे।
यहूदा के वंशज
3 यहूदा के पुत्र
एर, ओनान और शेला थे। बतशू उनकी माँ थी। बतशू कनान की स्त्री थी। यहोवा ने देखा कि यहूदा का प्रथम पुत्र एर बुरा है। यही कारण था कि यहोवा ने उसे मार डाला। 4 यहूदा की पुत्रवधू तामार ने पेरेश और जेरह को जन्म दिया। इस प्रकार यहूदा के पाँच पुत्र थे।
5 पेरेस के पुत्र
हेस्रोन और हामूल थे।
6 जेरह के पाँच पुत्र थे।
वेः जिम्री, एतान, हेमान कलकोल और दारा थे।
7 जिम्री का पुत्र
कर्मी था।
कर्मी का पुत्र
आकान था। आकान वह व्यक्ति था जिसने युद्ध में मिली चीजें रख ली थीं। उससे आशा थी कि वह उन सभी चीजों को परमेश्वर को देगा।
8 एतान का पुत्र
अजर्याह था
9 हेस्रोन के पुत्र
यरहोल राम और कलूबै थे।
राम के वंशज
10 राम अम्मीनादाब का पिता था और अम्मीनादाब नहशोन का पिता था। नहशोन यहूदा के लोगों का प्रमुख था। 11 नहशोन सल्मा का पिता था। सल्मा बोअज़ का पिता था। 12 बोअज़ ओबेद का पिता था ओबेद यिशै का पिता था। 13 यिशै एलीआब का पिता था। एलीआब यिशै का प्रथम पुत्र था। यिशै का दूसरा पुत्र अबीनादब था उसका तीसरा पुत्र शिमा था। 14 नतनेल यिशै का चौथा पुत्र था। यिशौ का पाँचवाँ पुत्र रद्दैं था। 15 ओसेम यिशै का छठा पुत्र था और दाऊद उसका सातवाँ पुत्र था। 16 उनकी बहनें सरूयाह और अबीगैल थीं। सरुयाह के तीन पुत्र अबीशै, योआब और असाहेल थे। 17 अबीगैल अमासा की माँ थी। अमासा का पिता येतेर था। येतेर इश्माएली लोगों में से था।
समीक्षा
आपका इतिहास इस्राएल के साथ बँधा हुआ है
आज के लेखांश में हम दूसरे परिवार वृक्ष को देखते हैं। यह मेरे परिवार का वृक्ष है। यह आपका भी है।
यूजन पीटरसन लिखते हैं, 'नाम इस कहानी को लिखते हैं, सैकड़ो नाम, नामों की सूची, नामों के पन्ने के बाद पन्ने, व्यक्तिगत नाम...पवित्र इतिहास प्रभावित न होने वाले बलों या पृथक विचारों से निर्मित नहीं किए गए थे; यह नामों से बुने गए – व्यक्ति, हर एक अद्वितीय। इतिहास गैर व्यक्तिगत धर्म के विरूद्ध कड़ा बचाव स्थापित करते हैं।'
एक कहानी को बताने के कई तरीके हैं। इतिहास की दो पुस्तकें उसी समयकाल के विषय में हैं, जैसा शमुएल और राजाओं की पुस्तक। नये लेखक (कदाचित एज्रा), सौ वर्ष को लिखते हैं या बाद में, आदम से लेकर निर्वासन से आने तक इस्राएल के इतिहास को खोजते हैं।
इन अध्यायों में हम देखते हैं कि इस्राएल का इतिहास हमारा इतिहास है। हमारा इतिहास आदम तक जाता है (1:1) और मनुष्य के वंश का आरंभ। चर्च फिर से अब्राहम तक जाता है।
'अब्राहम इसहाक के पिता थे। इसहाक के पुत्र एसाव और इस्राएल' (व.34)। इस्राएल और यीशु मसीह का चर्च दोनों अब्राहम को अपने पिता के रूप में देखते हैं।
अध्याय 2 में, इतिहासकार इस्राएल के इतिहास को खोजते हैं, इस्राएल के पुत्रों के द्वारा, दाऊद तक (2:15)। फिर से, इस्राएल का इतिहास आपका इतिहास है। चर्च की शुरुवात अब्राहम को परमेश्वर के द्वारा बुलाये जाने से हुई और अब तक युगों से चली आ रही है।
चाहे चर्च प्रसिद्ध हो या ना हो, बड़ा हो या छोटा, यह बात महत्वपूर्ण नहीं है। लोग चर्च के विषय में ऐसे बात करते हैं, जैसे कि यह सिर्फ उल्लेखनीय है, और केवल प्रसिद्धी प्राप्त करने में रुचि रखती है। मीडिया केवल यह प्रश्न पूछती है कि क्या यह प्रसिद्ध है या नहीं।
लेकिन जैसा कि बिशप लेसली न्युबिगिन ने बताया, यह बेतुकी बात है। महान साम्राज्य, दर्शन शास्त्र, एक राजनैतिक दल के शासन वाले राज्य से अधिक चर्च का जीवनकाल रहा है। अब लोगों की सोच की संपूर्ण सीमा में जो चीजें भरी हुई लगती हैं, वह केवल काल्पनिक, भूतकाल में आधी यादगार, अब से बीस वर्ष के पहले की होगी। लेकिन चर्च अब भी यहाँ पर होगा। इसमें दी गई वास्तविकता को मसीहों के रूप में हमारी सोच के बीचोबींच होना चाहिए।
प्रार्थना
परमेश्वर आपका धन्यवाद, इस्राएल के लोगों के साथ हमारे सामान्य परिवार वृक्ष के लिए। आपका धन्यवाद इस असाधारण सुविधा के लिए कि परमेश्वर के लोगों के हम भाग बने, जिनका इतिहास आदम, अब्राहम और इस्राएल के द्वारा मानवजाति के आरंभ से आज तक चला आ रहा है।
पिप्पा भी कहते है
भजनसंहिता 89:14
'तेरे सिंहासन का मूल, सत्यनिष्ठा और न्याय है; करुणा और सच्चाई तेरे आगे आगे चलती है।'
विश्व भर में सभी राजनैतिक बेचैनी और बदलती सरकार के साथ, सत्यनिष्ठा और न्याय को हर प्रकार के प्रशासन की. सुदृ़ढ़ आधार होना चाहिए। विश्व के लीडर्स के लिए निरंतर प्रार्थना करते रहिये।
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संदर्भ
युजन पिटरसन, द मैसेज, '1और 2 इतिहास का परिचय, ' (नवप्रेस, 1993)।
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।