आपके लिए निर्धारित दौड़
परिचय
मैंने जीवन में बहुत सी गलतियाँ की हैं और थोड़ा पछतावा भी है। उनमें से एक है, जब मैं उन्नीस वर्ष का था, तब बिना किसी प्रशिक्षण के एक दौड़ में भाग लिया, 'सीमा दौड़ में'। यह मॅराथॉन से थोड़ी लंबी थी और मुझे कैम्ब्रिज शहर की सीमा पर दौड़ना था, जिसमें अधिकतर जोते हुए खेत से गुजरना था।
पहले चौदह मील तक, मैं ठीक था। इसके बाद, मेरे शरीर का बहुत सा भाग प्रभावित होने लगा। यद्यपि मैंने एक उचित समय पर दौड़ पूरी की, मुझे इसे पूरा करने में हफ्ते लगे। प्रशिक्षण के बिना मॅराथॉन दौड़ना बुद्धि का काम नहीं है।
इब्रानियों के लेखक कहत हैं कि मसीह जीवन एक दौड़ दौड़ने जैसा है। यह एक छोटी दौड़ से अधिक मॅराथॉन की तरह है। हम 'लंबी दौड़ दौड़ने वाले' हैं (इब्रानियों 12:13, एम.एस.जी)। इसमें प्रशिक्षण, सहनशीलता और अनुशासन की आवश्यकता है, ' तुम निराश होकर साहस न छोड़ दो' (व.3)। आज के हर लेखांश में, आप देखेंगे कि आपको क्या करने की आवश्यकता है 'आपके लिए निर्धारित दौड़ दौड़ने के लिए' (व.1), और ऐसा करने का परिणाम क्या है।
भजन संहिता 125:1-5
आरोहण गीत।
125जो लोग यहोवा के भरोसे रहते हैं, वे सिय्योन पर्वत के जैसे होंगे।
उनको कभी कोई भी डिगा नहीं पाएगा।
वे सदा ही अटल रहेंगे।
2 यहोवा ने निज भक्तों को वैसे ही अपनी ओट में लिया है,
जैसे यरूशलेम चारों ओर पहाड़ों से घिरा है।
यहोवा सदा और सर्वदा निज भक्तों की रक्षा करेगा।
3 बुरे लोग सदा धरती पर भलों के ऊपर शासन नहीं करेंगे,
यदी बुरे लोग ऐसा करने लग जायें तो संभव है सज्जन भी बुरे काम करने लगें।
4 हे यहोवा, तू भले लोगों के संग,
जिनके मन पवित्र हैं तू भला हो।
5 हे यहोवा, दुर्जनों को दण्ड दे,
जिन लोगों ने तेरा अनुसरण छोड़ा तू उनको दण्ड दे।
इस्राएल में शांति हो।
समीक्षा
मार्ग पर बने रहें और आगे बढ़ते रहें
'बहुत सहनशीलता के बिना कोई महान चीज कभी भी नहीं की गई, ' सीयना की सेंट कैथरिन ने लिखा।
सहनशीलता की पूंजी परमेश्वर पर भरोसा करना हैः' जो यहोवा पर भरोसा रखते हैं, वे सिय्योन पवर्त के सामने हैं, जो टलता नहीं, वरन् सदा बना रहता है' (व.1)। यह कामना पर आधारित नहीं है, बल्कि परमेश्वर के चरित्र और सुरक्षा पर जिनमें हम भरोसा करते हैं।
परमेश्वर आपके साथ हैं। वह आपके लिए हैं। वह आपके ऊपर हैं। वह आपके अंदर हैं। वह आपके चारो ओर हैं:' यहोवा अपनी प्रजा के चारों ओर अब से लेकर सर्वदा तक बने रहेंगे' (व.2)। इस सुरक्षा पर आप 'अभी' और 'सदा के लिए' निर्भर रह सकते हैं (व.2)।
विश्वास ('परमेश्वर पर भरोसा, व.1') सत्यनिष्ठा लाता है (रोमियो 3:22), और बाकी का यह भजन सत्यनिष्ठ और दुष्ट के विषय में लंबे दृष्टिकोण पर केंद्रित है। इस बात के बावजूद कि वस्तुएँ उस समय कैसी दिखाई देती हैं, ' दुष्टों का राजदण्ड सत्यनिष्ठों के भाग पर बना न रहेगा' (भजनसंहिता 125:3B)।
भजनसंहिता के लेखक मार्ग पर से भटक जाने के विरूद्ध चेतावनी देते हैं:' जो मुड़कर टेढ़े मार्गों में चलते हैं, उनको यहोवा अनर्थकारियों के संग निकाल देगा' (व.5)। जब हम मार्ग से भटक जाते हैं तब हम अपनी शांति खो देते हैं। भजनसंहिता के लेखक की प्रार्थना है कि 'इस्राएल को शांति मिले' (व.5ब)।
प्रार्थना
परमेश्वर, आपका धन्यवाद कि आप उन लोगों को घेरे रहते हैं जो आपमें भरोसा करते हैं। आज मैं अपने जीवन के साथ आप पर भरोसा करता हूँ। कृपया मेरी रक्षा करिए और मुझे अपनी शांति दीजिए।
इब्रानियों 12:1-13
परमेश्वर अपने पुत्रों को सिधाता है
12क्योंकि हम साक्षियों की ऐसी इतनी बड़ी भीड़ से घिरे हुए हैं, जो हमें विश्वास का अर्थ क्या है इस की साक्षी देती है। इसलिए आओ बाधा पहुँचाने वाली प्रत्येक वस्तु को और उस पाप को जो सहज में ही हमें उलझा लेता है झटक फेंके और वह दौड़ जो हमें दौड़नी है, आओ धीरज के साथ उसे दौड़ें। 2 हमारे विश्वास के अगुआ और उसे सम्पूर्ण सिद्ध करने वाले यीशु पर आओ हम दृष्टि लगायें। जिसने अपने सामने उपस्थित आनन्द के लिए क्रूस की यातना झेली, उसकी लज्जा की कोई चिंता नहीं की और परमेश्वर के सिंहासन के दाहिने हाथ विराजमान हो गया। 3 उसका ध्यान करो जिसने पापियों का ऐसा विरोध इसलिए सहन किया ताकि थक कर तुम्हारा मन हार न मान बैठे।
परमेश्वर, पिता के समान है
4 पाप के विरुद्ध अपने संघर्ष में तुम्हें इतना नहीं अड़ना पड़ा है कि अपना लहू ही बहाना पड़ा हो। 5 तुम उस साहसपूर्ण वचन को भूल गये हो। जो तुम्हेंपुत्र के नाते सम्बोधित है:
“हे मेरे पुत्र, प्रभु के अनुशासन का तिरस्कार मत कर,
उसकी फटकार का बुरा कभी मत मान,
6 क्योंकि प्रभु उनको डाँटता है जिनसे वह प्रेम करता है।
वैसे ही जैसे पिता उस पुत्र को दण्ड देता, जो उसको अति प्रिय है।”
7 कठिनाई को अनुशासन के रूप में सहन करो। परमेश्वर तुम्हारे साथ अपने पुत्र के समान व्यवहार करता है। ऐसा पुत्र कौन होगा जिसे अपने पिता के द्वारा ताड़ना न दी गई हो? 8 यदि तुम्हें वैसे ही ताड़ना नहीं दी गयी है जैसे सबको ताड़ना दी जाती है तो तुम अपने पिता से पैदा हुए पुत्र नहीं हो और सच्ची संतान नहीं हो। 9 और फिर यह भी कि इन सब को वे पिता भी जिन्होंने हमारे शरीर को जन्म दिया है, हमें ताड़ना देते हैं। और इसके लिए हम उन्हें मान देते हैं तो फिर हमें अपनी आत्माओं के पिता के अनुशासन के तो कितना अधिक अधीन रहते हुए जीना चाहिए। 10 हमारे पिताओं ने थोड़े से समय के लिए जैसा उन्होंने उत्तम समझा, हमें ताड़ना दी, किन्तु परमेश्वर हमें हमारी भलाई के लिये ताड़ना दी है, जिससे हम उसकी पवित्रता के सहभागी हो सकें। 11 जिस समय ताड़ना दी जा रही होती है, उस समय ताड़ना अच्छी नहीं लगती, बल्कि वह दुखद लगती है किन्तु कुछ भी हो, वे जो ताड़ना का अनुभव करते हैं, उनके लिए यह आगे चलकर नेकी और शांति का सुफल प्रदान करता है।
चेतावनी: परमेश्वर को नकारो मत
12 इसलिए अपनी दुर्बल बाहों और निर्बल घुटनों को सबल बनाओ। 13 अपने पैरों के लिए मार्ग बना ताकि जो लँगड़ा है, वह अपंग नहीं, वरन चंगा हो जाए।
समीक्षा
लगातार बने रहकर दौड़ में दौड़िये
एक दौड़ है जिसमें आपको 'दौड़ना है' और 'धीरज के साथ दौड़ना है' (व.1)। इस दौड़ में, आपके पास महान प्रोत्साहन है। आपको ' गवाहों का ऐसा बड़ा बादल हम को घेरे हुए है' (व.1)। ये विश्वास के पुरुष और महिलाएँ हैं। इब्रानियों 11 में उल्लेखित सभी लोग मर चुके हैं, लेकिन गवाह जो हमें घेरे हुए हैं उनमें वे भी शामिल हैं जो अब भी जीवित हैं, जो विश्वास के उदाहरण हैं:' हर एक रोकने वाली वस्तु और उलझाने वाले पाप को दूर करके' (व.1, एम.एस.जी)।
इस दौड़ के दौड़ने में कठिनाईयाँ और चुनौतियाँ आयेंगी। ऐसी चीजें हैं जो रास्ते में आपको ठोकर खिला सकती हैं:' हर एक रोकने वाली वस्तु और उलझाने वाले पाप को दूर करके' (व.1)।
प्राचीन विश्व में, धावक दौड़ के लिए कपड़े उतारकर लंगोट में आ जाते थे। बहुत से कपड़े उनकी दौड़ में बाधा डाल सकते थे। यह एक नमूना है कि ना केवल पाप से छुटकारा पाये बल्कि दूसरे व्यवधानों और अड़चनों से भी।
जैसा कि हेनरी नुवन लिखते हैं, 'यदि मैं अपने जीवन को उस चीज से ढँक दिये जाने दूं जो शीघ्र करनी है, तो शायद से मैं कभी भी उस चीज तक न पहुँचू जो जरूरी है।'
सफलतापूर्वक दौड़ को दौड़ने की पूंजी है 'यीशु पर अपनी निगाहें टिकाए रखना' (व.2)। जहाँ पर एक धावक देखता है, वह उनकी सफलता की पूंजी है। अच्छे धावक अपनी आँखे अंतिम रेखा पर लगाए रखते हैं।
यीशु ' जिसने उस आनन्द के लिये जो उसके आगे रखा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके क्रूस का दुःख सहा, और परमेश्वर के सिंहासन के दाहिनी ओर जा बैठा' (व.2, एम.एस.जी)। 'अपने पाँवो के लिए सीधा मार्ग' (व.13) बनाने का एकमात्र तरीका है लक्ष्य की ओर देखते रहना, अपने पैरो को देखने के बजाय। अपनी आँखे यीशु पर केंद्रित रखिए। क्योंकि हर एक बार अंदर रखना, उनकी ओर दस बार देखने के बराबर है।
मसीह के अनुयायी के रूप में, आप बहुत सा विरोध, आलोचना और नकारात्मक चर्चा ग्रहण करेंगे, लेकिन यह उनकी तुलना में कुछ भी नहीं है जो यीशु ने आपके लिए सहा।
' विश्वास के कर्ता और सिध्द करने वाले यीशु की ओर ताकते रहें, जिसने उस आनन्द के लिये जो उनके आगे रखा था, लज्जा की कुछ चिन्ता न करके क्रूस का दुःख सहा, और परमेश्वर के सिंहासन के दाहिनी ओर जा बैठा' (व.2)। आपकी सहनशीलता की पूंजी है ' उन पर ध्यान करिए, जिसने अपने विरोध में पापियों का इतना विरोध सह लिया कि तुम निराश होकर साहस न छोड़ दो' (व.3)।
यीशु पर अपना ध्यान लगाए रखने से आपको मदद मिलेगी अपना दृष्टिकोण बनाए रखने में। हममें से बहुतों ने, पाप के विरूद्ध हमारी लड़ाई में (इस पत्र के पढ़ने वालों की तरह) तुम ने पाप से लड़ते हुए उससे ऐसी मुठभेड़ नहीं की कि तुम्हारा लहू बहा हो (व.4)।
एक सफल दौड़ दौड़ने के लिए प्रशिक्षण की आवश्यकता है। प्रशिक्षण कठिन काम है; इसमें अनुशासन की आवश्यकता है और यह थोड़ा दर्दनाक हो सकता है।
यहाँ पर लेखक माता-पिता के उस चित्र का इस्तेमाल करते हैं जिसमें वह अपने बच्चों को अनुशासित करते हैं। यह प्रेम में किया जाता हैः ' क्योंकि प्रभु जिनसे प्रेम करते हैं, उनकी ताड़ना भी करते हैं' (व.6अ)। अनुशासन प्रमाण है कि 'परमेश्वर आपको अपना पुत्र मानते हैं' (व.6, एम.एस.जी)।
वह आगे कहते हैं, ' तुम दुःख को ताड़ना समझकर सह लो; परमेश्वर तुम्हें पुत्र जानकर तुम्हारे साथ बर्ताव करते हैं। वह कौन सा पुत्र है जिसकी ताड़ना पिता नहीं करता: यदि वह ताड़ना जिसके भागी सब होते हैं, तुम्हारी नहीं हुई तो तुम पुत्र नहीं, पर व्यभिचार की सन्तान ठहरे' (वव.7-8, एम.एस.जी)।
' फिर जब कि हमारे शारीरिक पिता भी हमारी ताड़ना किया करते थे और हमने उनका आदर किया, तो क्या आत्माओं के पिता के और भी अधीन न रहें जिससे हम जीवित रहें' (व.9, एम.एस.जी)। परमेश्वर आपकी भलाई के लिए आपको प्रशिक्षित कर रहे हैं ताकि आप ' उनकी पवित्रता के भागी हो जाएँ' (व.10)। यह शायद इस समय दर्दनाक लगे, लेकिन 'बाद में' निश्चित ही, लाभ होगा, ' जो उनको सहते – सहते पक्के हो गए हैं, बाद में उन्हें चैन के साथ सत्यनिष्ठा का प्रतिफल मिलता है।' (व.11, एम.एस.जी)।
निरंतर दौड़ दौडते रहियेः' इसलिये ढीले हाथों और निर्बल घुटनों को सीधे करिए, और अपने पाँवों के लिये सीधे मार्ग बनाइए कि लंगड़ा भटक न जाए पर भला चंगा हो जाए' (वव.12-13, एम.एस.जी)।
प्रार्थना
परमेश्वर, मेरी सहायता कीजिए कि अनुशासन की तरह कठिनाई को सहूँ, यह जानते हुए कि आप अपनी संतान के रूप में मुझे सिखा रहे हैं (व.7)। होने दीजिए कि मैं आपकी पवित्रता में सहभागी रहूँ और सत्यनिष्ठा और शांति के फल उत्पन्न करुँ।
यहेजकेल 26:1-27:36
सोर के बारे में दु:खद समाचार
26देश निकाले के ग्यारहवें वर्ष में, महीने के पहले दिन, यहोवा का वचन मुझे मिला। उसने कहा, 2 “मनुष्य के पुत्र, सोर ने यरूशलेम के विरुद्ध बुरी बातें कहीं: आहा! लोगों की रक्षा करने वाला नगर—द्वार नष्ट हो गया है! नगर —द्वार मेरे लिये खुला है। नगर (यरूशलेम) नष्ट हो गया है, अत: मैं इससे बहुत सी बहुमूल्य चीज़ें ले सकता हूँ!”
3 इसलिये मेरा स्वामी यहोवा कहता है: “सोर, मैं तुम्हारे विरुद्ध हूँ! मैं तुम्हारे विरुद्ध लड़ने के लिये कई राष्ट्रों को लाऊँगा। वे समुद्र—तट की लहरों की तरह बार—बार आएंगे।”
4 परमेश्वर ने कहा, “शत्रु के वे सैनिक सोर की दीवारों को नष्ट करेंगे और उनके स्तम्भों को गिरा देंगे। मैं भी उसकी भूमि से ऊपर की मिट्टी को खुरच दूँगा। मैं सोर को चट्टान मात्र बना डालूँगा। 5 सोर समुद्र के किनारे मछलियोंके जालों के फैलाने का स्थान मात्र रह जाएगा। मैंने यह कह दिया है!” मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “सोर उन बहुमूल्य वस्तुओं की तरह होगा जिन्हें सैनिक युद्ध में पाते हैं। 6 मूल प्रदेश में उसकी पुत्रियाँ (छोटे नगर) युद्ध में मारी जाएंगी। तब वे जानेंगे कि मैं यहोवा हूँ।”
नबूकदनेस्सर सोर पर आक्रमण करेगा
7 मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है, “मैं सोर के विरुद्ध उत्तर से एक शत्रु लाऊँगा। बाबुल का महान राजा नबूकदनेस्सर शत्रु है! वह एक विशाल सेना लाएगा। उसमें घोड़े, रथ, घुड़सवार सैनिक और अत्याधिक संख्या में अन्य सैनिक होंगे। वे सैनिक विभिन्न राष्ट्रों से होंगे। 8 नबूकदनेस्सर मूल प्रदेश में तुम्हारी पुत्रियों (छोटे नगर) को मार डालेगा। वह तुम्हारे नगरों पर आक्रमण करने के लिये मीनारें बनाएगा! वह तुम्हारे नगर के चारों ओर कच्ची सड़क बनाएगा! वह एक कच्ची सड़क दीवार तक पहुँचाने वाली बनाएगा। 9 वह तुम्हारी दीवारों को तोड़ने के लिये लट्ठे लाएगा। वह कुदालियों का उपयोग करेगा और तुम्हारी मीनारों को तोड़ गिराएगा। 10 उसके घोड़े इतनी बड़ी संख्या में होंगे कि उनकी टापों से उठी धूलि तुम्हें ढक लेगी। तुम्हारी दीवारें घुड़सवार सैनिकों, बन्द गाड़ियों और रथों की आवाज़ से काँप उठेगी। जब बाबुल का राजा नगर—द्वार से नगर में प्रवेश करेगा। हाँ, वे तुम्हारे नगर में आएंगे क्योंकि इसकी दीवारें गिराई जाएंगी। 11 बाबुल का राजा तुम्हारे नगर से घोड़े पर सवार होकर निकलेगा। उसके घोड़ों की टाप तुम्हारी सड़कों को कुचलती हुई आएगी। वह तुम्हारे लोगों को तलवार से मार डालेगा। तुम्हारे नगर की दृढ़ स्तम्भ—पंक्तियाँ धराशायी होंगी। 12 नबूकदनेस्सर के सैनिक तुम्हारी सम्पत्ति ले जाएंगे। वे उन चीज़ों को ले जाएंगे जिन्हें तुम बेचना चाहते हो। वे तुम्हारी दीवारों को ध्वस्त करेंगे और तुम्हारे सुन्दर भवनों को नष्ट करेंगे। वे तुम्हारे पत्थरों और लकड़ियों के घरों को कूड़े की तरह समुद्र में फेंक देंगे। 13 इस प्रकार मैं तुम्हारे आनन्द गीतों के स्वर को बन्द कर दूँगा। लोग तुम्हारी वीणा को भविष्य में नहीं सुनेंगे। 14 मैं तुमको नंगी चट्टान मात्र कर दूँगा। तुम समुद्र के किनारे मछलियों के जालों को फैलाने के स्थान रह जाओगे। तुम्हारा निर्माण फिर नहीं होगा। क्यों क्योंकि मैं, यहोवा ने यह कहा है!” मेरे स्वामी यहोवा ने वे बातें कहीं।
अन्य राष्ट्र सोर के लिये रोयेंगे
15 मेरा स्वामी यहोवा सोर से यह कहता है: “भूमध्य सागर के तट से लगे देश तुम्हारे पतन की ध्वनि से काँप उठेंगे। यह तब होगा जब तुम्हारे लोग चोट खाएंगे और मारे जाएंगे। 16 तब समुद्र तट के देशों के सभी प्रमुख अपने सिंहासनों से उतरेंगे और अपना दु:ख प्रकट करेंगे। वे अपनी विशेष पोशाक उतारेंगे। वे अपने सुन्दर वस्त्रों को उतारेंगे। तब वे अपने काँपने के वस्त्र (भय) पहनेंगे। वे भूमि पर बैठेंगे और भय से काँपेंगे। वे इस पर शोकग्रस्त होंगे कि तुम इतने शीघ्र कैसे नष्ट हो गए। 17 वे तुम्हारे विषय में यह करुण गीत गायेंगे:
“‘हे सोर, तुम प्रसिद्ध नगर थे
समुद्र पार से लोग तुम पर बसने आए।
तुम प्रसिद्ध थे,
किन्तु अब तुम कुछ नहीं हो।
तुम सागर पर शक्तिशाली थे,
और वैसे ही तुम में निवास करने वाले व्यक्ति थे!
तुमने विशाल भू—पर रहने वाले सभी लोगों को
भयभीत किया।
18 अब जिस दिन तुम्हारा पतन होता है,
समुद्र तट से लगे देश भय के कंपित होंगे।
तुमने समुद्र तट के सहारे कई उपनिवेश बनाए,
अब वे लोग भयभीत होंगे, जब तुम नहीं रहोगे!’”
19 मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है, “सोर, मैं तुम्हें नष्ट करूँगा और तुम एक प्राचीन खाली नगर हो जाओगे। वहाँ कोई नहीं रहेगा। मैं समुद्र को तुम्हारे ऊपर बहाऊँगा। विशाल समुद्र तुम्हें ढक लेगा। 20 मैं तुम्हें नीचे उस गहरे अधोगर्त में भेजूँगा, जिस स्थान पर मरे हुए लोग हैं। तुम उन लोगों से मिलोगे जो बहुत पहले मर चुके। मैं तुम्हें उन सभी प्राचीन और खाली नगरों की तरह पाताल लोक में भेजूँगा। तुम उन सभी अन्य लोगों के साथ होगे जो कब्र में जाते हैं। तुम्हारे साथ तब कोई नहीं रहेगा। तुम फिर कभी जीवितों के प्रदेश में नहीं रहोगे! 21 अन्य लोग उससे डरेंगे जो तुम्हारे साथ हुआ। तुम समाप्त हो जाओगे! लोग तुम्हारी खोज करेंगे, किन्तु तुमको फिर कभी पाएंगे नहीं!” मेरा स्वामी यहोवा यही कहता है।
सोर समुद्र पर व्यापार का महान केन्द्र
27यहोवा का वचन मुझे फिर मिला। उसने कहा, 2 “मनुष्य के पुत्र, सोर के बारे में यह करुण—गीत गाओ। 3 सोर के बारे में यह कहो: ‘सोर, तुम समुद्र के द्वार हो। तुम अनेक राष्ट्रों के लिये व्यापारी हो, तुम समुद्र तट के सहारे के अनेक देशों की यात्रा करते हो। मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है:
“‘सोर तुम सोचते हो कि तुम इतने अधिक सुन्दर हो!
तुम सोचते हो कि तुम पूर्णत: सुन्दर हो!
4 भूमध्य सागर तुम्हारे नगर के चारों ओर सीमा बनाता है।
तुम्हारे निर्माताओं ने तुम्हें पूर्णत: सुन्दर बनाया।
तुम उन जहाज़ों की तरह हो जो तुम्हारे यहाँ से यात्रा पर जाती हैं।
5 तुम्हारे निर्माताओं ने, सनीर पर्वत से सनौवर के पेड़ों का उपयोग,
तुम्हारे सभी तख्तों को बनाने के लिये किया।
उन्होंने लबानोन से देवदार वन का उपयोग,
तुम्हारे मस्तूल को बनाने के लिये किया।
6 उन्होंने बाशान से बांज वृक्ष का उपयोग,
तुम्हारे पतवारों को बनाने के लिये किया।
उन्होंने सनौवर से चीड़ वृक्ष का उपयोग,
तुम्हारे जहाज़ी फर्श के कमरे के लिये किया,
और उन्होंने इस निवास को हाथी—दाँत से सजाया।
7 तुम्हारे पाल के लिये उन्होंने मिस्र में बने रंगीन सूती वस्त्र का उपयोग किया।
पाल तुम्हारा झंड़ा था।
कमरे के लिये तुम्हारे पर्दे नीले और बैंगनी थे।
वे सनौवर के समुद्र तट से आते थे।
8 सीदोन और अर्वद के निवासियों ने तुम्हारे लिये तुम्हारी नावों को खेया।
सोर तुम्हारे बुद्धिमान व्यक्ति तुम्हारे जहाज़ों के चालक थे।
9 गबल के अग्रज प्रमुख और बुद्धिमान व्यक्ति
जहाज़ के तख्तों के बीच कल्किन लगाने में सहायता के लिये जहाज़ पर थे।
समुद्र के सारे जहाज और उनके चालक तुम्हारे साथ
व्यापार और वाणिज्य करने आते थे।
10 “‘फारस, लूद और पूत के लोग तुम्हारी सेना में थे। वे तुम्हारे युद्ध के सैनिक थे। उन्होंने अपनी ढालें और सिर के कवच तुम्हारी दीवारों पर लटकाये थे। उन्होंने तुम्हारे नगर के लिये सम्मान और यश कमाया। 11 अर्वद के व्यक्ति तुम्हारे नगर के चारों ओर की दीवार पर रक्षक के रूप में खड़े थे। गम्मत के व्यक्ति तुम्हारी मीनारों में थे। उन्होंने तुम्हारे नगर के चारों ओर की दीवारों पर अपनी ढाले टाँगी। उन्होंने तुम्हारी सुन्दरता को पूर्ण किया।
12 “‘तर्शीश तुम्हारे सर्वोत्तम ग्राहकों में से एक था। वे तुम्हारी सभी अद्भुत विक्रय वस्तुओं के बदले चाँदी, लोहा, टीन और सीसा देते थे। 13 यावान, तूबल, मेशेक और काले सागर के चारों ओर के क्षेत्र के लोग तुम्हारे साथ व्यापार करते थे। वे तुम्हारी विक्रय चीज़ों के बदले गुलाम और काँसा देते थे। 14 तोगर्मा राष्ट्र के लोग घोड़े, युद्ध अश्व और खच्चर उन चीज़ों के बदले में देते थे जिन्हें तुम बेचते थे। 15 ददान के लोग तुम्हारे साथ व्यापार करते थे। तुम अपनी चीज़ों को अनेक स्थानों पर बेचते थे। लोग तुमको भुगतान करने के लिये हाथी दाँत और आबनूस की लकड़ी लाते थे। 16 एदोम तुम्हारे साथ व्यापार करता था क्योंकि तुम्हारे पास बहुत सी अच्छी चीज़ें थीं। एदोम के लोग नीलमणि, बैंगनी वस्त्र, बारीक कढ़ाई के काम, बारीक सूती, मूंगा और लाल तुम्हारी विक्रय चीज़ों के बदले देते थे।
17 “‘यहूदा और इस्राएल के लोगों ने तुम्हारे साथ व्यापार किया। उन्होंने तुम्हारी विक्रय चीजों के लिये भुगतान में गेहूँ, जैतून, अगाती, अंजीर, शहद, तेल और मलहम दिये। 18 दमिश्क एक अच्छा ग्राहक था। वे तुम्हारे पास की अद्भुत चीजों के लिये व्यापार करते थे। वे हेलबोन से दाखमधु का व्यापार करते थे और उन चीजों के लिये सफेद ऊन लेते थे। 19 जो चीजें तुम बेचते थे उनसे दमिश्क उजला से दाखमधु मंगाने का व्यापार करता था। वे उन चीजों के भुगतान में तैयार लोहा, कस्सिय और गन्ना देते थे। 20 ददान अच्छा धन्धा प्रदान करता था। वे तुम्हारे साथ काठी के वस्त्र और सवारी के घोड़ों का व्यापार करते थे। 21 अरब और केदार के सभी प्रमुख मेमने, भेड़ और बकरियाँ तुम्हारी विक्रय की गई वस्तुओं के लिये देते थे। 22 शबा और रामा के व्यापारी तुम्हारे साथ व्यापार करते थे। वे सर्वोत्तम मसाले, हर प्रकार के रत्न और सोना तुम्हारी विक्रय की गई चीजों के लिये देते थे। 23 हारान, कन्ने, एदेन तथा शबा, अश्शूर, कलमद के व्यापारी तुम्हारे साथ व्यापार करते थे। 24 उन्होंने सर्वोत्तम कपड़ों, बारीक कढ़े हुए और नीले वस्त्र, रंग—बिरंगे कालीन, अच्छी बटी रस्सियाँ और देवदार की लकड़ी से बने सामान भुगतान में दिये। ये वे चीजें थीं जिनसे उन्होंने तुम्हारे साथ व्यापार किया। 25 तर्शीश के जहाज उन चीजों को ले जाते थे जिन्हें तुम बेचते थे।
“‘सोर, तुम उन व्यापारी बेड़ों में से एक की तरह हो,
तुम समुद्र पर बहुमूल्य वस्तुओं से लदे हुए हो।
26 वे व्यक्ति जो तुम्हारी नावों को खेते थे।
तुम्हें विशाल और शक्तिशाली समुद्रों के पार ले गए।
किन्तु शक्तिशाली पुरवाई तुम्हारे जहाजों को समुद्र में नष्ट करेगी।
27 और तुम्हारी सारी सम्पत्ति समुद्र में डूब जाएगी।
तुम्हारी सम्पत्ति, तुम्हारा व्यापार
और विक्रय चीजें, तुम्हारे मल्लाह
और तुम्हारे चालक, तुम्हारे व्यक्ति जो,
तुम्हारे जहाज पर तख्तों के बीच में कल्किन लगाते हैं,
तुम्हारे मल्लाह और तुम्हारे नगर के सभी सैनिक
और तुम्हारे नाविक सारे समुद्र में डूब जाएंगे।
यह उसी दिन होगा जिस दिन तुम नष्ट होगे!
28 “‘तुमने अपने व्यापारियों को बहुत दूर से स्थानों में भेजा।
वे स्थान भय से काँप उठेंगे, जब वे तुम्हारे चालकों का चिल्लाना सुनेंगे!’
29 तुम्हारे सारे नाविक जहाज से कूदेंगे।
मल्लाह और चालक जहाज से कूदेंगे, और तट पर तैर आएंगे।
30 वे तुम्हारे बारे में बहुत दु:खी होंगे।
वे रो पड़ेंगे। वे अपने सिरों पर धूली डालेंगे।
वे राख में लोटेंगे।
31 वे तुम्हारे लिए सिर पर उस्तरा फिरायेंगे।
वे शोक—वस्त्र पहनेंगे।
वे तुम्हारे लिये रोये—चिल्लायेंगे।
वे किसी ऐसे रोते हुए के समान होंगे, जो किसी के मरने पर रोता है।
32 “‘वे अपने फूट—फूट कर रोने के समय तुम्हारे बारे में यह शोक गीत गायेंगे और रोयेंगे:
“‘कोई सोर की तरह नहीं है!
सोर नष्ट कर दिया गया समुद्र के बीच में!
33 तुम्हारे व्यापारी समुद्रों के पार गए।
तुमने अनेक लोगों को, अपनी विशाल सम्पत्ति और विक्रय वस्तुओं से सन्तुष्ट किया।
तुमने भूमि के राजाओं को सम्पन्न बनाया!
34 किन्तु अब तुम समुद्रों द्वारा टूटे हो
और गहरे जल द्वारा भी।
सभी चीजें जो तुम बेचते हो,
और तुम्हारे सभी व्यक्ति नष्ट हो चुके हैं!
35 समुद्र तट के निवासी सभी व्यक्ति
तुम्हारे लिये शोकग्रस्त हैं।
उनके राजा भयानक रूप से डरे हैं।
उनके चेहरे से शोक झांकता है।
36 अन्य राष्ट्रों के व्यापारी तुम पर छींटा कसते हैं।
जो घटनायें तुम्हारे साथ घटीं, लोगों को भयभीत करेगी।
क्यों क्योंकि तुम अब समाप्त हो।
तुम भविष्य में नहीं रहोगे।”
समीक्षा
हर उस चीज को दूर कीजिए जो आपकी गति को धीमी करती है
पश्चिमी समाज को खतरा है कि वह सोर की दिशा में न चला जाएँ। यह धनवान और शक्तिशाली था। यह सफल व्यवसाय और ग्लोबल व्यापार का एक देश था। इसमें समकालीन भावना है। जैसा कि केन कोस्टा अपनी पुस्तक में वर्णन करते हैं, परमेश्वर कार्य करते हुए, 'सोर प्रदेश में सारी आर्थिक और वाणिज्य लेने देन का केंद्र था। सोर आसानी से लंदन या वॉल स्ट्रीट या टोक्यो का शहर बन सकता था।'
सोर ऐसे समाज का एक उदाहरण है जो परमेश्वर के बिना अपने आपको परिपूर्ण करने के लिए संगठित किया गया है। यह आकर्षक है (27:3), और यह इसे बहुत ही प्रलोभी बनाता है। पैसा कमाना, राज्य को बनाना और सुखविलास आकर्षक करते हैं।
हमें लोगों से प्रेम करना चाहिए और चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए। हम गलत हो जाते हैं जब हम चीजों से प्रेम करना और लोगों का इस्तेमाल करना शुरु करते हैं। उपभोक्ता पर केंद्र आधुनिक विश्व में एक बड़ा खतरा है, लेकिन यह कुछ नया नहीं है। सोर ऐसा एक देश था जो वस्तुओं से प्रेम करने लगा और लोगों का इस्तेमाल करने लगा - यहाँ तक कि दास का व्यापार करने लगा (व.14)।
सफलतापूर्वक दौड़ दौड़ने के लिए ' हर एक रोकने वाली वस्तु और उलझाने वाले पाप को दूर करके, वह दौड़ जिसमें हमें दौड़ना है धीरज से दौड़े' (12:1)।
सोर का पाप था घमंड, मौजमस्ती और स्वयं –सक्षमता (यशायाह 23; यहेजकेल 27:3)। वहाँ पर विश्वासघात होता था और गुलामों को बेचा जाता था (आमोस 1:9; यहेजकेल 27:13)। यहेजकेल चेतावनी देते हैं कि परमेश्वर का न्याय देश पर आएगा (यहेजकेल 26:1-6)। इसका घमंड इसका पतन ठहरेगा। सोर ने घमंड किया, ' मैं सर्वांग सुन्दर हूँ' (27:3)।
लेकिन परमेश्वर चेतावनी देते हैं, ' जिस दिन तू डूबेगी, उसी दिन तेरी धन-सम्पत्ति, व्यापार का माल, मल्लाह, माँझी, जुड़ाई का काम करने वाले, व्यापारी लोग, और तुझ में जितने सिपाही हैं, और तेरी सारी भीड़ -भाड़ समुद्र के बीच गिर जाएगी' (व.27, एम.एस.जी)।
यह भविष्यवाणी 586-573 बीसी में आधी पूरी हुई, जब बेबीलोन के राजा नबूदकनेसर ने सोर को तेरह वर्षों तक जकड़ लिया। नबूदकनेसर ने पूरी तरह से सोर को नष्ट नहीं किया, लेकिन महान अलेक्सजेंडर ने 332 बीसी में इन वचनों को पूरा किया।
व्यापार करने, पैसा और उपभोक्ताओं का माल आधुनिक उपभोक्ता केंद्र के समांतर लगता है (विशेष रूप से इस मौसम में जैसे ही हम क्रिसमस की ओर जा रहे हैं)। हमें याद रखने की आवश्यकता है कि यें चीजे चाहे कितनी फुसलाने वाली लगे, वे क्षणभंगुर हैं।
फँस मत जाईये। अपनी आँखे यीशु पर लगाईये जो आपके विश्वास के कर्ता और लिखने वाले हैं (इब्रानियों 12:1-2)। हर उस चीज को दूर कीजिए जो रोकती है और वह पाप जो उलझाता है। धीरज के साथ उस दौड़ को दौड़िये जो आपको दौड़नी है।
प्रार्थना
परमेश्वर मेरी सहायता कीजिए कि धीरज के साथ उस दौड़ को दौडूं जो मुझे अवश्य ही दौड़नी है, अपनी आँखे यीशु पर लगाए रखूं और कभी नहीं थकूं और निराश न होऊँ।
पिप्पा भी कहते है
भजनसंहिता 125:2
' जिस प्रकार यरूशलेम के चारों ओर पहाड़ हैं, उसी प्रकार यहोवा अपनी प्रजा के चारों ओर अब से लेकर सर्वदा तक बना रहेगा '
यह हमारे लिए परमेश्वर की सुरक्षा, सामर्थ और सहनशील प्रेम का एक शक्तिशाली चित्र है।
केन कोस्टा, परमेश्वर कार्य करते हुए (अल्फा इंटरनैशनल, 2013) पी.174
हेनरी नुवन लिखते हैं, 'यदि मैं अपने जीवन को उस चीज से ढँक दिये जाने दूं जो शीघ्र करनी है, तो शायद से मैं कभी भी उस चीज तक न पहुँचू जो जरूरी है।'

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संदर्भ
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