दिन 240

परमेश्वर के द्वारा अभिषिक्त

बुद्धि भजन संहिता 103:13-22
नए करार 2 कुरिन्थियों 1:12-22
जूना करार 2 इतिहास 29:1-31:1

परिचय

क्या आप समझते हैं कि अभी आप परमेश्वर के द्वारा 'अभिषिक्त' हैं? 'अभिषेक' केवल विशेष मसीह लीडर्स या वक्ताओं के लिए नहीं है। यह हम सभी के लिए है। क्या आप जानते हैं कि यह अभिषेक आपको पाप, प्रलोभन और बुराई के ऊपर सामर्थ देता है? क्या आप जानते हैं कि यह अभिषेक आपको प्रार्थना और आराधना में परमेश्वर के पास ले जाता है? क्या आप जानते हैं कि यह अभिषेक आपको सक्षम बनाता है कि परमेश्वर के संदेश को दूसरो को सुनाये?

यह सब संभव है क्योंकि परमेश्वर ने आपको पवित्र आत्मा दिया है। पवित्र आत्मा ना केवल आपके भविष्य की ग्यारंटी देते हैं; वह समय से पहले चुकायी गई अग्रिम रकम है। ' और जो हमें तुम्हारे साथ मसीह में दृढ़ करते हैं, और जिन्होंने हमारा अभिषेक किया है वही परमेश्वर हैं, जिन्होंने हम पर छाप भी कर दी है और बदले में हमें आत्मा को हमारे मनों में दिया' (2कुरिंथियो 1:21-22)।

जब आप एक घर के बदले अनुबंध बनाते हैं, तब सामान्य रूप से इसमें डिपोजिट देना होता है, जो ना केवल आने वाली चीजों की ग्यारंटी लेता है लेकिन समय से पहले दी गई यह आधी कीमत भी है। परमेश्वर ने 'अपनी आत्मा के द्वारा एक अनंत प्रतिज्ञा के साथ हम पर मोहर लगाई है – एक सुनिश्चित शुरुवात जो पूरा करने का उन्होंने निर्धारण किया है' (व.21, एम.एस.जी)। आपको पवित्र आत्मा देने के द्वारा, परमेश्वर ने आपको पहले ही यह डिपोजिट दिया है जिसे आप एक दिन पूरा पा लेंगे। पवित्र आत्मा के इस अभिषेक को कैसे इस्तेमाल करना है?

बुद्धि

भजन संहिता 103:13-22

13 अपने भक्तों पर यहोवा वैसे ही दयालु है,
 जैसे पिता अपने पुत्रों पर दया करता है।
14 परमेश्वर हमारा सब कुछ जानता है।
 परमेश्वर जानता है कि हम मिट्टी से बने हैं।
15 परमेश्वर जानता है कि हमारा जीवन छोटा सा है।
 वह जानता है हमारा जीवन घास जैसा है।
16 परमेश्वर जानता है कि हम एक तुच्छ बनफूल से हैं।
 वह फूल जल्दी ही उगता है।
 फिर गर्म हवा चलती है और वह फूल मुरझाता है।
 औप फिर शीघ्र ही तुम देख नहीं पातेकि वह फूल कैसे स्थान पर उग रहा था।
17 किन्तु यहोवा का प्रेम सदा बना रहता है।
 परमेश्वर सदा—सर्वदा निज भक्तों से प्रेम करता है
 परमेश्वर की दया उसके बच्चों से बच्चों तक बनी रहती है।
18 परमेश्वर ऐसे उन लोगों पर दयालु है, जो उसकी वाचा को मानते हैं।
 परमेश्वर ऐसे उन लोगों पर दयालु है जो उसके आदेशों का पालन करते हैं।

19 परमेश्वर का सिंहासन स्वर्ग में संस्थापित है।
 हर वस्तु पर उसका ही शासन है।

20 हे स्वर्गदूत, यहोवा के गुण गाओ।
 हे स्वर्गदूतों, तुम वह शक्तिशाली सैनिक हो जो परमेश्वर के आदेशों पर चलते हो।
 परमेश्वर की आज्ञाएँ सुनते और पालते हो।
21 हे सब उसके सैनिकों, यहोवा के गुण गाओ, तुम उसके सेवक हो।
 तुम वही करते हो जो परमेश्वर चाहता है।
22 हर कहीं हर वस्तु यहोवा ने रची है। परमेश्वर का शासन हर कहीं वस्तु पर है।
 सो हे समूची सृष्टि, यहोवा को तू धन्य कह।
 ओ मेरे मन यहोवा की प्रशंसा कर।

समीक्षा

अभी अपने लिए परमेश्वर के पितृत्व प्रेम का अनुभव कीजिए

जब हमारे बच्चों का जन्म हुआ, तब पीपा और मैंने उनके लिए अत्यधिक प्रेम का अनुभव किया – जो आज तक कायम है। यह हर माता-पिता की स्वाभाविक प्रवृत्ति है। हम अपने बच्चों के लिए गहरे प्रेम को महसूस करते हैं, जो कार्य या उपलब्धि पर आधारित नहीं है, लेकिन इस बात पर कि वे कौन हैं।

परमेश्वर इसी तरह से आपसे प्रेम करते हैं – इससे भी अधिक। ' जैसे पिता अपने बालकों पर दया करते हैं, वैसे ही यहोवा अपने डरवैयों पर दया करते हैं' (व.13, एम.एस.जी)।

क्या आपने कभी अपने लिए परमेश्वर के प्रेम को महसूस किया है? क्या आप जानते हैं कि परमेश्वर आपसे उससे कही अधिक प्रेम करते हैं जितना कि कोई माता-पिता अपने बच्चों से करते हैं? क्या आपने अनुभव किया कि यह प्रेम पवित्र आत्मा के द्वारा आपके हृदय में ऊंडेला गया है? परमेश्वर चाहते हैं कि अभी आप इस पितृत्व प्रेम का अनुभव करें और जाने कि यह सर्वदा बना रहेगा।

लगता है दाऊद को इस तथ्य की झलक मिल गई थी कि यह केवल इस जीवन के लिए नहीं हैः ' परन्तु यहोवा की करुणा उनके डरवैयों पर युग युग, और उनकी सत्यनिष्ठा उनके नाती –पोतों पर बहुतायत से प्रकट होती है। अर्थात् उन पर जो उनकी वाचा का पालन करते और उनके उपदेशों को स्मरण करके उन पर चलते हैं' (वव.17-18)।

प्रार्थना

हे मेरे मन, तू यहोवा को धन्य कह' (व.22)। आपकी स्तुति हो परमेश्वर, क्योंकि मेरे लिए आपका प्रेम और करुणा, अपने बच्चो के लिए किसी माता-पिता की करुणा से बढ़कर है। आपका धन्यवाद क्योंकि आपने मुझे अभिषिक्त किया है और अपनी आत्मा को मेरे हृदय में रखा है ताकि अभी मैं उस प्रेम का अनुभव करुँ।

नए करार

2 कुरिन्थियों 1:12-22

पौलुस की योजनाओं में परिवर्तन

12 हमें इसका गर्व है कि हम यह बात साफ मन से कह सकते हैं कि हमने इस जगत के साथ और खासकर तुम लोगों के साथ परमेश्वर के अनुग्रह के अनुरूप व्यवहार किया है। हमने उस सरलता और सच्चाई के साथ व्यवहार किया है जो परमेश्वर से मिलती है न कि दुनियावी बुद्धि से। 13 हाँ! इसीलिये हम उसे छोड़ तुम्हें बस और कुछ नहीं लिख रहे हैं, जिससे तुम हमें पूरी तरह वैसे ही समझ लोगे। 14 जैसे तुमने हमें आंशिक रुप से समझा है। तुम हमारे लिये वैसे ही गर्व कर सकते हो जैसे हम तुम्हारे लिये उस दिन गर्व करेंगे जब हमारा प्रभु यीशु फिर आयेगा।

15 और इसी विश्वास के कारण मैंने पहले तुम्हारे पास आने की ठानी थी ताकि तुम्हें दोबारा से आशीर्वाद का लाभ मिल सके। 16 मैं सोचता हूँ कि मकिदुनिया जाते हुए तुमसे मिलूँ और जब मकिदुनिया से लौटूँ तो फिर तुम्हारे पास जाऊँ। और फिर, तुम्हारे द्वारा ही यहूदिया के लिये विदा किया जाऊँ। 17 मैंने जब ये योजनाएँ बनायी थीं, तो मुझे कोई संशय नहीं था। या मैं जो योजनाएँ बनाता हूँ तो क्या उन्हें सांसारिक ढंग से बनाता हूँ कि एक ही समय “हाँ, हाँ” भी कहता रहूँ और “ना, ना” भी करता रहूँ।

18 परमेश्वर विश्वसनीय है और वह इसकी साक्षी देगा कि तुम्हारे प्रति हमारा जो वचन है एक साथ “हाँ” और “ना” नहीं कहता। 19 क्योंकि तुम्हारे बीच जिस परमेश्वर के पुत्र यीशु मसीह का हमने, यानी सिलवानुस, तिमुथियुस और मैंने प्रचार किया है, वह “हाँ” और “ना” दोनों एक साथ नहीं है बल्कि उसके द्वारा एक चिरन्तन “हाँ” की ही घोषणा की गयी है। 20 क्योंकि परमेश्वर ने जो अनन्त प्रतिज्ञाएँ की हैं, वे यीशु में सब के लिए “हाँ” बन जाती हैं। इसलिए हम उसके द्वारा भी जो “आमीन” कहते हैं, वह परमेश्वर की ही महिमा के लिये होता है। 21 वह जो तुम्हें मसीह के व्यक्ति के रूप में हमारे साथ सुनिश्चित करता है और जिसने हमें भी अभिषिक्त किया है वह परमेश्वर ही है। 22 जिसने हम पर अपने स्वामित्व की मुहर लगायी और हमारे भीतर बयाने के रूप में वह पवित्र आत्मा दी जो इस बात का आश्वासन है कि जो देने का वचन उसने हमें दिया है, उसे वह हमें देगा।

समीक्षा

अभी परमेश्वर की प्रतिज्ञाओं का अनुभव करिए

क्या आप जानते हैं कि परमेश्वर की सभी प्रतिज्ञाएँ आपके लिए हैं? ' क्योंकि परमेश्वर की जितनी प्रतिज्ञाएँ हैं, वे सब उसी में ‘हाँ‘ के साथ हैं' (व.20, एम.एस.जी)।

पवित्र आत्मा के द्वारा, परमेश्वर ने हमारे अंदर 'उनकी हां' रखी है। उनकी आत्मा के द्वारा उन्होंने हम पर अपनी अनंत प्रतिज्ञा की मोहर लगाई है –उनकी एक निश्चित शुरुवात जो पूरा करने का संकल्प उन्होंने लिया है' (वव.21-22, एम.एस.जी)।

यह ऐसा है जैसे पुराने नियम में परमेश्वर की प्रतिज्ञा यीशु में रेखांकित की गई और पुन: पुष्टित की गई है। जैसा कि संत पौलुस इसे समझाते हैं, 'क्योंकि परमेश्वर की जितनी प्रतिज्ञाएँ हैं, वे सब उसी में ‘हाँ‘ के साथ हैं' (व.20)। हम क्रूस पर परमेश्वर के प्रेम के पूर्ण भाव को देखते हैं और पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर के प्रेम के पूर्ण अनुभव को जानते हैं।

जो पुराने नियम में छिपा हुआ है वह नये नियम में प्रकट है। मसीह में आप सर्वदा के लिए परमेश्वर के अनंत प्रेम का आनंद लेंगे। जैसा कि संत पौलुस इसे बताते हैं, ' और जो हमें तुम्हारे साथ मसीह में दृढ़ करते हैं, और जिन्होंने हमारा अभिषेक किया वही परमेश्वर हैं, जिन्होंने हम पर छाप भी कर दी है और बयाने में आत्मा को हमारे मनों में दिया' (वव.21-22)। यह वही परमेश्वर हैं जिन्होंने पौलुस और कुरिंथियो दोनों को आशीष दी।

ऐसा नहीं है कि केवल कुछ विशेष मसीह अभिषिक्त किए गए हैं। हम जानते हैं कि 'परमेश्वर ने नासरी के यीशु को पवित्र आत्मा और सामर्थ के साथ अभिषिक्त किया' (प्रेरितों के काम 10:38)। सबसे अद्भुत बात यह है कि वही आत्मा जिन्होंने यीशु को अभिषिक्त किया, उन्होंने आपको भी अभिषिक्त किया है। आप पवित्र आत्मा के द्वारा 'अभिषिक्त' किए गए हैं और वैसे ही मैं भी। परमेश्वर की आत्मा जो 'डिपोजिट' के रूप में आपमें रहते हैं, वही हैं जो आपको अपना 'अभिषेक' देते हैं। यह प्रतिज्ञा कितनी महान और सुंदर है, इसे समझने के लिए हमें पुराने नियम के इतिहास को समझने की आवश्यकता है।

प्रार्थना

परमेश्वर आपका बहुत धन्यवाद कि परमेश्वर के सभी वायदे मसीह में 'हां' हैं (2कुरिंथियो 1:20)। आपका धन्यवाद कि आपने मुझे अपने 'प्रभुत्व की मोहर' के साथ अभिषिक्त किया है (व.22) और 'एक डिपोजिट के रूप में' मेरे हृदय में अपनी आत्मा रखी है, आने वाली चीजों की गारंटी देते हुए (व.22)।

जूना करार

2 इतिहास 29:1-31:1

यहूदा का राजा हिजकिय्याह

29हिजकिय्याह जब पच्चीस वर्ष का था, राजा हुआ। उसने उनतीस वर्ष तक यरूशलेम में शासन किया। उसकी माँ का नाम अबिय्याह था। अबिय्याह जकर्याह की पुत्री थी। 2 हिजकिय्याह ने वही किया जो यहोवा चाहता था कि वह करे। उसने अपने पूर्वज दाऊद की तरह, जो उचित था, वही किया।

3 हिजकिय्याह ने यहोवा के मन्दिर के दरवाजों को जोड़ा और उन्हें मजबूत किया। हिजकिय्याह ने मन्दिर को फिर खोला। उसने राजा होने के बाद, वर्ष के पहले महीन में यह किया। 4-5 हिजकिय्याह ने याजकों और लेवीवंशियों को एक बैठक में एक साथ बिठाया। वह मन्दिर के पूर्व की दिशा में खुले आँगन में उनके साथ बैठक में शामिल हुआ। हिजकिय्याह ने उनसे कहा, “मेरी सुनों, लेवीवंशियों! पवित्र सेवा के लिये अपने को तैयार करो। यहोवा, परमेश्वर के मन्दिर को पवित्र सेवा के लिये तैयार करो। वह परमेश्वर है जिसकी आज्ञा का पालन तुम्हारे पूर्वजों ने किया। मन्दिर से उन चीज़ों को बाहर करो जो वहाँ के लिये नहीं हैं। वे चीज़ें मन्दिर को शुद्ध नहीं बनातीं। 6 हमारे पूर्वजों ने यहोवा को छोड़ा और यहोवा के भवन से मुख मोड़ लिया। 7 उन्होंने मन्दिर के स्वागत—कक्ष के दरवाजे को बन्द कर दिया और दीपकों को बुझा दिया। उन्होंने सुगन्धि का जलाना और इस्राएल के परमेश्वर को पवित्र स्थान में होमबलि भेंट करना बन्द कर दिया। 8 इसलिये, यहोवा यहूदा और यरूशलेम के लोगों पर बहुत क्रोधित हुआ। यहोवा ने उन्हें दण्ड दिया। अन्य लोग भयभीत हुए और दु:खी हुए जब उन्होंने देखा कि यहोवा ने यहूदा और यरूशलेम के लोगों के साथ क्या किया। अन्य लोगों ने यहूदा के लोगों के लिये लज्जा और घृणा से अपने सिर झुका लिये। तुम जानते हो कि यह सब सच है। तुम अपनी आँखों से इसे देख सकते हो। 9 यही कारण है कि हमारे पूर्वज युद्ध में मारे गये। हमारे पुत्र, पुत्रियाँ औऱ पत्नियाँ बन्दी बनाई गईं। 10 इसलिये मैं हिजकिय्याह ने यह निश्चय किया है कि मैं यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर के साथ एक वाचा करुँ। तब वह हम लोगों पर आगे क्रोधित नहीं होगा। 11 इसलिए मेरे पुत्रो, तुम लोग सुस्त न हो या और अधिक समय नष्ट न करो। यहोवा ने तुम लोगों को अपनी सेवा के लिये चुना है। तुम्हें उसकी सेवा करनी चाहिए और उसके लिये सुगन्धि जलानी चाहिए।”

12-14 उन लेवीवंशियों की यह सूची है जो वहाँ थे और जिन्होंने कार्य आरम्भ किया।

कहाती परिवार के अमासै का पुत्र महत और अजर्याह का पुत्र योएल थे।

मरारीत परिवार के अब्दी का पुत्र कीश और यहल्लेलेल का पुत्र अजर्याह थे।

गेर्शोनी परिवार से जिम्मा का पुत्र योआह और योआह का पुत्र एदेन थे।

एलीसापान के वंशजों में शिम्री औऱ यूएल थे।

आसाप के वंशजों में जकर्याह और मत्तन्याह थे।

हेमान के वंशजों में से यहूएल और शिमी थे।

यदूतून के वंशजों में से शमायाह और उज्जीएल थे।

15 तब इन लेवीवंशियों ने अपने भाइयों को इकट्ठा किया और मन्दिर में पवित्र सेवा करने के लिये अपने को तैयार किया। उन्होंने राजा के उन आदेशों का पालन किया जो यहोवा के पास से आये थे। वे यहोवा के मन्दिर में उसे स्वच्छ करने गए। 16 याजक यहोवा के मन्दिर के भीतरी भाग में उसे स्वच्छ करने गए। उन्होंने सभी अशुद्ध चीज़ों को बाहर निकाला जिन्हें उन्होंने मन्दिर में पाया। वे अशुद्ध चीज़ों को यहोवा के मन्दिर के आँगन में ले आए। तब लेवीवंशी अशुद्ध चीज़ों को किद्रोन की घाटी में ले गए। 17 पहले महीने के पहले दिन लेवीवंशी अपने को पवित्र सेवा के लिये तैयार करने लगे। महीने के आठवें दिन लेवीवंशी यहोवा के मन्दिर के द्वार—मण्डप में आए। आठ दिन और, वे यहोवा के मन्दिर को पवित्र उपयोग के लिये स्वच्छ करते रहे। उन्होंने पहले महीन के सोलहवें दिन यह काम पूरा किया।

18 तब वे राजा हिजकिय्याह के पास गए। उन्होंने उससे कहा, “राजा हिजकिय्याह, हम लोगों ने यहोवा के पूरे मन्दिर और भेंट जलाने के लिये वेदी को स्वच्छ कर दिया। हम लोगों ने रोटी को पक्तियों में रखने की मेज और उस के लिये उपयोग में आने वाली सभी चीज़ों को स्वच्छ कर दिया। 19 उन दिनों जब आहाज राजा था उसने परमेश्वर के प्रति विरोध किया। उसने बहुत सी चीज़ें फेंक दी थीं। जो मन्दिर में थीं। किन्तु हम लोगों ने फिर उन चीज़ों को रख दिया है औऱ उन्हें पवित्र कार्य के लिये तैयार कर दिया है। वे अब यहोवा की वेदी के सामने हैं।”

20 राजा हिजकिय्याह ने नगर अधिकारियों को इकट्ठा किया और अगली सुबह वह यहोवा के मन्दिर गया। 21 वे सात बैल, सात मेढ़े, सात मेमने औऱ सात छोटे बकरे लाए। वे जानवर यहूदा के राज्य की पापबलि, पवित्र स्थान को शुद्ध करने और यहूदा के लोगों के लिये थे। राजा हिजकिय्याह ने उन याजकों को जो हारून के वंशज थे, आदेश दिया कि वे उन जानवरों को यहोवा की वेदी पर चढ़ाऐं। 22 इसलिये याजकों ने बैलों को मार डाला और उनका खून रख लिया। तब उन्होंने बैलों का खून वेदी पर छिड़का। तब याजकों ने मेढ़ों को मारा और वेदी पर मेंढ़ों का खून छिड़का। तब याजकों ने मेमनों को मारा और उनका खून वेदी पर छिड़का। 23-24 तब याजक बकरों को राजा और एक साथ इकट्ठे लोगों के सामने लाए। बकरे पापबलि थे। याजकों ने अपने हाथ बकरों पर रखे और उन्हें मारा। याजकों ने बकरों के खून से वेदी पर पापबलि चढ़ाई। उन्होंने यह इसलिये किया कि यहोवा इस्राएल के लोगों को क्षमा कर देगा। राजा ने कहा कि होमबलि और पापबलि इस्राएल के सभी लोगों के लिये होंगी।

25 राजा हिजकिय्याह ने लेवीवंशियों को यहोवा के मन्दिर में मंजीरों, तम्बूरों और वीणा के साथ रखा जैसा दाऊद, राजा का दृष्टा गाद और नातान नबी ने आदेश दिया था। यह आदेश नबियों द्वारा यहोवा के यहाँ से आया था। 26 इस प्रकार लेवीवंशी, दाऊद के गीत के वाद्यों के साथ और याजक अपनी तुरहियों के साथ खड़े हुए। 27 तब हिजकिय्याह ने होमबलि की बलि वेदी पर चढ़ाने के लिये आदेश दिया। जब होमबलि देना आरम्भ हुआ, यहोवा के लिये गायन भी आरम्भ हुआ। तुरहियाँ बजाई गईं और इस्राएल के राजा दाऊद के वाद्यायन्त्र बजे। 28 सारी सभा ने दण्डवत किया, गायकों ने गाया और तुरही वादकों ने अपनी तुरहियाँ तब तक बजाईं जब तक होमबलि का चढ़ाया जाना पूरा नहीं हुआ।

29 बलिदानों के पूरे होने के बाद राजा हिजकिय्याह और उसके साथ के सभी लोग झुके और उन्होंने उपासना की। 30 राजा हिजकिय्याह और उसके अधिकारियों ने लेवीवंशियों को यहोवा की स्तुति का आदेश दिया। उन्होंने उन गीतों को गाया जिन्हें दाऊद और दृष्टा आसाप ने लिखा था। उन्होंने यहोवा की स्तुति की और प्रसन्न हुए। वे सभी झुके और उन्होंने यहोवा की उपासना की। 31 हिजकिय्याह ने कहा, “यहूदा के लोगो, अब तुम लोग स्वयं को यहोवा को अर्पित कर चुके हो। निकट आओ, बलि और धन्यवाद की भेंट यहोवा के मन्दिर में लाओ।” तब लोग बलि और धन्यवाद की भेंट लाये। कोई व्यक्ति, जो चाहता था, वह होमबलि भी लाया। 32 सभा द्वारा मन्दिर में लाई गई होमबलि ये हैं: सत्तर बैल, सौ मेढ़े और दो सौ मेमने। ये सभी जानवर यहोवा को होमबलि के रुप में बलि किये गये। 33 यहोवा के लिये पवित्र भेटें छ: सौ बैल और तीन हज़ार भेंड़—बकरे थे। 34 किन्तु वहाँ पर्याप्त याजक नहीं थे जो होमबलि के लिये जानवारों की खाल उतार सकें और सभी जानवरों को काट सकें। इसलिये उनके सम्बन्धी लेवीवंशियों ने उनकी सहायता तब तक की जब तक काम पूरा न हुआ और जब तक दूसरे याजक अपने को पवित्र सेवा के लिये तैयार न कर सके। लेवीवंशी यहोवा की सेवा के लिये अपने को तैयार करने में अधिक दृढ़ थे। वे याजकों की अपेक्षा अधिक दृढ़ थे। 35 वहाँ अनेक होमबिल, मेलबलि की चर्बो और पेय भेंट चढ़ीं। इस प्रकार यहोवा के मन्दिर में सेवा फिर आरम्भ हुई। 36 हिजकिय्याह और सभी लोग उन चीज़ों के लिये प्रसन्न थे जिन्हें यहोवा ने अपने लोगों के लिये बनाया और वे प्रसन्न थे कि उन्होंने उन्हें इतनी शीघ्रता से किया!

हिजकिय्याह फसहपर्व मनाता है

30हिजकिय्याह ने इस्राएल और यहूदा के सभी लोगों को सन्देश भेजा। उसने एप्रैम और मनश्शे के लोगों को भी पत्र लिखा। हिजकिय्याह ने उन सभी लोगों को यरूशलेम में यहोवा के मन्दिर में आने के लिये निमन्त्रित किया जिससे वे सभी फसहपर्व यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर के लिये मना सकें। 2 हिजकिय्याह ने सभी अधिकारियों और यरूशलेम की सभा से यह सलाह की कि फसह पर्व दूसरे महीने में मनाया जाये। 3 वे फसह पर्व को नियमित समय से न मना सके। क्यों? क्योंकि याजक पर्याप्त संख्या में पवित्र सेवा के लिये अपने को तैयार न कर सके और दूसरा कारण यह था कि लोग यरूशलेम में इकट्ठे नहीं हो सके थे। 4 इस सुझाव ने राजा हिजकिय्याह और पूरी सभा को सन्तुष्ट किया। 5 इसलिये उन्होंने इस्राएल में बेर्शेबा नगर से लेकर लगातार दान नगर तक हर एक स्थान पर घोषणा की। उन्होंने लोगों से कहा कि वे यरूशलेम में यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर के लिये फसह पर्व मनाने आऐं। इस्राएल के बहुत बड़े समूह ने बहुत समय से फसह पर्व उस प्रकार नहीं मनाया था, जिस प्रकार मूसा के नियमों ने इसे मनाने को कहा था। 6 इसलिये दूत राजा का पत्र पूरे इस्राएल औऱ यहूदा में ले गए। उन पत्रों में यह लिखा था:

“इस्राएल की सन्तानों, इब्राहीम, इसहाक और इस्राएल (याकूब), जिस यहोवा, परमेश्वर की आज्ञा मानते थे उसके पास लौटो। तब यहोवा तुम लोगों के पास वापस आयेगा जो अश्शूर के राजा से बच गए हैं और अभी तक जीवित हैं। 7 अपने पिता और भाइयों की तरह न बनो। यहोवा उनका परमेश्वर था, किन्तु वे उसके विरुद्ध हो गए। इसलिये यहोवा ने उनके प्रति लोगों के हृदय में घृणा पैदा की और उनके बारे में बुरा कहलवाया। तुम स्वयं अपनी आँखों से देख सकते हो कि यह सत्य है। 8 अपने पूर्वजों की तरह हठी न बनो। अपितु सच्चे हृदय से यहोवा की आज्ञा मानो। सर्वार्धिक पवित्र स्थान पर आओ। यहोवा ने सर्वाधिक पवित्र स्थान को सदैव के लिये पवित्र बनाया है। अपने यहोवा, परमेश्वर की सेवा करो। तब यहोवा का डरावना क्रोध तुम पर से हट जाएगा। 9 यदि तुम लौटोगे और यहोवा की आज्ञा मानोगे तब तुम्हारे सम्बन्धी और बच्चे उन लोगों की कृपा पाएंगे जिन्होंने उन्हें बन्दी बनाया है और तुम्हारे सम्बन्धी और बच्चे इस देश में लौटेंगे। यहोवा, तुम्हारा परमेश्वर कृपालु है। यदि तुम उसके पास लौटोगे तो वह तुमसे दूर नहीं जायेगा।”

10 दूत एप्रैम और मनश्शे के क्षेत्रों के सभी नगरों में गए। वे लगातार पूरे जबूलून देश में गए। किन्तु लोगों ने दूतों की हँसी उड़ाई औऱ उनका मजाक उड़ाया। 11 किन्तु आशेर, मनश्शे और जबूलून देश के कुछ लोग विनम्र हुए और यरूशलेम गए। 12 यहूदा में परमेश्वर की शक्ति ने लोगों को संगठित किया ताकि वे राजा हिजकिय्याह औऱ उसके अधिकारियों की आज्ञा का पालन करें। इस तरह उन्होंने यहोवा की आज्ञा का पालन किया।

13 बहुत से लोग एक साथ यरूशलेम, दूसरे महीने में अखमीरी रोटी का उत्सव मनाने आए। यह बहुत बड़ी भीड़ थी। 14 उन लोगों ने यरूशलेम में असत्य देवताओं की वेदियों को हटा दिया। उन्होंने असत्य देवताओं के लिये सुगन्धि भेंट की वेदियों को भी हटा दिया। उन्होंने उन वेदियों को किद्रोन की घाटी में फेंक दिया। 15 तब उन्होंने फसह पर्व के मेमने को दूसरे महीने के चौदहवें दिन मारा। याजक और लेवीवंशी लज्जित हुए। उन्होंने अपने को पवित्र सेवा के लिये तैयार किया। याजक और लेवीवंशी होमबलि यहोवा के मन्दिर में ले आए। 16 मन्दिर में अपने लिए निर्धारित स्थान पर वे वैसे ही बैठे जैसा परमेश्वर के व्यक्ति मूसा के नियम में कहा गया था। लेवीवंशियों ने याजकों को खून दिया। तब याजकों ने खून को वेदी पर छिड़का। 17 उस समूह में बहुत से लोग ऐसे थे जिन्होंने अपने को पवित्र सेवा के लिये तैयार नहीं किया था अत: वे फसह पर्व के मेमने को मारने की स्वीकृति नहीं पा सके। यही कारण था कि लेवीवंशी उन सभी लोगों के लिए फसह पर्व के मेमने को मारने के उत्तरदायी थे जो शुद्ध नहीं थे। लेवीवंशी ने हर एक मेमने को यहोवा के लिये पवित्र बनाया।

18-19 एप्रैम, मनश्शे, इस्साकार और जबूलून के बहुत से लोगों ने फसह पर्व उत्सव के लिये अपने को ठीक प्रकार से तैयार नहीं किया था। उन्होंने फसह पर्व मूसा के नियम के अनुसार ठीक ढंग से नहीं मनाया। किन्तु हिजकिय्याह ने उन लोगों के लिए प्रार्थना की। इसलिये हिजकिय्याह ने यह प्रार्थना की, “यहोवा, परमेश्वर तू अच्छा है। ये लोग तेरी उपासना ठीक ढंग से करना चाहते थे, किन्तु वे अपने को नियम के अनुसार शुद्ध न कर सके, कृपया उन लोगों को क्षमा कर। तू परमेश्वर है जिसकी आज्ञा का पालन हमारे पूर्वजों ने किया। यदि किसी ने सर्वार्धिक पवित्र स्थान के नियम के अनुसार अपने को शुद्ध न किया तो भी क्षमा कर।” 20 यहोवा ने राजा हिजकिय्याह की प्रार्थना सुनी। यहोवा ने लोगों को क्षमा कर दिया। 21 इस्राएल की सन्तानों ने यरूशलेम में अखमीरी रोटी का उत्सव सात दिन तक मनाया। वे बहुत प्रसन्न थे। लेवीवंशी और याजकों ने अपनी पूरी शक्ति से हर एक दिन यहोवा की स्तुति की। 22 राजा हिजकिय्याह ने उन सभी लेवीवंशियों को उत्साहित किया जो अच्छी तरह समझ गये थे कि यहोवा की सेवा कैसे की जाती है। लोगों ने सात दिन तक पर्व मनाया और मेलबलि चढ़ाई। उन्होंने अपने पूर्वजों के यहोवा परमेश्वर को धन्यवाद दिया और उसकी स्तुति की।

23 सभी लोग सात दिन और ठहरने को सहमत हो गए। वे फसहपर्व मनाते समय सात दिन तक बड़े प्रसन्न रहे। 24 यहूदा के राजा हिजकिय्याह ने उस सभा को एक हज़ार बैल तथा सात हज़ार भेड़ें मारने और खाने के लिये दिये। प्रमुखों ने सभा को एक हज़ार बैल और दस हज़ार भेड़ें दीं। बहुत से याजकों ने पवित्र सेवा के लिये अपने को तैयार किया। 25 यहूदा की पूरी सभा, याजक, लेवीवंशी, इस्राएल से आने वाली पूरी सभा और वे यात्री जो इस्राएल से आए थे तथा यहूदा पहुँच गए थे, सभी लोग अत्यन्त प्रसन्न थे। 26 इस प्रकार यरूशलेम में बहुत आनन्द था। इस पर्व के समान कोई भी पर्व इस्राएल के राजा, दाऊद के पुत्र सुलैमान के समय के बाद से नहीं हुआ था। 27 याजक और लेवीवंशी खड़े हुए और यहोवा से लोगों को आशीर्वाद देने को कहा। परमेश्वर ने उनकी सुनी। उनकी प्रार्थना स्वर्ग में यहोवा के पवित्र निवास तक पहुँची।

राजा हिजकिय्याह सुधार करता है

31फसह पर्व का उत्सव पूरा हुआ। इस्राएल के जो लोग फसह पर्व के लिये यरूशलेम में थे, वे यहूदा के नगरों को चले गए। तब उन्होंने पत्थर की उन मूर्तियों को ध्वस्त किया जो उन नगरों में थीं। उन पत्थर की मूर्तियों का पूजन असत्य देवताओं के रूप में होता था। उन लोगों ने अशेरा के स्तम्भों को भी काट डाला और उन्होंने उन उच्चस्थानों और वेदियों को भी तोड़ डाला जो बिन्यामीन और यहूदा के पूरे देशों में थे। लोगों ने एप्रैम और मनश्शे के क्षेत्र में भी वही किया। लोगों ने यह तब तक किया जब तक उन्होंने असत्य देवाताओं की पूजा की सभी चीज़ों को नष्ट नहीं कर दिया। तब सभी इस्राएली अपने नगरों को घर लौट गए।

समीक्षा

अभी अपने जीवन पर परमेश्वर के अभिषेक का अनुभव कीजिए

पुराने नियम में, लोगों के तीन समूह अभिषिक्त थेः राजा, याजक और भविष्यवक्ता। हमारे अंदर पवित्र आत्मा के कार्य के द्वारा, हम सभी अब एक राजकीय अभिषेक, एक याजकीय अभिषेक और एक भविष्यवक्ता के अभिषेक के द्वारा अभिषिक्त किए गए हैं। इसका उपयोग कैसे करें?

  1. राजकीय अभिषेक

प्रलोभन, पाप और बुराई के विरूद्ध लड़ने के लिए आपके पास एक राजकीय अभिषेक है।

हिजकिय्याह अभिषिक्त राजा थे। राजा का काम था लोगों के सभी संघर्षो और लड़ाईयों में उनकी अगुवाई करना। हिजकिय्याह 'एक अच्छे राजा थे' (29:2, एम.एस.जी)। उन्हेंने 'काम शुरु किया। उन्होंने शहर के सभी लीडर्स को इकट्ठा किया' (व.20, एम.एस.जी)। उन्होंने मंदिर में सुधार कार्य किए और फसव का उत्सव मनाया और मूर्तियों को दूर किया (31:1)।

हिजकिय्याह ने उन्हें आमंत्रित किया, 'अपने पुरखाओं और भाइयों के समान मत बनो जिन्होंने अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा से विश्वासघात किया था... वरन् यहोवा के अधीन होकर उनके उस पवित्रस्थान में आओ ...क्योंकि तुम्हारा परमेश्वर यहोवा अनुग्रहकारी और दयालु हैं, और यदि तुम उनकी ओर फिरोगे तो वह अपना मुँह तुम से नहीं मोड़ेंगे ' (30:7-10, एम.एस.जी)।

रेनियरो कॅन्टालमेसा लिखते हैं कि राजकीय अभिषेक का अर्थ है कि पवित्र आत्मा 'यीशु और चर्च को शैतान के विरूद्ध इनके संघर्ष में चिताते हैं।' हम सभी के पास यह राजकीय अभिषेक है। पवित्र आत्मा हममें से हर एक को चिताते हैं, प्रलोभन, पाप और बुराई के विरूद्ध हमारी लड़ाई में। जब आपकी परीक्षा होती है तब आप सहायता के लिए पवित्र आत्मा को पुकार सकते हैं, यह जानते हुए कि वह आपके साथ-साथ चलेंगे और जीतने के लिए आपको सामर्थ देंगे।

  1. याजकीय अभिषेक

आपके पास प्रार्थना करने और आराधना करने का एक याजकीय अभिषेक है।

पुराने नियम में याजक, और विशेष रूप से इस लेखांश में, परमेश्वर और मनुष्य के बीच में मध्यस्थ बनने के लिए अभिषिक्त किए गए थे। यहाँ पर हम देखते हैं कि उन्होंने बैलो, मेमनो, बकरियों का बलिदान दिया (29:20)। उन्होंने वेदी पर बैलो और मेमनो का लहू छिड़का। उन्होंने बकरी पर अपना हाथ रखा और उनका बलिदान चढ़ाया। यह पाप से पश्चाताप के लिए भेंट थी।

' जितने लेवीय यहोवा का भजन बुध्दिमानी के साथ करते थे, उनको हिजकिय्याह ने शान्ति के वचन कहे। इस प्रकार वे मेलबलि चढ़ाकर और अपने पूर्वजों के परमेश्वर यहोवा के सम्मुख पाप का अंगीकार करते रहे और उस नियत पर्व के सातों दिन तक खाते रहे' (30:22, एम.एस.जी)।

यीशु ने इस याजकीय अभिषेक को पूरा किया परमेश्वर के मेमने के रूप में मरने के द्वारा, जिनका लहू हमारे पापों को हटाने के लिए बहाया गया था। यह पाप के लिए एक अद्वितीय और अंतिम बलिदान था।

एक और तरीके से याजकीय अभिषेक हम पर, चर्च पर आता है। हम यीशु की याजकीय अभिषेक के सहभागी हैं:'तुम एक ...राजसी याजक हो' (1पतरस 2:9)। आत्मा यीशु और चर्च को प्रार्थना करने के लिए चिताती है। आपकी प्रार्थनाओं में आपके पास एक याजकीय सेवकाई है, परमेश्वर के सम्मुख एक मध्यस्थ के रुप में।

  1. भविष्यवक्ता का अभिषेक

यीशु के विषय में अच्छे समाचार को बताने के लिए आपके पास एक भविष्यवक्ता का अभिषेक है।

इतिहासकार 'भविष्यवक्ता नातान' के बारे में बताते हैं (2इतिहास 29:25) और कहते हैं, 'यह परमेश्वर की आज्ञा थी जो उनके भविष्यवक्ता लेकर गए' (व.26, एम.एस.जी)। पुराने नियम में भविष्यवक्ता परमेश्वर के वचन को सुनाने के लिए अभिषिक्त थे। बपतिस्मा लेते समय आत्मा ने यीशु को अभिषिक्त किया ताकि गरीबों को सुसमाचार सुनाये। यही पवित्र आत्मा आपको अभिषिक्त करते हैं ताकि आज आप उनके वचनो को सुनाये। आपके पास यह भविष्यवक्ता का अभिषेक है।

चर्च परमेश्वर का एजेंट है विश्व में सुसमाचार को लाने के लिए। हर बार जब आप एक मित्र को यीशु के विषय में बताते हैं, उन्हें अल्फा में बुलाते हैं, उदाहरण के लिए, या किसी तरह से उनके जीवन में कहते है, तब आप इस बुलाहट को पूरा कर रहे हैं।

परमेश्वर, पाप के विरूद्ध लड़ाई में आज मेरी सहायता कीजिए। मुझे परीक्षा में न पड़ने दीजिए बल्कि मुझे बुराई से बचाईये। पाप और बुराई के विरूद्ध लड़ाई में राजकीय अभिषेक को पूरा करने में मेरी सहायता कीजिए।

प्रार्थना और आराधना करने के लिए याजकीय अभिषेक में भी मेरी सहायता कीजिए। मेरी सहायता कीजिए कि दूसरों के लिए प्रार्थना करने में मैं और अधिक वफादार बनूं।

प्रार्थना

हमारे याजकीय अभिषेक में मेरी सहायता कीजिए। मेरी सहायता कीजिए कि गरीबों को सुसमाचार सुनाऊँ, टूटे हृदय को ज़ोड़ूँ, बंधको को मुक्ति का समाचार दूँ, जो शोक करते और दुखी हैं, उन्हें पवित्र आत्मा का आनंद दूं (यशायाह 61:1-3; लूका 4:18-19)।

पिप्पा भी कहते है

भजनसंहिता 103:16

'... जो पवन लगते ही ठहर नहीं सकता, और न वह अपने स्थान में फिर मिलता है।'

जीवन बहुत तेजी से बीत रहा है। वैसे ही हमारी छुट्टियाँ। जल्द ही यें भुला दी जाएँगी। लेकिन धन्यवाद हो, परमेश्वर अनंत हैं (व.17)।

reader

App

Download The Bible with Nicky and Pippa Gumbel app for iOS or Android devices and read along each day.

reader

Email

Sign up now to receive The Bible with Nicky and Pippa Gumbel in your inbox each morning. You’ll get one email each day.

Podcast

Subscribe and listen to The Bible with Nicky and Pippa Gumbel delivered to your favourite podcast app everyday.

reader

Website

Start reading today’s devotion right here on the BiOY website.

संदर्भ

रेनियरो कॅन्टालमेसा, यीशु के जीवन में पवित्र आत्मा, (लिटुर्जिकल प्रेमस, 1994)।

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट ऊ 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी', बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।

जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइडऍ बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट ऊ 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट ऊ 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।

जिन वचनों को (एएमपी) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

जिन वचनों को (MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।

जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।

एक साल में बाइबल

  • एक साल में बाइबल

This website stores data such as cookies to enable necessary site functionality and analytics. Find out more