जानिये कि आप कौन हैं
परिचय
जब तक यह मेरे साथ सच में नहीं हुआ मैंने विश्वास नहीं किया कि यह संभव था। लेकिन जिस क्षण मैंने उसे देखा, मैंने एक प्रभावित करने वाले प्रेम का अनुभव किया। यह छोटा सा बालक, जो दूसरों के लिए सामान्य बालक की तरह दिखाई देता होगा, यह मेरा बेटा था। जिस क्षण एक माता-पिता पहली बार अपने बच्चे को देखते हैं, यह अविस्मरणीय है। एक माता-पिता बच्चे के लिए जिस प्रेम को महसूस करते हैं, वह अवर्णनीय है, फिर भी यह समरूपता है जिसका इस्तेमाल परमेश्वर आपके लिए अपने प्रेम के प्रति करते हैं। आपके लिए उनका प्रेम उससे कही बढ़कर है जो माता-पिता अपने बच्चे के लिए महसूस करते हैं।
यह जानना कि आप कौन हैं, यह आपके जीवन पर एक बड़ा प्रभाव बनायेगा – जानिये कि आप परमेश्वर की गहराई से प्रेम किए गए बालक हैं। यह आपके आत्मविश्वास, सुरक्षा और आशा का आधार होना चाहिए।
नीतिवचन 17:25-18:6
25 मूर्ख पुत्र पिता को तीव्र व्यथा देता है,
और माँ के प्रति जिसने उसको जन्म दिया, कड़ुवाहट भर देता।
26 किसी निर्दोष को दण्ड देना उचित नहीं,
ईमानदार नेता को पीटना उचित नहीं है।
27 ज्ञानी जन शब्दों को तोल कर बोलता है,
समझ—बूझ वाला जन स्थित प्रज्ञ होता है।
28 मूर्ख भी जब तक नहीं बोलता शोभता है।
और यदि निज वाणी रोके रखे तो ज्ञानी जाना जाता है।
18मित्रता रहित व्यक्ति अपने स्वार्थ साधता है।
वह समझदारी की बातें नकार देता है।
2 मूर्ख सुख वह शेखचिल्ली बनने में लेता है।
सोचता नहीं है कभी वे पूर्ण होंगी या नहीं।
सुख उसे समझदारी के बातें नहीं देती।
3 दुष्टता के साथ—साथ घृणा भी आती है
और निन्दा के साथ अपमान।
4 बुद्धिमान के शब्द गहरे जल से होते हैं,
वे बुद्धि के स्रोत से उछलते हुए आते हैं।
5 दुष्ट जन का पक्ष लेना और निर्दोष को
न्याय से वंचित रखना उचित नहीं होता।
6 मूर्ख की वाणी झंझटों को जन्म देती है
और उसका मुख झगड़ों को न्योता देता है।
समीक्षा
बुद्धिमान बच्चे
बाईबल भौतिक माता-पिता और माता-पिता और उनके बच्चों के बीच संबंध के विषय में बहुत कुछ बताती है। माता-पिता अपने बच्चों से जो प्रेम करते हैं वह स्वाभाविक और शक्तिशाली है। अच्छे माता-पिता अपने बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ चाहते हैं। बच्चों में माता-पिता को आनंद देने की बड़ी क्षमता होती है। लेकिन, निश्चित ही, वे दुख को ला सकते हैं।
'मूर्ख पुत्र से पिता उदास होता है, और जननी को शोक होता है' (17:25)। लेखक, जीवन के विभिन्न पहलुओं में मूर्ख और बुद्धिमान के बीच अंतर को स्पष्ट करते हैं।
उदाहरण के लिए, 'मूर्ख...केवल अपने मन की बात प्रकट करना चाहता है' (18:2), जबकि बुद्धिमान नियंत्रण के साथ शब्दों का इस्तेमाल करता है। असल में, 'मूढ़ भी जब चुप रहता है, तब बुद्धिमान गिना जाता है; और जो अपना मुंह बंद रखता वह समझ वाला गिना जाता है' (17:28)। जैसा कि अमेरिकी इतिहासकार विल डुरंट (1885-1981) ने एक बार कहा, 'इतिहास की एक सीख है कि अक्सर कुछ भी करना एक अच्छी चीज नहीं है और हमेशा कहना एक समझदारी की चीज है।'
लेखक आगे बुद्धिमान की विशेषताओं को छूते हैं: मित्रता (18:1), सुनना (व.2) और न्याय (व.5)।
प्रार्थना
परमेश्वर, हमारी सहायता कीजिए कि बुद्धिमान बच्चे बनें जो अपने चालचलन से आपको प्रसन्न करते हैं (रोमियो 8:8)।
रोमियों 8:1-17
आत्मा से जीवन
8इस प्रकार अब उनके लिये जो यीशु मसीह में स्थित हैं, कोई दण्ड नहीं है। \[क्योंकि वे शरीर के अनुसार नहीं बल्कि आत्मा के अनुसार चलते है।\] 2 क्योंकि आत्मा की व्यवस्था ने जो यीशु मसीह में जीवन देती है, तुझे पाप की व्यवस्था से जो मृत्यु की ओर ले जाती है, स्वतन्त्र कर दिया है। 3 जिसे मूसा की वह व्यवस्था जो मनुष्य के भौतिक स्वभाव के कारण दुर्बल बना दी गई थी, नहीं कर सकी उसे परमेश्वर ने अपने पुत्र को हमारे ही जैसे शरीर में भेजकर जिससे हम पाप करते हैं — उसकी भौतिक देह को पाप वाली बनाकर पाप को निरस्त करके पूरा किया। 4 जिससे कि हमारे द्वारा, जो देह की भौतिक विधि से नहीं, बल्कि आत्मा की विधि से जीते हैं, व्यवस्था की आवश्यकताएँ पूरी की जा सकें।
5 क्योंकि वे जो अपने भौतिक मानव स्वभाव के अनुसार जीते हैं, उनकी बुद्धि मानव स्वभाव की इच्छाओं पर टिकी रहती है परन्तु वे जो आत्मा के अनुसार जीते है, उनकी बुद्धि जो आत्मा चाहती है उन अभिलाषाओं में लगी रहती है। 6 भौतिक मानव स्वभाब के बस में रहने वाले मन का अन्त मृत्यु है, किन्तु आत्मा के वश में रहने वाली बुद्धि का परिणाम है जीवन और शान्ति। 7 इस तरह भौतिक मानव स्वभाव से अनुशासित मन परमेश्वर का विरोधी है। क्योंकि वह न तो परमेश्वर के नियमों के अधीन है और न हो सकता है। 8 और वे जो भौतिक मानव स्वभाव के अनुसार जीते हैं, परमेश्वर को प्रसन्न नहीं कर सकते।
9 किन्तु तुम लोग भौतिक मानव स्वभाव के अधीन नहीं हो, बल्कि आत्मा के अधीन हो यदि वास्तव में तुममें परमेश्वर की आत्मा का निवास है। किन्तु यदि किसी में यीशु मसीह की आत्मा नहीं है तो वह मसीह का नहीं है। 10 दूसरी तरफ यदि तुममें मसीह है तो चाहे तुम्हारी देह पाप के हेतु मर चुकी है पवित्र आत्मा, परमेश्वर के साथ तुम्हें धार्मिक ठहराकर स्वयं तुम्हारे लिए जीवन बन जाती है। 11 और यदि वह आत्मा जिसने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया था, तुम्हारे भीतर वास करती है, तो वह परमेश्वर जिस ने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया था, तुम्हारे नाशवान शरीरों को अपनी आत्मा से जो तुम्हारे ही भीतर बसती है, जीवन देगा।
12 इसलिए मेरे भाईयों, हम पर इस भौतिक शरीर का कर्ज़ तो है किन्तु ऐसा नहीं कि हम इसके अनुसार जियें। 13 क्योंकि यदि तुम भौतिक शरीर के अनुसार जिओगे तो मरोगे। किन्तु यदि तुम आत्मा के द्वारा शरीर के व्यवहारों का अंत कर दोगे तो तुम जी जाओगे।
14 जो परमेश्वर की आत्मा के अनुसार चलते हैं, वे परमेश्वर की संतान हैं। 15 क्योंकि वह आत्मा जो तुम्हें मिली है, तुम्हें फिरसे दास बनाने या डराने के लिए नहींहै, बल्कि वह आत्मा जो तुमने पाया है तुम्हें परमेश्वर की संपालित संतान बनाती है।जिस से हम पुकार उठते हैं, “ हे अब्बा, हे पिता!” 16 वह पवित्र आत्मा स्वयं हमारीआत्मा के साथ मिलकर साक्षी देती है कि हम परमेश्वर की संतान हैं। 17 और क्योंकि हम उसकी संतान हैं, हम भी उत्तराधिकारी हैं, परमेश्वर के उत्तराधिकारी और मसीह के साथ हम उत्तराधिकारी यदि वास्तव में उसके साथ दुःख उठाते हैं तो हमें उसके साथ महिमा मिलेगी ही।
समीक्षा
परमेश्वर की संतान
परमेश्वर के साथ संबंध में आप अपने आपको कैसे देखते हैं? क्या आप हमेशा महसूस करते हैं, थोड़े से अपराधी? क्या आप 'निरंतर, काले बादल के नीचे रहते हैं?' (व.1, एम.एस.जी)।
एक मसीह के रूप में आपको इस तरह से नहीं जीना चाहिए। आप परमेश्वर की एक संतान हैं, गहराई से प्रेम किए गए, स्वीकार किए गए और आपके लिए उनके प्रेम के द्वारा शशक्त किए गए। वह चाहते हैं कि आप आत्मग्लानि और दंड से स्वतंत्रता का आनंद लें और उनके साथ एक घनिष्ठ संबंध का अनुभव करें, सर्वश्रेष्ठ माता-पिता/ बच्चे के संबंध से कही अधिक घनिष्ठ।
जिस क्षण आप यीशु को ग्रहण करते हैं, तब ही पाप से निपट लिया जाता है। आप पूर्ण क्षमा को ग्रहण करते हैं। आपके और परमेश्वर के बीच की अड़चन को हटा दिया गया है। पौलुस लिखते हैं, 'अब जो मसीह में हैं उन पर दंड की आज्ञा नहीं' (व.1)। हम पाप और मृत्यु के नियम से मुक्त किए गए हैं (व.2)। यद्यपी नियम अच्छा था, लेकिन हमारे पापमय स्वभाव के कारण यह हमें बचाने में असमर्थ था (व.3अ)। इसलिए परमेश्वर ने यीशु को हमारे लिए एक पाप बलिदान के रूप में मरने के लिए भेजा (व.3ब)। यीशु ने हमारे सभी पापों को ले लिया – भूतकाल, वर्तमानकाल और भविष्य के।
अब, वर्तमान स्थिति में, आप आत्मा में जीवन का आनंद ले सकते हैं। अब आप 'पापमय स्वभाव के अनुसार नहीं जीते हैं किंतु आत्मा के अनुसार जीते हैं' (व.4)। पवित्र आत्मा आपकी अगुवाई करते हैं कि उन चीजों पर अपना दिमाग लगाना बंद कर दो 'जो (पापमय) स्वभाव इच्छा करता है', बल्कि अपना दिमाग उन चीजों पर लगाओ 'जो आत्मा इच्छा करती है' (व.5)। यह 'जीवन और शांति' को लाता है (व.6)। पौलुस नहीं कह रहे हैं कि आप सिद्ध बन जाएँगे, बल्कि आप अब भी पाप की सभी सीमाओं का अनुभव करते हैं – आप खुद परमेश्वर के तरीके से जीवन का अनुभव करेंगे' (व.10, एम.एस.जी)। यह संभव है क्योंकि अब परमेश्वर का आत्मा आपमें रहता है (व.9)।
इसके अतिरिक्त, आप अपने शरीर की भविष्य में होने वाले पुनरुत्थान की बाट जोह सकते हैं। वही पवित्र आत्मा जिसने यीशु को मरे हुओं में से जीवित किया अब आपमें रहता है। इसलिए आपका शरीर, यीशु की तरह, जिलाया जाएगाः ' यदि उसी का आत्मा जिसने यीशु को मरे हुओं में से जिलाया, तुम में बसा हुआ है; तो जिसने मसीह को मरे हुओं में से जिलाया, वह तुम्हारी नश्वर देहों को भी अपनी आत्मा के द्वारा जो तुम में बसा हुआ है, जिलाएगा' (व.11)।
जो यीशु को ग्रहण करते हैं, जो उनके नाम में विश्वास करते हैं, वह उन्हें 'परमेश्वर की संतान कहलाने का अधिकार' देते हैं (यूहन्ना 1:12)। आप परमेश्वर की संतान बन जाते हैं जन्म के द्वारा नहीं, बल्कि आत्मा के द्वारा नया जन्म पाकर। यदि रोमियो नये नियम का 'हिमालय' हैं, तो रोमियो 8 इसका माउंट एवरेस्ट है और इसकी चोटी यें वचन हैं, जहाँ पर पौलुस वर्णन करते हैं कि कैसे जो आत्मा के द्वारा चलते हैं वह परमेश्वर की संतान हैं (रोमियो 8:14-17)।
- उच्चतम स्तर
परमेश्वर की संतान होने से बढ़कर कोई दूसरा 'उच्चतम स्तर' नहीं है (व.14)। रोमी नियम के अंतर्गत, यदि एक वयस्क को एक उत्तराधिकारी चाहिए था तो वह या तो अपने बेटों में से एक को चुन सकता था या एक बेटे को गोद ले सकता था जो उसका नाम लेगा। परमेश्वर के पास इकलौता पुत्र है - यीशु – लेकिन उनके पास बहुत से गोद लिए हुए पुत्र और पुत्रियाँ हैं। आप परमेश्वर के परिवार में गोद लिए गए हैं। ब्रह्मांड के निर्माता की एक संतान बनने की सुविधा की तुलना में विश्व में कोई स्तर इसके तुल्य नहीं हैं। नजदीकी घनिष्ठता
आप परमेश्वर के साथ नजदीकी घनिष्ठता में हैं। पौलुस कहते हैं कि आत्मा के द्वारा हम 'अब्बा, पिता' पुकारते हैं (व.15)। यह अरामी शब्द शायद से पहला शब्द था जिसे पौलुस ने कभी कहा, और इस तरह से अपने भौतिक पिता को उन्होंने संबोधित किया। एक अलग तरीके में परमेश्वर से बात करने में यीशु ने 'अब्बा' का इस्तेमाल किया। यह गहरे आदर और गहरी घनिष्ठता को व्यक्त करता है, और शायद से यह 'डैडी' या 'पापा' का सर्वश्रेष्ठ विचार है। मध्यपूर्व के बड़े भागों में यह पहला शब्द है जो बच्चों को सिखाया जाता है।
परमेश्वर की संतान के रूप में आप डर के दास नहीं हैं लेकिन परमेश्वर के दत्तक पुत्र हैं (व.15)। आप अपने स्वर्गीय पिता के साथ नजदीकी घनिष्ठता का आनंद ले सकते हैं।
- गहरा अनुभव
आत्मा आपको परमेश्वर का गहरा संभव अनुभव देता है। ' आत्मा खुद ही हमारी आत्मा के साथ गवाही देता है, कि हम परमेश्वर की सन्तान हैं' (व.16)। जिस तरह से मैं चाहता हूँ कि मेरे बच्चे उनके लिए मेरे प्रेम और उनके साथ मेरे संबंध को जाने और अनुभव करें, वैसे ही परमेश्वर चाहते हैं कि उनकी संतान उस प्रेम और उस संबंध के प्रति आश्वस्त हो जाएँ। 'परमेश्वर का आत्मा हमारी आत्मा को छूता है और इस बात की पुष्टि करता है कि हम वास्तव में कौन हैं' (व.16, एम.एस.जी.)।
- महानतम सुरक्षा
परमेश्वर के एक पुत्र या पुत्री होना महानतम सुरक्षा है। क्योंकि यदि हम परमेश्वर की संतान हैं, तो हम 'परमेश्वर के वारिस और मसीह के संगी वारिस भी हैं' (व.17अ)। रोमी नियम के अंतर्गत एक दत्तक पुत्र उनकी विरासत का अधिकारी होगा।
परमेश्वर की संतान के रूप में हम उत्तराधिकारी हैं। केवल यह अंतर है कि हम हमारे पिता की मृत्यु के बाद उत्तराधिकार नहीं पाते हैं, लेकिन अपनी खुद की मृत्यु के बाद। आप यीशु के साथ प्रेम की एक अनंतता का आनंद लेंगेः 'और हम जानते हैं कि हमें वह मिलेगा जो हमारे पास आ रहा है – एक अविश्वसनीय उत्तराधिकार!' (व.17, एम.एस.जी.)।
पौलुस कहते हैं, ' जब हम उनके साथ दुःख उठाएँ तो उनके साथ महिमा भी पाएँ' (व.17ब)। मसीह जीवन में, महिमा कष्ट उठाने से आती हैः' जब हम उनके साथ दुःख उठाएँ तो उनके साथ महिमा भी पाएँ' (व.17, एम.एस.जी.)। मसीह यीशु मसीह के साथ पहचाने जाते हैं। आज इसका अर्थ है बहुत से मसीहों के लिए तीक्ष्ण सताव। आप कुछ विरोध का सामना करेंगे, लेकिन परमेश्वर की संतान के रूप में आपका उत्तराधिकार इन सभी चीजों के परे जाता है।
प्रार्थना
अब्बा पिता, आपकी संतान बनने की अद्भुत सुविधा के लिए आपका धन्यवाद। आपका धन्यवाद क्योंकि मुझमें रहने वाली आपकी आत्मा मेरी आत्मा के साथ गवाही देता है कि मैं आपकी संतान हूँ। आपका धन्यवाद क्योंकि मेरा भविष्य सुरक्षित है –और मैं आपका वारिस और मसीह का संगी वारिस हूँ।
होशे 8:1-9:17
मूर्ति पूजा से इस्राएल का विनाश
8तुम अपने होंठों से नरसिंगा लगाओ और चेतावनी फूँको। यहोवा के भवन के ऊपर तुम उकाब से बन जाओ। इस्राएल के लोगों ने मेरी वाचा को तोड़ दिया; उन्होंने मेरे विधान का पालन नहीं किया। 2 वे मुझको आर्त स्वर से पुकारते हैं, “हे मेरे परमेश्वर, हम इस्राएल के वासी तुझको जानते हैं!” 3 किन्तु इस्राएल हाय! उसने भली बातों को नकार दिया। इसी से शत्रु उसके पीछे पर गया है। 4 इस्राएल वासियों ने अपना राजा चुना किन्तु वे मेरे पास सम्मति को नहीं आये। इस्राएल वासियों ने अपने मुखिया चुने थे किन्तु उन्होंने उन्हें नहीं चुना जिनको मैं जानता था। इस्राएल वासियों ने अपने लिये मूर्तियां घड़ने में अपने सोने चांदी का प्रयोग किया, इसलिये उनका नाश होगा। 5-6 हे शोमरोन, यहोवा ने तेरे बछड़े का निषेध किया। इस्राएल निवासियों से परमेश्वर कहता है, ‘मैं बहुत ही कुपित हूँ, इस्राएल के लोगों को उनके पापों के लिये दण्ड दिया जायेगा। कुछ कामगारों ने वे मूर्ति बनाये थे वे परमेश्वर तो नहीं हैं। शोमरेन के बछड़े को टुकड़े—टुकड़े तोड़ दिया जायेगा। 7 इस्राएल के लोगों ने एक ऐसा काम किया जो मूर्खता से भरा था। वह ऐसा काम था जैसे कोई हवा को बोने लगे। किन्तु उनके हाथ बस विपत्तियाँ लगेंगी—वे केवल एक बवण्डर काट पायेंगे। खेतों के बीच में अनाज तो उगेगा नहीं, इससे वे भोजन नहीं पायेंगे, और यदि थोड़ा बहुत उग भी जाये तो उसको पराये खा जायेंगे।
8 “इस्राएल निगला गया (नष्ट किया गया) है,
इस्राएल एक ऐसा बेकार सा पात्र हो गया है जिसको कोई भी नहीं चाहता है।
इस्राएल को दूर फेंक दिया गया—दूसरे लोगों के बीच में उन्हें छिटक दिया गया।
9 एप्रैम अपने ‘प्रेमियो’ के पास गया था।
जैसे कोई जंगली गधा भटके, वैसे ही वह अश्शूर में भटका।
10 इस्राएल अन्य जातियों के बीच निज प्रेमियों के पास गया
किन्तु अब आपस में इस्राएल निवासियों को मैं इकट्ठा करूँगा।
उस शक्तिशाली राजा से
वे कुछ सताये जायेंगे।
इस्राएल का परमेश्वर को बिसराना और मूर्तियों को पूजना
11 “एप्रैम ने अधिकाधिक वेदियों बनायी थी
किन्तु वह तो एक पाप था।
वे वेदियों ही एप्रैंम के हेतु पाप की वेदियों बन गई।
12 यद्दपि मैंने एप्रैम के हेतु दस हजार नियम लिख दिये थे,
किन्तु उसने सोचा था कि वे नियम जैसे किसी अजनबी के लिये हों।
13 इस्राएल के लोगों को बलियां भाती थी,
वे माँस का चढ़ावा चढ़ाते थे और उसको खाया करते थे।
यहोवा उनके बलिदानों को नहीं स्वीकारता हैं।
वह उनके पापों को याद रखता है,
वह उनको दण्डित करेगा,
उनको मिस्र बन्दी के रूप में ले जाया जायेगा।
14 इस्राएल ने राजभवन बनवाये थे किन्तु वह अपने निर्माता को भूल गया!
अब देखो यहूदा ये गढ़ियाँ बनाता है।
किन्तु मैं यहूदा की नगरी पर आग को भेजूँगा
और वह आग यहूदा की गढ़ियाँ नष्ट करेगा!”
देश निकाले का दु:ख
9हे इस्राएल, तू उस पुकार का आनन्द मत मना, जैसे देश—देश के लोग मनाते हैं! तू प्रसन्न मत हो! तने तो एक वेश्या के जैसा आचरण किया है और प्ररमेश्वर को बिसरा दिया है। तूने हर खलिहान की धरती पर व्यभिचार किया है। 2 किन्तु उन खलिहानों से मिला अन्न इस्राएल को पर्याप्त भोजन नही दे पायेगा। इस्राएल के लिये पर्याप्त दाखमधु भी नहीं रहेगी।
3 इस्राएल के लोग यहोवा की धरती पर नहीं रह पायेंगे। एप्रैम मिस्र को लौट जायेगा। अश्शूर में उन्हें वैसा खाना खाना पड़ेगा जैसे उन्हें नहीं खाना चाहिये। 4 इस्राएल के निवासी यहोवा को दाखमधु का चढ़ावा नहीं चढ़ायेंगे। वे उसे बलियाँ अर्पित नहीं कर पायेंगे। ये बलियाँ उनके लिये विलाप करते हुए की राटी जैसी होंगी। जो इसे खाएंगे वैसे भी अपवित्र हो जाएंगे।यहोवा के मन्दिर में उनकी रोटी नहीं जा पायेगी। उनके पास बस उतनी सी ही रोटी होगी, जिससे वे मात्र जीवित रह पायेंगे। 5 वे (इस्राएली) यहोवा के अवकाश के दिनों अथवा उत्सवों को मना नहीं पायेंगे।
6 इस्राएल के लोग पूरी तरह से नष्ट होने के डर से अश्शूर को गये थे किन्तु मिस्र उन्हें इकट्ठा करके ले लेगा। मोप के लोग उन्हें गाड़ देंगे। चाँदी से भरे उनके खजानों पर खरपतवार उग आयेगा। उनके डेरों में, कँटीली झाड़ियाँ उग आयेंगी।
इस्राएल ने सच्चे नबियों को नकारा
7 नबी कहता है, “हे इस्राएल, इन बातों को जान ले दण्ड देने का समय आ गया है। जो बुरे काम तूने किये हैं, तेरे लिये उनके भूगतान का समय आ गया है।” किन्तु इस्राएल के लोग कहते हैं, “नबी मूर्ख है, परमेश्वर की आत्मा से युक्त यह पुरूष उन्मादी है।” नबी कहता है, “तुम्हारे बुरे कामो के लिये तुम्हें दण्ड दिया जायेगा। तुम्हारी घृणा के लिये तुम्हें दण्ड दिया जायेगा।”
8 परमेश्वर और नबी उन पहरेदारों के समान हैं जो ऊपर से एप्रैम पर ध्यान रखे हुए हैं। किन्तु मार्ग तो अनेक फँदों से भरा हुआ है। किन्तु लोग तो नबी से उसके परमेश्वर के घर तक में घृणा करते हैं।
9 गिबा के दिनों की तरह इस्राएल के लोग तो बर्बादी के बीच गहरे उतर चुके हैं। यहोवा इस्राएलियों के पापों का ध्यान कर के, उन्हें उनके पापों का दण्ड देगा।
मूर्ति पूजा के कारण इस्राएल का विनाश
10 “जैसे रेगिस्तान में किसी को अंगूर मिल जायें, मेरे लिये इस्राएल का मिलना वैसा ही था। तुम्हारे पूर्वज मुझे ऐसे ही मिले जैसे ऋतु के प्रारम्भ में अंजीर के पेड़ पर किसी को अंजीर के पहले फल मिलते हैं। किन्तु वे तो बाल—पोर के पास चले गये। वे बदल गये और ऐसे हो गये जैसे कोई सड़ी—गली वस्तु होती है। वे जिन भयानक वस्तुओं को (झूठे देवताओं को) प्रेम करते थे, उन्हीं के जैसे हो गये।
इस्राएलियों का वंश नहीं बढ़ेगा
11 “इस्राएल का वैभव कहीं वैसे ही उड़ जायेगा, जैसे कोई पक्षी उड़ जाता है। वहाँ न कोई गर्भ धारण करेगा, न कोई जन्म लेगा और न ही बच्चे होंगे। 12 किन्तु यदि इस्राएली अपने बच्चे पाल भी लेंगे तो भी सब बेकार हो जायेगा। मैं उनसे उनके बच्चे छीन लूँगा। मैं उन्हें त्याग दूँगा और उन्हें विपदाओं के अलावा कुछ भी नहीं मिल पायेगा।”
13 मैं देख रहा हूँ कि एप्रैम अपनी संतानों को एक फंदे की ओर ले जा रहा है। एप्रैम अपने बच्चों को इस हत्यारे के पास बाहर ला रहा है। 14 वे यहोवा, तुझे उनको जो देना है, उसे तू उन्हें दे दे। उन्हें एक ऐसा गर्भ दे, जो गिर जाता है। उन्हें ऐसे स्तन दे जो दूध नहीं पिला पाते।
15 उनकी समूची बुराई गिल्गाल में है।
वहीं मैंने उनसे घृणा करना शुरू किया था।
मैं उन्हें मेरे घर से निकल जाने को विवश करूँगा,
उनके उन कुकर्मों के लिये जिनको वे करते हैं।
मैं उनसे अब प्यार नहीं करता रहूँगा।
उनके सभी मुखिया मुझसे बागी हो गये हैं, अब वे मेरे विरोध में हो गये हैं।
16 एप्रैम को दण्ड दिया जायेगा,
उनकी जड़ सूख रहीं है।
उनके और अधिक संतानें अब नहीं होंगी।
चाहे उनकी संतानें होती रहें
किन्तु उनके दुलारे शिशुओं को जो उनके शरीर से पैदा होते हैं मैं मार डालूँगा।
17 वे लोग मेरे परमेश्वर की तो नहीं सुनेंगे;
सो वह भी उनकी बात सुनने को नकार देगा
और फिर वे अन्य देशों के बीच बिना किसी घर के भटकते हुए फिरेंगे।
समीक्षा
वफादार संतान
परमेश्वर आपसे प्रेम करते हैं। वह चाहते हैं कि आप अपने जीवन को महान बनाएँ। वह नहीं चाहते हैं कि आप इसे बेकार कर दे। वह आपसे कहते हैं, जैसा कि उन्होंने पुराने नियम में अपने लोगों से कहा, 'अपने जीवन को व्यर्थ मत करो' (9:1अ, एम.एस.जी.)। आप अपने जीवन को व्यर्थ करते हैं जब 'आप अपने परमेश्वर से दूर चले जाते हैं' (व.1ब, एम.एस.जी.)।
जैसा कि हमने देखा, होशे परमेश्वर के साथ इस्राएल के संबंध के लिए एक पति और पत्नी के उदाहरण का इस्तेमाल करते हैं। किंतु, वह आगे माता-पिता और संतान का उदाहरण इस्तेमाल करेंगेः'जब इस्राएल बालक था, तब मैं ने उस से प्रेम किया, और अपने पुत्र को मिस्त्र से बुलाया' (11:1)।
हम देखते हैं कि कैसे परमेश्वर का हृदय उनकी संतान की बेईमानी के द्वारा टूट जाता हैः'लोगों ने मेरी वाचा को तोड़ा है और मेरे नियम के विरूद्ध बलवा किया है...शुद्धता के योग्य नहीं...वे वायु बोते हैं, और वे बवंडर लेंगे...इस्राएल अपने कर्ता को भूल गया है...तुम अपने परमेश्वर के प्रति वफादार न रहे' (8:1,5,7,14; 9:1)। परमेश्वर चाहते हैं कि उनके लोग उनके प्रति वफादार रहे और इसके परिणामस्वरूप जीवन को इसकी परिपूर्णता में जीएं।
आत्मा के युग में जीने की हमारे पास महान सुविधाए हैं। परमेश्वर ने अपनी आत्मा को आपके हृदय में रहने के लिए भेजा है – आत्मा के अनुसार वफादारी से जीने में आपको सक्षम करने के लिए (रोमियो 8:5)।
प्रार्थना
परमेश्वर, आपका धन्यवाद क्योंकि मैं आपकी प्रिय संतान हूँ। मेरी सहायता कीजिए कि मैं आपकी एक बुद्धिमान और वफादार संतान बनूँ।
पिप्पा भी कहते है
नीतिवचन 17:28अ
'मूढ़ भी जब चुप रहता है, तब बुद्धिमान गिना जाता है।'
मैं इसका इस्तेमाल भयभीत करने वाली कंपनी में करती हूँ।

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संदर्भ
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।