संतुष्ट जीना
परिचय
उसके हाथ अंगूठी, कंगन, हार, चेन और दूसरे खजाने से भरे हुए थे। एडी 79 में माउंट वेसुविस से लावा की बौछार निकल रही थी और नीचे गिर रही थी। जैसे ही वह भाग रही थी, यह महिला अपने कीमती गहनों को पीछे छोड़ने के लिए तैयार नहीं थी। अपने खजाने के द्वारा फँसकर, वह ज्वालामुखी से निकलने वाली राख की बरसात से घिर गई और इसके नीचे दफन हो गई।
आधुनिक ईमारत के निर्माण के समय, एक प्राचीन रोमन बंदरगाह, पोम्पी के दफन हुए शहर के बाहर उसका पथरीला शरीर पाया गया। उनका शरीर गहनों में दफन था। अपने खजाने को बचाने का प्रयास करने में उन्होंने अपनी जान गवाँ दी।
यीशु ने हमें चेतावनी दी कि आखिर में तुम्हे पैसा और परमेश्वर के बीच चुनाव करना पड़ेगा (मत्ती 6:24)। नये नियम में, निजी संपत्ति या पैसा कमाने, या जीवन में अच्छी वस्तुओं का आनंद लेने में कोई पाबंदी नहीं है। किंतु अमीर को आज्ञा दी गई थी कि वे ‘संपत्ति में अपनी आशा न रखे’ (1तीमुथियुस 6:17)। संपत्ति को स्वार्थ के लिए इकट्ठा करना और भौतिक वस्तुओं के लिए अति धुन लगाना, हमें परमेश्वर से दूर ले जाता है। जो सुरक्षा का वायदा करता है, वह लगातार असुरक्षा लाता है।
आखिरकार, संतुष्टि केवल परमेश्वर में आशा लगाने से आती हैः’संतुष्टि के साथ भक्ति महान लाभ है।’ परमेश्वर के वचन का वायदा है कि जो ‘परमेश्वर में आशा रखते हैं’ (व.17) वे ‘एक दृढ़ नींव’ को पाते हैं और ‘जीवन को पकड़ लेते हैं जो कि सच में जीवन है’ (व.19)।
भजन संहिता 119:73-80
योद्
73 हे यहोवा, तूने मुझे रचा है और निज हाथों से तू मुझे सहारा देता है।
अपने आदेशों को पढ़ने समझने में तू मेरी सहायता कर।
74 हे यहोवा, तेरे भक्त मुझे आदर देते हैं और वे प्रसन्न हैं
क्योंकि मुझे उन सभी बातों का भरोसा है जिन्हें तू कहता है।
75 हे यहोवा, मैं यह जानता हूँ कि तेरे निर्णय खरे हुआ करते हैं।
यह मेरे लिये उचित था कि तू मुझको दण्ड दे।
76 अब, अपने सत्य प्रेम से तू मुझ को चैन दे।
तेरी शिक्षाएँ मुझे सचमुच भाती हैं।
77 हे यहोवा, तू मुझे सुख चैन दे और जीवन दे।
मैं तेरी शिक्षाओं में सचमुच आनन्दित हूँ।
78 उन लोगों को जो सोचा करते है कि वे मुझसे उत्तम हैं, उनको निराश कर दे।
क्योंकि उन्होंने मेरे विषय में झूठी बातें कही है।
हे यहोवा, मैं तेरे आदेशों का पाठ किया करूँगा।
79 अपने भक्तों को मेरे पास लौट आने दे।
ऐसे उन लोगों को मेरे पास लौट आने दे जिनको तेरी वाचा का ज्ञान है।
80 हे यहोवा, तू मुझको पूरी तरह अपने आदेशों को पालने दे
ताकि मैं कभी लज्जित न होऊँ।
समीक्षा
परमेश्वर के वचन में आशा रखें और इसमें अपना समय निवेश कीजिए
समय आपकी सबसे मूल्यवान संपत्ति है। आप और पैसा कमा सकते हैं लेकिन आप और समय का निर्माण नहीं कर सकते हैं। आप अपना समय कैसे बिताते हैं, इस बात का प्रमाण है कि आपकी आशा कहाँ पर है। यदि आपकी आशा परमेश्वर पर और उनके वचन में है, तो आप उनमें समय का निवेश करेंगे।
भजनसंहिता के लेखक दृढ़तापूर्वक परमेश्वर के वचन में आशा करते हैं:’ क्योंकि मैंने तेरे वचन पर आशा लगाई है’ (व.74ब)। इसे उपयोग में कैसे लगाये?
परमेश्वर के वचन को समझने में समय बिताये (वव.73,79), इस पर मनन करें (व.78), इसमें आनंद मनाये (व.77) और दिल से इसे सीखें (व.73)।
जब आप कठिन समय से गुजरते हैं तब परमेश्वर के वचन पर भरोसा कीजिएः’ हे यहोवा, मैं जान गया कि तेरे नियम सत्यनिष्ठमय हैं’ (व.75, एम.एस.जी)। परमेश्वर की वफादारी में भरोसा कीजिए, ‘असफल न होने वाला प्रेम’ (व.76) और ‘करुणा’ (व.77)।
परमेश्वर के साथ समय बिताना एक तरीका है, जिससे परमेश्वर आपमें अपनी बुद्धि को डालते हैं (व.73, एम.एस.जी)। वह आपको शांति देते हैं ताकि आप जी सके, ‘ तेरी दया मुझ पर हो, तब मैं जीवित रहूँगा’ (वव.77,80अ, एम.एस.जी), और ‘ मेरा मन तेरी विधियों के मानने में सिध्द हो’ (व.80ब, एम.एस.जी)।
यदि आप इस तरह से जीयेंगे, तो यह दूसरों को उत्साहित करेगा कि ऐसा ही करें:’ तेरे डरवैये मुझे देखकर आनन्दित होंगे ‘ (74अ)। इसी तरह से, हमें उत्साह मिलता है जब दूसरों को देखते हैं जो परमेश्वर के वचन में आशा रखते हैं।
प्रार्थना
परमेश्वर, जैसे ही मैं आज आपके वचन में आशा रखता हूँ, होने दीजिए कि मैं दूसरो के लिए एक प्रोत्साहन बनूं’ तेरे डरवैये मुझे देखकर आनन्दित होंगे’ (व.74अ)।
1 तीमुथियुस 6:3-21
मिथ्या उपदेश और सच्चा धन
3 यदि कोई इनसे भिन्न बातें सिखाता है तथा हमारे प्रभु यीशु मसीह के उन सद्वचनों को नहीं मानता है तथा भक्ति से परिपूर्ण शिक्षा से सहमत नहीं है 4 तो वह अहंकार में फूला है तथा कुछ भी नहीं जानता है। वह तो कुतर्क करने और शब्दों को लेकर झगड़ने के रोग से घिरा है। इन बातों से तो ईर्ष्या, बैर, निन्दा-भाव तथा गाली-गलौज 5 एवम् उन लोगों के बीच जिनकी बुद्धि बिगड़ गयी है, निरन्तर बने रहने वाले मतभेद पैदा होते हैं, वे सत्य से वंचित हैं। ऐसे लोगों का विचार है कि परमेश्वर की सेवा धन कमाने का ही एक साधन है।
6 निश्चय ही परमेश्वर की सेवा-भक्ति से ही व्यक्ति सम्पन्न बनता है। इसी से संतोष मिलता है। 7 क्योंकि हम संसार में न तो कुछ लेकर आए थे और न ही यहाँ से कुछ लेकर जा पाएँगे। 8 सो यदि हमारे पास रोटी और कपड़ा है तो हम उसी में सन्तुष्ट हैं। 9 किन्तु वे जो धनवान बनना चाहते हैं, प्रलोभनों में पड़कर जाल में फँस जाते हैं तथा उन्हें ऐसी अनेक मूर्खतापूर्ण और विनाशकारी इच्छाएँ घेर लेती हैं जो लोगों को पतन और विनाश ही खाई में ढकेल देती हैं। 10 क्योंकि धन का प्रेम हर प्रकार की बुराई को जन्म देता है। कुछ लोग अपनी इच्छाओं के कारण ही विश्वास से भटक गए हैं और उन्होंने अपने लिए महान दुख की सृष्टि कर ली है।
याद रखने वाली बातें
11 किन्तु हे परमेश्वर के जन, तू इन बातों से दूर रह तथा धार्मिकता, भक्तिपूर्ण सेवा, विश्वास, प्रेम, धैर्य और सज्जनता में लगा रह। 12 हमारा विश्वास जिस उत्तम स्पर्द्धा की अपेक्षा करता है, तू उसी के लिए संघर्ष करता रह और अपने लिए अनन्त जीवन को अर्जित कर ले। तुझे उसी के लिए बुलाया गया है। तूने बहुत से साक्षियों के सामने उसे बहुत अच्छी तरह स्वीकारा है। 13 परमेश्वर के सामने,जो सबको जीवन देता है तथा यीशु मसीह के सम्मुख जिसने पुन्तियुस पिलातुस के सामने बहुस अच्छी साक्षी दी थी, मैं तुझे यह आदेश देता हूँ कि 14 जब तक हमारा प्रभु यीशु मसीह प्रकट होता है, तब तक तुझे जो आदेश दिया गया है, तू उसी पर बिना कोई कमी छोड़े हुए निर्दोष भाव से चलता रह। 15 वह उस परम धन्य, एक छत्र, राजाओं के राजा और सम्राटों के प्रभु को उचित समय आने पर प्रकट कर देगा। 16 वह अगम्य प्रकाश का निवासी है। उसे न किसी ने देखा है, न कोई देख सकता है। उसका सम्मान और उसकी अनन्त शक्ति का विस्तार होता रहे। आमीन।
17 वर्तमान युग की वस्तुओं के कारण जो धनवान बने हुए हैं, उन्हें आज्ञा दे कि वे अभिमान न करें। अथवा उस धन से जो शीघ्र चला जाएगा कोई आशा न रखें। परमेश्वर पर ही अपनी आशा टिकाए जो हमें हमारे आनन्द के लिए सब कुछ भरपूर देता है। 18 उन्हें आज्ञा दे कि वे अच्छे-अच्छे काम करें। उत्तम कामों से ही धनी बनें। उदार रहें और दूसरों के साथ अपनी वस्तुएँ बाँटें। 19 ऐसा करने से ही वे एक स्वर्गीय कोष का संचय करेंगे जो भविष्य के लिए सुदृढ़ नींव सिद्ध होगा। इसी से वे सच्चे जीवन को थामे रहेंगे।
20 तीमुथियुस, तुझे जो सौंपा गया है, तू उसकी रक्षा कर। व्यर्थ की सांसारिक बातों से बचा रह। तथा जो “मिथ्या ज्ञान” से सम्बन्धित व्यर्थ के विरोधी विश्वास हैं, उनसे दूर रह क्योंकि 21 कुछ लोग उन्हें स्वीकार करते हुए विश्वास से डिग गए हैं।
परमेश्वर का अनुग्रह तुम्हारे साथ रहे।
समीक्षा
परमेश्वर में आशा रखे नाकि संपत्ति में
पौलुस प्रेरित इस लेखांश की शुरुवात में उनके विरूद्ध चिताते हैं जो झूठी शिक्षा सुनाते हैं -’ यदि कोई और ही प्रकार का उपदेश देता है और खरी बातों को, अर्थात् हमारे प्रभु यीशु मसीह की बातों को और उस उपदेश को नहीं मानता,जो भक्ति के अनुसार हैं’ (व.3)। ये लोग विरोधाभास और वाद-विवाद में दिलचस्पी रखते हैं (व.4)।
ये झूठे शिक्षक ‘ उन मनुष्यों में व्यर्थ रगड़े – झगड़े उत्पन्न होते हैं जिनकी बुध्दि बिगड़ गई है, और वे सत्य से विहीन हो गए हैं, जो समझते हैं कि भक्ति कमाई का द्वार है’ (व.5)।
इस लेखांश में संपत्ति के विषय में पौलुस के वचन सभी पर लागू होते हैं – विशेषरूप से हम जैसो पर जो पश्चिम में रहते हैं, जहाँ पर हम बाकी विश्व की तुलना में अधिक अमीर हैं। पौलुस लिखते हैं, ‘ इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देते हैं’ (व.17)।
यह सोचने का प्रलोभन मत करो कि आप ज्यादा संतुष्ट होंगे यदि आपके पास ज्यादा पैसा होता (कि आपके पास भोजन और कपडे होते, व.8)। भौतिक रूप से आपके पास जो है, उससे संतुष्ट रहेः’संतुष्टि के साथ भक्ति से महान लाभ होता है’ (व.6)।
संतुष्टि उस सारी संपत्ति से अधिक मूल्यवान है जो आप संभवत: इकट्ठा कर सकते हैं। लोग जो अमीर बनना चाहते हैं ‘ पर जो धनी होना चाहते हैं, वे ऐसी परीक्षा और फंदे और बहुत सी व्यर्थ और हानिकारक लालसाओं में फँसते हैं, जो मनुष्यों को बिगाड़ देती है और विनाश के समुद्र में डूबा देती है’ (व.9)।
पौलुस की बात को अक्सर गलत समझा जाता है कि, ‘पैसा सारी बुराई की जड़ है।’ वह असल में कहते हैं, ‘पैसे का प्रेम सारी बुराई की जड़ है’ (व.10अ)। पैसा बहुत कुछ अच्छा कर सकता है। लेकिन पैसे का प्रेम बहुत ही खतरनाक है। ‘ क्योंकि रुपये का लोभ सब प्रकार की बुराइयों की जड़ है, जिसे प्राप्त करने का प्रयत्न करते हुए बहुतों ने विश्वास से भटककर अपने आप को नाना प्रकार के दुःखों से छलनी बना लिया है’ (व.10, एम.एस.जी)।
चाहे आप धनी हैं या मुश्किल से आपके पास कुछ पैसा है, खतरा वही है – पैसे से प्रेम करना। प्रलोभन वहाँ पर है, चाहे यह उस पैसे से प्रेम करना है जो आपके पास पहले से ही है, या वह पैसा जिसे आप पाना चाहेंगे।
पैसे से प्रेम करने और इसके पीछे जाने के बजाय, ‘ सत्यनिष्ठा, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज और नम्रता का पीछा कर’ (व.11, एम.एस.जी)। वह तीमुथी को चिताते हैं कि ‘विश्वास की अच्छी कुश्ती लड़’ (व.12अ)। ‘लड़ाई’ शुरु होती है कि हमारे हृदय और दिमाग यीशु पर केंद्रित रहे (वव.13-14)।
वह उन्हें अपना सारा पैसा दे देने की आज्ञा नहीं देते हैं, बल्कि इसमें अपनी आशा न रखने के लिए कहते हैं। यदि आप पैसे के प्रति अपने व्यवहार से निपट लेंगे, तो यह आपके जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों से निपटने में सहायता करेगा। पौलुस पाँच तरीके बताते हैं कि कैसे पैसे के प्रति हमारे व्यवहार से निपटना है (वव.17-18):
1. घमंड से भर मत जाओ
संपत्ति से जुड़ा एक खतरा है अक्खड़पन’ इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे कि वे अभिमानी न हों’ (व.17, एम.एस.जी)।
2. संपत्ति में अपनी सुरक्षा मत रखिये
’क्योंकि न हम जगत में कुछ लाए हैं और न कुछ ले जा, सकते हैं’ (व.7, एम.एस.जी)। संपत्ति केवल झूठी सुरक्षा प्रदान करती है। ‘ और चंचल धन पर आशा न रखें’ (व.17, एम.एस.जी)। हमारी संपत्ति का असली मापदंड है कि हमारी क्या कीमत होगी यदि हम अपना सारा पैसा खो दें।
3. परमेश्वर को प्रथम स्थान दें
परमेश्वर में आशा रखे, परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देते हैं (व.17)। जीवन की अच्छी वस्तुओं का आनंद लेने के विषय में कोई गलत बात नहीं है। परमेश्वर हमारे आनंद के लिए सारी अच्छी चीजों को प्रदान करते हैं। लेकिन पहचानिये कि यह सब उनसे मिलता है और यह सब उनका ही है।
4. भलाई करो
पौलुस धनी को चिताते हैं कि ‘ वे भलाई करें, और भले कामों में धनी बनें, और उदार और सहायता देने में तत्पर हों’ (व.18, एम.एस.जी)। इस बात पर ध्यान केंद्रित मत करो कि आप कितना पैसा बना सकते हैं, लेकिन आप कितनी भलाई कर सकते हैं। यह संभव है कि भौतिक रूप से अमीर हो लेकिन आत्मिक रूप से गरीब। उसी तरह से यह संभव है कि भौतिक रूप से गरीब हो लेकिन ‘भले कामों में अमीर हो’ (व.18)।
5. अपने स्त्रोंतो को बाँटो
वेस्ली ने कहा, ‘जब मेरे पास पैसा होता है, तब मैं जल्द ही इससे छुटकारा पा लेता हूँ, कही ऐसा न हो कि यह मेरे हृदय में जगह पा ले।’ उदारता हमारे जीवन में पैसे की पकड़ को तोड़ने का तरीका है। ‘अत्यधिक उदार बने’ (व.18, एम.एस.जी)।
जो कुछ आपका है वह परमेश्वर की ओर से आता है। इसलिए, इसे दूसरों के साथ बाँटने में इच्छुक बने। फ्रांसिस बेकोन ने कहा, ‘पैसा खाद की तरह है। यह तब तक अच्छा नहीं है जब तक इसे आस-पास फैला न दे।’
प्रार्थना
परमेश्वर, हमारी सहायता कीजिए कि संपत्ति में अपनी आशा न रखे बल्कि संतुष्ट रहे और आपमें आशा रखे। मेरी सहायता कीजिए कि भलाई करुँ, भले काम में अमीर बनूं और उदार बनूं और बाँटने में इच्छुक रहूँ।
यिर्मयाह 46:1-47:7
राष्ट्रों के बारे में यहोवा का सन्देश
46यिर्मयाह नबी को ये सन्देश मिले। ये सन्देश विभिन्न राष्ट्रों के लिय हैं।
मिस्र के बारे में सन्देश
2 यह सन्देश मिस्र के बारे में है। यह सन्देश निको फिरौन की सेना के बारे में है। निको मिस्र का राजा था। उसकी सेना कर्कमीश नगर में पराजित हुई थी। कर्कमीश परात नदी पर है। यहोयाकीम के यहूदा पर राज्यकाल के चौथे वर्ष बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने निको फिरौन की सेना को कर्कमीश में पराजित किया। यहोयाकीम राजा योशिय्याह का पुत्र था। मिस्र के लिये यहोवा का सन्देश यह है:
3 “अपनी विशाल और छोटी ढालों को तैयार करो।
युद्ध के लिये कूच कर दो।
4 घोड़ों को तैयार करो।
सैनिकों अपने घोड़ों पर सवार हो।
युद्ध के लिये अपनी जगह जाओ।
अपनी टोप पहनो।
अपने भाले तेज करो।
अपने कवच पहन लो।
5 मैं यह क्या देखता हूँ सेना डर गई है।
सैनिक भाग रहे हैं।
उनके वीर सैनिक पराजित हो गये हैं।
वे जल्दी में भाग रहे हैं।
वे पीछे मुड़कर नहीं देखते।
सर्वत्र भय छाया है।”
यहोवा ने ये बातें कहीं।
6 “तेज घावक भाग कर निकल नहीं सकते।
शक्तिशाली सैनिक बचकर भाग नहीं सकता।
वे सभी ठोकर खाएंगे और गिरेंगे।
उत्तर में यह परात नदी के किनारे घटित होगा।
7 नील नदी सा कौन उमड़ा आ रहा है उस बलवती और तेज नदी सा कौन बढ़ रहा है
8 यह मिस्र है जो उमड़ते नील नदी सा आ रहा है।
यह मिस्र है जो उस बलवान तेज नदी सा आ रहा है।
मिस्र कहता है: ‘मैं आऊँगा और पृथ्वी को पाट दूँगा, मैं नगरों और उनके लोगों को नष्ट कर दूँगा।’
9 घुड़सवारों, युद्ध में टूट पड़ो।
सारथियों, तेज हाँकों।
वीर सैनिकों, आगे बढ़ो।
कूश और पूत के सैनिकों अपनी ढालें लो।
लूदीया के सैनिकों, अपने धनुष संभालो।
10 “किन्तु उस दिन, हमारा स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा विजयी होगा।
उस समय वह उन लोगों को दण्ड देगा जिन्हें दण्ड मिलना है।
यहोवा के शत्रु वह दण्ड पाएंगे जो उन्हें मिलना है।
तलवार तब तक काटेगी जब तक वह कुंठित नहीं हो जाती।
तलवार तब तक मारेगी जब तक इसकी रक्त पिपासा बुझ नहीं जाती।
यह होगा, क्योंकि ये हमारे स्वामी सर्वशक्तिमान यहोवा के लिए बलि भेंट होती है।
वह बलि मिस्र की सेना है जो परात नदी के किनारे उत्तरी प्रदेश में है।
11 “मिस्र, गिलाद को जाओ और कुछ दवायें लाओ।
तुम अनेक दवायें बनाओगे, किन्तु वे सहायक नहीं होंगी।
तुम स्वस्थ नहीं होगे।
12 राष्ट्र तुम्हारी व्यथा की पुकार को सुनेंगे।
तुम्हारा रूदन पूरी पृथ्वी पर सुना जाएगा।
एक वीर सैनिक दूसरे वीर सैनिक पर टूट पड़ेगा
और दोनों वीर सैनिक साथ गिरेंगे।”
13 यह वह सन्देश है जिसे यहोवा ने यिर्मयाह नबी को दिया। यह सन्देश नबूकदनेस्सर के बारे में है जो मिस्र पर आक्रमण करने आ रहा है।
14 “मिस्र में इस सन्देश की घोषणा करो,
इसका उपदेश मिग्दोल नगर में दो।
इसका उपदेश नोप और तहपन्हेस नगर में भी दो।
‘युद्ध के लिये तैयार हो।
क्यों क्योंकि तुम्हारे चारों ओर लोग तलवारों से मारे जा रहे हैं।’
15 मिस्र, तुम्हारे शक्तिशाली सैनिक क्यों मारे जाएंगे?
वे मुकाबले में नहीं टिकेंगे
क्योंकि यहोवा उन्हें नीचे धक्का देगा।
16 वे सैनिक बार—बार ठोकर खायेंगे, वे एक दूसरे पर गिरेंगे।
वे कहेंगे, ‘उठो, हम फिर अपने लोगों में चलें, हम अपने देश चलें।
हमारा शत्रु हमें पराजित कर रहा है।
हमें अवश्य भाग निकलना चाहिये।’
17 वे सैनिक अपने देश में कहेंगे,
‘मिस्र का राजा फिरौन केवल एक नाम की गूंज है।
उसके गौरव का समय गया।’”
18 राजा का यह सन्देश है।
राजा सर्वशक्तिमान यहोवा है।
“यदि मेरा जीना सत्य है तो
एक शक्तिशाली पथ दर्शक आएगा।
वह सागर के निकट ताबोर और कर्मेल पर्वतों सा महान होगा।
19 मिस्र के लोगों, अपनी वस्तुओं को बाँधों, बन्दी होने को तैयार हो जाओ।
क्यों क्योंकि नोप एक बरबाद सूना प्रदेश बनेगा नगर नष्ट होंगे और कोई भी व्यक्ति उनमें नहीं रहेगा।
20 “मिस्र एक सुन्दर गाय सा है।
किन्तु उसे पीड़ित करने को उत्तर से एक गोमक्षी आ रही है।
21 मिस्र की सेना में भाड़े के सैनिक मोटे बछड़ों से हैं।
वे सभी मुड़कर भाग खड़े होंगे।
वे आक्रमण के विरुद्ध दृढ़ता से खड़े नहीं रहेंगे।
उनकी बरबादी का समय आ रहा है।
वे शीघ्र ही दण्ड पाएंगे।
22 मिस्र एक फुंफकारते उस साँप सा है
जो बच निकलना चाहता है।
शत्रु निकट से निकट आता जा रहा है
और मिस्री सेना भागने का प्रयत्न कर रही है।
शत्रु मिस्र के विरुद्ध कुल्हाड़ियों के साथ आएगा,
वे उन पुरुषों के समान हैं जो पेड़ काटते हैं।”
23 यहोवा यह सब कहता है,
“शत्रु मिस्र के वन को काट गिरायेगा।
वन में असंख्य वृक्ष है,
किन्तु वे सब काट डाले जायेंगे।
शत्रु के सैनिक टिड्डी दल से भी अधिक हैं।
वे इतने अधिक सैनिक हैं कि उन्हें कोई गिन नहीं सकता।
24 मिस्र लज्जित होगा,
उत्तर का शत्रु उसे पराजित करेगा।”
25 इस्राएल का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है: “मैं बहुत शीघ्र, थीबिस के देवता आमोन को दण्ड दूँगा और मैं फिरौन, मिस्र और उसके देवताओं को दण्ड दूँगा। मैं मिस्र के राजाओं को दण्ड दूँगा। मैं फिरौन पर आश्रित लोगों को दण्ड दूँगा। 26 मैं उन सभी लोगों को उनके शत्रुओं से पराजित होने दूँगा और वे शत्रु उन्हें मार डालना चाहते हैं। मैं बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर और उसके सेवकों के हाथ में उन लोगों को दूँगा।
“बहुत पहले मिस्र शान्ति से रहा और इन सब विपत्तियों के समय के बाद मिस्र फिर शान्तिपूर्वक रहेगा।” यहोवा ने ये बातें कहीं।
उत्तरी इस्राएल के लिए सन्देश
27 “मेरे सेवक याकूब, भयभीत न हो।
इस्राएल, आतंकित न हो।
मैं निश्चय ही तुम्हें उन दूर देशों से बचाऊँगा।
मैं तुम्हारे बच्चों को वहाँ से बचाऊँगा जहाँ वे बन्दी हैं।
याकूब को पुन: सुरक्षा और शान्ति मिलेगी
और कोई व्यक्ति उसे भयभीत नहीं करेगा।”
28 यहोवा यह सब कहता है:
“याकूब मेरे सेवक, डरो नहीं।
मैं तुम्हारे साथ हूँ।
मैंने तुम्हें विभिन्न स्थानों में दूर भेजा
और मैं उन सभी राष्ट्रों को पूर्णत: नष्ट करूँगा।
किन्तु मैं तुम्हें पूर्णत: नष्ट नहीं करूँगा।
तुम्हें उसका दण्ड मिलना चाहिये जो तुमने बुरे काम किये हैं।
अत: मैं तुम्हें दण्ड से बच निकालने नहीं दूँगा।
मैं तुम्हें अनुशासन में लाऊँगा, किन्तु मैं उचित ही करूँगा!”
पलिश्ती लोगों के बारे में सन्देश
47यह सन्देश यहोवा का है जो यिर्मयाह नबी को मिला। यह सन्देश पलिश्ती लोगों के बारे में है। यह सन्देश, जब फिरौन ने गज्जा नगर पर आक्रमण किया, उससे पहले आया।
2 यहोवा कहता है:
“ध्यान दो, शत्रु के सैनिक उत्तर में एक साथ मोर्चा लगा रहे हैं।
वे तटों को डूबाती तेज नदी की तरह आएंगे वे पूरे देश को बाढ़ सा ढक लेंगे।
वे नगरों और उनमें रह रहे निवासियों को ढक लेंगे।
उस देश का हर एक रहने वाला सहायता के लिये चिल्लाएगा।
3 वे दौड़ते घोड़ों की आवाज सुनेंगे, वे रथों की घरघराहट सुनेंगे।
वे पहियों की घरघराहट सुनेंगे।
पिता अपने बच्चों की सुरक्षा करने में सहायता नहीं कर सकेंगे।
वे पिता सहायता करने में एकदम असमर्थ होंगे।
4 “सभी पलिश्ती लोगों को नष्ट करने का समय आ गया है।
सोर और सिदोन के बचे सहायकों को नष्ट करने का समय आ गया है।
यहोवा पलिश्ती लोगों को शीघ्र ही नष्ट करेगा।
कप्तोर द्वीप में बचे लोगों को वह नष्ट करेगा।
5 गज्जा के लोग शोक में डूबेंगे और अपना सिर मुड़ाएंगे।
अश्कलोन के लोग चुप कर दिए जाएंगे।
घाटी के बचे लोगों, कब तक तुम अपने को काटते रहोगे?
6 “ओ! यहोवा की तलवार,
तू रुकी नहीं तू कब तक मार करती रहेगी?
अपनी म्यान में लौट जाओ,
रूको, शान्त होओ।
7 किन्तु यहोवा की तलवार कैसे विश्राम लेगी
यहोवा ने इसे आदेश दिया है।
यहोवा ने इसे यह आदेश दिया है
कि यह अश्कलोन नगर और समुद्र तट पर आक्रमण करे।”
समीक्षा
परमेश्वर में आशा रखे नाकि शक्तिशाली लोगों में
कुछ लोग धन में अपनी आशा रखते हैं। मोआबियों और अम्मोनियों ने यही किया (48:7;49:4)। दूसरे शक्तिशाली लोगों में आशा रखते हैं – जैसा कि मिस्रियों ने किया।
भविष्यवक्ता यिर्मयाह ने पहचाना कि परमेश्वर (याहवे) केवल इस्राएल देश के परमेश्वर नही थे बल्कि विश्व के सभी देशो के परमेश्वर थे। परमेश्वर ने उसे मिस्र और दूसरे देशों के लिए एक संदेश दिया था।
उन्होंने फिरौन पर निर्भर रहने के विरूद्ध चिताया, इस तथ्य के बावजूद कि वह विश्व में सबसे शक्तिशाली लोगों में से एक था। जो ‘फिरौन’ पर भरोसा करते हैं वह परेशानी को दावत देते हैं (46:25)।
इसके विपरीत, वह उनकी सेवा करने वालो से वायदा करते हैं:’’परन्तु हे मेरे दास याकूब, तू मत डर, और हे इस्राएल, विस्मित न हो; क्योंकि मैं तुझे और तेरे वंश को बँधुआई के दूर देश से छुड़ा ले आऊँगा। याकूब लौटकर चैन और सुख से रहेगा, और कोई उसे डराने न पाएगा’ (वव.27-28, एम.एस.जी)। मसीह में, वह आपसे शांति और सुरक्षा का भी वायदा करते हैं। वह आपके साथ हैं। आपको डरने की आवश्यकता नहीं है।
यह परमेश्वर हैं जो हमारी आशा हैं। जैसा कि पोप जॉन पॉल इसे कहते हैं, ‘मसीह संपूर्ण विश्व के लिए आशा का स्त्रोत हैं...यीशु मसीह हमारी आशा हैं।’
प्रार्थना
परमेश्वर, मैं नहीं डरुँगा क्योंकि आप मेरे साथ हैं। मेरी सहायता कीजिए कि हमेशा आपमें आशा रखूं और केवल आपकी सेवा करुँ। होने दीजिए कि मैं कभी पैसे में, शक्तिशाली लोगों में या किसी दूसरी चीज में भरोसा न रखूं। होने दीजिए कि मेरा भरोसा और संतुष्टि हमेशा आपमें हो।
पिप्पा भी कहते है
भजनसंहिता 119:79
‘ जो तेरा भय मानते हैं, वे मेरी ओर फिरें’
ऐसी बहुत सी चीजें हैं जिनसे मुझे जीवन में डरने का प्रलोभन आता है, लेकिन सही डर केवल परमेश्वर का भय है।
App
Download The Bible with Nicky and Pippa Gumbel app for iOS or Android devices and read along each day.
Sign up now to receive The Bible with Nicky and Pippa Gumbel in your inbox each morning. You’ll get one email each day.
Podcast
Subscribe and listen to The Bible with Nicky and Pippa Gumbel delivered to your favourite podcast app everyday.
Website
Start reading today’s devotion right here on the BiOY website.
संदर्भ
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।