क्रिसमस मुबारक हो
परिचय
आज हमने मनाया ‘उस उत्सव को जो इस पृथ्वी के इतिहास में सबसे प्रमुख और केंद्र बिंदु है जिसकी सारी कहानी यीशु मसीह के बारे में है’ (सी एस लयूईस)। हम यीशु के जन्म को मनाते हैं। यह दिन बहुत ही आनंद और उत्साह से भरा होता है।
मगर इन सारी बातों में हम यह ज़रूर भूल जाते हैं कि यीशु का जन्म इतना महत्वपूर्ण विषय क्यों है? क्रिसमस की कुंजी इन सारी बातों में नहीं कि गडरिये यीशु से मिलने आये या ज्योतिष उनसे भेंट करने आये पर जिस महान हस्ती से वे लोग मिलने आये थे उनका चित्रण महत्व रखता है। यीशु में ही परमेश्वर ने देह धारण किया (यूहन्ना 1:14)। क्रिसमस यीशु के बारे में है।
नये नियम के आज का लेखांश हमारी सहायता करता है कि हम इस बात को समझ सकें। उनमें हमें यह स्मरण दिलाया जाता है कि ‘बालक यीशु’ ही ‘राजाओं के राजा और प्रभुओं के प्रभु’ हैं (प्रकाशितवाक्य 17:14)। हमें अच्छाई और बुराई के बीच के संघर्ष की सिर्फ एक झलक दिखाई गयी है। सभी संघर्ष के बाद अंत में मेमने की नम्रता और खुद का बलिदान ही उन्हें जय दिलाता है।
यीशु स्वर्ग की सारी महिमा को छोड़कर उस छोटी सी चरनी में आते हैं। ‘हार्क! द हेराल्ड एन्जल्स सिंग,’ नामक क्रिसमस गीत में ऐसा लिखा है:
मसीह, स्वर्ग में सबसे आदरणीय है;
मसीह अनंत प्रभु;
देरी से सही पर उसे देखने आओ;
एक कुंवारी के गर्भ की संतान।
देह में छिपा ईश्वर;
देह धारण किये ईश्वर स्तुति हो,
मनुष्यों के समान मनुष्यों के संग रहा,
यीशु हमारा इम्मानुएल।
ध्यान से सुनें! आगे-आगे पुकारने वाला स्वर्गदूत गाता है,
महिमा हो उस राजा की जो जन्मा है!”
हमारे आज के अध्याय में ‘जन्में राजा’ के पीछे हो लेने की आशीष को हम देखते हैं।
भजन संहिता 147:12-20
12 हे यरूशलेम, यहोवा के गुण गाओ!
सिय्योन, अपने परमेश्वर की प्रशंसा करो!
13 हे यरूशलेम, तेरे फाटको को परमेश्वर सुदृढ़ करता है।
तेरे नगर के लोगों को परमेश्वर आशीष देता है।
14 परमेश्वर तेरे देश में शांति को लाया है।
सो युद्ध में शत्रुओं ने तेरा अन्न नहीं लूटा। तेरे पास खाने को बहुत अन्न है।
15 परमेश्वर धरती को आदेश देता है,
और वह तत्काल पालन करती है।
16 परमेश्वर पाला गिराता जब तक धरातल वैसा श्वेत नहीं होता जाता जैसा उजला ऊन होता है।
परमेश्वर तुषार की वर्षा करता है, जो हवा के साथ धूल सी उड़ती है।
17 परमेश्वर हिम शिलाएँ गगन से गिराता है।
कोई व्यक्ति उस शीत को सह नहीं पाता है।
18 फिर परमेश्वर दूसरी आज्ञा देता है, और गर्म हवाएँ फिर बहने लग जाती हैं।
बर्फ पिघलने लगती, और जल बहने लग जाता है।
19 परमेश्वर ने निज आदेश याकूब को (इस्राएल को) दिये थे।
परमेश्वर ने इस्राएल को निज विधी का विधान और नियमों को दिया।
20 यहोवा ने किसी अन्य राष्ट्र के हेतु ऐसा नहीं किया।
परमेश्वर ने अपने नियमों को, किसी अन्य जाति को नहीं सिखाया।
यहोवा का यश गाओ।
समीक्षा
आशीष शांति और संतुष्टि
जब यीशु आये तब परमेश्वर के सारे वचन पूरे हुए। परमेश्वर ने अपने लोगों से आशीष शांति और संतुष्टि के विषय में वचन दिया था। ‘सबसे अच्छी रोटी तुम्हारी मेज़ पर’ (व.14), ‘वो पृथ्वी पर अपनी आज्ञा का प्रचार करता है’ (व.15)।
जब यीशु के जन्म का एलान हुआ तब दूतों ने गडरियों के पास आकर इसे ‘एक आनंद का सुसमाचार’ कहा (लूका 2:10), ‘आकाशमंडल परमेश्वर की बड़ाई करे मनुष्यों की शांति के लिए’ (व.14)। यीशु ने बैतलेहम नामक स्थान में जन्म लिया जिसका अर्थ है ‘रोटी का घर’, यीशु ही एक मात्र परमेश्वर हैं जो हर एक मनुष्य के हृदय की भूख को तृप्त करते हैं।
प्रार्थना
प्रभु धन्यवाद उन तरीकों के लिए जिसके द्वारा आप अपने लोगों को आशीष देते हैं। धन्यवाद कि हम ‘प्रभु यीशु मसीह के द्वारा’ (रोमियों 5:1) आपके संग शांतिमय संबंध में हैं। धन्यवाद कि आप मेरे ह्रदय में गहरी इच्छाओं को पूर्ण करते हैं।
प्रकाशित वाक्य 17:1-18
पशु पर बैठी स्त्री
17इसके बाद उन सात दूतों में से जिनके पास सात कटोरे थे, एक मेरे पास आया और बोला, “आ, मैं तुझे बहुत सी नदियों के किनारे बैठी उस महान वेश्या के दण्ड को दिखाऊँगा। 2 धरती के राजाओं ने उसके साथ व्यभिचार किया है और वे जो धरती पर रहते हैं वे उसकी व्यभिचार की मदिरा से मतवाले हो गए।”
3 फिर मैं आत्मा से भावित हो उठा और वह दूत मुझे बीहड़ वन में ले गया जहाँ मैंने एक स्त्री को लाल रंग के एक ऐसे पशु पर बैठे देखा जो परमेश्वर के प्रति अपशब्दों से भरा था। उसके सात सिर थे और दस सींग। 4 उस स्त्री ने बैजनी और लाल रंग के वस्त्र पहने हुए थे। वह सोने, बहुमूल्य रत्नों और मोतियों से सजी हुई थी। वह अपने हाथ में सोने का एक कटोरा लिए हुए थी जो बुरी बातों और उसके व्यभिचार की अशुद्ध वस्तुओं से भरा हुआ था। 5 उसके माथे पर एक प्रतीकात्मक शीर्षक था:
महान बाबुल
वेश्याओं और धरती पर की
सभी अश्लीलताओं की जननी।
6 मैंने देखा कि वह स्त्री संत जनों और उन व्यक्तियों के लहू पीने से मतवाली हुई है। जिन्होंने यीशु के प्रति अपने विश्वास की साक्षी को लिए हुए अपने प्राण त्याग दिए।
उसे देखकर मैं बड़े अचरज में पड़ गया। 7 तभी उस दूत ने मुझसे पूछा, “तुम अचरज में क्यों पड़े हो? मैं तुम्हें इस स्त्री के और जिस पशु पर वह बैठी है, उसके प्रतीक को समझाता हूँ। सात सिरों और दस सीगों वाला यह पशु 8 जो तुमने देखा है, पहले कभी जीवित था, किन्तु अब जीवित नहीं है। फिर भी वह पाताल से अभी निकलने वाला है। और तभी उसका विनाश हो जायेगा। फिर धरती के वे लोग जिन के नाम सृष्टि के प्रारम्भ से ही जीवन की पुस्तक में नहीं लिखे गये हैं, उस पशु को देखकर चकित होंगे क्योंकि कभी वह जीवित था, किन्तु अब जीवित नहीं है, पर फिर भी वह आने वाला है।
9 “यही वह बिन्दू है जहाँ विवेकशील बुद्धि की आवश्यकता है। ये सात सिर, वे सात पर्वत हैं, जिन पर वह स्त्री बैठी है। वे सात सिर, उन सात राजाओं के भी प्रतीक हैं, 10 जिनमें से पहले पाँच का पतन हो चुका है, एक अभी भी राज्य कर रहा है, और दूसरा अभी तक आया नहीं है। किन्तु जब वह आएगा तो उसकी यह नियति है कि वह कुछ देर ही टिक पाएगा। 11 वह पशु जो पहले कभी जीवित था, किन्तु अब जीवित नहीं है, स्वयं आठवाँ राजा है जो उन सातों में से ही एक है, उसका भी विनाश होने वाला है।
12 “जो दस सींग तुमने देखे हैं, वे दस राजा हैं, उन्होंने अभी अपना शासन आरम्भ नहीं किया है परन्तु पशु के साथ घड़ी भर राज्य करने को उन्हें अधिकार दिया जाएगा। 13 इन दसों राजाओं का एक ही प्रयोजन है कि वे अपनी शक्ति और अपना अधिकार उस पशु को सौंप दें। 14 वे मेमने के विरुद्ध युद्ध करेंगे किन्तु मेमना अपने बुलाए हुओं, चुने हुओं और अनुयायियों के साथ उन्हें हरा देगा। क्योंकि वह राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु है।”
15 उस दूत ने मुझसे फिर कहा, “वे नदियाँ जिन्हें तुमने देखा था, जहाँ वह वेश्या बैठी थी, विभिन्न कुलों, समुदायों, जातियों और भाषाओं की प्रतीक है। 16 वे दस सींग जिन्हें तुमने देखा, और वह पशु उस वेश्या से घृणा करेंगे तथा उससे सब कुछ छीन कर उसे नंगा छोड़ जायेंगे। वे शरीर को खा जायेंगे और उसे आग में जला डालेंगे। 17 अपने प्रयोजन को पूरा कराने के लिए परमेश्वर ने उन सब को एक मत करके, उनके मन में यही बैठा दिया है कि वे, जब तक परमेश्वर के वचन पूरे नहीं हो जाते, तब तक शासन करने का अपना अधिकार उस पशु को सौंप दें। 18 वह स्त्री जो तुमने देखी थी, वह महानगरी थी, जो धरती के राजाओं पर शासन करती है।”
समीक्षा
बुलाए गए, चुने गए और विश्वासयोग्य
क्रिसमस सिर्फ बहुत अच्छी कहानी नहीं है बल्कि यह मानव इतिहास का एक निर्णायक पल है। अच्छाई और बुराई के ब्रह्मांडीय युद्ध में, परमेश्वर और शैतान के युद्ध में, यीशु एक निर्णायक पात्र हैं। युद्ध और यीशु की केन्द्रीयता हमारा आज का मुख्य विषय है।
कभी-कभी ऐसा लगता है आज की कलीसिया हारा हुआ युद्ध लड़ रही है। आजकल पश्चिमी यूरोप की कलीसियाओं में लोग बहुत कम दिखाई देते हैं। प्रकाशितवाक्य की पुस्तक इस रहस्य के पीछे होने वाली बातों पर से पर्दा उठाती है और यह कि सारी बातें कैसे घटने वाली हैं।
जब हम अपनी नज़रें घुमा कर अपनी दुनिया को देखतें हैं, तो यह हमें सामर्थी, आकर्षक और अपनी ओर खींचने वाली नजर आती है। परन्तु इसकी तह के नीचे हम बहुत सी दुष्टता और मेमने के विरोध को देखतें हैं।
यीशु का विरोध ‘महान बेबीलोन’ में दर्शाया जाता है, जो ‘वैश्याओं की माता है और धरती पर की सारी मलीनता का स्रोत है’ (व.5) पशु पर सवार स्त्री पर ऐसा लिखा हुआ है।
मूल संदर्भ में प्राचीन रोम बेबीलोन की पहचान है। ‘जैसे कि हमने देखा, सात पहाड़ जिस पर उस स्त्री को बैठी देखा’ (व.9)। यह वो सात पर्वत हैं जो रोम के चारो ओर हैं।
सतही तौर पर, रोम साम्राज्य में पूरी दुनिया को आकर्षित कर देने वाली बात थी। ‘वह बैंजनी और लाल रंग के कपडे पहने थी, और बहुमूल्य मणियों और मोतियों से सजी हुई थी (व.4)।
सुन्दर और आकर्षित कर देने वाली इस खूबसूरती के अन्दर हिंसा और बुराई छिपी हुई है “जिसके साथ पृथ्वी के राजाओं ने व्यभिचार किया और पृथ्वी के रहने वाले उसके व्यभिचार की मदिरा से मतवाले हो गए” (व.2)।
धीरे-धीरे यह स्पष्ट होता है कि हिंसा और बुराई आकस्मिक नहीं थीं, बल्कि यह सारी घटनाएँ परमेश्वर और उसके लोगों को निशाना बनाने के लिए परमेश्वर के विरुद्ध में कार्य कर रही थीं। अध्याय के पहले भाग में पात्र एक ही बात को दर्शाते हैं कि ‘उनके पास एक मकसद है......वे मेमने के विरुद्ध युद्ध करेंगे’(व.13-14)।
इस अध्याय की सबसे अच्छी खबर यह है कि मेमने की जीत होती है। सिर्फ वो ही नहीं जीत जाते बल्कि हमे भी अपने संग विजयी बनाते हैं। ‘वे मेमने से लड़ेंगे और मेमना उन पर जय पाएगा, क्योंकि वह प्रभुओं का प्रभु और राजाओं का राजा है, - और उसके साथ वे लोग भी जय पाएंगे जो बुलाए गए, चुने गए और विश्वासयोग्य हैं’ (व.14)। जब कभी कलीसिया सांसारिकता के आक्रमण के नीचे आती है, तो यह प्रभुत्वता की बात लगती है उस घड़ी यह पद बहुत ही सांत्वना देता है।
जैसा कि मदर टेरेसा ने कहा है ‘परमेश्वर मुझे सफल होने के लिए नहीं परंतु विश्वासयोग्य होने के लिए बुलाते हैं’। यदि आप यीशु के प्रति विश्वासयोग्य हैं, तो आपको जयवंत होना ही है क्योंकि यीशु जयवंत हैं।
तो आज यीशु के बुलाए गए, चुने गए और विश्वासयोग्य अनुनायी बनकर यीशु के पीछे चलने का उत्सव मनाएं। यीशु जो छोटे बालक के रूप में क्रिसमस के दिन जन्मे, बड़े हुए और परमेश्वर के मेमने के रूप में मारे गए और फिर से जीवित हो गए।
अंत में मेमना ही जय पाएगा क्योंकि वह ‘राजाओं के राजा और प्रभुओं के प्रभु’ हैं। यह तो क्रिसमस को मनाने के लिए एक अच्छी खबर है। जैसे एक बहुत अच्छा क्रिसमस गीत इसे इस रीति से लिखता है ‘हमारे पास एक उद्धारकर्ता है जो उन सभी को शैतान के हाथों से छुड़ाता है, जो उस पर भरोसा रखतें हैं! ओह! आनंद और शांति की लहरें’।
प्रार्थना
प्रभु, आपको धन्यवाद कि आप प्रभुओं के प्रभु हैं और राजाओं के राजा हैं। आपको धन्यवाद कि आप राज करेंगे। आपको धन्यवाद कि अंत में मेमना सारी बुराइयों पर विजयी होगा। यीशु के करीबी बनने और उनका विश्वासयोग्य शिष्य बने रहने में मेरी मदद कीजिये।
नहेमायाह 3:1-4:23
परकोटा बनाने वाले
3वहाँ के महायाजक का नाम था एल्याशीब। एल्याशीब और उसके साथी (याजक) निर्माण का काम करने के लिये गये और उन्होंने भेड़ द्वार का निर्माण किया। उन्होंने प्रार्थनाएँ की और यहोवा के लिये उस द्वार को पवित्र बनाया। उन्होंने द्वार के दऱवाजों को दीवार में लगाया। उन याजकों ने यरूशलेम के परकोटे पर काम करते हुए हम्मेआ के गुम्बद तथा हननेल के गुम्बद तक उसका निर्माण किया। उन्होंने प्रार्थनाएँ कीं और यहोवा के लिये अपने कार्य को पवित्र बनाया।
2 याजकों के द्वारा बनाएँ गए परकोटे से आगे के परकोटे को यरीहो के लोगों ने बनाया और फिर यरीहो के लोगों द्वारा बनाये गये परकोटे के आगे के परकोटे का निर्माण इम्री के पुत्र जक्कूर ने किया।
3 फिर हस्सना के पुत्रों ने मछली दरवाजे का निर्माण किया। उन्होंने वहाँ यथास्थान कड़ियाँ बैठायीं। उस भवन में उन्होंने दरवाजे लगाये और फिर दरवाजों पर ताले लगाये और मेखें जड़ीं।
4 उरियाह के पुत्र मरेमोत ने परकोटे के आगे के भाग की मरम्मत की। (उरियाह हक्कोस का पुत्र था।)
मशूल्लाम, जो बरेक्याह का पुत्र था, उसने परकोटे के उससे आगे के भाग की मरम्मत की। (बरेक्याह मशेजबेल का पुत्र था।)
बाना के पुत्र सादोक ने इससे आगे की दीवार को मज़बूत किया।
5 दीवार के आगे का भाग तकोई लोगों द्वारा सुदृढ़ किया गया किन्तु तकोई के मुखियाओं ने अपने स्वामी नहेमायाह की देख रेख में काम करने से मना कर दिया।
6 पुराने दरवाज़े की मरम्मत का काम योयादा और मशूल्लाम ने किया। योयादा पासेह का पुत्र था और मशूल्लाम बसोदयाह का पुत्र था। उन्होंने कड़ियों को यथास्थान बैठाया। उन्होंने कब्जों पर जोड़ियाँ चढ़ाई और फिर दरवाज़े पर ताले लगाये तथा मेखें जड़ीं।
7 इसके आगे के परकोटे की दीवार की मरम्मत गिबोनी लोगों और मिस्पा के रहने वालों ने बनाई। गिबोन की ओर से मलत्याह और मेरोनोती की ओर से यादोन ने काम किया। गिबोन और मेरोनोती वे प्रदेश हैं जिनका शासन इफ्रात नदी के पश्चिमी क्षेत्र के राज्यपालों द्वारा किया जाता था।
8 परकोटे की दीवार के अगले भाग की मरम्मत हर्हयाह के पुत्र उजीएल ने की। उजीएल सुनार हुआ करता था। हनन्याह सुगन्ध बनाने का काम करता था। इन लोगों ने यरूशलेम के परकोटे की चौड़ी दीवार तक मरम्मत करके उसका निर्माण किया।
9 इससे आगे की दीवार की मरम्मत हूर के पुत्र रपायाह ने की। रपायाह आधे यरूशलेम का प्रशासक था।
10 परकोटे की दीवार का दूसरा हिस्सा हरुपम के पुत्र यदायाह ने बनाया। यदायाह ने अपने घर के ठीक बाद की दीवार की मरम्मत की। इसके बाद के हिस्से की मरम्मत का काम हशब्नयाह के पुत्र हत्तूश ने किया। 11 हारीम के पुत्र मल्कियाह तथा पहत्मोआब के पुत्र हश्शूब ने परकोटे के अगले एक दूसरे हिस्से की मरम्मत की। इन ही लोगों ने भट्टों की मीनार की मरम्मत भी की।
12 शल्लूम जो हल्लोहेश का पुत्र था, उसने परकोटे की दीवार के अगले हिस्से को बनाया। इस काम में उसकी पुत्रियों ने भी उसकी मदद की। शल्लूम यरूशलेम के दूसरे आधे हिस्से का राज्यपाल था।
13 हानून नाम के एक व्यक्ति तथा जानोह नगर के निवासियों ने तराई फाटक की मरम्मत की। उन ही लोगों ने तराई फाटक का निर्माण किया। उन्होंने कब्जों पर जोड़ियाँ चढ़ाईं और फिर दरवाजों पर ताले लगाये तथा मेखें जड़ीं। उन्होंने पाँच सौ गज लम्बी परकोटे की दीवार की मरम्मत की। उन्होंने कुरड़ी—दरवाजे तक इस दीवार का निर्माण किया।
14 रेकाब के पुत्र मल्कियाह ने कुरड़ी—दरवाज़ें की मरम्मत की। मल्कियाह बेथक्केरेम ज़िले का हाकिम था। उसने दरवाजों की मरम्मत की, कब्जों पर जोड़ियाँ चढ़ाईं और फिर दरवाज़ों पर ताले लगवा कर मेखें जड़ीं।
15 कोल्होज़े के पुत्र शल्लूम ने स्रोत द्वार की मरम्मत की। शल्लूम मिस्पा कस्बे का राज्यपाल था उसने उस दरवाजें को लगवाया और उसके ऊपर एक छत डलवाई। कब्जों पर जोड़ियाँ चढ़ाईं और फिर दरवाज़ों पर ताले लगवाकर मेखें जड़ीं। शल्लूम ने शेलह के तालाब की दीवार की मरम्मत भी करवाई। यह तालाब राजा के बगीचे के पास ही था। दाऊद की नगरी को उतरने वाली सीढ़ियों तक समूची दीवार की भी उसने मरम्मत करवाई।
16 अजबूक के पुत्र नहेमायाह ने अगले हिस्से की मरम्मत करवाई। यह नहेमायाह बेतसूर नाम के ज़िले के आधे हिस्से का राज्यपाल था। उसने उस स्थान तक भी मरम्मत करवाई जो दाऊद के कब्रिस्तान के सामने पड़ता था। आदमियों के बनाये हुए तालाब तक, तथा वीरों के निवास नामक स्थान तक भी उसने मरम्मत का यह कार्य करवाया।
17 लेवीवंश परिवार सूह के लोगों ने परकोटे के अगले हिस्से की मरम्मत की। लेवीवंश के इन लोगों ने बानी के पुत्र रहूम की देखरेख में काम किया। अगले हिस्से की मरम्मत हशब्याह ने की। हशब्याह कीला नाम कस्बे के आधे भाग का प्रशासक था। उसने अपने ज़िले की ओर से मरम्मत का यह काम करवाया।
18 अगले हिस्से की मरम्मत उन के भाइयों ने की। उन्होंने हेनादाद के पुत्र बव्वै की अधीनता में काम किया। बव्वै कीला कस्बे के आधे हिस्से का प्रशासक था।
19 इससे अगले हिस्से की मरम्मत का काम येशु के पुत्र एज़ेर ने किया। एज़ेर मिस्पा का राज्यपाल था। उसने शस्त्रागार से लेकर परकोटे की दीवार के कोने तक मरम्मत का काम किया। 20 इसके बाद बारुक के पुत्र जब्बै ने उससे अगले हिस्से की मरम्मत की। उसने उस कोने से लेकर एल्याशीब के घर के द्वार तक दीवार के इस हिस्से की बड़ी मेहनत से मरम्मत की। एल्याशीब महायाजक था। 21 उरियाह के पुत्र मरेमोत ने एल्याशीब के घर के दरवाज़े से लेकर उसके घर के अंत तक परकोटे के अगले हिस्से की मरम्मत की। उरियाह, हक्कोस का पुत्र था। 22 इसके बाद की दीवार के हिस्से की मरम्मत का काम उन याजकों द्वारा किया गया जो उस इलाके में रहते थे।
23 फिर बिन्यामीन और हश्शूब ने अपने घरों के आगे के नगर परकोटे के हिस्सों की मरम्मत की। उसके घर के बाद की दीवार अनन्याह के पोते और मासेयाह के पुत्र अजर्याह ने बनवाई।
24 फिर हेनादाद के पुत्र बिन्नूई ने अजर्याह के घर से लेकर दीवार के मोड़ और फिर कोने तक के हिस्से की मरम्मत की।
25 इसके बाद ऊजै के पुत्र पालाल ने परकोटे के उस मोड़ से लेकर बुर्ज तक की दीवार की मरम्मत के लिये काम किया। यह मीनार राजा के ऊपरी भवन पर थी। यह राजा के पहरेदारों के आँगन के पास ही था। पालाल के बाद परोश के पुत्र पदायाह ने इस काम को अपने हाथों में लिया।
26 मन्दिर के जो सेवक ओपेल पहाड़ी पर रहा करते थे उन्होंने परकोटे के अगले हिस्से की जल—द्वार के पूर्वी ओर तथा उसके निकट के गुम्बद तक की मरम्मत का काम किया।
27 विशाल गुम्बद से लेकर ओपेल की पहाड़ी से लगी दीवार तक के समूचे भाग की मरम्मत का काम तकोई के लोगों ने पूरा किया।
28 अश्व—द्वार के ऊपरी हिस्से की मरम्मत का काम याजकों ने किया। हर याजक ने अपने घर के आगे की दीवार की मरम्मत की। 29 इम्मेर के पुत्र सादोक ने अपने घर के सामने के हिस्से की मरम्म्त की। फिर उससे अगले हिस्से की मरम्मत का काम शकन्याह के पुत्र समयाह ने पूरा किया समयाह पूर्वी फाटक का द्वारपाल था।
30 दीवार के बचे हुए हिस्से की मरम्मत का काम शेलेम्याह के पुत्र हनन्याह और सालाप के पुत्र हानून ने पूरा किया। (हानून सालाप का छठां पुत्र था।)
बेरेक्याह के पुत्र मशुल्लाम ने अपने घर के आगे की दीवार की मरम्मत की। 31 फिर मल्कियाह ने मन्दिर के सेवकों के घरों और व्यापारियों के घरों तक की दीवार की मरम्मत की। यानी निरीक्षण द्वार के सामने से दीवार के कोने के ऊपरी कक्ष तक के हिस्से की मरम्मत मल्कियाह ने की। 32 मल्कियाह एक सुनार हुआ करता था। कोने के ऊपरी कमरे से लेकर भेड़—द्वार तक की बीच की दीवार का समूचा हिस्स सुनारों और व्यापारियों ने ठीक किया।
सम्बल्लत और तोबियाह
4जब सम्बल्लत ने सुना कि हम लोग यरूशलेम के नगर परकोटे का पुन: निर्माण कर रहे हैं, तो वह बहुत क्रोधित और व्याकुल हो उठा। वह यहूदियों की हँसी उड़ाने लगा। 2 सम्बल्लत ने अपने मित्रों और सेना से शोमरोन में इस विषय को लेकर बातचीत की। उसने कहा, “ये शक्तिहीन यहूदी क्या कर रहे हैं? उनका विचार क्या है? क्या वे अपनी बलियाँ चढ़ा पायेंगे? शायद वे ऐसा सोचते हैं कि वे एक दिन में ही इस निर्माण कार्य को पूरा कर लेंगे। धूल मिट्टी के इस ढेर में से वे पत्थरों को उठा कर फिर से नया जीवन नहीं दे पायेंगे। ये तो अब राख और मिट्टी के ढेर बन चुके हैं!”
3 अम्मोन का निवासी तोबियाह सम्बल्लत के साथ था। तोबियाह बोला, “ये यहूदी जो निर्माण कर रहे उसके बारे में ये क्या सोचते हैं? यदि कोई छोटी सी लोमड़ी भी उस दीवार पर चढ़ जाये तो उनकी वह पत्थरों की दीवार ढह जायेगी!”
4 तब नहेमायाह ने परमेश्वर से प्रार्थना की और वह बोला, “हे हमारे परमेश्वर, हमारी विनती सुन। वे लोग हमसे घृणा करते हैं। सम्बल्लत और तोबियाह हमारा अपमान कर रहे हैं। इन बुरी बातों को तू उन ही के साथ घटा दे। उन्हें उन व्यक्तियों के समान लज्जित कर जिन्हें बन्दी के रूप में ले जाया जा रहा हो। 5 उनके उस अपराध को दूर मत कर अथवा उनके उन पापों को क्षमा मत कर जिन्हें उन्होंने तेरे देखते किया है। उन्होंने परकोटे को बनाने वालों का अपमान किया है तथा उनकी हिम्मत तोड़ी है।”
6 हमने यरूशलेम के परकोटे का पुन: निर्माण किया है। हमने नगर के चारों ओर दीवार बनाई है। किन्तु उसे जितनी ऊँची होनी चाहिये थी, वह उससे आधी ही रह गयी है। हम यह इसलिए कर पाये कि हमारे लोगों ने अपने समूचे मन से इस कार्य को किया।
7 किन्तु सम्बल्लत, तोबियाह, अरब के लोगों, अम्मोन के निवासियों और अशदोद के रहने वाले लोगों को उस समय बहुत क्रोध आया। जब उन्होंने यह सुना कि यरूशलेम के परकोटे पर लोग निरन्तर काम कर रहे हैं। उन्होंने सुना था कि लोग उस दीवार की दरारों को भर रहे हैं। 8 सो वे सभी लोग आपस में एकत्र हुए और उन्होंने यरूशलेम के विरुद्ध योजनाएँ बनाईं। उन्होंने यरूशलेम के विरुद्ध गड़बड़ी पैदा करने का षड़यन्त्र रचा। उन्होंने यह योजना भी बनाई कि नगर के ऊपर चढ़ाई करके युद्ध किया जाये। 9 किन्तु हमने अपने परमेश्वर से बिनती की और नगर परकोटे की दीवारों पर हमने पहरेदार बैठा दिये ताकि वे वहाँ दिन—रात रखवाली करें जिससे हम उन लोगों का मुकाबला करने के लिए तुरन्त तैयार रहें।
10 उधर उसी समय यहूदा के लोगों ने कहा, “कारीगर लोग थकते जा रहे हैं। वहाँ बहूत सी धूल—मिट्टी और कूड़ा करकट पड़ा है। सो हम अब परकोटे पर निर्माण कार्य करते नहीं रह सकते 11 और हमारे शत्रु कह रहे हैं, ‘इससे पहले कि यहूदियों को इसका पता चले अथवा वे हमें देख लें, हम ठीक उनके बीच पहुँच जायेंगे। हम उन्हें मार डालेंगे जिससे उनका काम रुक जायेगा।’”
12 इसके बाद हमारे शत्रुओं के बीच रह रहे यहूदी हमारे पास आये और उन्होंने हमसे दस बार यह कहा, “हमारे चारों तरफ़ हमारे शत्रु हैं, हम जिधर भी मुड़ें, हर कहीं हमारे शत्रु फैले हैं।”
13 सो मैंने परकोटे की दीवार के साथ—साथ जो स्थान सबसे नीचे पड़ते थे, उनके पीछे कुछ लोगों को नियुक्त कर दिया तथा मैंने दीवार में जो नाके पड़ते थे, उन पर भी लोगों को लगा दिया। मैंने समूची दीवारों को उनकी तलवारों, भालों और धनुष बाणों के साथ वहाँ लगा दिया। 14 मैंने सारी स्थिति का जायजा लिया और फिर खड़े होकर महत्वपूर्ण परिवारों, हाकिमों तथा दूसरे लोगों से कहा, “हमारे शत्रुओं से डरो मत। हमारे स्वामी को याद रखो। यहोवा महान है और शक्तिशाली है! तुम्हें अपने भाईयों, अपने पुत्रों और अपनी पुत्रियों के लिए यह लड़ाई लड़नी ही है! तुम्हें अपनी पत्नियों और अपने घरों के लिए युद्ध करना ही होगा!”
15 इसके बाद हमारे शत्रुओं के कान में यह भनक पड़ गयी कि हमें उनकी योजनाओं का पता चल चुका है। वे जान गये कि परमेश्वर ने उनकी योजनाओं पर पानी फेर दिया। इसलिए हम सभी नगर परकोटे की दीवार पर काम करने को वापस लौट गये। प्रत्येक व्यक्ति फिर अपने स्थान पर वापस चला गया और अपने हिस्से का काम करने लगा। 16 उस दिन के बाद से मेरे आधे लोग परकोटे पर काम करने लगे और मेरे आधेलोग भालों, ढालों, तीरों और कवचों से सुसज्जित होकर पहरा देते रहे। यहूदा के उन लोगों के पीछे जो नगर परकोटे की दीवार का निर्माण कर रहे थे, सेना के अधिकारी खड़े रहते थे। 17 सामान ढोनेवाले मजदूर एक हाथ से काम करते तो उनके दूसरे हाथ में हथियार रखते थे। 18 हर कारीगर की बगल में, जब वह काम करता हुआ होता, तलवार बंधी रहती थी। लोगों को सावधान करने के लिये बिगुल बजाने वाला व्यक्ति मेरे पास ही रहता। 19 फिर प्रमुख परिवारों, हाकिमों और शेष दूसरे लोगों को सम्बोधित करते हुए मैंने कहा, “यह बहुत बड़ा काम है। हम परकोटे के सहारे—सहारे फैले हुए हैं। हम एक दूसरे से दूर पड़ गये हैं। 20 सो यदि तुम बिगुल की आवाज़ सुनो. तो उस निर्धारित स्थान पर भाग आना। वहीं हम सब इकट्ठे होंगे और हमारे लिये परमेश्वर युद्ध करेगा!”
21 इस प्रकार हम यरूशलेम की उस दीवार पर काम करते रहे और हमारे आधे लोगों ने भाले थामे रखे। हम सुबह की पहली किरण से लेकर रात में तारे छिटकने तक काम किया करते थे।
22 उस अवसर पर लोगों से मैंने यह भी कहा था: “रात के समय हर व्यक्ति और उसका सेवक यरूशलेम के भीतर ही ठहरे ताकि रात के समय में वे पहरेदार रहें और दिन के समय कारीगर।” 23 इस प्रकार हममें से कोई भी कभी अपने कपड़े नहीं उतारता था न मैं, न मेरे साथी, न मेरे लोग और न पहरेदार! हर समय हममें से प्रत्येक व्यक्ति अपने दाहिने हाथ में हथियार तैयार रखा करता था।
समीक्षा
पुनःनिर्माण, पुनःस्थापना और मरम्मत
क्रिसमस खास तौर पर एक ऐसा दिन है जहाँ पूरी दुनिया में प्रभु यीशु के नाम का सम्मान होता है। दु:खद बात यह है, अक्सर यह विषय नहीं होता। जब हम इस संसार में यीशु के नाम का सम्मान होता हुया देखें, तो हम क्या कर सकते हैं?
यरूशलेम परमेश्वर का शहर था जहाँ परमेश्वर निवास करते थे। परमेश्वर ने नहेम्याह और लोगों को बुलाया कि यरूशलेम की शहरपनाह का पुनःनिर्माण करें। यह सबसे सुन्दर दृश्य उदाहरण है आज की कलीसिया के लिए कि हमें इसलिए बुलाया गया है कि हम पुनःनिर्माण करें ताकि हमारे समाज में यीशु का नाम फिर से सम्मान पाए।
क्या हम कभी सोचते हैं कि ‘मेरी क्या ज़रूरत है?’ ‘क्या मैं कुछ भेंट कर सकता हूँ?’ ‘मैं जो भी कर रहा हूँ क्या इसका कोई महत्व है?’
इस अध्याय में हम ऐसा देखते हैं कि सभी की आवश्यकता थी, सभी ने कंधे से कन्धा मिलाकर काम किया और सभी लोग पुनःनिर्माण, पुनःस्थापना और मरम्मत में जुड़ गए। बात यह नहीं कि हम अपनी तुलना एक दूसरे से करें बल्कि यह कि हम अपनी बुलाहट को पूरा करें।
परमेश्वर स्मरण रखतें हैं कि आप उनके लिए क्या करते हो और वह आपका आदर भी करतें हैं।
आज 2500 वर्ष बाद भी हम परमेश्वर के लोगों के कार्यों को पढ़ रहे हैं और उनके नाम भी दर्ज किये गए हैं।
यहाँ पर सभी स्वयं सेवक थे कोई भी पेशेवर निर्माण कर्ता नहीं था, ये सिर्फ साधारण लोग थे जैसे सुनार और इत्र बनाने वाले। फिर भी उनकी इच्छा थी कि वे इस कार्य में अपना योगदान दें ,इसमें सभी आयु के लोग कार्य कर रहे थे (3:12)।
शायद उन्होंने ऐसा भी सोचा होगा कि वे लोग जो कर रहे हैं उसका कोई महत्व नहीं है। मल्कियाह जो सेनापति था उसे दरवाज़े की मरम्मत का कार्य सौंपा गया फिर भी उसने कोई शिकायत नहीं की, कि यह छोटा काम है। बल्कि वे सब मिलकर एक बहुत महत्वपूर्ण कार्य को अंजाम दे रहे थे, वे परमेश्वर के नाम को सम्मान दे रहे थे।
रुकावटें और विद्रोह आये (4:1-8) और निराशा भी आई। यीशु के साथ भी ऐसा ही हुआ उनके जन्म का स्वागत सभी ने नहीं किया, हेरोदेस ने तो उन्हें मार डालने का षड़यंत्र रचा था। यीशु पर और उनकी कलीसिया पर सताव और विद्रोह आज भी होता है।
परन्तु प्रार्थना और कार्य के मिलन से सफलता संभव है। जब विद्रोह होता है, तो नहेम्याह की तरह प्रतिक्रिया करें (व.9)। जैसे जॉयस मेयेर ने कहा है ‘अपनी प्रार्थनाओं को बढ़ाओ और सक्रिय हो जाओ’। उन्होंने कभी अपने हथियार नहीं डाले (v.23)।
कुंजी: ‘हमारे परमेश्वर हमारे लिए लड़ेंगे’ (व.10)। जब परमेश्वर हमारे लिए लड़ते हैं, तो एक सम्पूर्ण देश बदला जा सकता है, कलीसियाएं भरी जा सकती हैं, पारिवारिक जीवन मज़बूत किये जा सकते हैं, विवाह सम्मानित होते हैं, अपराध का स्तर गिर सकता है, और समाज में परिवर्तन आ सकता है। सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि यीशु का नाम फिर से सम्मान पाता है।
जब आप कलीसिया की स्थिति को देखते हैं पुनःनिर्माण के कार्य में लग जाएँ। मेहनत करने व परिश्रम करने के लिए इच्छुक रहें और रुकावटों से न दबें।
प्रार्थना
प्रभु आपका धन्यवाद कि मेमना हमेशा के लिए विजयी हुआ है और हम जिसका जन्म दिन मनाते हैं वह जयवंत हैं, क्योंकि वह ‘प्रभुओं के प्रभु और राजाओं के राजा हैं’।
पिप्पा भी कहते है
भजन सहिंता 147:14
‘वह शांति दाता हैं......’ या फिर जैसा यशायाह में लिखा है’ ‘और उसका नाम अद्भुत युक्ति करने वाला पराक्रमी परमेश्वर, अनंतकाल का पिता और शांति का राजकुमार रखा जाएगा। उसकी प्रभुता सदा बढ़ती रहेगी और उसकी शांति का अंत न होगा (यशायाह 9:6-7अ)।
इस क्रिसमस पर इसी बात की आवश्यकता है।
App
Download The Bible with Nicky and Pippa Gumbel app for iOS or Android devices and read along each day.
Sign up now to receive The Bible with Nicky and Pippa Gumbel in your inbox each morning. You’ll get one email each day.
Podcast
Subscribe and listen to The Bible with Nicky and Pippa Gumbel delivered to your favourite podcast app everyday.
Website
Start reading today’s devotion right here on the BiOY website.
संदर्भ
सी.एस ल्युईस , जोयफुल क्रिस्चियनस प. 53
जॉयस मेयेर , एव्री डे लाइफ बाइबिल प. 732
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।