आपका सबसे महत्वपूर्ण कार्य
परिचय
’महान लीडर्स में एक बात सामान्य है। वे जानते हैं कि अच्छे लोगों को पाना और उन्हें बनाए रखना लीडर्स का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है,“ जॉन मैक्सवेल ने अपनी पुस्तक में लिखा, जिसका नाम है अपने आस-पास लीडर्स को विकसित करना। वह अपने पढ़ने वालो को चिताते हैं,’सर्वश्रेष्ठ लोगों को खोजो, फिर उन्हें सर्वश्रेष्ठ लीडर्स में विकसित करो जो वे बन सकते हैं।“
पौलुस पर दोष लगाया गया और अंधेरी कोठरी में रखा गया जिसकी छत में केवल एक छेद है ताकि प्रकाश और हवा अंदर आ सके। वह ’जंजीरों“ में है (2तीमुथियुस 1:16),’एक अपराधी की तरह“ (2:9)। वह अकेले हैं, ऊबाउ स्थिति में और ठंड में हैं (4:9-13)। मृत्यु अपरिहार्य है। परंम्परा के अनुसार, नेरो के सताव के अंतर्गत उन्हें सिर कटवाकर मार डालने का दंड दिया गया था।
शायद से यह उनका अंतिम पत्र है। चर्च के बजाय पौलुस ने एक व्यक्ति को लिखना चुना। तीमुथी एक लीडर थे जिसे पौलुस ने पाया, प्रशिक्षित किया और विकसित किया। पौलुस शायद से साठ वर्ष के थे और तीमुथी तीस वर्ष के थे।
जैसा कि पौलुस जानते हैं कि वह सुसमाचार को अलग पीढ़ी को सौंप रहे हैं, उनकी सबसे बड़ी चिंता है कि तीमुथी इसकी रखवाली करें (1:11-14)। जितना अधिक मेरी उम्र बढ़ती है, उतना ही अधिक मैं अपने सामने उपस्थित पीढ़ी की बुद्धि की सराहना करता हूँ और उतना अधिक मैं समझता हूँ कि हमारे पास कार्य को अगली पीढ़ी को सौंपने का उत्तरदायित्व है।
भजन संहिता 119:81-88
काफ्
81 मैं तेरी प्रतिज्ञा में मरने को तत्पर हूँ कि तू मुझको बचायेगा।
किन्तु यहोवा, मुझको उसका भरोसा है, जो तू कहा करता था।
82 जिन बातों का तूने वचन दिया था, मैं उनकी बाँट जोहता रहता हूँ। किन्तु मेरी आँखे थकने लगी है।
हे यहोवा, मुझे कब तू आराम देगा
83 यहाँ तक जब मैं कूड़े के ढेर पर दाखमधु की सूखी मशक सा हूँ,
तब भी मैं तेरे विधान को नहीं भूलूँगा।
84 मैं कब तक जीऊँगा हे यहोवा, कब दण्ड देगा
तू ऐसे उन लोगों को जो मुझ पर अत्याचार किया करते हैं
85 कुछ अहंकारी लोग ने अपनी झूठों से मुझ पर प्रहार किया था।
यह तेरी शिक्षाओं के विरूद्ध है।
86 हे यहोवा, सब लोग तेरी शिक्षाओं के भरोसे रह सकते हैं।
झूठे लोग मुझको सता रहे है।
मेरी सहायता कर!
87 उन झूठे लोगों ने मुझको लगभग नष्ट कर दिया है।
किन्तु मैंने तेरे आदेशों को नहीं छोड़ा।
88 हे यहोवा, अपनी सत्य करूणा को मुझ पर प्रकट कर।
तू मुझको जीवन दे मैं तो वही करूँगा जो कुछ तू कहता है।
समीक्षा
अगली पीढ़ी के लिए सही नींव
यह भजन जीवन पर एक व्यक्तिगत परावर्तन है और भजनसंहिता के लेखक के द्वारा उत्पन्न एक स्त्रोत भी है, ताकि दूसरों की सहायता करें कि सही नींव पर वे अपना जीवन और लीडरशिप बनाये।
विशेषरूप से, वह परमेश्वर के वचन में विश्वास का एक उदाहरण रखते हैं:’ मुझे तेरे वचन पर आशा रहती है... तेरी सब आज्ञाएँ विश्वासयोग्य हैं ... मैंने तेरे उपदेशों को नहीं छोड़ा“ (वव.81ब, 86अ, 87ब)।
प्रार्थना
परमेश्वर, मेरी सहायता कीजिए कि ’गड्ढों“ (व.85) और सताव (व.86) के बावजूद वफादार बना रहूं। मेरी सहायता कीजिए कि लीडर्स की अगली पीढ़ी को प्रशिक्षित करने के लिए वह सब करुँ जो मैं कर सकता हूँ।
2 तीमुथियुस 1:1-18
तीमुथियुस के नाम
1पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से यीशु मसीह का प्रेरित है और जिसे यीशु मसीह में जीवन पाने की प्रतिज्ञा का प्रचार करने के लिए भेजा गया है:
2 प्रिय पुत्र तीमुथियुस के नाम।
परम पिता परमेश्वर और हमारे प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुझे करुणा, अनुग्रह और शांति प्राप्त हो।
धन्यवाद तथा प्रोत्साहन
3 रात दिन अपनी प्रार्थनाओं में निरन्तर तुम्हारी याद करते हुए, मैं उस परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ, और उसकी सेवा अपने पूर्वजों की रीति के अनुसार शुद्ध मन से करता हूँ। 4 मेरे लिए तुमने जो आँसू बहाये हैं, उनकी याद करके मैं तुमसे मिलने को आतुर हूँ, ताकि आनन्द से भर उठूँ। 5 मुझे तेरा वह सच्चा विश्वास भी याद है जो पहले तेरी नानी लोईस और तेरी माँ यूनीके में था। मुझे भरोसा है कि वही विश्वास तुझमें भी है। 6 इसलिए मैं तुझे याद दिला रहा हूँ कि परमेश्वर के वरदान की उस ज्वाला को जलाये रख जो तुझे तब प्राप्त हुई थी जब तुझ पर मैंने अपना हाथ रखा था। 7 क्योंकि परमेश्वर ने हमें जो आत्मा दी है, वह हमें कायर नहीं बनाती बल्कि हमें प्रेम, संयम और शक्ति से भर देती है।
8 इसलिए तू हमारे प्रभु या मेरी जो उसके लिए बंदी बना हुआ है, साक्षी देने से लजा मत। बल्कि तुझे परमेश्वर ने जो शक्ति दी है, उससे सुसमाचार के लिए यातनाएँ झेलने में मेरा साथ दे।
9 उसी ने हमारी रक्षा की है और पवित्र जीवन के लिए हमें बुलाया है — हमारे अपने किये कर्मो के आधार पर नहीं, बल्कि उसके अपने उस प्रयोजन और अनुग्रह के अनुसार जो परमेश्वर द्वारा यीशु मसीह में हमें पहले ही अनादि काल से सौंप दिया गया है। 10 किन्तु अब हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के प्रकट होने के साथ-साथ हमारे लिये प्रकाशित किया गया है। उसने मृत्यु का अंत कर दिया तथा जीवन और अमरता को सुसमाचार के द्वारा प्रकाशित किया है।
11 इसी सुसमाचार को फैलाने के लिये मुझे एक प्रचारक, प्रेरित और शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। 12 और यही कारण है जिससे मैं इन बातों का दुःख उठा रहा हूँ। और फिर भी लज्जित नहीं हूँ क्योंकि जिस पर मैंने विश्वास किया है, मैं उसे जानता हूँ और मैं यह मानता हूँ कि उसने मुझे जो सौंपा है, वह उसकी रक्षा करने में समर्थ है जब तक वह दिन आये,
13 उस उत्तम शिक्षा को जिसे तूने मुझसे यीशु मसीह में प्राप्त होने वाले विश्वास और प्रेम के साथ सुना है तू जो सिखाता है उसका आदर्श वही उत्तम शिक्षा है। 14 हमारे भीतर निवास करने वाली पवित्र आत्मा के द्वारा तू उस बहुमूल्य धरोहर की रखवाली कर जिसे तुझे सौंपा गया है।
15 जैसा कि तू जानता है कि वे सभी जो एशिया में रहते हैं, मुझे छोड़ गये हैं। फुगिलुस और हिरमुगिनेस उन्हीं में से हैं। 16 उनेसिफिरुस के परिवार पर प्रभु अनुग्रह करे। क्योंकि उसने अनेक अवसरों पर मुझे सुख पहुँचाया है। तथा वह मेरे जेल में रहने से लज्जित नहीं हुआ है। 17 बल्कि वह तो जब रोम आया था, जब तक मुझसे मिल नहीं लिया, यत्नपूर्वक मुझे ढूँढता रहा। 18 प्रभु करे उसे, उस दिन प्रभु की ओर से दया प्राप्त हो, उसने इफिसुस में मेरी तरह-तरह से जो सेवाएँ की है तू उन्हें बहुत अच्छी तरह जानता है।
समीक्षा
अगली पीढ़ी को विकसित करने का तरीका
हम सभी आत्मिक बच्चों को पा सकते हैं।
शायद से पौलुस के पास प्राकृतिक बच्चे नहीं थे लेकिन उनके आत्मिक बच्चे थे। वह तीमुथी को ’मेरा प्रिय पुत्र“ कहते हैं (व.2)। उन्होंने उसे परमेश्वर में विश्वास में लाया था (प्रेरितों के काम 16:1-2)। पंद्रह साल से तीमुथी पौलुस के साथी थे और उनकी दूसरी और तीसरी मिशनरी यात्रा में उनके साथ गए थे (रोमियों 16:21; 1 थिस्सलुनिकियों 3:2 और फिलिप्पियों 2:19-20)। अब तीमुथी इफिसुस में लीडरशिप के पद पर हैं।
पौलुस ने तीमुथी को सिखाया, प्रशिक्षित किया और अनुशासित किया और उसे बुद्धि दी। वह एक नमूना और उदाहरण रखते हैं कि कैसे अगली पीढ़ी के लीडर्स को विकसित करना है।
1. उनसे प्रेम कीजिए
पौलुस ने तीमुथी का वर्णन किया ’पुत्र जिससे मैं बहुत प्रेम करता हूँ“ (2तीमुथियुस 1:2, एम.एस.जी)। पौलुस ने नियमित रूप से उनके लिए परमेश्वर का धन्यवाद दिया (व.3)। पौलुस एक जोशीले और भावुक व्यक्ति थे – जब लोगों ने उन्हें अलविदा कहा, तब वहाँ पर अक्सर भावना के आँसू होते थेः’ और तेरे आँसुओं की सुधि कर करके रात दिन तुझ से भेंट करने की लालसा रखता हूँ कि आनन्द से भर जाउँ“ (व.4, एम.एस.जी)।
2. उनके लिए प्रार्थना करिए
’मैं अपनी प्रार्थनाओं में तुझे लगातार स्मरण करता हूँ“ (व.3)। दूसरों के लिए प्रार्थना करना समय बरबाद करना नहीं है, यह एक अंतर पैदा करता है। मध्यस्थता की प्रार्थना प्रेम का एक कार्य है।
3. उनमें विश्वास करिए
’मुझे तेरे उस निष्कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहले तेरी नानी लोइस और तेरी माता यूनीके में था, और मुझे निश्चय है कि तुझ में भी है“ (व.5)। पौलुस ने तीमुथी पर भरोसा करके उसे उत्तरदायित्व दिया, जब तीमुथी जवान था। जो लोग हमें प्रभावित करते हैं, वे हमारे अंदर विश्वास करते हैं।
4. उनके लिए सेवकाई करिए
’इसी कारण मैं तुझे सुधि दिलाता हूँ कि तू परमेश्वर के उस वरदान को जो मेरे हाथ रखने के द्वारा तुझे मिला है प्रज्वलित कर दे“ (व.6)। पहले पौलुस ने लिखा था,’ उस वरदान के प्रति जो तुझ में हैं, और भविष्यवाणी के द्वारा प्राचीनों के हाथ रखते समय तुझे मिला था, निश्चिन्त मत रह“ (1तीमुथियुस 4:14)।
शायद से उन्होंने तीमुथी के लिए सुसमाचार प्रचार के वरदान या चर्च में लीडरशिप में नियुक्त किए जाने के लिए प्रार्थना की थी। यह शायद से आत्मा से भर जाने और अन्यभाषाओं में बोलने या भविष्यवाणी का वरदान ग्रहण करने के लिए था। हम नहीं जानते कि यह असल में क्या था, लेकिन यह प्रार्थना सेवकाई की महत्ता को दिखाता है। यही कारण है कि हम लोगों पर हाथ रखते हैं, उदाहरण के लिए, सेवकाइ में हर चर्च सभा के अंत में।
5. उन्हें उत्साहित कीजिए
तीमुथी को उत्साह की आवश्यकता थी। उत्साह प्राण के लिए ऑक्सिजन की तरह है। तीमुथी जवान थे। उन्हें भौतिक दुर्बलता थी (’बार-बार बीमार होना,“ 1तीमुथियुस 5:23), और वह शायद से शर्मिले और अंतर्मुखी चरित्र वाले व्यक्ति थे।
पौलुस लिखते हैं,’ परमेश्वर ने हमें भय की नहीं पर सामर्थ और प्रेम और संयम की आत्मा दी है“ (2तीमुथियुस 1:7, ए.एम.पी)। हम कायर नहीं हैं यदि हम डर महसूस करते हैं। असल में, वहाँ पर कोई साहस नहीं होगा यदि आप डरे हुए नहीं हैं। साहस है वह करना जो करने से आपको डर लगता है, और डर को आपके निर्णय को नियंत्रित न करने देना।
डर पर जय पाने के लिए, परमेश्वर ने आपको पवित्र आत्मा दिया है और ’सामर्थ, प्रेम और संयम“ (व.7ब)।
6. उन्हें चुनौती दें
पौलुस ने तीमुथी को चिताया कि ’ तू परमेश्वर के उस वरदान को जो मेरे हाथ रखने के द्वारा तुझे मिला है प्रज्वलित कर दे“ (व.6)। दूसरे आपकी सहायता कर सकते हैं लेकिन आखिरकार आप अपने आत्मिक विकास के लिए उत्तरदायी हैं। अपने आपको उत्साहित कीजिए। आराधना, प्रार्थना, बाईबल पढ़ना, समुदाय -या जिस किसी की आवश्यकता है, उसके द्वारा अपने विश्वास को प्रज्वलित कर दीजिए।
7. उन पर भरोसा कीजिए
’इस अच्छी धरोहर की रखवाली कर“ (व.14)। अच्छी धरोहर सुसमाचार है जिस पर पौलुस प्रचारक, और प्रेरित, और उपदेशक भी ठहराये गए (व.11)।
सुसमाचार यीशु के विषय में है (’हमारे प्रभु“, व.8)। यह उनके साथ एक संबंध के विषय में हैः’ मैं उसे जिस पर मैं ने विश्वास किया है, जानता हूँ“ (व.12)। हमारा उद्धार अनुग्रह से हुआ है,’नाकि कामों से“ (व.9)। ’ अब हमारे उध्दारकर्ता मसीह यीशु के प्रकट होने के द्वारा प्रकाशित हुआ, जिसने मृत्यु का नाश किया और जीवन और अमरता को उस सुसमाचार के द्वारा प्रकाशमान कर दिया“ (व.10)।
पौलुस ने तीमुथी को चिताया कि उनकी मित्रता पर लज्जित न हो, नाही प्रभु के विषय में गवाही देने में लज्जित हो (व.8)। उनके पास सुसमाचार था प्रचार करने और इसकी रखवाली करने के लिए (वव.9-14)। पौलुस इस बात के प्रति आश्वस्त थे कि उन्होंने सही व्यक्ति को चुना था जो अगली पीढ़ी तक इसे ले जायेंगे ’पवित्र आत्मा की सहायता से जो हमारे अंदर रहते हैं।“ (व.14)।
8. उनके साथ बाँटिये
’सुसमाचार के लिये मेरे साथ दुःख उठा“ (व.8)। यद्यपि पौलुस ने ’शुद्ध विवेक“ (व.3) के साथ परमेश्वर की सेवा की, वह कष्ट से नहीं बच पाये। वह ’जंजीरों“ में थे (व.16)। बुरी तरह से दूसरे मसीहों ने उन्हें छोड़ दिया थाः’तू जानता है कि आसिया वाले सब मुझ से फिर गए हैं, जिनमें फूगिलुस और हिरमुगिनेस हैं“ (व.15),
फिर भी एक व्यक्ति खड़ा हुआ। कष्ट उठाने वाले लोगो से दूर मत भागिये, बल्कि उनेसिफुरुस की तरह बनिये, जिसके बारे में पौलुस कहते हैं कि,’ उसने बहुत बार मेरे जी को ठंडा किया और मेरी जंजीरों से लज्जित न हुआ“ (व.16)।
प्रार्थना
परमेश्वर, मेरी सहायता कीजिए कि कार्य को अगली पीढ़ी को सौंप दूं – उनके लिए प्रार्थना करुँ, उनसे प्रेम करुं, उनमें विश्वास करुँ, उनके लिए सेवकाई करुं, उन्हें उत्साहित करुँ, उनमें भरोसा करुँ और उनके साथ बाँटू।
यिर्मयाह 48:1-49:6
मोआब के बारे में सन्देश
48यह सन्देश मोआब देश के बारे में है। इस्राएल के लोगों के परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा ने जो कहा, वह यह है:
“नबो पर्वत का बुरा होगा, नबो पर्वत नष्ट होगा।
किर्यातैम नगर लज्जित होगा।
इस पर अधिकार होगा।
शक्तिशाली स्थान लज्जित होगा।
यह बिखर जायेगा।
2 मोआब की पुन: प्रशंसा नहीं होगी।
हेशबोन नगर के लोग मोआब के पराजय की योजना बनाएंगे।
वे कहेंगे, ‘आओ, हम उस राष्ट्र का अन्त कर दें।’
मदमेन तुम भी चुप किये जाओगे,
तलवार तुम्हारा पीछा करेगी।
3 होरोनैम नगर से रूदन सुनो,
वे बहुत घबराहट और विनाश की चीखे हैं।
4 मोआब नष्ट किया जाएगा।
उसके छोटे बच्चे सहायता की पुकार करेंगे।
5 मोआब के लोगों लूहीत के मार्ग तक जाओ।
वे जाते हुए फूट फूट कर रो रहे हैं।
होरोनैम के नगर तक जाने वाली सड़क से पीड़ा
और कष्ट का रूदन सुना जा सकता है!
6 भाग चलो, जीवन के लिए भागो!
झाड़ी सी उड़ो जो मरुभूमि में उड़ती है।
7 “तुम अपनी बनाई चीज़ों और अपने धन पर विश्वास करते हो।
अत: तुम बन्दी बना लिये जाओगे।
कमोश देवता बन्दी बनाया जायेगा और उसके याजक
और पदाधिकारी उसके साथ जाएंगे।
8 विध्वंसक हर एक नगर के विरुद्ध आएगा,
कोई नगर नहीं बचेगा।
घाटी बरबाद होगी।
उच्च मैदान नष्ट होगा।
यहोवा कहता है:
यह होगा अत: ऐसा ही होगा।
9 मोआब के खेतों में नमक फैलाओ।
देश सूनी मरुभूमि बनेगा।
मोआब के नगर खाली होंगे।
उनमें कोई व्यक्ति भी न रहेगा।
10 यदि व्यक्ति वह नहीं करता जिसे यहोवा कहता है
यदि वह अपनी तलवार का उपयोग उन लोगों को मारने के लिये नहीं करता, तो उस व्यक्ति का बुरा होगा।
11 “मोआब का कभी विपत्ति से पाला नहीं पड़ा।
मोआब शान्त होने के लिये छोड़ी गई दाखमधु सा है।
मोआब एक घड़े से कभी दूसरे घड़े में ढाला नहीं गया।
वह कभी बन्दी नहीं बनाया गया।
अत: उसका स्वाद पहले की तरह है
और उसकी गन्ध बदली नहीं है।”
12 यहोवा यह सब कहता है,
“किन्तु मैं लोगों को शीघ्र ही
तुम्हें तुम्हारे घड़े से ढालने भेजूँगा।
वे लोग मोआब के घड़े को खाली कर देंगे
और तब वे उन घड़ों को चकनाचूर कर देंगे।”
13 तब मोआब के लोग अपने असत्य देवता कमोश के लिए लज्जित होंगे। इस्राएल के लोगों ने बेतेल में झूठे देवता पर विश्वास किया था और इस्राएल के लोगों को उस समय ग्लानि हुई थी जब उस असत्य देवता ने उनकी सहायता नहीं की थी।
14 “तुम यह नहीं कह सकते ‘हम अच्छे सैनिक हैं।
हम युद्ध में वीर पुरुष हैं।’
15 शत्रु मोआब पर आक्रमण करेगा।
शत्रु उन नगरों में आएगा और उन्हें नष्ट करेगा।
नरसंहार में उसके श्रेष्ठ युवक मारे जाएँगे।”
यह सन्देश राजा का है।
उस राजा का नाम सर्वशक्तिमान यहोवा है।
16 मोआब का अन्त निकट है।
मोआब शीघ्र ही नष्ट कर दिया जाएगा।
17 मोआब के चारों ओर रहने वाले लोगों, तुम सभी उस देश के लिये रोओगे।
तुम लोग जानते हो कि मोआब कितना प्रसिद्ध है।
अत: इसके लिए रोओ।
कहो, ‘शासक की शक्ति भंग हो गई।
मोआब की शक्ति और प्रतिष्ठा चली गई।’
18 “दीबोन में रहने वाले लोगों अपने प्रतिष्ठा के स्थान से बाहर निकलो।
धूलि में जमीन पर बैठो क्यों क्योंकि मोआब का विध्वंसक आ रहा है और वह तुम्हारे दृढ़ नगरों को नष्ट कर देगा।
19 “अरोएर में रहने वाले लोगों, सड़क के सहारे खड़े होओ और सावधानी से देखो।
पुरुष को भागते देखो, स्त्री को भागते देखो, उनसे पूछो, क्या हुआ है?
20 “मोआब बरबाद होगा और लज्जा से गड़ जाएगा।
मोआब रोएगा और रोएगा।
अर्नोन नदी पर घोषित करो कि मोआब नष्ट हो गया।
21 उच्च मैदान के लोग दण्ड पा चुके होलोन, यहसा
और मेपात नगरों का न्याय हो चुका।
22 दीबोन, नबो
और बेतदिबलातैम,
23 किर्य्यातैम, बेतगामूल
और बेतमोन।
24 करिय्योत बोस्रा तथा मोआब के निकट
और दूर के सभी नगरों के साथ न्याय हो चुका।
25 मोआब की शक्ति काट दी गई,
मोआब की भुजायें टूट गई।”
यहोवा ने यह सब कहा।
26 “मोआब ने समझा था वह यहोवा से भी अधिक महत्वपूर्ण है।
अत: मोआब को दण्डित करो कि वह पागल सा हो जाये।
मोआब गिरेगा और अपनी उलटी में चारों ओर लौटेगा।
लोग मोआब का मजाक उड़ाएंगे।
27 “मोआब तुमने इस्राएल का मजाक उड़ाया था।
इस्राएल चोरों के गिरोह द्वारा पकड़ा गया था।
हर बार तुम इस्राएल के बारे में कहते थे।
तुम अपना सिर हिलाते थे ऐसा अभिनय करते थे मानो तुम इस्राएल से श्रेष्ठ हो
28 मोआब के लोगों, अपने नगरों को छोड़ो।
जाओ और पहाड़ियों पर रहो,
उस कबूतर की तरह रहो
जो अपने घोंसले गुफा के मुख पर बनाता है।”
29 “हम मोआब के गर्व को सुन चुके हैं,
वह बहुत घमण्डी था।
उसने समझा था कि वह बहुत बड़ा है।
वह सदा अपने मुँह मियाँ मिटठू बनता रहा।
वह अत्याधिक घमण्डी था।”
30 यहोवा कहता है, “मैं जानता हूँ कि मोआब शीघ्र ही क्रोधित हो जाता है और अपनी प्रशंसा के गीत गाता है।
किन्तु उसकी शेखियाँ झूठ है।
वह जो करने को कहता है, कर नहीं सकता।
31 अत: मैं मोआब के लिये रोता हूँ।
मैं मोआब में हर एक के लिये रोता हूँ।
मैं कीर्हेरेस के लोगों के लिये रोता हूँ।
32 मैं याजेर के लोग के साथ याजेर के लिये रोता हूँ।
सिबमा अतीत में तुम्हारी अंगूर की बेले सागर तक फैली थीं।
वे याजेर नगर तक पहुँच गई थीं।
किन्तु विध्वंसक ने तुम्हारे फल और अंगूर ले लिये।
33 मोआब के विशाल अंगूर के बागों से सुख और आनन्द विदा हो गये।
मैंने दाखमधु निष्कासकों से दाखमधु का बहना रोक दिया है।
अब दाखमधु बनाने के लिये अंगूरों पर चलने वालों के नृत्य गीत नहीं रह गए हैं।
खुशी का शोर गुल सभी समाप्त हो गया है।
34 “हेशबोन और एलाले नगरों के लोग रो रहे हैं। उनका रूदन दूर यहस के नगर में भी सुनाई पड़ रहा है। उनका रूदन सोआर नगर से सुनाई पड़ रहा है और होरोनैम एवं एग्लथ शेलिशिया के दूर नगरों तक पहुँच रहा है। यहाँ तक कि निम्रीम का भी पानी सुखे गया है। 35 मैं मोआब को उच्च स्थानों पर होमबलि चढ़ाने से रोक दूँगा। मैं उन्हें अपने देवताओं को बलि चढ़ाने से रोकूँगा। यहोवा ने यह सब कहा।
36 “मुझे मोआब के लिये बहुत दु:ख है। शोक गीत छेड़ने वाली बाँसुरी की धुन की तरह मेरा हृदय रूदन कर रहा है। मैं कीर्हेरेस के लोगों के लिये दु:खी हूँ। उनके धन और सम्पत्ति सभी ले लिये गए हैं। 37 हर एक अपना सिर मुड़ाये है। हर एक की दाढ़ी साफ हो गई हे। हर एक के हाथ कटे हैं और उनसे खून निकल रहा है। हर एक अपनी कमर में शोक के वस्त्र लपेटे हैं। 38 मोआब में लोग घरों की छतों और हर एक सार्वजनिक चौराहों में सर्वत्र मरे हुओं के लिये रो रहे हैं। वहाँ शोक है क्योंकि मैंने मोआब को खाली घड़े की तरह फोड़ डाला है।” यहोवा ने यह सब कहा।
39 “मोआब बिखर गया है। लोग रो रहे हैं। मोआब ने आत्म समर्पण किया है। अब मोआब लज्जित है। लोग मोआब का मजाक उड़ाते हैं, किन्तु जो कुछ हुआ है वह उन्हें भयभीत कर देता है।”
40 यहोवा कहता है, “देखो, एक उकाब आकाश से नीचे को टूट पड़ रहा है।
यह अपने परों को मोआब पर फैला रहा है।
41 मोआब के नगरों पर अधिकार होगा।
छिपने के सुरक्षित स्थान पराजित होंगे।
उस समय मोआब के सैनिक वैसे ही आतंकित होंगे
जैसे प्रसव करती स्त्री।
42 मोआब का राष्ट्र नष्ट कर दिया जायेगा।
क्यों क्योंकि वे समझते थे कि वे यहोवा से भी अधिक महत्वपूर्ण हैं।”
43 यहोवा यह सब कहता है:
“मोआब के लोगों, भय गहरे गके और जाल तुम्हारी प्रतीक्षा में हैं।
44 लोग डरेंगे और भाग खड़े होंगे,
और वे गहने गकों में गिरेंगे।
यदि कोई गहरे गके से निकलेगा तो
वह जाल में फँसेगा।
मैं मोआब पर दण्ड का वर्ष लाऊँगा।”
यहोवा ने यह सब कहा।
45 “शक्तिशाली शत्रु से लोग भाग चले हैं।
वे सुरक्षा के लिये हेशबोन नगर में भागे।
किन्तु वहाँ सुरक्षा नहीं थी।
हेशबोन में आग लगी।
वह आग सीहोन के नगर से शुद्ध हुई और यह मोआब के प्रमुखों को नष्ट करने लगी।
यह उन घमण्डी लोगों को नष्ट करने लगी।
46 मोआब यह तुम्हारे लिये, बहुत बुरा होगा।
कमोश के लोग नष्ट किये जा रहे हैं।
तुम्हारे पुत्र और पुत्रियाँ बन्दी
और कैदी के रुप में ले जाए जा रहे हैं।
47 मोआब के लोग बन्दी के रूप में दूर पहुँचाए जाएंगे।
किन्तु आने वाले दिनों में मैं मोआब के लोगों को वापस लाऊँगा।”
यह सन्देश यहोवा का है।
यहाँ मोआब के साथ न्याय समाप्त होता है।
अम्मोन के बारे में सन्देश
49यह सन्देश अम्मोनी लोगों के बारे में है। यहोवा कहता है,
“अम्मोनी लोगों, क्या तुम सोचते हो कि
इस्राएली लोगों के बच्चे नहीं है?
क्या तुम समझते हो कि वहाँ माता—पिता के मरने के बाद
उनकी भूमि लेने वाले कोई नहीं?
शायद ऐसा ही है और इसलिए मल्काम ने गाद की भूमि ले ली है।”
2 यहोवा कहता है, “वह समय आएगा जब रब्बा अम्मोन के लोग युद्ध का घोष सुनेंगे।
रब्बा अम्मोन नष्ट किया जाएगा।
यह नष्ट इमारतों से ढकी पहाड़ी बनेगा और इसको चारों ओर के नगर जला दिये जाएंगे।
उन लोगों ने इस्राएल के लोगों को वह भूमि छोड़ने को विवश किया।
किन्तु इस्राएल के लोग उन्हें हटने के लिये विवश करेंगे।”
यहोवा ने यह सब कहा।
3 “हेशबोन के लोगों, रोओ।
क्योंकि ऐ नगर नष्ट कर दिया गया है।
रब्बा अम्मोन की स्त्रियों, रोओ।
अपने शोक वस्त्र पहनो और रोओ।
सुरक्षा के लिये नगर को भागो। क्यो क्योंकि शत्रु आ रहा है।
वे मल्कान देवता को ले जाएंगे और वे मल्कान के याजकों और अधिकारियों को ले जाएंगे।
4 तुम अपनी शक्ति की डींग मारते हो।
किन्तु अपना बल खो रहे हो।
तुम्हें विश्वास है कि तुम्हारा धन तुम्हें बचाएगा।
तुम समझते हो कि तुम पर कोई आक्रमण करने की सोच भी नहीं सकता।”
5 किन्तु सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है,
“मैं हर ओर से तुम पर विपत्ति ढाऊँगा।
तुम सब भाग खड़े होगे,
फिर कोई भी तुम्हें एक साथ लाने में समर्थ न होगा।”
6 “अम्मोनी लोग बन्दी बनाकर दूर पहुँचाए जायेंगे। किन्तु समय आएगा जब मैं अम्मोनी लोगों को वापस लाऊँगा।” यह सन्देश यहोवा का है।
समीक्षा
अगली पीढ़ी को विकसित करने की महत्ता
यिर्मयाह में एक चीज को हम बार-बार देखते हैं, वह है लोगों के लीडर्स की कमजोरी और दुष्टता। यहाँ पर हम भयानक परिणामों को देखते हैं कैसे सही लीडरशिप के बिना चीजे गलत हो सकती हैं।
’ ’क्या इस्राएल के पुत्र नहीं हैं? क्या उसका कोई वारिस नहीं रहा ?“ (49:1, एम.एस.जी)। उत्तराधिकार खुला हुआ था लेकिन इसमें कोई बड़ा नहीं हुआ।
लीडरशिप के लिए परमेश्वर के तरीके का विपरीत है घमंड और अक्खड़पन – मोआब का बड़ा पाप,’ हम ने मोआब के गर्व के विषय में सुना है कि वह अत्यन्त अभिमानी है; उसका गर्व, अभिमान और अहंकार, और उसका मन फूलना प्रसिध्द है“ (48:29, ए.एम.पी)।
घमंड और आत्मनिर्भरता को विश्व के द्वारा अच्छा गुण माना जाता है – लेकिन परमेश्वर की नजरों में वे बड़े पाप हैं क्योंकि वे हमें परमेश्वर से दूर कर देते हैं। घमंड और आत्मनिर्भरता कहती है,’मुझे तुम्हारी जरुरत नहीं।“
मोआबियों और अम्मोनियों के विरूद्ध न्याय की घोषणा करते हुए, यिर्मयाह कहते हैं,’शापित है वह जो यहोवा का काम आलस से करता है “ (व.10)। ’ ’मोआब बचपन ही से सुखी है, उसके नीचे तलछट है, वह एक बरतन से दूसरे बरतन में उण्डेला नहीं गया और न बँधुआई में गया; इसलिये उसका स्वाद उसमें स्थिर है, और उसकी गन्ध ज्यों की त्यों बनी रहती है“ (व.11, एम.एस.जी)।
कठिन परिश्रम जन्मजात हुनर से अधिक महत्वपूर्ण है। जैसा कि थॉमस एडिसन ने प्रसिद्ध रूप से कहा है,’बुद्धिमान एक प्रतिशत प्रोत्साहन है, निन्यानबे प्रतिशत पसीना है।“ अगली पीढ़ी को विकसित करने में कठिन परिश्रम लगेगा।
यहाँ पर एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। हमें परमेश्वर के कार्य को उसी तरह से करना चाहिए, जैसा कि हम हमारे लौकिक काम करते हैं (हम उनके प्रति कटिबद्ध हैं!)। अधिकतर लौकिक कामों में 100 प्रतिशत क्षमता और कटिबद्धता की आवश्यकता पड़ती है। मैं हमेशा अपने कार्यकर्ताओं से खुश रहता हूँ जो नियमितता, प्रेम और कटिबद्धता के साथ काम करते हैं। हर साल उनके समर्पण को देखना अद्भुत बात है। बहुतों के लिए, सेवा के प्रति यह जीवनभर की कटिबद्धता है।
प्रार्थना
परमेश्वर, होने दीजिए कि मैं आपके काम में कभी आलस न करुँ। होने दीजिए कि हमारी पीढ़ी ऐसी पीढी हो जो सुसमाचार की रखवाली करे, लीडर्स को विकसित करे और इसे अगली पीढ़ी को सौंप दे
पिप्पा भी कहते है
2तीमुथियुस 1:5
’ मुझे तेरे उस निष्कपट विश्वास की सुधि आती है, जो पहले तेरी नानी लोइस और तेरी माता यूनीके में था, और मुझे निश्चय है कि तुझ में भी है।“
तीन पीढ़ी तक विश्वास को सौंपते हुए देखना अद्भुत बात है। लोईस बधाई हो।

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संदर्भ
जॉन सी मॅक्सवेल, आपके आस-पास लीडर्स को विकसित करना, (थॉमस नेल्सन पब्लिशिंग, 2012) पीपी.2-3
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
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’महान लीडर्स में एक बात सामान्य है। वे जानते है कि अच्छे लोगों को पाना और उन्हें बनाए रखना लीडर्स का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है,“ जॉन मैक्सवेल ने अपनी पुस्तक में लिखा, जिसका नाम है अपने आस-पास लीडर्स को विकसित करना। वह अपने पढ़नेवालों को चेताते है,’सर्वश्रेष्ठ लोगों को खोजो, फिर उन्हें सर्वश्रेष्ठ लीडर्स में विकसित करो जो वे बन सकते है।“