दिन 263

आखिकार मुक्त

बुद्धि भजन संहिता 108:6-13
नए करार गलातियों 4:21-5:6
जूना करार यशायाह 44:24-46:13

परिचय

एक वकील या एक राजनैतिज्ञ बनने में उनकी सहायता करने वाला कोई नहीं था। वह सेना में रूचि नहीं रखते थे। वह एक डॉक्टर नहीं बनना चाहते थे। इसलिए, ऐसे व्यक्ति के लिए एकमात्र कैरिअर का अवसर था इंग्लैंड के चर्च में एक पादरी बनना।

संपूर्ण नियम का पालन करने के द्वारा उन्होंने अपने आपको परमेश्वर को स्वीकार योग्य बनाने की कोशिश की, अंदर से और बाहर से। वह सुबह जल्दी उठते थे। वह प्रार्थना करते थे। उन्होंने अपने आपको नकार दिया। बढ़े हुए प्रयास के द्वारा उन्होंने क्षमा और शांति पाने की कोशिश की। किंतु वह ’एक भारी जुएँ में जुत गए थे।“

24मई 1738 को, सुबह 8:45 बजे उन्होंने किसी को महान सुधारक, मार्टिन लुथर की पुस्तक पढ़ते हुए सुना। बाद में उन्हें याद आया,’जब वह उस बदलाव का वर्णन कर रहे थे जो परमेश्वर मसीह में विश्वास के द्वारा हृदय में लाते हैं, मैंने अपने हृदय में गरमाहट को महसूस किया। मैंने महसूस किया कि मैं मसीह में विश्वास करता था, उद्धार के लिए केवल मसीह पर; और मुझे एक आश्वासन दिया गया कि उन्होंने मेरे पापों को ले लिया है, यहाँ तक कि मेरे, और मुझे पाप और मृत्यु के नियम से बचा लिया है।“

जॉन वेसली एक महान प्रचारक बन गए, 40000 से अधिक उपदेश देते हुए, जो कि यीशु मसीह में विश्वास के द्वारा स्वतंत्रता पर आधारित था। जैसा कि उन्होंने बताया,’एक दास के विश्वास को बदलकर, एक पुत्र के विश्वास को ले लिया था।“ आखिरकार वह मुक्त हो गए।

’स्वतंत्रता“ एक शब्द है जो मसीह जीवन को सर्वश्रेष्ठ रीति से बताती है।

बुद्धि

भजन संहिता 108:6-13

6 हे परमेश्वर, निज प्रियों को बचाने ऐसा कर मेरी विनती का उत्तर दे,
और हमको बचाने को निज महाशक्ति का प्रयोग कर।

7 यहोवा अपने मन्दिर से बोला और उसने कहा,
“मैं युद्ध जीतूँगा।
मैं अपने भक्तों को शोकेम प्रदान करूँगा।
मैं उनको सुक्कोत की घाटी दूँगा।
8 गिलाद और मनश्शे मेरे हो जायेंगे।
एप्रैम मेरा शिरबाण होगा
और यहूदा मेरा राजदण्ड बनेगा।
9 मोआब मेरा चरण धोने का पात्र बनेगा।
एदोम वह दास होगा जो मेरा पादूका लेकर चलेगा,
मैं पलिश्तियों को पराजित करके विजय का जयघोष करूँगा।”

10-11 मुझे शत्रु के दुर्ग में कौन ले जायेगा
एदोम को हराने कौन मेरी सहायता करेगा
हे परमेश्वर, क्या यह सत्य है कि तूने हमें बिसारा है
और तू हमारी सेना के साथ नहीं चलेगा!
12 हे परमेश्वर, कृपा कर, हमारे शत्रु को हराने में हमको सहायता दे!
मनुष्य तो हमको सहारा नहीं दे सकते।
13 बस केवल परमेश्वर हमको सुदृढ़ कर सकता है।
बस केवल परमेश्वर हमारे शत्रुओं को पराजित कर सकता है!

समीक्षा

1. स्वतंत्रता के लिए पुकारिये

दाऊद जानते थे कि परमेश्वर उनसे प्रेम करते थे, और उन्होंने प्रार्थना की कि परमेश्वर उन्हें बचाएँगे और उनकी सहायता करेंगे। ’ इसलिये कि तेरे प्रिय छुड़ाए जाएँ, तू अपने दाहिने हाथ से बचा ले और हमारी विनती सुन ले“ (व.6)। बचाए जाने का अर्थ है मुक्त किया जाना।

यदि आप अपने जीवन में कुछ कठिन चुनौती का सामना कर रहे हैं, तो दाऊद की तरह प्रार्थना कीजिएः

’ शत्रुओं के विरुध्द हमारी सहायता करिए, क्योंकि मनुष्य का किया हुआ छुटकारा व्यर्थ है! परमेश्वर की सहायता से हम वीरता दिखाएँगे“ (वव.12-13अ, एम.एस.जी)।

प्रार्थना

परमेश्वर, आपका धन्यवाद कि आप मुझसे प्रेम करते हैं, मेरी सहायता कीजिए और मुझे मुक्त कीजिए। परमेश्वर, आज मैं आपकी सहायता के लिए प्रार्थना करता हूं...

नए करार

गलातियों 4:21-5:6

सारा और हाजिरा का उदाहरण

21 व्यवस्था के विधान के अधीन रहना चाहने वालों से मैं पूछना चाहता हूँ: क्या तुमने व्यवस्था के विधान का यह कहना नहीं सुना। 22 कि इब्राहीम के दो पुत्र थे। एक का जन्म एक दासी से हुआ था और दूसरे का एक स्वतन्त्र स्त्री से। 23 दासी से पैदा हुआ पुत्र प्राकृतिक परिस्थितियों में जन्मा था किन्तु स्वतन्त्र स्त्री से जो पुत्र उत्पन्न हुआ था, वह परमेश्वर के द्वारा की गयी प्रतिज्ञा का परिणाम था।

24 इन बातों का प्रतीकात्मक अर्थ है: ये दो स्त्रियाँ, दो वाचओं का प्रतीक हैं। एक वाचा सिनै पर्वत से प्राप्त हुआ था जिसने उन लोगों को जन्म दिया जो दासता के लिये थे। यह वाचा हाजिरा से सम्बन्धित है। 25 हाजिरा अरब में स्थित सिनै पर्वत का प्रतीक है, वह वर्तमान यरूशलेम की ओर संकेत करती है क्योंकि वह अपने बच्चों के साथ दासता भुगत रही है। 26 किन्तु स्वर्ग में स्थित यरूशलेम स्वतन्त्र है। और वही हमारी माता है। 27 शास्त्र कहता है:

“बाँझ! आनन्द मना,
तूने किसी को न जना;
हर्ष नाद कर, तुझ को प्रसव वेदना न हुई,
और हँसी-खुशी में खिलखिला।
क्योंकि परित्यक्ता की अनगिनत
संतानें हैं उसकी उतनी नहीं है जो पतिवंती है।”

28 इसलिए भाईयों, अब तुम इसहाक की जैसी परमेश्वर के वचन की संतान हो। 29 किन्तु जैसे उस समय प्राकृतिक परिस्थितियों के अधीन पैदा हुआ आत्मा की शक्ति से उत्पन्न हुए को सताता था, वैसी ही स्थिति आज है। 30 किन्तु देखो, पवित्र शास्त्र क्या कहता है? “इस दासी और इसके पुत्र को निकाल कर बाहर करो क्योंकि यह दासी पुत्र तो स्वतन्त्र स्त्री के पुत्र के साथ उत्तराधिकारी नहीं होगा।” 31 इसीलिए हे भाईयों, हम उस दासी की संतान नहीं हैं, बल्कि हम तो स्वतन्त्र स्त्री की संताने हैं।

स्वतन्त्र बने रहो

5मसीह ने हमें स्वतन्त्र किया है, ताकि हम स्वतन्त्रता का आनन्द ले सकें। इसलिए अपने विश्वास को दृढ़ बनाये रखो और फिर से व्यवस्था के विधान के जुए का बोझ मत उठाओ। 2 सुनो! स्वयं मैं, पौलुस तुमसे कह रहा हूँ कि यदि ख़तना करा कर तुम फिर से व्यवस्था के विधान की ओर लौटते हो तो तुम्हारे लिये मसीह का कोई महत्त्व नहीं रहेगा। 3 अपना ख़तना कराने देने वाले प्रत्येक व्यक्ति को, मैं एक बार फिर से जताये देता हूँ कि उसे समूचे व्यवस्था के विधान पर चलना अनिवार्य है। 4 तुममें से जितने भी लोग व्यवस्था के पालन के कारण धर्मी के रूप में स्वीकृत होना चाहते हैं, वे सभी मसीह से दूर हो गये हैं और परमेश्वर के अनुग्रह के क्षेत्र से बाहर हैं। 5 किन्तु हम विश्वास के द्वारा परमेश्वर के सामने धर्मी स्वीकार किये जाने की आशा रखते हैं। आत्मा की सहायता से हम इसकी बाट जोह रहे हैं। 6 क्योंकि मसीह यीशु में स्थिति के लिये न तो ख़तना कराने का कोई महत्त्व है और न ख़तना नहीं कराने का बल्कि उसमें तो प्रेम से पैदा होने वाले विश्वास का ही महत्त्व है।

समीक्षा

2. स्वतंत्रता का एक जीवन जीओ

हमारी संस्कृति में, अक्सर स्वतंत्रता को समझा जाता है, वह कर पाना जो आप करना चाहते हैं, कैसे आप करना चाहते हैं, कब आप करना चाहते हैं। लेकिन जब आप इस तरह से जीते हैं, तब आप आवश्यक रूप से स्वतंत्र महसूस नहीं करते हैं।

आज के लेखांश में पौलुस की शिक्षा के अनुसार, स्वतंत्रता यीशु मसीह के द्वारा आती है। उनका संदेश है कि आप ’मुक्त जन्में“ नहीं हैं लेकिन मुक्त होने के लिए, आपको अवश्य ही ’नया जन्मा“ होना चाहिए। सच्ची स्वतंत्रता मसीह में विश्वास के एक जीवन में पायी जाती है।

स्वतंत्रता के बहुत से विचार असफल हो जाते हैं क्योंकि वे हमारी कैद के सच्चे स्वभाव को नहीं समझते हैं। लोगों के एक विशेष समूह के जन्मसिद्ध अधिकार के रूप में स्वतंत्रता की इस धारणा ने घातक राष्ट्रीयत्व और जातिवाद को जन्म दिया है। इसने वर्तमान समय की अत्यधिक बुराई को उत्पन्न किया है, जिनमें नाजिस्म और वर्णन शामिल हैं।

फिल्म स्वतंत्रता माँगो, का शीर्षक उस चीज को व्यक्त करता है जिसकी हम सभी लालसा करते हैं। चाहे यह जातिवाद और राजनैतिक स्वतंत्रता हो (जैसा कि इस फिल्म में है), बोलने की स्वतंत्रता, इकट्ठा होने की स्वतंत्रता, आराधना की स्वतंत्रता, विवेक की स्वतंत्रता, या आर्थिक स्वतंत्रता और व्यक्तिगत स्वतंत्रता, संपूर्ण विश्व स्वतंत्रता को पुकारता है।

स्वतंत्रता के ये सभी प्रकार महत्वपूर्ण हैं, लेकिन आप इन सभी को पाकर भी दासत्व में रह सकते हैं। विकल्प, हो सकता है कि आपके पास इनमें से कुछ भी न हो, फिर भी आप स्वतंत्र हो। सुसमाचार में दूसरे प्रकार की स्वंतत्रता का वायदा है, लेकिन इसकी शुरुवात उस स्वतंत्रता से होती है जो बाकी सभी से अधिक महत्वपूर्ण है।

’एक स्वतंत्र जीवन जीने के लिए मसीह ने हमें स्वतंत्र किया है“ (5:1, एम.एस.जी)। आत्मा के द्वारा स्वतंत्रता, विश्वास और प्रेम के एक जीवन को जीने के लिए यीशु हमें स्वतंत्र करते हैं। पौलुस के विरोधी,’यहूदी“, इस तथ्य के विषय में घमंड करते थे कि वे अब्राहम की संतान थे। उनका सामना करने के लिए पौलुस ने प्रतीक कथात्मकता का उपयोग किया। यह ध्यान देना दिलचस्प बात है कि पौलुस पुराने नियम को दोहराने में काफी खुश थे, 4:24

पौलुस ने अपने विरोधियों से कहा कि दो तरीके हैं जिनसे हम जी सकते हैं – बंधन में या स्वतंत्रता में। वह समझाते हैं कि दो वाचाएँ हैं:’तुम घमंड करते हो कि अब्राहम की संतान हो – लेकिन अब्राहम की दो संतान थी – एक दासत्व में और एक स्वतंत्रता में।“ अब्राहम की सच्ची संतान भौतिक नहीं बल्कि आत्मिक है। अब्राहम को अपने पिता के रूप में पाना काफी नहीं। महत्वपूर्ण प्रश्न है,’तुम्हारी माता कौन हैं?“

उन्होंने विवाद किया कि उनके विरोधियों के द्वारा नियम पर जोर देने पर, वे असल में हाजिरा के संतान थे। यह समरूपता पुराने नियम को दर्शाता है, यरूशलेम शहर, इश्माएल, शरीर की संतान, और दासत्व का एक जीवन (व.25)। विश्वास करने से पहले, जॉन वेसली ने इस जीवन का अनुभव किया। यह उदासी और असफलता, उलझन और हार का एक जीवन है।

दूसरी ओर, एक मसीह बनने का अर्थ है ना केवल अब्राहम की संतान हो, लेकिन सारा की भी संतान होना। सारा नये नियम को दर्शाती है, नया यरूशलेम (’यरूशलेम जो कि ऊपर है,“ व.26), इसहाक (वाचा की संतान, व.28) और स्वतंत्रता जो कि मसीह में है। वेसली ने यही अनुभव किया जिस दिन उन्होंने मसीह में भरोसा किया और उद्धार के लिए केवल मसीह में विश्वास किया। उनका हृदय ’विचित्र रूप से गरम“ हो गया। यह शांति, आनंद और स्वतंत्रता का रास्ता है।

पौलुस ने बताया कि ठीक जैसे इश्माएल इसहाक का मजाक उड़ाता था (उत्पत्ति 21:9 देखें), वैसे ही गलाति जो ’आत्मा की सामर्थ से जन्मे“ हैं (गलातियो 4:29) उन्हें आश्चर्य नहीं करना चाहिए ’यहूदियों“ के द्वारा उनका सताव होता है।

इस भाग में उन्होने अपने विवाद को समाप्त किया, यह कहने के द्वारा,’ हम दासी के नहीं परन्तु स्वंतत्र स्त्री की सन्तान हैं“ (व.31)। उन्होंने आगे कहा,’ मसीह ने स्वतंत्रता के लिये हमें स्वतंत्र किया है; अत: इसी में स्थिर रहो, और दासत्व के जुए में फिर से न जुतो“ (5ः1-2)। एक बैल का चित्र है जो भारी रस्सीयों से जोता गया है।

’खतना“ सिद्धांतवादी प्रतीक जो नियम के एक धर्म को बताता था (वव.2-3)। पौलुस ने विवाद किया कि खतने को जोड़ना मसीह को खोने जैसा है। कामों के द्वारा सत्यनिष्ठ ठहरने का प्रयास करना, अनुग्रह से दूर होना है (व.4)।

मसीह जीवन विश्वास का एक जीवन है। हम अपने उद्धार के लिए काम नहीं करते हैं; हम इसकी बाट जोहते हैं (व.5)। जबकि,’ केवल विश्वास, जो प्रेम के द्वारा प्रभाव डालता है“ (व.6ब)।

प्रार्थना

परमेश्वर, मुझे स्वतंत्र करने के लिए आपका धन्यवाद ताकि मैं स्वतंत्रता का एक जीवन जीऊँ। उस स्वतंत्रता के लिए आपका धन्यवाद जो पवित्र आत्मा मेरे जीवन में लाते हैं। आज प्रेम में अपने विश्वास को व्यक्त करने में मेरी सहायता कीजिए।

जूना करार

यशायाह 44:24-46:13

24 जो कुछ भी तू है वह यहोवा ने तुझे बनाया।
यहोवा ने यह किया जब तू अभी माता के गर्भ में ही था।
यहोवा तेरा रखवाला कहता है।
“मैं यहोवा ने सब कुछ बनाया! मैंने ही वहाँ आकाश ताना है, और अपने सामने धरती को बिछाया!”

25 झूठे नबी शगुन दिखाया करते हैं किन्तु यहोवा दर्शाता है कि उनके शगुन झूठे हैं। जो लोग जादू टोना कर के भविष्य बताते हैं, यहोवा उन्हें मूर्ख सिद्ध करेगा। यहोवा तथाकथित बुद्धिमान मनुष्यों तक को भ्रम में डाल देता है। वे सोचते हैं कि वे बहुत कुछ जानते हैं किन्तु यहोवा उन्हें ऐसा बना देता है कि वे मूर्ख दिखाई दें। 26 यहोवा अपने सेवकों को लोगों को सन्देश सुनाने के लिए भेजता है और फिर यहोवा उन सन्देशों को सच कर देता है। यहोवा लोगों को क्या करना चाहिये उन्हें यह बताने के लिए दूत भेजता है और फिर यहोवा दिखा देता है कि उनकी सम्मति अच्छी है।

परमेश्वर कुस्रू को यहूदा के पुन: निर्माण के लिये चुनता है

यहोवा यरूशलेम से कहता है, “लोग तुझ में आकर फिर बसेंगे!”
यहोवा यहूदा के नगरों से कहता है, “तुम्हारा फिर से निर्माण होगा!”
यहोवा ध्वस्त हुए नगरों से कहता है, “मैं तुम नगरों को फिर से उठाऊँगा!”
27 यहोवा गहरे सागर से कहता है, “सूख जा!
मैं तेरी जलधाराओं को सूखा बना दूँगा!”
28 यहोवा कुस्रू से कहता है, “तू मेरा चरवाहा है।
जो मैं चाहता हूँ तू वही काम करेगा।
तू यरूशलेम से कहेगा, ‘तुझको फिर से बनाया जायेगा!’
तू मन्दिर से कहेगा, ‘तेरी नीवों का फिर से निर्माण होगा!’”

परमेश्वर कुस्रू को इस्राएल की मुक्ति के लिये चुनता है

45ये वे बातें हैं जिन्हें यहोवा अपने चुने हुए राजा कुस्रू से कहता है:

“मैं कुस्रू का दाहिना हाथ थामूँगा।
मैं राजाओं की शक्ति छीनने में उसकी सहायता करूँगा।
नगर द्वार कुस्रू को रोक नहीं पायेंगे।
मैं नगर के द्वार खोल दूँगा, और कुस्रू भीतर चला जायेगा।
2 कुस्रू, तेरी सेनाएँ आगे बढ़ेंगी और मैं तेरे आगे चलूँगा।
मैं पर्वतों को समतल कर दूँगा।
मैं काँसे के नगर—द्वारों को तोड़ डालूँगा।
मैं द्वार पर लगी लोहे की आँगल को काट डालूँगा।
3 मैं तुझे अन्धेरे में रखी हुई दौलत दूँगा।
मैं तुझको छिपी हुई सम्पत्ति दूँगा।
मैं ऐसा करूँगा ताकि तुझको पता चल जाये कि मैं इस्राएल का परमेश्वर हूँ, और मैं तुझको तेरे नाम से पुकार रहा हूँ!
4 मैं ये बातें अपने सेवक याकूब के लिये करता हूँ।
मैं ये बातें इस्राएल के अपने चुने हुए लोगों के लिये करता हूँ।
कुस्रू, मैं तुझे नाम से पुकार रहा हूँ।
तू मुझको नहीं जानता है, किन्तु मैं तुझको सम्मान की उपाधि दे रहा हूँ।
5 मैं यहोवा हूँ! मैं ही मात्र एक परमेश्वर हूँ।
मेरे सिवा दूसरा कोई परमेश्वर नहीं है।
मैं तुझे तेरा कमरबन्ध पहनाता हूँ, किन्तु फिर भी तू मुझको नहीं पहचानता है।
6 मैं यह काम करता हूँ ताकि सब लोग जान जायें कि मैं ही मात्र परमेश्वर हूँ।
पूर्व से पश्चिम तक सभी लोग ये जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ और मेरे सिवा दूसरा कोई परमेश्वर नहीं।
7 मैंने प्रकाश को बनाया और मैंने ही अन्धकार को रचा।
मैंने शान्ति को सृजा और विपत्तियाँ भी मैंने ही बनायीं हैं।
मैं यहोवा हूँ।
मैं ही ये सब बातें करता हूँ।

8 “उपर आकाश से पुण्य ऐसे बरसता है जैसे मेघ से वर्षा धरती पर बरसती है!
धरती खुल जाती है और पुण्य कर्म उसके साथ—साथ उग आते हैं जो मुक्ति में फलते फूलते हैं।
मैंने, मुझ यहोवा ने ही यह सब किया है।

परमेश्वर अपनी सृष्टि का नियन्त्रण करता हैं

9 “धिक्कार है इन लोगों को, यें उसी से बहस कर रहे हैं जिसने इन्हें बनाया है। ये किसी टूटे हुए घड़े के ठीकरों के जैसे हैं। कुम्हार नरम गीली मिट्टी से घड़ा बनाता है पर मिट्टी उससे नहीं पूछती ‘अरे, तू क्या कर रहा है?’ वस्तुएँ जो बनायी गयी हैं, वे यह शक्ति नहीं रखतीं कि अपने बनाने वाले से कोई प्रश्न पूछे। ये लोग भी मिट्टी के टूटे घड़े के ठीकरों के जैसे हैं। 10 अरे, एक पिता जब अपने पुत्रों को माता में जन्म दे रहा होता है तो बच्चे उससे यह नहीं पूछ सकते कि, ‘तू हमें जन्म क्यों दे रहा है?’ बच्चे अपनी माँ से यह सवाल नहीं कर सकते हैं कि, ‘तू हमें क्यों पैदा कर रही है?’”

11 परमेश्वर यहोवा इस्राएल का पवित्र है। उसने इस्राएल को बनाया। यहोवा कहता है,

“क्या तू मुझसे मेरे बच्चों के बारे में पूछेगा अथवा तू मुझे आदेश देगा उनके ही बारे में जिस को मैंने अपने हाथों से रचा।
12 सो देख, मैंने धरती बनायी और वे सभी लोग जो इस पर रहते हैं, मेरे बनाये हुए हैं।
मैंने स्वयं अपने हाथों से आकाशों की रचना की, और मैं आकाश के सितारों को आदेश देता हूँ।
13 कुस्रू को मैंने ही उसकी शक्ति दी है ताकि वह भले कार्य करे।
उसके काम को मैं सरल बनाऊँगा।
कुस्रू मेरे नगर को फिर से बनायेगा और मेरे लोगों को वह स्वतन्त्र कर देगा।
कुस्रू मेरे लोगों को मुझे नहीं बेचेगा।
इन कामों को करने के लिये मुझे उसको कोई मोल नहीं चुकाना पड़ेगा।
लोग स्वतन्त्र हो जायेंगे और मेरा कुछ भी मोल नहीं लगेगा।”
सर्वशक्तिमान यहोवा ने ये बातें कहीं।

14 यहोवा कहता है, “मिस्र और कूश ने बहुत वस्तुएँ बनायी थी,
किन्तु हे इस्राएल, तुम वे वस्तुएँ पाओगे।
सेबा के लम्बे लोग तुम्हारे होंगे।
वे अपने गर्दन के चारों ओर जंजीर लिये हुए तुम्हारे पीछे पीछे चलेंगे।
वे लोग तुम्हारे सामने झुकेंगे,
और वे तुमसे विनती करेंगे।”
इस्राएल, परमेश्वर तेरे साथ है,
और उसे छोड़ कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है।

15 हे परमेश्वर, तू वह परमेश्वर है जिसे लोग देख नहीं सकते।
तू ही इस्राएल का उद्धारकर्ता है।
16 बहुत से लोग मिथ्या देवता बनाया करते हैं।
किन्तु वे लोग तो निराश ही होंगे।
वे सभी लोग तो लज्जित हो जायेंगे।
17 किन्तु इस्राएल यहोवा के द्वारा बचा लिया जायेगा।
वह मुक्ति युगों तक बनी रहेगी।
फिर इस्राएल कभी भी लज्जित नहीं होगा।
18 यहोवा ही परमेश्वर है।
उसने आकाश रचे हैं, और उसी ने धरती बनायी है।
यहोवा ही ने धरती को अपने स्थान पर स्थापित किया है।
जब यहोवा ने धरती बनाई उसने ये नहीं चाहा कि धरती खाली रहे।
उसने इसको रचा ताकि इसमें जीवन रहे। मैं यहोवा हूँ।
मेरे सिवा कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है।
19 मैंने अकेले ये बातें नहीं कीं। मैंने मुक्त भाव से कहा है।
संसार के किसी भी अन्धेरे में मैं अपने वचन नहीं छुपाता।
मैंने याकूब के लोगों से नहीं कहा कि वे मुझे विरान स्थानों पर ढूँढे।
मैं परमेश्वर हूँ, और मैं सत्य बोलता हूँ।
मैं वही बातें कहता हूँ जो सत्य हैं।

यहोवा सिद्ध करता है कि वह ही परमेश्वर है

20 “तुम लोग दूसरी जातियों से बच भागे। सो आपस में इकट्ठे हो जाओ और मेरे सामने आओ। (यें लोग अपने साथ मिथ्या देवों के मूर्ति रखते हैं और इन बेकार के देवताओं से प्रार्थना करते हैं। किन्तु यें लोग यह नहीं जानते कि वे क्या कर रहे हैं 21 इन लोगों को मेरे पास आने को कहो। इन लोगों को अपने तर्क पेश करने दो।)

“वे बातें जो बहुत दिनों पहले घटी थीं, उनके बारे में तुम्हें किसने बताया बहुत—बहुत दिनों पहले से ही इन बातों को निरन्तर कौन बताता रहा वह मैं यहोवा ही हूँ जिसने ये बातें बतायी थीं। मैं ही एक मात्र यहोवा हूँ। मेरे अतिरिक्त कोई और परमेश्वर नहीं है क्या ऐसा कोई और है जो अपने लोगों की रक्षा करता है नहीं, ऐसा कोई अन्य परमेश्वर नहीं है! 22 हे हर कहीं के लोगों, तुम्हें इन झूठे देवताओं के पीछे चलना छोड़ देना चाहिये। तुम्हें मेरा अनुसरण करना चाहिये और सुरक्षित हो जाना चाहिये। मैं परमेश्वर हूँ। मुझ से अन्य कोई दूसरा परमेश्वर नहीं है। परमेश्वर केवल मैं ही हूँ।

23 “मैंने स्वयं अपनी शक्ति को साक्षी करके प्रतिज्ञा की है। यह एक उत्तम वचन है। यह एक आदेश है जो पूरा होगा ही। हर व्यक्ति मेरे (परमेश्वर के) आगे झुकेगा और हर व्यक्ति मेरा अनुसरण करने का वचन देगा। 24 लोग कहेंगे, ‘नेकी और शक्ति बस यहोवा से मिलती है।’”

कुछ लोग यहोवा से नाराज़ हैं, किन्तु यहोवा का साक्षी आयेगा और यहोवा ने जो किया है, उसे बतायेगा। इस प्रकार वे नाराज़ लोग निराश होंगे। 25 यहोवा अच्छे काम करने के लिए इस्राएल के लोगों को विजयी बनाएगा और लोग उसकी प्रशंसा करेंगे।

झुठे देव व्यर्थ हैं

46बेल और नबो तेरे आगे झुका दिए गये हैं। झूठे देवता तो बस केवल मूर्ति हैं।

“लोगों ने इन बुतों को जानवरों की पीठों पर लाद दिया है। ये बुत बस एक बोझ हैं, जिन्हें ढोना ही है। ये झूठे देवता कुछ नहीं कर सकते। बस लोगों को थका सकते हैं। 2 इन सभी झूठे देवताओं को झुका दिया जाएगा। ये बच कर कहीं नहीं भाग सकेंगे। उन सभी को बन्दियों की तरह ले जाया जायेगा।

3 “याकूब के परिवार, मेरी सुन! हे इस्राएल के लोगों जो अभी जीवित हो, सुनो! मैं तुम्हें तब से धारण किए हूँ जब अभी तुम माता के गर्भ में ही थे। 4 मैं तुम्हें तब से धारण किए हूँ जब से तुम्हारा जन्म हुआ है और मैं तुम्हें तब भी धारण करूँगा, जब तुम बूढ़े हो जाओगे। तुम्हारे बाल सफेद हो जायेंगे, मैं तब भी तुम्हें धारण किए रहूँगा क्योंकि मैंने तुम्हारी रचना की है। मैं तुम्हें निरन्तर धारण किए रहूँगा और तुम्हारी रक्षा करूँगा।

5 “क्या तुम किसी से भी मेरी तुलना कर सकते हो नहीं! कोई भी व्यक्ति मेरे समान नहीं है। मेरे बारे में तुम हर बात नही समझ सकते। मेरे जैसा तो कुछ है ही नहीं। 6 कुछ लोग सोने और चाँदी से धनवान हैं। सोने चाँदी के लिए उन्होंने अपनी थैलियों के मुँह खोल दिए हैं। वे अपनी तराजुओं से चाँदी तौला करते हैं। ये लोग लकड़ी से झूठे देवता बनाने के लिये कलाकारों को मजदूरी देते हैं और फिर वे लोग उसी झुठे देवता के आगे झुकते हैं और उसकी पूजा करते हैं। 7 वे लोग झूठे देवता को अपने कन्धों पर रख कर ले चलते हैं। वह झूठा देवता तो बेकार है। लोगों को उसे ढोना पड़ता है। लोग उस झूठे देवता को धरती पर स्थापित करते हैं। किन्तु वह झूठा देवता हिल—डुल भी नहीं पाता। वह झूठा देवता अपने स्थान से चल कर कहीं नहीं जाता। लोग उसके सामने चिल्लाते हैं किन्तु वह कभी उत्तर नहीं देगा। वह झूठा देवता तो बस मूर्ति है। वह लोगों को उनके कष्टों से नहीं उबार सकता।

8 “तुम लोगों ने पाप किये हैं। तुम्हें इन बातों को फिर से याद करना चाहिये। इन बातों को याद करो और सुदृढ़ हो जाओ। 9 उन बातों को याद करो जो बहुत पहले घटी थीं। याद रखो कि मैं परमेश्वर हूँ। कोई दूसरा अन्य परमेश्वर नहीं है। वे झूठे देवता मेरे जैसे नहीं हैं।

10 “प्रारम्भ में मैंने तुम्हें उन बातों के बारे में बता दिया था जो अंत में घटेगी। बहुत पहले से ही मैंने तुम्हें वे बातें बता दी हैं, जो अभी घटी नहीं हैं। जब मैं किसी बात की कोई योजना बनाता हूँ तो वह घटती है। मैं वही करता हूँ जो करना चाहता हूँ। 11 देखो, पूर्व दिशा से मैं एक व्यक्ति को बुला रहा हूँ। वह व्यक्ति एक उकाब के समान होगा। वह एक दूर देश से आयेगा और वह उन कामों को करेगा जिन्हें करने की योजना मैंने बनाई है। मैं तुम्हें बता रहा हूँ कि मैं इसे करूँगा और मैं उसे करूँगा ही। क्योंकि उसे मैंने ही बनाया है। मैं उसे लाऊँगा ही!

12 “तुम में से कुछ सोचा करते हो कि तुम में महान शक्ति है किन्तु तुम भले काम नहीं करते हो। मेरी सुनों। 13 मैं भले काम करूँगा! मैं शीघ्र ही अपने लोगों की रक्षा करूँगा। मैं अपने सिय्योन और अपने अद्भुत इस्राएल के लिये उद्धार लाऊँगा।”

समीक्षा

3. स्वतंत्रता के सुसमाचार को बताईये

परमेश्वर का प्रेम हर व्यक्ति, हर देश के लिए है, उत्पत्ति के समय से। इस्राएल को चुनने में उनकी योजना का भाग यह था कि वे इस आशीष को सभी लोगों तक लाये (उत्पत्ति 12:3)।

परमेश्वर स्वर्ग और पृथ्वी के निर्माता हैं। वह हमारे निर्माता हैं। कोई दूसरा नहीं है। यशायाह की पुस्तक जोर देने के लिए बार बार इसे दोहराती है। दस बार यह लेखांश कहता है,’कोई दूसरा नहीं है।“

परमेश्वर आपके निर्माता हैं। उन्होंने ’आपको गर्भ में रचा“ (यशायाह 44:24)। परमेश्वर का प्रेम जन्म से पहले गर्भ तक पहुँचता है; यह गर्भपात और अजन्मे के साथ हम कैसे बर्ताव करते हैं, इसके विषय में विवाद के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हर मनुष्य गर्भ में आते ही परमेश्वर के द्वारा निर्मित होता है और अस्तित्व में आता है। ’ तुमको मैं तुम्हारी उत्पत्ति ही से उठाए रहा और जन्म ही से लिए फिरता आया हूँ“ (46:3ब)।

परमेश्वर का प्रेम इस्राएल से आगे सभी देशों तक विस्तारित होता है। क्योंकि वह सारी सृष्टि के निर्माता हैं, परमेश्वर सभी देशों को उद्धार और स्वतंत्रता में सहभागी होने के लिए आमंत्रित करते हैं:’ हे पृथ्वी के दूर दूर के देश के रहने वालो, तुम मेरी ओर फिरो और उद्धार पाओ“ (45:22अ, एम.एस.जी)। यह एक स्वतंत्रता का वायदा करता है, उससे कही अधिक महान जो विश्व दे सकता है।

यहाँ पर, हमें एक झलक मिलती है कि संपूर्ण विश्व यीशु के सामने झुकता है। ’ प्रत्येक घुटना मेरे सम्मुख झुकेगा और प्रत्येक के मुख से मेरी ही शपथ खाई जाएगी“ (व.23ब)। यीशु का उल्लेख करते हुए पौलुस ने इस वचन को बताया (फिलिप्पियो 2:9)।

यह उस तथ्य को दर्शाता था कि परमेश्वर उन लोगों का इस्तेमाल करेंगे जो ’अन्यजाति“ के हैं, अर्थात गैर-यहूदी। कुस्त्र पर्सिया का निवासी था और फिर भी उनका वर्णन यहाँ पर प्रभु के अभिषिक्त के रूप में किया गया है (यशायाह 45:1)। यशायाह भविष्यवाणी करते हैं,’ मैंने ही उस पुरुष को सत्यनिष्ठा में उभारा है और मैं उसके सब मार्गों को सीधा करूँगा; वह मेरे नगर को फिर बसाएगा और मेरे बन्दियों को बिना दाम या बदला लिए छोड़ देगा“ (व.13)। यह भविष्यवाणी पूरी हुई जब कुस्त्र के हाथों निर्वासन समाप्त हुआ।

यह परमेश्वर की योजना थी। उन्होंने कहा,’ मेरी युक्ति स्थिर रहेगी और मैं अपनी इच्छा को पूरी करूँगा।‘ मैं पूर्व से एक उकाब पक्षी को अर्थात् दूर देश से अपनी युक्ति के पूरा करने वाले पुरुष को बुलाता हूँ। मैंने ही यह बात कही है और उसे पूरी भी करूँगा; मैंने यह विचार बाँधा है और उसे सफल भी करूँगा“ (46:10ब-11)। आप आश्वस्त हो सकते हैं कि कोई भी चीज आपके लिए परमेश्वर की योजना को निष्फल नहीं कर सकती है।

प्रार्थना

परमेश्वर, आपका धन्यवाद कि गर्भ में रचने से पहले, आप सभी लोगों से प्रेम करते हैं जाति या सामाजिक स्तर के बावजूद। आपका धन्यवाद कि यीशु ने हमें मुक्त किया है और एक दिन, हर एक घुटना झुकेगा और हर जीभ अंगीकार करेगी कि यीशु मसीह ही प्रभु हैं।

पिप्पा भी कहते है

गलातियो 5:1

’ मसीह ने स्वतंत्रता के लिये हमें स्वतंत्र किया है; अत: इसी में स्थिर रहो, और दासत्व के जुए में फिर से न जुतो“

यह एक अद्भुत सच्चाई है; मसीह हमें पाप, व्यसन, डर और बुरी आदतों से स्वतंत्र करते हैं। मैं जानता हूँ कि स्वतंत्रता ने मुझे और बहुत से दूसरों को पूरी तरह से बदलते हुए देखा है इस वचन की वास्तविकता के द्वारा। तो हमें निरंतर उस स्वतंत्रता में चलने की आवश्यकता है और उन पुरानी आदतों में वापस नहीं जाना है, लेकिन निरंतर मसीह की स्वतंत्रता और क्रूस की सामर्थ की घोषणा करनी है।

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संदर्भ

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जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)

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