आपका एक उद्धारक है
परिचय
विश्व एक उद्धारकर्ता की राह देख रहा है. कैनडा के संगीतकार, लाईट्स ने अपने गीत, इसे 'उद्धारक' के बोल में व्यक्त किया.
'चुप्पी की रात...
जब चुप्पी को सुन सकते हैं,
और मैं घुटनों पर बैठा हूँ,
और मैं जानता हूँ कि किसी चीज की कमी है...
जल्द ही, मुझे एक उद्धारकर्ता की जरुरत होगी,
मुझे एक उद्धारकर्ता की जरुरत होगी '
'लेव्रे (मूर) एक संगीतकार हैं, व्यवसायी, रेकॉर्ड -प्रोड्युसर और नायक हैं. वह हममें से बहुतों के लिए बोलते हैं, जब वह कहते हैं, 'मैं इसलिए एक मसीह नहीं हूँ क्योंकि मैं मजबूत हूँ और मेरे पास सबकुछ हैं. मैं इसलिए मसीह हूँ क्योंकि मैं कमजोर हूँ और मानता हूँ कि मुझे एक उद्धारकर्ता की आवश्यकता हैं.'
मसीहत की अद्भुत सच्चाई यह है कि यीशु में आपके पास एक उद्धारकर्ता हैं. इस असाधारण अच्छे समाचार के प्रति आपका उत्तर कैसा होना चाहिए?
भजन संहिता 35:1-10
दाऊद को समर्पित।
35हे यहोवा, मेरे मुकद्दमों को लड़।
मेरे युद्धों को लड़!
2 हे यहोवा, कवच और ढाल धारण कर,
खड़ा हो और मेरी रक्षा कर।
3 बरछी और भाला उठा,
और जो मेरे पीछे पड़े हैं उनसे युद्ध कर।
हे यहोवा, मेरी आत्मा से कह, “मैं तेरा उद्धार करुँगा।”
4 कुछ लोग मुझे मारने पीछे पड़े हैं।
उन्हें निराश और लज्जित कर।
उनको मोड़ दे और उन्हें भगा दे।
मुझे क्षति पहुँचाने का कुचक्र जो रचा रहे हैं
उन्हें असमंजस में डाल दे।
5 तू उनको ऐसा भूसे सा बना दे, जिसको पवन उड़ा ले जाती है।
उनके साथ ऐसा होने दे कि, उनके पीछे यहोवा के दूत पड़ें।
6 हे यहोवा, उनकी राह अन्धेरे और फिसलनी हो जाए।
यहोवा का दूत उनके पीछे पड़े।
7 मैंने तो कुछ भी बुरा नहीं किया है।
किन्तु वे मनुष्य मुझे बिना किसी कारण के, फँसाना चाहते हैं। वे मुझे फँसाना चाहते हैं।
8 सो, हे यहोवा, ऐसे लोगों को उनके अपने ही जाल में गिरने दे।
उनको अपने ही फंदो में पड़ने दे,
और कोई अज्ञात खतरा उन पर पड़ने दे।
9 फिर तो यहोवा मैं तुझ में आनन्द मनाऊँगा।
यहोवा के संरक्षण में मैं प्रसन्न होऊँगा।
10 मैं अपने सम्पूर्ण मन से कहूँगा,
हे “यहोवा, तेरे समान कोई नहीं है।
तू सबलों से दुर्बलों को बचाता है।
जो जन शक्तिशाली होते हैं, उनसे तू वस्तुओं को छीन लेता है और दीन और असहाय लोगों को देता है।”
समीक्षा
आपके उद्धारकर्ता परमेश्वर को पुकारे
किसी भी समय, आप सहायता के लिए परमेश्वर को पुकार सकते हैं.
जीवन एक लड़ाई है. यदि हम परमेश्वर के झंडे को फहरायेंगे तो निश्चित ही वहॉं पर ऐसे लोग होंगे जो हमें पकड़ने के लिए बाहर आएँगे. दाऊद प्रार्थना करते हैं कि परमेश्वर उनके साथ मुकदमा लड़े जो उसके साथ मुकदमा लड़ते हैं (व.1अ).
वह प्रार्थना करते हैं, 'जो मुझसे युद्ध करते हैं, उनसे तू युद्ध कर... उठिए और मेरी सहायता के लिए आइये...मुझसे कहिए कि, 'मैं तुम्हारा उद्धार हूँ' (वव.1ब-3). या जैसा कि मैसेज अनुवाद इसे बताता हैं, 'मुझे पुनआश्वासन दें; मुझसे कहिये कि, 'मैं तुम्हें बचाऊँगा.' (व.3, एम.एस.जी.).
जब आप पर प्रहार होता है, तब यह महसूस करना सरल बात है कि शायद से आपकी गलती होगी. लेकिन दो बार दाऊद दोहराते हैं कि उसे फँसाने की उनकी इच्छा 'बिना कारण' है (व.7). कभी – कभी शायद आप विरोध का सामना करें, इसलिए नहीं कि आप कुछ गलत कर रहे हैं लेकिन इसलिए कि आप कुछ सही कर रहे हैं. दाऊद परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वह उसे बचाएँ: 'तब मेरा मन यहोवा में आनंद मनायेगा और उसके उद्धार में हर्ष करेगा' (व.9).
हो सकता है कि आपके शत्रु आपसे अधिक मजबूत हो. दाऊद ने 'तंग करने वाले', 'रौब जमाने वाले' और आक्रामक व्यक्तियों का सामना किया जो उनकी पीठ में छुरा भौंकने की कोशिश कर रहे थे (वव.1,4, एम.एस.जी.). लेकिन परमेश्वर उद्धारकर्ता हैं जो बचाते हैं और 'असुरक्षित लोगों को सुरक्षित रखते हैं' (व.10ब, एम.एस.जी.).
परमेश्वर का बचाव है यीशु में उद्धार. मुझे बेन फिल्डिंग और रूबेन मोर्गन के द्वारा गीत से प्रेम है जो इस उद्धार का उत्सव मनाते हैं. आइये प्रार्थना और आराधना के रूप में इन शब्दों का इस्तेमाल करें:
प्रार्थना
उद्धारक
वह पहाड़ को हिला सकता है,
मेरा परमेश्वर बचाने में सामर्थी है,
वह बचाने में सामर्थी हैं,
सर्वदा,
उद्धार के रचयिता,
वह जी उठे और कब्र पर जय पाई
यीशु ने कब्र पर जय पायी.
लूका 2:21-40
21 और जब बालक के ख़तने का आठवाँ दिन आया तो उसका नाम यीशु रखा गया। उसे यह नाम उसके गर्भ में आने से भी पहले स्वर्गदूत द्वारा दे दिया गया था।
यीशु मन्दिर में अर्पित
22 और जब मूसा की व्यवस्था के अनुसार शुद्ध होने के दिन पूरे हुए तो वे यीशु को प्रभु को समर्पित करने के लिये यरूशलेम ले गये। 23 प्रभु की व्यवस्था में लिखे अनुसार, “हर पहली नर सन्तान ‘प्रभु को समर्पित’ मानी जाएगी।” 24 और प्रभु की व्यवस्था कहती है, “एक जोड़ी कपोत या कबूतर के दो बच्चे बलि चढ़ाने चाहिए।” सो वे व्यवस्था के अनुसार बलि चढ़ाने ले गये।
शमौन को यीशु का दर्शन
25 यरूशलेम में शमौन नाम का एक धर्मी और भक्त व्यक्ति था। वह इस्राएल के सुख-चैन की बाट जोहता रहता था। पवित्र आत्मा उसके साथ था। 26 पवित्र आत्मा द्वारा उसे प्रकट किया गया था कि जब तक वह प्रभु के मसीह के दर्शन नहीं कर लेगा, मरेगा नहीं। 27 वह आत्मा से प्रेरणा पाकर मन्दिर में आया और जब व्यवस्था के विधि के अनुसार कार्य के लिये बालक यीशु को उसके माता-पिता मन्दिर में लाये। 28 तो शमौन यीशु को अपनी गोद में उठा कर परमेश्वर की स्तुति करते हुए बोला:
29 “प्रभु, अब तू अपने वचन के अनुसार अपने दास मुझ को शांति के साथ मुक्त कर,
30 क्योंकि मैं अपनी आँखों से तेरे उस उद्धार का दर्शन कर चुका हूँ,
31 जिसे तूने सभी लोगों के सामने तैयार किया है।
32 यह बालक ग़ैर यहूदियों के लिए तेरे मार्ग को उजागर करने के हेतु प्रकाश का स्रोत है
और तेरे अपने इस्राएल के लोगों के लिये यह महिमा है।”
33 उसके माता-पिता यीशु के लिए कही गयी इन बातों से अचरज में पड़ गये। 34 फिर शमौन ने उन्हें आशीर्वाद दिया और उसकी माँ मरियम से कहा, “यह बालक इस्राएल में बहुतों के पतन या उत्थान के कारण बनने और एक ऐसा चिन्ह ठहराया जाने के लिए निर्धारित किया गया है जिसका विरोध किया जायेगा। 35 और तलवार से यहां तक कि तेरा अपना प्राण भी छिद जाएगा जिससे कि बहुतों के हृदयों के विचार प्रकट हो जाएं।”
हन्नाह द्वारा यीशु के दर्शन
36 वहीं हन्नाह नाम की एक महिला नबी थी। वह अशेर कबीले के फनूएल की पुत्री थी। वह बहुत बूढ़ी थी। अपने विवाह के बस सात साल बाद तक ही वह पति के साथ रही थी। 37 और फिर चौरासी वर्ष तक वह वैसे ही विधवा रही। उसने मन्दिर कभी नहीं छोड़ा। उपवास और प्रार्थना करते हुए वह रात-दिन उपासना करती रहती थी।
38 उसी समय वह उस बच्चे और माता-पिता के पास आई। उसने परमेश्वर को धन्यवाद दिया और जो लोग यरूशलेम के छुटकारे की बाट जोह रहे थे, उन सब को उस बालक के बारे में बताया।
यूसुफ और मरियम का घर लौटना
39 प्रभु की व्यवस्था के अनुसार सारा अपेक्षित विधि-विधान पूरा करके वे गलील में अपने नगर नासरत लौट आये। 40 उधर वह बालक बढ़ता एवं हृष्ट-पुष्ट होता गया। वह बहुत बुद्धिमान था और उस पर परमेश्वर का अनुग्रह था।
समीक्षा
अपने उद्धारक के रूप में यीशु को देखें
यीशु विश्व के उद्धारकर्ता हैं. स्वर्गदूत ने एक 'उद्धारकर्ता' के जन्म की घोषणा की थी (2:11). इस लेखांश में हम देखते हैं कि कैसे आठवें दिन उनका नाम 'यीशु' रखा गया जिसका अर्थ हैं 'परमेश्वर बचाते हैं.'
उसके माता-पिता उसे यरूशलेम ले जाते हैं 'उसे परमेश्वर के सामने प्रस्तुत करने के लिए' और 'परमेश्वर के नियम में लिखे अनुसार एक बलिदान को चढ़ाने के लिए' (वव.22-24). यीशु उन सभी भेंटो और बलिदानों की परिपूर्णता हैं, जिनके विषय में हमने पुराने नियम में पढ़ा.
1. शांति को ग्रहण करने के लिए यीशु को देखें
शिमौन यीशु को अपनी गोद में लेते हैं और परमेश्वर से कहते हैं, 'मेरी ऑंखों ने तेरे उद्धार को देखा हैं' (व.30). यीशु को देखना उद्धार को देखना है. यीशु को देखना शिमौन को 'शांति' प्रदान करता है (व.29ब).
2. परमेश्वर कैसे हैं देखने के लिए यीशु को देखें.
यीशु एक प्रकाश हैं जो परमेश्वर को प्रगट करता हैं. 'अन्यजातियों के लिए प्रकटीकरण के लिए वह एक प्रकाश हैं' (व.32 अ). जब तक परमेश्वर अपने आपको हम पर प्रगट न करे, तब तक उसे जानना असंभव बात है. फिर भी परमेश्वर ने यीशु में इसे कर दिया है. यीशु हमें दिखाते हैं कि परमेश्वर कैसे हैं. यीशु ने कहा, 'जिस किसी ने मुझे देखा हैं उसने पिता को देखा है' (यूहन्ना 14:9). यीशु पूरी तरह से परमेश्वर को सभी पर प्रगट करते हैं.
3. अनुग्रह और सच्चाई के लिए यीशु को देखें
यीशु एक प्रकाश हैं जो महिमा को लाता हैः'आपके लोग इस्राइल की महिमा' (लूका 2:32ब). शब्द 'महिमा' परमेश्वर की श्रेष्ठता, सुंदरता, महानता और सिद्धता को बताती है. इस्राइल में महिमा थी क्योंकि परमेश्वर उनके बीच रहता था, पहले जंगल में मंदिर में (जैसा कि आज के पुराने नियम के लेखांश में लिखा हैं), और तब यरुशलेम के मंदिर में.
यीशु के साथ, इस्राइल परमेश्वर की महिमा को इसकी पूर्ण सच्चाई में देख पाया. जैसा कि यूहन्ना यीशु के विषय में लिखते हैं, 'वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण होकर हमारे बीच में डेरा किया, और हमने उसकी ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते पुत्र की महिमा' (यूहन्ना 1:14ब). यीशु इस्राइल को और हमें महिमा देते हैं, क्योंकि यीशु परमेश्वर हैं जो हमारे बीच रहने आए.
दुखद रूप से, बहुत से लोग परमेश्वर के उस प्रकटीकरण और महिमा को नकार देते हैं, जिसे हम यीशु में देखते हैं.शिमौन इसके विषय में भविष्यवाणी करते हैं, 'देख, वह तो इस्राइल में बहुतों के गिरने, और उठने के लिये, और एक ऐसा चिह्न होने के लिये ठहराया गया है, जिसके विरोध में बातें की जाएँगी, इससे बहुत हृदयों के विचार प्रगट होंगे' (लूका 2:34-35).
यीशु के साथ बहुत नजदीकी रूप से जुड़ा होना महान आशीष को लाता है लेकिन कष्ट को भी लाता है. शायद से आपके परिवार का कोई सदस्य, नजदीकी मित्र, या कोई दूसरा जिसके विषय में आप सच में चिंता करते हैं, जो कि या तो यीशु का विरोधी है या उनमें रूचि नहीं रखता है. जब हम लोगों को यीशु को नकारते हुए देखते हैं, तब हमें एक छोटी सी झलक मिलती है कि मरियम ने कैसा अनुभव किया होगाः'वरन् तेरा प्राण भी तलवार से आर-पार छिद जाएगा' (व.35).
मरियम का यह बड़ा कष्ट भविष्य में आने वाला था. इसी दौरान, उसके पास यीशु को बढ़ते हुए और 'मजबूत' बनते देखने का आनंद था.'वह बुद्धि से भरा हुआ था, और परमेश्वर का अनुग्रह उस पर था' (व.40). 'बुद्धि' और 'अनुग्रह' उद्धारकर्ता की विशेषताएँ हैं, जिसे हमें अपने जीवन में लगाने का प्रयास करना चाहिए.
प्रार्थना
परमेश्वर, मुझे शिमौन की तरह आँखे दीजिए ताकि आज विश्व में आपके उद्धार को देख सकूं. मेरे सभी निर्णयों, सभाओं और बातचीत के लिए मुझे अनुग्रह और बुद्धि दीजिए.
गिनती 7:1-65
पवित्र तम्बू का समर्पण
7जिस दिन मूसा ने पवित्र तम्बू का लगाना पूरा किया, उसने इसे यहोवा को समर्पित किया। मूसा ने तम्बू और इसमें उपयोग आने वाली चीजों को अभिषिक्त किया। मूसा ने वेदी और इसके साथ उपयोग में आने वाली चीजों को भी अभिषिक्त किया। ये दिखाती थी कि ये सभी वस्तुएं केवल यहोवा की उपासना के लिये प्रयोग की जानी चाहिए।
2 तब इस्राएल के नेताओं ने भेंटें चढ़ाईं। ये अपने—अपने परिवारों के मुखिया थे जो अपने परिवार समूह के नेता थे। इन्हीं नेताओं ने लोगों को गिना था। 3 ये नेता यहोवा के लिये भेंटें लाए। वे चारों ओर से ढकी छः गाड़ियाँ और बारह गायें लाए। (हर एक नेता द्वारा एक गाय दी गई थी। हर नेता ने दूसरे नेता से चारों ओर से ढकी गाड़ी को देने में साझा किया।) नेताओं ने पवित्र तम्बू पर यहोवा को ये चीज़े दीं।
4 यहोवा ने मूसा से कहा, 5 “नेताओं की इन भेंटों को स्वीकार करो। ये भेंटें मिलावाले तम्बू के काम में उपयोग की जा सकती हैं। इन चीज़ों को लेवीवंश के लोगों को दो। यह उन्हें अपने काम करने में सहायक होंगी।”
6 इसलिए मूसा ने चारों ओर से ढकी गाड़ियों और गायों को लिया। उसने इन चीज़ों को लेवीवंश के लोगों को दिया। 7 उसने दो गाड़ियाँ और चार गायें गेर्शोन वंशियों को दीं। उन्हें अपने काम के लिए उन गाड़ियों और गायों की आवश्यकता थी। 8 तब मूसा ने चार गाड़ियों और आठ गायें मरारी वंश को दीं। उन्हें अपने काम के लिए गाड़ियों और गायों की आवश्यकता थी। याजक हारून का पुत्र ईतामार इन सभी व्यक्तियों के कार्य के लिए उत्तरदायी था। 9 मूसा ने कहात वंशियों को कोई गाय या कोई गाड़ी नहीं दी। इन व्यक्तियों को पवित्र चीज़े अपने कंधों पर ले जानी थीं। यही कार्य उनको करने के लिए सौंपा गया था।
10 उस दिन के अभिषेक के पश्चात नेता अपनी भेंटे वेदी पर समर्पण के लिए लाए। उन्होंने अपनी भेंटे वेदी के सामने यहोवा को अर्पित कीं। 11 यहोवा ने पहले से ही मूसा से कह रखा था, “वेदी को समर्पण के रूप में दी जाने वाली अपनी भेंट का भाग हर एक नेता एक एक दिन लाएगा।”
12-83 बारह नेताओं में से प्रत्येक नेता अपनी—अपनी भेंटें लाया। वे भेंटें ये हैं:
प्रत्येक नेता चाँदी की एक थाली लाया जिसका वजन था एक सौ तीस शेकेल। प्रत्येक नेता चाँदी का एक कटोरा लाया जिसका वजन सत्तर शेकेल था इन दोनों ही उपहारों को पवित्र अधिकृत भार से तोला गया था हर कटोरे और हर थाली में तेल मिला बारीक आटा भरा हुआ था। यह अन्नबलि के रुप में प्रयोग में लाया जाना था प्रत्येक नेता सोने की एक बड़ी करछी भी लेकर आया जिसका भार दस शेकेल था। इस करछी में धूप भरी हुई थी।
प्रत्यके नेता एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक वर्ष का एक मेमना भी लाया। ये पशु होमबलि के लिए थे। प्रत्येक नेता पापबलि के रूप में इस्तेमाल किये जाने के लिए एक बकरा भी लाया। प्रत्येक नेता दो गाय, पाँच मेढ़े, पाँच बकरे और एक एक वर्ष के पाँच मेमने लाया। इन सभी की मेलबलि दी गयी। अम्मीनादाब का पुत्र नहशोम, जो यहूदा के परिवार समूह से था, पहले दिन अपनी भेंटें लाया। दूसरे दिन सूआर का पुत्र नतनेल जो इस्साकार का नेता था, अपनी भेंटें लाया। तीसरे दिन हेलोन का पुत्र एलीआब जो जबूलूनियों का नेता था, अपनी भेंटें लाया। चौथे दिन शदेऊर का पुत्र एलीसूर जो रूबेनियों का नेता था, अपनी भेटें लाया। पाँचवे दिन सूरीशद्दै का पुत्र शलूमीएल जो शमौनियों का नेता था, अपनी भेंटें लाया। छठे दिन दूएल का पुत्र एल्यासाप जो गादियों का नेता था, अपनी भेंटें लाया। सातवें दिन अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा जो एप्रैम के लोगों का नेता था, अपनी भेंटें लाया। आठवें दिन पदासूर का पुत्र गम्लीएल जो मनश्शे के लोगों का नेता था, अपनी भेंटे लाया। नवें दिन गिदोनी का पुत्र अबीदान जो बिन्यामिन के लोगों का नेता था, अपनी भेंटे लाया। दसवें दिन अम्मीशद्दै का पुत्र आखीआजर जो दान के लोगों का नेता था, अपनी भेंटे लाया। ग्यारहवें दिन ओक्रान का पुत्र पजीएल जो आशेर के लोगों का नेता था, अपनी भेंटे लाया।
और फिर बारहवें दिन एनान का पुत्र अहीरा जो नप्ताली के लोगों का नेता था, अपनी भेंटें लेकर आया।
समीक्षा
विश्व के उद्धारकर्ता की आराधना कीजिए
बहुत से नये माता-पिता को एक गहरा बोध है कि परमेश्वर ने उन्हें उनकी संतान दी है, लेकिन मरियम और युसूफ के लिए यह बात और भी बड़ी होगी, मंदिर में उस दिन जब उन्होंने चमत्कारी बालक को परमेश्वर को वापस दे दिया, जो परमेश्वर ने उन्हें दिया था.
उद्धारकर्ता यीशु का जन्म इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण घटना थी. शिमौन यीशु को अपनी गोद में लेते हैं और कहते हैं, 'क्योंकि मेरी आँखो ने तेरे उद्धार को देख लिया हैं, जिसे तू ने सब देशों के लोगों के सामने तैयार किया हैं' (लूका 2:30-31). शायद से यह आश्चर्य करने वाली बात नहीं हैं कि यीशु के आगमन के लिए भविष्यवाणीयाँ और तैयारियाँ असाधारण रूप से विवरणमय और स्पष्ट करके बताई गई थी.,
गिनती की पुस्तक के इस भाग में हम खोजते हैं कि कैसे मंदिर की सभा का निर्माण हुआ (गिनती 7:1-10:10). हमने पढ़ा कि हर गोत्र ने भेंट दी. हर एक ने बराबर दिया. वे परमेश्वर को सौंपे गए (उनके सेवक मूसा के द्वारा). परमेश्वर के सभी लोग मंदिर के निर्माण में शामिल थे.
इस लेखांश की शुरुवात में शायद यह आधुनिक पाठक को बेकार का विवरण लगे. फिर भी, मंदिर में परमेश्वर के लिए तर्क से परे उपहारों का प्रस्तुतिकरण (गिनती 7) को बहुत ही सुंदर तरीके से मंदिर में यीशु के प्रस्तुतिकरण के द्वारा दर्शाया गया है (लूका 2:22). पुराने नियम का यह लेखांश केवल प्राचीन लेखाविधी का एक अंश नहीं है.
इन तर्क के परे उपहारों का अवसर मंदिर की परिपूर्णता और समर्पण है. मंदिर परमेश्वर के लोगों के साथ परमेश्वर की उपस्थिति का प्रतीकात्मक स्थान था. लोग परमेश्वर के अनुग्रह और उनके बीच में उनकी उपस्थिति को उत्तर में देते हैं. उनके उपहार उद्धारकर्ता की आराधना और धन्यवादिता का एक रूप हैं.
यद्यपी, यें उपहार मंदिर के अंतिम समर्पण के लिए तैयारियों का भाग भी हैं. वे इसे परमेश्वर के लिए उचित बना रहे हैं. बताई गई तैयारियाँ, तर्क के परे उपहार, और विवरण जिससे लेखक इसे लिखते हैं, ये सब बताते हैं कि इस्रालियों के लिए यह कितनी अद्भुत आशीष थी कि परमेश्वर की उपस्थिति उनके बीच में थी.
मूसा के नियम में सभी भेंट और बलिदान उद्धारकर्ता के जन्म और मृत्यु की तैयारी और एक परछाई थे. मंदिर इससे भी महान वस्तु की ओर इशारा कर रहा था. अब परमेश्वर हमारे बीच में एक तंबू में नहीं रहते हैं, वह हममें से एक की तरह हमारे बीच रहने के लिए आ चुके हैं. नियम के अनुसार यीशु पवित्र कार्य के लिए अलग किये गये हैं, लेकिन वह नियम के उद्देश्य को पूरा करेंगे (वव.22-24अ):'जब युसूफ और मरियम यहोवा के नियम के अनुसार सबकुछ कर चुके...' (व.39अ).
बहुत सालों बाद, उद्धारकर्ता यीशु ने 'एक ही बार में' अपनी देह को बलिदान करने के द्वारा पुराने नियम के सभी भेंटो और बलिदानों की आवश्यकता को मिटा दिया (इब्रानियों 10:1-10).
इसमें कोई आश्चर्य नहीं हैं कि जब शिमौन ने पहचाना कि उसकी गोद में जो बालक था वह विश्व का उद्धारकर्ता था, तब उसने 'परमेश्वर की स्तुति की' (लूका 2:28). इसी तरह से हन्ना ने 'परमेश्वर को धन्यवाद दिया' (व.38). उद्धारकर्ता यीशु हमारे सभी स्तुति और धन्यवादिता के केंद्र हैं.
मुझे दूसरे गीत से प्रेम है, यह बेन कैंटेलान के द्वारा लिखा गया है, जो कि प्रार्थना और आराधना में एक उचित प्रतिक्रिया है, हर उस वस्तु के लिए जिसे आज हमने उद्धारक यीशु के विषय में पढ़ाः
प्रार्थना
क्योंकि उन्होने हमारे लिए रास्ता बनाया है, जिसके द्वारा हमारा उद्धार हुआ,
वह विश्व के उद्धारकर्ता हैं.
इसलिए हम उनके यश और कीर्ति के लिए ऊँचे स्वर में गाते हैं,
परमेश्वर की स्तुति हो, परमेश्वर की स्तुति हो,
यीशु, विश्व के उद्धारकर्ता
पिप्पा भी कहते है
लूका 2:21-40
किसी भी माता-पिता के लिए उनके बच्चे की प्रशंसा को सुनने से बढ़कर और कोई दूसरी चीज नही हैं. अवश्य ही वे बहुत ही रोमांचित, और शायद से थोड़े चकित हो जाते होगे, शिमौन और हन्ना के द्वारा की गई असाधारण भविष्यवाणियों के द्वारा. लेकिन, अपने बच्चे को कष्ट उठाते देखने से अधिक कोई दर्दनाक वस्तु नहीं है;'तेरा प्राण भी तलवार से आर-पार छिद जाएगा' (व.35ब). वे बहुत से कष्टों से गुजरने वाले थे, लेकिन जब बड़ा चित्र प्रगट हुआ, जो यह सब इसे सहने के योग्य था.
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संदर्भ
नोट्स:
बेन कैंटेलोन 'विश्व का उद्धारक' इव्रीथिंग इन कलर से 2010, धन्यवाद.
म्युज़िक/ ए.डी.एम, सी.एम.जी पब्लिशिंग, युके एण्ड यूरोप, songs@integritymusic.com.
लेक्रे, ट्विटर पर
@lecrae,23 August2012,https://twitter.com/lecrae/status/238677876927504386 \[last accessed February 2016\]
लाइट्स, 'सेवियर', द लिसनिंग से, गीतकार साल्टर, थोमस/पोक्स्लीट्नर, वलेरी. संगीत © Sony/ATV Music Publishing LLC
रूबेन मॉर्गन, बेन फील्डिंग, 'माइटी टू सेव', धुन और संगीत रूबेन मॉर्गन और बेन फील्डिंग द्वारा, © Hillsong Music Publishing
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।