परमेश्वर अच्छे हैं और वह आपको चाहते हैं
परिचय
'यह मेरे जीवन का एक काल्पनिक सत्य नजर आ रहा था,' एड्रियान प्लास, द सैक्रिड डायरी ऑफ एड्रियान प्लास ने ऐसा लिखा था जिनकी उम्र 37 ¾ थी। वह आगे लिखते हैं, 'जब मैं सोलह साल का था, तब मैं एक मसीही बना, लेकिन सैंतीस साल की उम्र तक मैं आवश्यक सत्य को ग्रहण करते रहा. परमेश्वर अच्छे हैं और वह मुझे चाहते हैं.'
दु:खद रूप से कई लोग यह सोचते हैं कि परमेश्वर अच्छे नहीं हैं, वह हमें ज्यादा पसन्द नहीं करते और वह अपना ज्यादातर समय हमारे विरोध में रहते हैं. यह सच्चाई से अधिक नहीं हो सकता.
आज के लेखांश में, हम देखेंगे कि परमेश्वर सिर्फ 'अच्छे' होने से कितना ज्यादा अच्छे हैं – उनकी भलाई, अद्भुत प्रेम और विश्वासयोग्यता. हम यह भी देखेंगे कि वह आपको सिर्फ 'चाहते' ही नहीं, बल्कि वह आपसे प्रेम भी करते हैं – आप बहुमूल्य और सम्माननीय संतान हैं.
भजन संहिता 108:1-5
दाऊद का एक स्तुति गीत।
108हे परमेश्वर, मैं तैयार हूँ।
मैं तेरे स्तुति गीतों को गाने बजाने को तैयार हूँ।
2 हे वीणाओं, और हे सारंगियों!
आओ हम सूरज को जगाये।
3 हे यहोवा, हम तेरे यश को राष्ट्रों के बीच गायेंगे
और दूसरे लोगों के बीच तेरी स्तुति करेंगे।
4 हे परमेश्वर, तेरा प्रेम आकाश से बढ़कर ऊँचा है,
तेरा सच्चा प्रेम ऊँचा, सबसे ऊँचे बादलों से बढ़कर है।
5 हे परमेश्वर, आकाशों से ऊपर उठ!
ताकि सारा जगत तेरी महिमा का दर्शन करे।
समीक्षा
रची गई सृष्टी से कहीं ज्यादा ऊँचा
आजकल वैज्ञानिक हमारी सृष्टि की विशालता के बारे में ज्यादा से ज्यादा प्रकट कर रहे हैं – आकाश से भी ऊँचा.
फिर भी हमारे लिए परमेश्वर का प्रेम महान है. यह आकाश से भी ऊँचा है. ' क्योंकि तेरी करूणा आकाश से भी ऊंची है,' (व.4). 'परमेश्वर आपका प्रेम जितना ऊँचा है उतना ही गहरा है' (व.4, एमएसजी).
दाऊद परमेश्वर की आराधना सारंगी और वीणा बजाकर करते हैं और ' मैं आप पौ फटते जाग उठूंगा! ' (व.2ब). आज अपनी आराधना को परमेश्वर के प्रेम और उनकी विश्वासयोग्यता पर केन्द्रित कीजिये।
प्रार्थना
प्रभु, आपको धन्यवाद कि मेरे लिए आपका प्रेम आकाश से भी ऊँचा है. आपको धन्यवाद कि आपकी करूणा आकाश से भी ऊँची है. ' हे परमेश्वर, आप स्वर्ग के ऊपर हो! और आपकी महिमा सारी पृथ्वी के ऊपर हो! ' (व.5).
गलातियों 3:26-4:20
26 यीशु मसीह में विश्वास के कारण तुम सभी परमेश्वर की संतान हो। 27 क्योंकि तुम सभी जिन्होंने मसीह का बपतिस्मा ले लिया है, मसीह में समा गये हो। 28 सो अब किसी में कोई अन्तर नहीं रहा न कोई यहूदी रहा, न ग़ैर यहूदी, न दास रहा, न स्वतन्त्र, न पुरुष रहा, न स्त्री, क्योंकि मसीह यीशु में तुम सब एक हो। 29 और क्योंकि तुम मसीह के हो तो फिर तुम इब्राहीम के वंशज हो, और परमेश्वर ने जो वचन इब्राहीम को दिया था, उस वचन के उत्तराधिकारी हो।
4मैं कहता हूँ कि उत्तराधिकारी जब तक बालक है तो चाहे सब कुछ का स्वामी वही होता है, फिर भी वह दास से अधिक कुछ नहीं रहता। 2 वह अभिभावकों और घर के सेवकों के तब तक अधीन रहता है, जब तक उसके पिता द्वारा निश्चित समय नहीं आ जाता। 3 हमारी भी ऐसी ही स्थिति है। हम भी जब बच्चे थे तो सांसारिक नियमों के दास थे। 4 किन्तु जब उचित अवसर आया तो परमेश्वर ने अपने पुत्र को भेजा जो एक स्त्री से जन्मा था। और व्यवस्था के अधीन जीता था। 5 ताकि वह व्यवस्था के अधीन व्यक्तियों को मुक्त कर सके जिससे हम परमेश्वर के गोद लिये बच्चे बन सकें।
6 और फिर क्योंकि तुम परमेश्वर के पुत्र हो, सो उसने तुम्हारे हृदयों में पुत्र की आत्मा को भेजा। वही आत्मा “ हे अब्बा, हे पिता” कहते हुए पुकारती है। 7 इसलिए अब तू दास नहीं है बल्कि पुत्र है और क्योंकि तू पुत्र है, इसलिए तुझे परमेश्वर ने अपना उत्तराधिकारी भी बनाया है।
गलाती मसीहियों के लिए पौलुस का प्रेम
8 पहले तुम लोग जब परमेश्वर को नहीं जानते थे तो तुम लोग देवताओं के दास थे। वे वास्तव में परमेश्वर नहीं थे। 9 किन्तु अब तुम परमेश्वर को जानते हो, या यूँ कहना चाहिये कि परमेश्वर के द्वारा अब तुम्हें पहचान लिया गया है। फिर तुम उन साररहित, दुर्बल नियमों की ओर क्यों लौट रहे हो। तुम फिर से उनके अधीन क्यों होना चाहते हो? 10 तुम किन्हीं विशेष दिनों, महीनों, ऋतुओं और वर्षों को मानने लगे हो। 11 तुम्हारे बारे में मुझे डर है कि तुम्हारे लिए जो काम मैंने किया है, वह सारा कहीं बेकार तो नहीं हो गया है।
12 हे भाईयों, कृपया मेरे जैसे बन जाओ। देखो, मैं भी तो तुम्हारे जैसा बन गया हूँ, यह मेरी तुमसे प्रार्थना है, ऐसा नहीं है कि तुमने मेरे प्रति कोई अपराध किया है। 13 तुम तो जानते ही हो कि अपनी शारीरिक व्याधि के कारण मैंने पहली बार तुम्हें ही सुसमाचार सुनाया था। 14 और तुमने भी, मेरी अस्वस्थता के कारण, जो तुम्हारी परीक्षा ली गयी थी, उससे मुझे छोटा नहीं समझा और न ही मेरा निषेध किया। बल्कि तुमने परमेश्वर के स्वर्गदूत के रूप में मेरा स्वागत किया। मानों मैं स्वयं मसीह यीशु ही था। 15 सो तुम्हारी उस प्रसन्नता का क्या हुआ? मैं तुम्हारे लिए स्वयं इस बात का साक्षी हूँ कि यदि तुम समर्थ होते तो तुम अपनी आँखें तक निकाल कर मुझे दे देते। 16 सो क्या सच बोलने से ही मैं तुम्हारा शत्रु हो गया?
17 तुम्हें व्यवस्था के विधान पर चलाना चाहने वाले तुममें बड़ी गहरी रुचि लेते हैं। किन्तु उनका उद्देश्य अच्छा नहीं है। वे तुम्हें मुझ से अलग करना चाहते हैं। ताकि तुम भी उनमें गहरी रुचि ले सको। 18 कोई किसी में सदा गहरी रुचि लेता रहे, यह तो एक अच्छी बात है किन्तु यह किसी अच्छे के लिए होना चाहिये। और बस उसी समय नहीं, जब मैं तुम्हारे साथ हूँ। 19 मेरे प्रिय बच्चो! मैं तुम्हारे लिये एक बार फिर प्रसव वेदना को झेल रहा हूँ, जब तक तुम मसीह जैसे ही नहीं हो जाते। 20 मैं चाहता हूँ कि अभी तुम्हारे पास आ पहुँचू और तुम्हारे साथ अलग ही तरह से बातें करूँ, क्योंकि मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि तुम्हारे लिये क्या किया जाये।
समीक्षा
किसी भी मानवीय प्रेम से महान
दुनिया के किसी भी महान मानवीय प्रेम की कल्पना कीजिये – क्योंकि कुछ लोगों के लिए यह अपने बच्चों के प्रति माता-पिता हैं. फिर भी, आपके लिए परमेश्वर का प्रेम उससे भी महान है.
जब आप अपना विश्वास यीशु पर रखते हैं, तो आप भी परमेश्वर की संतान हो जाते हैं: 'क्योंकि तुम सब उस विश्वास करने के द्वारा जो मसीह यीशु पर है, परमेश्वर की सन्तान हो। ' (3:26). हमने मसीह में बपतिस्मा लिया है. आपने मसीह को पहन लिया है (व.27). यीशु के साथ आपका संबंध इतना घनिष्ठ हो गया है.
मसीह में कोई जाति भेद, लिंग भेद या वर्ग नहीं है: ' अब न कोई यहूदी रहा और न यूनानी; न कोई दास, न स्वतंत्र; न कोई नर, न नारी; क्योंकि तुम सब मसीह यीशु में एक हो ' (व.28). हम सब एक समान हैं.... यीशु के साथ संबंध में सभी सामान्य हैं' (व. 28, एमएसजी).
भेदभाव, पक्षपात या नफरत के लिए कोई जगह नहीं है. पौलुस यह नहीं कहते कि कोई अलगाव नहीं होता, बल्कि वह कहते हैं कि अलगाव का कोई महत्व नहीं है.
आप मसीह के हैं, ' यदि तुम मसीह के हो, तो इब्राहीम के वंश और प्रतिज्ञा के अनुसार वारिस भी हो ' (व.29). अब आप सब वस्तुओं के मालिक हैं (4:1).
पौलुस रोमी कानून की समरूपता का उपयोग करते हैं. प्राचीन रोम में, चौदह साल तक, एक वारिस अपने गुरू के अधीन रहता था जिसे उसके पिता ने नियुक्त किया था. इस उम्र तक एक बच्चे के साथ एक दास की तरफ बर्ताव किया जाता था. सामान्यत: चौदह साल की उम्र तक वारिस एक मुक्त एजेंट बन जाता है. पौलुस समझाते हैं कि जब परमेश्वर के लोग मूसा की व्यवस्था के अधीन थे, यह एक गुरू के अधीन रहने जैसा था. ' वैसे ही हम भी, जब बालक थे, तो संसार की आदि शिक्षा के वश में होकर दास बने हुए थे' (व.3).
लेकिन अब यीशु मसीह ने आपको आजाद किया है: 'ताकि व्यवस्था के अधीनों को मोल लेकर छुड़ा ले, और हम को लेपालक होने का पद मिले। और तुम जो पुत्र हो, इसलिये परमेश्वर ने अपने पुत्र की आत्मा को, जो हे अब्बा, हे पिता कह कर पुकारता है, हमारे हृदय में भेजा है। इसलिये तू अब दास नहीं, परन्तु पुत्र है; और जब पुत्र हुआ, तो परमेश्वर के द्वारा वारिस भी हुआ' (वव.5-7).
परमेश्वर की संतान होने का संपूर्ण अधिकार पाना कितना अद्भुत है और यह कि परमेश्वर ने आप के अन्दर रहने के लिए यीशु की आत्मा भेजी है. इसके परिणामस्वरूप, आप परमेश्वर को उतनी ही घनिष्ठता से संबोधित कर सकते हैं, जिस तरह से यीशु उन्हें संबोधित करते हैं.
आगे पौलुस गलातियों को प्रभु से दूर न होने की चेतावनी देते हैं, जैसे कि वे अब भी व्यवस्था के अधीन हैं. ' भला, तब तो तुम परमेश्वर को न जानकर उनके दास थे जो स्वभाव से परमेश्वर नहीं' (व.8). ' पर अब जो तुम ने परमेश्वर को पहचान लिया वरन परमेश्वर ने तुम को पहचाना' (व.9). उन्हें जानने की अपेक्षा, परमेश्वर ने आपको पहचाना है, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है. लेकिन, अवश्य ही, परमेश्वर के साथ संबंध में रहने का अर्थ है दोनों सही हैं.
वह उन्हें जोर देकर कहते हैं कि उन्हें कर्मकांड में नहीं पड़ना चाहिये (वव.10-11). झूठे गुरू उन्हें बहकानें की कोशिश कर रहे थे.
पौलुस उनसे विनती करते हैं. वह उन लोगों को उनके पहले प्रेम की याद दिलाते हैं जब पौलुस ने उन लोगों को पहली बार सुसमाचार सुनाया था. 'तुम ने मुझे परमेश्वर के दूत वरन मसीह के समान ग्रहण किया' (व.14). जब वह उन लोगों के पास आए थे तब वह बीमार थे. यह एक दृश्य स्थिति भी हो सकती है, क्योंकि उन्होंने कहा कि, ' तुम अपनी आंखें भी निकाल कर मुझे दे देते' (व.15). उन लोगों ने उनसे इतना प्रेम किया था.
अब झूठे गुरू उन लोगों को उनसे अलग करना चाहते थे (व.17), लेकिन उन लोगों के लिए पौलुस का प्रेम वैसा ही बना रहा: ' हे मेरे बालकों, जब तक तुम में मसीह का रूप न बन जाए, तब तक मैं तुम्हारे लिये फिर जच्चा की सी पीड़ाएं सहता हूँ' (व.19).
जब आप अपने प्रति परमेश्वर के प्रेम को जान जाते हैं – जैसे कि एक बच्चे के लिए माता-पिता का होता है – और जब उनका आत्मा आपके अंदर रहने लगता है, तो वह आपको दूसरों के प्रति प्रेम देते हैं, जो कि फिर से एक बच्चे से प्रेम करने वाले माता-पिता के समान हैं. पौलुस का ऐसा ही प्रेम गलातियों के प्रति था.
कभी-कभी हम समझ नहीं पाते कि जो हम चाहते हैं वह सबसे अच्छी चीज हो सकती है. ' इच्छा तो यह होती है, कि अब तुम्हारे पास आकर और ही प्रकार से बोलूं, क्योंकि तुम्हारे विषय में मुझे सन्देह है' (व.20). यदि पौलुस ने अपना तरीका अपनाया होता, तो गलातियों को पत्री कभी नहीं लिखी जाती. यह ऐसा था कि, उन्हें जबर्दस्ती कुछ ऐसा नहीं करने दिया गया जैसा कि वह चाहते थे और इसके परिणाम स्वरूप लाखों लोगों का जीवन बदला और आशीषित हुआ.
प्रार्थना
प्रभु, आपको धन्यवाद कि आपने पवित्र आत्मा के द्वारा अपना प्रेम मेरे हृदय में उंडेला है. पौलुस की तरह मेरी भी मदद कीजिये, ताकि मैं दूसरों से उसी तरह प्रेम करूँ, और करूणा से उनकी देखभाल करूँ, चाहें इसमें पीड़ा ही क्यों न हो, जब तक उन में मसीह का रूप नहीं बन जाता.
यशायाह 43:1-44:23
परमेश्वर सदा अपने लोगों के साथ रहता है
43याकूब, तुझको यहोवा ने बनाया था! इस्राएल, तेरी रचना यहोवा ने की थी और अब यहोवा का कहना है: “भयभीत मत हो! मैंने तुझे बचा लिया है। मैंने तुझे नाम दिया है। तू मेरा है। 2 जब तुझ पर विपत्तियाँ पड़ती हैं, मैं तेरे साथ रहता हूँ। जब तू नदी पार करेगा, तू बहेगा नहीं। तू जब आग से होकर गुज़रेगा, तो तू जलेगा नहीं। लपटें तुझे हानि नहीं पहुँचायेंगी। 3 क्यों क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर यहोवा हूँ। मैं इस्राएल का पवित्र तेरा उद्धारकर्ता हूँ। तेरी बदले में मैंने मिस्र को दे कर तुझे आज़ाद कराया है। मैंने कूश और सबा को तुझे अपना बनाने को दे डाला है। 4 तू मेरे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण है। इसलिये मैं तेरा आदर करूँगा। मैं तुझे प्रेम करता हूँ, ताकि तू जी सके, और मेरा हो सके। इसके लिए मैं सभी मनुष्यों और जातियों को बदले में दे दूँगा।”
परमेश्वर अपनी संतानों को घर लायेगा
5 “इसलिये डर मत! मैं तेरे साथ हूँ। तेरे बच्चों को इकट्ठा करके मैं उन्हें तेरे पास लाऊँगा। मैं तेरे लोगों को पूर्व और पश्चिम से इकट्ठा करूँगा। 6 मैं उत्तर से कहूँगा: मेरे बच्चे मुझे लौटा दे।” मैं दक्षिण से कहूँगा: “मेरे लोगों को बंदी बना कर मत रख। दूर—दूर से मेरे पुत्र और पुत्रियों को मेरे पास ले आ! 7 उन सभी लोगों को, जो मेरे हैं, मेरे पास ले आ अर्थात् उन लोगों को जो मेरा नाम लेते हैं। मैंने उन लोगों को स्वयं अपने लिये बनाया है। उनकी रचना मैंने की है और वे मेरे हैं।”
8 “ऐसे लोगों को जिनकी आँखे तो हैं किन्तु फिर भी वे अन्धे हैं, उन्हें निकाल लाओ। ऐसे लोगों को जो कानों के होते हुए भी बहरे हैं, उन्हें निकाल लाओ। 9 सभी लोगों और सभी राष्ट्रों को एक साथ इकट्ठा करो। यदि किसी भी मिथ्या देवता ने कभी इन बातों के बारे में कुछ कहा है और भूतकाल में यह बताया था कि आगे क्या कुछ होगा तो उन्हें अपने गवाह लाने दो और उन (मिथ्या देवताओं) को प्रमाणित सिद्ध करने दो। उन्हें सत्य बताने दो और उन्हें सुनो।”
10 यहोवा कहता है, “तुम ही लोग तो मेरे साक्षी हो। तू मेरा वह सेवक है जिसे मैंने चुना है। मैंने तुझे इसलिए चुना है ताकि तू समझ ले कि ‘वह मैं ही हूँ’ और मुझ में विश्वास करे। मैं सच्चा परमेश्वर हूँ। मुझसे पहले कोई परमेश्वर नहीं था और मेरे बाद भी कोई परमेश्वर नहीं होगा। 11 मैं स्वयं ही यहोवा हूँ। मेरे अतिरिक्त और कोई दूसरा उद्धारकर्ता नहीं है, बस केवल मैं ही हूँ। 12 वह मैं ही हूँ जिसने तुझसे बात की थी। तुझे मैंने बचाया है। वे बातें तुझे मैंने बतायी थीं। जो तेरे साथ था, वह कोई अनजाना देवता नहीं था। तू मेरा साक्षी है और मैं परमेश्वर हूँ।” (ये बातें स्वयं यहोवा ने कही थीं) 13 “मैं तो सदा से ही परमेश्वर रहा हूँ। जब मैं कुछ करता हूँ तो मेरे किये को कोई भी व्यक्ति नहीं बदल सकता और मेरी शक्ति से कोई भी व्यक्ति किसी को बचा नहीं सकता।”
14 इस्राएल का पवित्र यहोवा तुझे छुड़ाता है। यहोवा कहता है, “मैं तेरे लिये बाबुल में सेनाएँ भेजूँगा। सभी ताले लगे दरवाजों को मैं तोड़ दूँगा। कसदियों के विजय के नारे दु:खभरी चीखों में बदल जाएँगे। 15 मैं तेरा पवित्र यहोवा हूँ। इस्राएल को मैंने रचा है। मैं तेरा राजा हूँ।”
यहोवा फिर अपने लोगों की रक्षा करेगा
16 यहोवा सागर में राहें बनायेगा। यहाँ तक कि पछाड़ें खाते हुए पानी के बीच भी वह अपने लोगों के लिए राह बनायेगा। यहोवा कहता है, 17 “वे लोग जो अपने रथों, घोड़ों और सेनाओं को लेकर मुझसे युद्ध करेंगे, पराजित हो जायेंगे। वे फिर कभी नहीं उठ पायेंगे। वे नष्ट हो जायेंगे। वे दीये की लौ की तरह बुझ जायेंगे। 18 सो उन बातों को याद मत करो जो प्रारम्भ में घटी थीं। उन बातों को मत सोचो जो कभी बहुत पहले घटी थीं। 19 क्यों क्योंकि मैं नयी बातें करने वाला हूँ! अब एक नये वृक्ष के समान तुम्हारा विकास होगा। तुम जानते हो कि यह सत्य है। मैं मरूभूमि में सचमुच एक मार्ग बनाऊँगा। मैं सचमुच सूखी धरती पर नदियाँ बहा दूँगा। 20 यहाँ तक कि बनैले पशु और उल्लू भी मेरा आदर करेंगे। विशालकाय पशु और पक्षी मेरा आदर करेंगे। जब मरूभूमि में मैं पानी रख दूँगा तो वे मेरा आदर करेंगे। सूखी धरती में जब मैं नदियों की रचना कर दूँगा तो वे मेरा आदर करेंगे। मैं ऐसा अपने लोगों को पानी देने के लिये करूँगा। उन लोगों को जिन्हें मैंने चुना है। 21 यें वे लोग हैं जिन्हें मैंने बनाया है और ये लोग मेरी प्रशंसा के गीत गाया करेंगे।
22 “याकूब, तूने मुझे नहीं पुकारा। क्यों क्योंकि हे इस्राएल, तेरा मन मुझसे भर गया था। 23 तुम लोग भेड़ की अपनी बलियाँ मेरे पास नहीं लाये। तुमने मेरा मान नहीं रखा। तुमने मुझे बलियाँ नहीं अर्पित कीं। मुझे अन्न बलियाँ अर्पित करने के लिए मैं तुम पर ज़ोर नहीं डालता। तुम मेरे लिए धूप जलाते—जलाते थक जाओ, इसके लिए मैं तुम पर दबाव नहीं डालता। 24 तुम अपनी बलियों की चर्बी से मुझे तृप्त नहीं करते मुझे आदर देने के लिये वस्तुएँ मोल लेने के लिए अपने धन का उपयोग नहीं करते। अपनी बलियों की चर्बी से मुझे तृप्त नहीं करते। किन्तु तुम मुझ पर दबाव डालते हो कि मैं तुम्हारे दास का सा आचरण करूँ। तुम तब तक पाप करते चले गये जब तक मैं तुम्हारे पापों से पूरी तरह तंग नहीं आ गया।
25 “मैं वही हूँ जो तुम्हारे पापों को धो डालता हूँ। स्वयं अपनी प्रसन्नता के लिये ही मैं ऐसा करता हूँ। मैं तुम्हारे पापों को याद नहीं रखूँगा। 26 मेरे विरोध में तुम्हारें जो आक्षेप हैं, उन्हें लाओ, आओ, हम दोनों न्यायालय को चलें। तुमने जो कुछ किया है, वह तुम्हें बताना चाहिये और दिखाना चाहिये कि तुम उचित हो। 27 तुम्हारे आदि पिता ने पाप किया था और तुम्हारे हिमायतियों ने मेरे विरूद्ध काम किये थे। 28 मैंने तुम्हारे पवित्र शासकों को अपवित्र बना दिया। मैंने याकूब के लोगों को अभिशप्त बनाया। मैंने इस्राएल का अपमान कराया।”
केवल यहोवा ही परमेश्वर है
44“याकूब, तू मेरा सेवक है। इस्राएल, मेरी बात सुन! मैंने तुझे चुना है। जो कुछ मैं कहता हूँ उस पर ध्यान दे! 2 मैं यहोवा हूँ और मैंने तुझे बनाया है। तू जो कुछ है, तुझे बनाने वाला मैं ही हूँ। जब तू माता की देह में ही था, मैंने तभी से तेरी सहायता की है। मेरे सेवक याकूब! डर मत! यशूरून (इस्राएल) तुझे मैंने चुना है।
3 “प्यासे लोगों के लिये मैं पानी बरसाऊँगा। सूखी धरती पर मैं जलधाराएँ बहाऊँगा। तेरी संतानों में मैं अपनी आत्मा डालूँगा। तेरे परिवार पर वह एक बहती जलधारा के समान होगी। 4 वे संसार के लोगों के बीच फलेंगे—फूलेंगे। वे जलधाराओं के साथ—साथ लगे बढ़ते हुए चिनार के पेड़ों के समान होंगे।
5 “लोगों में कोई कहेगा, ‘मैं यहोवा का हूँ।’ तो दूसरा व्यक्ति ‘याकूब’ का नाम लेगा। कोई व्यक्ति अपने हाथ पर लिखेगा, ‘मैं यहोवा का हूँ’ और दूसरा व्यक्ति ‘इस्राएल’ नाम का उपयोग करेगा।”
6 यहोवा इस्राएल का राजा है। सर्वशक्तिमान यहोवा इस्राएल की रक्षा करता है। यहोवा कहता है, “परमेश्वर केवल मैं ही हूँ। अन्य कोई परमेश्वर नहीं है। मैं ही आदि हँ। मैं ही अंत हूँ। 7 मेरे जैसा परमेश्वर कोई दूसरा नहीं है और यदि कोई है तो उसे अब बोलना चाहिये। उसको आगे आ कर कोई प्रमाण देना चाहिये कि वह मेरे जैसा है। भविष्य में क्या कुछ होने वाला है उसे बहुत पहले ही किसने बता दिया था तो वे हमें अब बता दें कि आगे क्या होगा?
8 “डरो मत, चिंता मत करो! जो कुछ घटने वाला है, वह मैंने तुम्हें सदा ही बताया है। तुम लोग मेरे साक्षी हो। कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है। केवल मैं ही हूँ। कोई अन्य ‘शरणस्थान’ नहीं है। मैं जानता हूँ केवल मैं ही हूँ।”
झूठे देवता बेकार हैं
9 कुछ लोग मूर्ति (झूठे देवता) बनाया करते हैं। किन्तु वे बेकार हैं। लोग उन बुतों से प्रेम करते हैं किन्तु वे बुत बेकार हैं। वे लोग उन बुतों के साक्षी हैं किन्तु वे देख नहीं पाते। वे कुछ नहीं जानते। वे लज्जित होंगे।
10 इन झूठे देवताओं को कोई क्यों गढ़ेगा इन बेकार के बुतों को कोई क्यों ढ़ालेगा 11 उन देवताओं को कारीगरों ने गढ़ा है और वे कारीगर तो मात्र मनुष्य हैं, न कि देवता। यदि वे सभी लोग एकजुट हो पंक्ति में आयें और इन बातों पर विचार विनिमय करें तो वे सभी लज्जित होंगे और डर जायेंगे।
12 कोई एक कारीगर कोयलों पर लोहे को तपाने के लिए अपने औजारों का उपयोग करता है। यह व्यक्ति धातु को पीटने के लिए अपना हथौड़ा काम में लाता है। इसके लिए वह अपनी भुजाओं की शक्ति का प्रयोग करता है। किन्तु उसी व्यक्ति को जब भूख लगती है, उसकी शक्ति जाती रहती है। वही व्यक्ति यदि पानी न पिये तो कमज़ोर हो जाता है।
13 दूसरा व्यक्ति अपने रेखा पटकने के सूत का उपयोग करता है। वह तख्ते पर रेखा खींचने के लिए परकार को काम में लाता है। यह रेखा उसे बताती है कि वह कहाँ से काटे। फिर वह व्यक्ति निहानी का प्रयोग करता है और लकड़ी में मूर्तियों को उभारता है। वह मूर्तियों को नापने के लिए अपने नपाई के यन्त्र का प्रयोग करता है और इस तरह वह कारीगर लकड़ी को ठीक व्यक्ति का रूप दे देता है और फिर व्यक्ति का सा यह मूर्ति मठ में बैठा दिया जाता है।
14 कोई व्यक्ति देवदार, सनोवर, अथवा बांज के वृक्ष को काट गिराता है। (किन्तु वह व्यक्ति उन पेड़ों को उगाता नहीं। ये पेड़ वन में स्वयं अपने आप उगते हैं। यदि कोई व्यक्ति चीड़ का पेड़ उगाये तो उसकी बढ़वार वर्षा करती है।)
15 फिर वह मनुष्य उस पेड़ को अपने जलाने के काम में लाता है। वह मनुष्य उस पेड़ को काट कर लकड़ी की मुढ्ढियाँ बनाता है और उन्हें खाना बनाने और खुद को गरमाने के काम में लाता है। व्यक्ति थोड़ी सी लकड़ी की आग सुलगा कर अपनी रोटियाँ सेंकता है। किन्तु तो भी मनुष्य उसी लकड़ी से देवता की मूर्ति बनाता है और फिर उस देवता की पूजा करने लगता है। यह देवता तो एक मूर्ति है जिसे उस व्यक्ति ने बनाया है! किन्तु वही मनुष्य उस मूर्ति के आगे अपना माथा नवाता है! 16 वही मनुष्य आधी लकड़ी को आग में जला देता है और उस आग पर माँस पका कर भर पेट खाता है और फिर अपने आप को गरमाने के लिए मनुष्य उसी लकड़ी को जलाता है और फिर वही कहता है, “बहुत अच्छे! अब मैं गरम हूँ और इस आग की लपटों को देख सकता हूँ।” 17 किन्तु थोड़ी बहुत लकड़ी बच जाती है। सो उस लकड़ी से व्यक्ति एक मूर्ति बना लेता है और उसे अपना देवता कहने लगता है। वह उस देवता के आगे माथा नवाता है और उसकी पूजा करता है। वह उस देवता से प्रार्थना करते हुए कहता है, “तू मेरा देवता है, मेरी रक्षा कर!”
18 ये लोग यह नहीं जानते कि यें क्या कर रहे हैं ये लोग समझते ही नहीं। ऐसा है जैसे इनकी आँखें बंद हो और ये कुछ देख ही न पाते हों। इनका मन समझने का जतन ही नहीं करता। 19 इन वस्तुओं के बारे में ये लोग कुछ सोचते ही नहीं है। ये लोग नासमझ हैं। इसलिए इन लोगों ने अपने मन में कभी नहीं सोचा: “आधी लकड़ियाँ मैंने आग में जला डालीं। दहकते कोयलों का प्रयोग मैंने रोटी सेंकने और माँस पकाने में किया। फिर मैंने माँस खाया और बची हुई लकड़ी का प्रयोग मैंने इस भ्रष्ट वस्तु (मूर्ति) को बनाने में किया। अरे, मैं तो एक लकड़ी के टुकड़े की पूजा कर रहा हूँ!”
20 यह तो बस उस राख को खाने जैसा ही है। वह व्यक्ति यह नहीं जानता कि वह क्या कर रहा है वह भ्रम में पड़ा हुआ है। इसीलिए उसका मन उसे गलत राह पर ले जाता है। वह व्यक्ति अपना बचाव नहीं कर पाता है और वह यह देख भी नहीं पाता है कि वह गलत काम कर रहा है। वह व्यक्ति नहीं कहेगा, “यह मूर्ति जिसे मैं थामे हूँ एक झूठा देवता है।”
सच्चा परमेश्वर यहोवा इस्राएल का सहायक है
21 “हे याकूब, ये बातें याद रख!
इस्राएल, याद रख कि तू मेरा सेवक है।
मैंने तुझे बनाया।
तू मेरा सेवक है।
इसलिए इस्राएल, मैं तुझको नहीं भूलाऊँगा।
22 तेरे पाप एक बड़े बादल जैसे थे।
किन्तु मैंने तेरे पापों को उड़ा दिया।
तेरे पाप बादल के समान वायु में विलीन हो गये।
मैंने तुझे बचाया और तेरी रक्षा की।
इसलिए मेरे पास लौट आ!”
23 आकाश प्रसन्न है, क्योंकि यहोवा ने महान काम किये।
धरती और यहाँ तक कि धरती के नीचे बहुत गहरे स्थान भी प्रसन्न हैं!
पर्वत परमेश्वर को धन्यवाद देते हुए गाओ।
वन के सभी वृक्ष, तुम भी खुशी गाओ!
क्यों क्योंकि यहोवा ने याकूब को बचा लिया है।
यहोवा ने इस्राएल के लिये महान कार्य किये हैं।
समीक्षा
अन्य चीजों से ज्यादा मूल्यवान
हम सभी को कष्टों, परीक्षाओं और लालसाओं से गुजरना पड़ता है. हमें 'आग' और 'पानी' में से होकर गुजरना पड़ेगा. ऐसा समय भी आएगा जब आप चट्टान और कठिन स्थान के बीच होंगे. ये कठिन समय हैं. कभी-कभी हम हार मान जाते हैं. हम समझ नहीं पाते कि क्या हो रहा है.
परमेश्वर कहते हैं, 'मत डर..... तू मेरा ही है. जब तू जल में होकर जाए, मैं तेरे संग संग रहूंगा और तब वे तुझे डुबो न सकेंगी' (वव.1-2).
परमेश्वर हमें आकार दे रहे हैं (44,21). जैसे खुरदुरी सतह को चिकना बनाने के लिए सैंड पेपर का इस्तेमाल किया जाता है उसी तरह वह अक्सर कठिन परिस्थितियों और चुनौतियों का उपयोग करते हैं. वह हमारे चरित्र को मजबूत बनाने के लिए, हमें बदलने के लिए और अपने जीवन में उनके उद्देश्य में हमें आगे बढ़ाने के लिए वह इनका उपयोग करते हैं.
आप उनकी नजर में बहुमूल्य और आदरणीय हैं, क्योंकि वह आपसे प्रेम करते हैं (व.4). क्या आपने महसूस किया है कि आप परमेश्वर के लिए कितने कीमती हैं? आप उतने ही योग्य हैं जितना आप परमेश्वर के लिए योग्य हैं, और उन्होंने आपके लिए भारी कीमत अदा की है. यीशु आपके लिए मरे.
जीवन की सभी परेशानियों और संघर्षों में, परमेश्वर के पास आपके भविष्य के लिए एक अच्छी योजना है. वह कहते हैं, ' देखो, मैं एक नई बात करता हूँ; मैं जंगल में एक मार्ग बनाऊंगा और निर्जल देश में नदियां बहाऊंगा' (व.19). यदि इस वक्त आप 'मरूस्थल' में या 'बुरे स्थान' में हैं, तो परमेश्वर पर भरोसा रखिये कि आपके भविष्य के लिए परमेश्वर के पास एक अच्छी योजना है.
परमेश्वर का प्रेम और उनकी क्षमा अद्भुत है. बाद में इस लेखांश में परमेश्वर कहते हैं कि, ' मैं वही हूँ जो अपने नाम के निमित्त तेरे अपराधों को मिटा देता हूँ और तेरे पापों को स्मरण नहीं करता हूँ' (व.25). हम जानते हैं कि यीशु के द्वारा क्या संभव हुआ है और उन्होंने हमारे लिए क्या किया है. आगे यशायाह हमें मूर्ती पूजा करने की मूर्खता के प्रति चेतावनी देते हैं (देखें 44:6-23). जब हम परमेश्वर के अलावा, जिन्होंने हमें रचा है, किसी और चीज या किसी और की उपासाना करते हैं तो हम झूठ की उपासना करते हैं. हम 'सृष्टिकर्ता के बजाय बनायी हुई चीजों की उपासना करते हैं' (रोमियों 1:25).
परमेश्वर इस्रालियों को जोर देकर कहते हैं कि वे उनकी तरफ फिरें. वह कहते हैं, ' मैं ने तेरे अपराधों को काली घटा के समान और तेरे पापों को बादल के समान मिटा दिया है; मेरी ओर फिर लौट आ, क्योंकि मैं ने तुझे छुड़ा लिया है' (यशायाह 44:22).
प्रार्थना
प्रभु, मेरे प्रति आपके अद्भुत प्रेम और आपकी असाधारण करूणा के लिए आपको धन्यवाद, आपने मेरे लिए भारी कीमत चुकायी है. आपको धन्यवाद कि मैं आपकी नजर में बहुमूल्य और आदरणीय हूँ. मेरी मदद कीजिये कि मैं सभी चुनौतियों और परेशानियों में आप पर भरोसा बनाए रखूँ कि मेरे लिए आपकी एक अच्छी योजना है.
पिप्पा भी कहते है
यशायाह 43:1-5अ
जब आप या आपके कोई प्रियजन किसी परेशानी का सामना कर रहे हैं या वे सच में चिंतित हैं, तो ये बहुत ही अद्भुत वचन हैं और बहुत ही प्रोत्साहन देने वाले हैं. परमेश्वर शायद इसे दूर नहीं करें लेकिन उन्होंने वायदा किया है कि जब आप इसमें से गुजरें, तो वह आपके संग रहेंगे, आपके साथ चलेंगे, आपकी रक्षा करेंगे.
App
Download The Bible with Nicky and Pippa Gumbel app for iOS or Android devices and read along each day.
Sign up now to receive The Bible with Nicky and Pippa Gumbel in your inbox each morning. You’ll get one email each day.
Podcast
Subscribe and listen to The Bible with Nicky and Pippa Gumbel delivered to your favourite podcast app everyday.
Website
Start reading today’s devotion right here on the BiOY website.
संदर्भ
एड्रियन प्लास: क्लीनिंग अवे द रबिश, (हार्पर कोलिन्स, 2000)
2011 के लिए नोट्स:
'यह मेरे जीवन का एक काल्पनिक सत्य नजर आ रहा था,' एड्रियान प्लास, द सैक्रिड डायरी ऑफ एड्रियान प्लास ने ऐसा लिखा था जिनकी उम्र 37 ¾ थी। वह आगे लिखते हैं, 'जब मैं सोलह साल का था, तब मैं एक मसीही बना, लेकिन सैंतीस साल की उम्र तक मैं आवश्यक सत्य को ग्रहण करते रहा. परमेश्वर अच्छे हैं और वह मुझे चाहते हैं.'
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।