परमेश्वर भले हैं - हर समय
परिचय
विश्व भर में पीपा और मैंने जिन –जिन बंदीगृहों में भेंट की है, उनमें यह सबसे बदतर था. यह लुसाका, जाम्बिया में है. 1950 में 250 पुरुषों के लिए बंदीगृह बनाया गया था. आज इसमें 1300 से अधिक लोग हैं. कोठरियाँ जो 50 लोगों के लिए बनाई गई थी, अब वह 150 पुरुषों का घर है. उनकी कोठरियों में उन्हें रात के आठ बजे से लेकर सुबह के आठ बजे तक बंद रखा जाता है. एक ही समय में सभी के सोने के लिए वहाँ पर पर्याप्त जगह नहीं है. उन्होंने बारी-बारी से सोना पड़ता है. अवश्य ही उन कोठरियों की बदबू और गरमी असहनीय होगी. यदि बंदीगृह में प्रवेश करते समय कैदियों को एड्स या क्षय रोग नही था, तो इसमें प्रवेश करने के बाद हो सकता है.
कोठरियों के चारो ओर एक मैदान है, जो कि बंदीगृह के बीच में है. हमने वहाँ पर एक सभा की. शायद से वहाँ पर करने के लिए कुछ और नहीं था, वहाँ रहने वाले सभी ने इस सभा में भाग लिया. एक ऐसे आदमी ने सभा का संचालन किया जो चार साल से मुकदमे के फैसले का इंतजार कर रहे थे. वह एक मसीह पासवान थे, जिन पर एक छोटे से अपराध का आरोप लगाया गया था (जिसके लिए इंग्लैंड में दंड शायद से एक छोटा सा जुर्माना होगा). यद्यपि शायद से वह निर्दोष रहे होंगे, फिर भी यह व्यक्ति चार सालों से एक बंदीगृह में दिन काट रहे हैं, बिना मुकदमें के, नहीं जानते हुए कि कब वह वहाँ से मुक्त होगे -यदि कभी हुए तो.
मैं कभी भी उनके आरंभिक वचनों को नहीं भूलूँगा, जैसे ही उन्होंने सभा की शुरुवात कीः'परमेश्वर भले हैं – हर समय.' यहॉं पर एक मनुष्य था जिसे परमेश्वर की भलाई में पूरा विश्वास था, उसकी परिस्थिति के कारण नहीं बल्कि उनके बावजूद. बहुत से कष्टों के बीच में वह परमेश्वर की भलाई को जानते थे और इसका अनुभव किया था. इसके परिणामस्वरूप, यद्यपि उन्होंने अपने आपको इस बंदीगृह में पाया, तब भी वह यीशु के उदारहण के पीछे चले और 'भलाई करते फिरे' (प्रेरितों के काम 10:38).
जॉन वेस्लि ने एक बार कहा, 'जितनी भलाई कर सकते हो करो, जितने माध्यम से कर सकते हो, करो, जितने तरीके से कर सकते हो, करो, जितने स्थानों में कर सकते हो, करो, जितनी बार कर सकते हो, करो, जितनों लोगों के लिए कर सकते हो, करो, जब तक कर सकते हो, करो.'
भजन संहिता 35:19-28
19 मेरे मिथ्यावादी शत्रु हँसते नहीं रहेंगे।
सचमुच मेरे शत्रु अपनी छुपी योजनाओं के लिए दण्ड पाएँगे।
20 मेरे शत्रु सचमुच शांति की योजनाएँ नहीं रचते हैं।
वे इस देश के शांतिप्रिय लोगों के विरोध में छिपे छिपे बुरा करने का कुचक्र रच रहे हैं।
21 मेरे शत्रु मेरे लिए बुरी बातें कह रहे हैं।
वे झूठ बोलते हुए कह रहे हैं, “अहा! हम सब जानते हैं तुम क्या कर रहे हो!”
22 हे यहोवा, तू सचमुच देखता है कि क्या कुछ घट रहा है।
सो तू छुपा मत रह,
मुझको मत छोड़।
23 हे यहोवा, जाग! उठ खड़ा हो जा!
मेरे परमेश्वर यहोवा मेरी लड़ाई लड़, और मेरा न्याय कर।
24 हे मेरे परमेश्वर यहोवा, अपनी निष्पक्षता से मेरा न्याय कर,
तू उन लोगों को मुझ पर हँसने मत दे।
25 उन लोगों को ऐसे मत कहने दे, “अहा! हमें जो चाहिए था उसे पा लिया!”
हे यहोवा, उन्हें मत कहने दे, “हमने उसको नष्ट कर दिया।”
26 मैं आशा करता हूँ कि मेरे शत्रु निराश और लज्जित होंगे।
वे जन प्रसन्न थे जब मेरे साथ बुरी बातें घट रही थीं।
वे सोचा करते कि वे मुझसे श्रेष्ठ हैं!
सो ऐसे लोगों को लाज में डूबने दे।
27 कुछ लोग मेरा नेक चाहते हैं।
मैं आशा करता हूँ कि वे बहुत आनन्दित होंगे!
वे हमेशा कहते हैं, “यहोवा महान है! वह अपने सेवक की अच्छाई चाहता है।”
28 सो, हे यहोवा, मैं लोगों को तेरी अच्छाई बताऊँगा।
हर दिन, मैं तेरी स्तुति करुँगा।
समीक्षा
सारी वस्तुओं में परमेश्वर आपकी भलाई के लिए कार्य करते हैं
चलिए ईमानदार बनते हैं. सभी अच्छे नहीं हैं. कुछ लोग बिना वजह नफरत करते हैं और द्वेषपूर्ण बर्ताव करते हैं (व.19).
इस लेखांश में एक बड़ी विरोधी स्थिति चल रही है दाऊद अपने आस-पास के लोगों से जिन कठिनाईयों का सामना कर रहे हैं और परमेश्वर की भलाई के बीच. मैसेज अनुवाद इस विरोधी स्थिति को बताता है, चार बार 'अच्छा' शब्द का इस्तेमाल करते हुए, लेकिन बहुत ही अलग संदर्भों में
1. 'कोई अच्छाई नहीं' भीड़ से सावधान रहें
आपके जीवन में और आपके समुदाय के जीवन में ऐसे समय आएँगे जब 'गपशप करने वाले' आप पर प्रहार करेंगे (व.20, एम.एस.जी.). 'वे मेल की बातें नही बोलते, परंतु छल की कल्पनाऍं करते हैं' (व.20). दाऊद कहते हैं, ' उस भीड़ से कोई अच्छाई बाहर नहीं आएगी' (व.20, एम.एस.जी.).
2. 'अच्छा समय' चलना हमेशा अच्छा नहीं होता है
दाऊद भीड़ के 'अच्छे समय' के बारे में बताते हैं (व.24, एम.एस.जी.). ये लोग '(दाऊद) की वजह से पार्टी कर रहे हैं' (व.19, एम.एस.जी.). वे बिना कारण उससे नफरत करते हैं: 'आँखो से इशारा करते हुए' (व.19, एम.एस.जी.). वे सोचते हैं कि वे 'एक अच्छा समय' बिता रहे हैं लेकिन वास्तव में जो वह कर रहे हैं वह अच्छा नहीं है.
3. परमेश्वर सारी चीजें अच्छाई के लिए करते हैं
परमेश्वर महान हैं –उनके सेवक के लिए सारी वस्तुएं मिलकर अच्छा उत्पन्न करती हैं' (व.27, एम.एस.जी.). परमेश्वर उन बुरी चीजों को लेते हैं जो आपके साथ की गई हैं और आपके विषय में कही गई हैं और अच्छाई के लिए उनका इस्तेमाल करते हैं: 'सारी वस्तुओं में परमेश्वर उनके लिए भलाई करते हैं जो उनसे प्रेम करते हैं' (रोमियों 8:28).
4. विश्व को बताओ परमेश्वर कितने अच्छे हैं
परमेश्वर की अच्छाई का उत्सव मनाते हुए दाऊद इस भजन को समाप्त करते हैं. वह लिखते हैं, 'मैं विश्व को बताऊँगा कि आप कितने महान और अच्छे हैं, मैं हर दिन आपकी स्तुति करुंगा' (भजनसंहिता 35:28, एम.एस.जी.).
प्रार्थना
परमेश्वर, मेरी सहायता कीजिए कि आपकी भलाई को याद रखूं और 'अच्छी वस्तुओं' में भरोसा करुं जिसे आपने मेरे लिए संग्रह करके रखी है.
लूका 3:1-22
यूहन्ना का संदेश
3तिबिरियुस कैसर के शासन के पन्द्रहवें साल में जब यहूदिया का राज्यपाल पुन्तियुस पिलातुस था और उस प्रदेश के चौथाई भाग के राजाओं में हेरोदेस गलील का, उसका भाई फिलिप्पुस इतूरैया और त्रखोनीतिस का, तथा लिसानियास अबिलेने का अधीनस्थ शासक था। 2 और हन्ना तथा कैफा महायाजक थे, तभी जकरयाह के पुत्र यूहन्ना के पास जंगल में परमेश्वर का वचन पहुँचा। 3 सो यर्दन के आसपास के समूचे क्षेत्र में घूम घूम कर वह पापों की क्षमा के लिये मन फिराव के हेतु बपतिस्मा का प्रचार करने लगा। 4 भविष्यवक्ता यशायाह के वचनों की पुस्तक में जैसा लिखा है:
“किसी का जंगल में पुकारता हुआ शब्द:
‘प्रभु के लिये मार्ग तैयार करो
और उसके लिये राहें सीधी करो।
5 हर घाटी भर दी जायेगी
और हर पहाड़ और पहाड़ी सपाट हो जायेंगे
टेढ़ी-मेढ़ी और ऊबड़-खाबड़ राहें
समतल कर दी जायेंगी।
6 और सभी लोग परमेश्वर के उद्धार का दर्शन करेंगे!’”
7 यूहन्ना उससे बपतिस्मा लेने आये अपार जन समूह से कहता, “अरे साँप के बच्चो! तुम्हें किसने चेता दिया है कि तुम आने वाले क्रोध से बच निकलो? 8 परिणामों द्वारा तुम्हें प्रमाण देना होगा कि वास्तव में तुम्हारा मन फिरा है। और आपस में यह कहना तक आरंभ मत करो कि ‘इब्राहीम हमारा पिता है।’ मैं तुमसे कहता हूँ कि परमेश्वर इब्राहीम के लिये इन पत्थरों से भी बच्चे पैदा करा सकता है। 9 पेड़ों की जड़ों पर कुल्हाड़ा रखा जा चुका है और हर उस पेड़ को जो उत्तम फल नहीं देता, काट गिराया जायेगा और फिर उसे आग में झोंक दिया जायेगा।”
10 तब भीड़ ने उससे पूछा, “तो हमें क्या करना चाहिये?”
11 उत्तर में उसने उनसे कहा, “जिस किसी के पास दो कुर्ते हों, वह उन्हें, जिसके पास न हों, उनके साथ बाँट ले। और जिसके पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे।”
12 फिर उन्होंने उससे पूछा, “हे गुरु, हमें क्या करना चाहिये?”
13 इस पर उसने उनसे कहा, “जितना चाहिये उससे अधिक एकत्र मत करो।”
14 कुछ सैनिकों ने उससे पूछा, “और हमें क्या करना चाहिये?”
सो उसने उन्हें बताया, “बलपूर्वक किसी से धन मत लो। किसी पर झूठा दोष मत लगाओ। अपने वेतन में संतोष करो।”
15 लोग जब बड़ी आशा के साथ बाट जोह रहे थे और यूहन्ना के बारे में अपने मन में यह सोच रहे थे कि कहीं यही तो मसीह नहीं है,
16 तभी यूहन्ना ने यह कहते हुए उन सब को उत्तर दिया: “मैं तो तुम्हें जल से बपतिस्मा देता हूँ किन्तु वह जो मुझ से अधिक सामर्थ्यवान है, आ रहा है, और मैं उसके जूतों की तनी खोलने योग्य भी नहीं हूँ। वह तुम्हें पवित्र आत्मा और अग्नि द्वारा बपतिस्मा देगा। 17 उसके हाथ में फटकने की डाँगी है, जिससे वह अनाज को भूसे से अलग कर अपने खलिहान में उठा कर रखता है। किन्तु वह भूसे को ऐसी आग में झोंक देगा जो कभी नहीं बुझने वाली।” 18 इस प्रकार ऐसे ही और बहुत से शब्दों से वह उन्हें समझाते हुए सुसमाचार सुनाया करता था।
यूहन्ना के कार्य की समाप्ति
19 बाद में यूहन्ना ने उस चौथाई प्रदेश के अधीनस्थ राजा हेरोदेस को उसके भाई की पत्नी हिरोदिआस के साथ उसके बुरे सम्बन्धों और उसके दूसरे बुरे कर्मो के लिए डाँटा फटकारा। 20 इस पर हेरोदेस ने यूहन्ना को बंदी बनाकर, जो कुछ कुकर्म उसने किये थे, उनमें एक कुकर्म और जोड़ लिया।
यूहन्ना द्वारा यीशु को बपतिस्मा
21 ऐसा हुआ कि जब सब लोग बपतिस्मा ले रहे थे तो यीशु ने भी बपतिस्मा लिया। और जब यीशु प्रार्थना कर रहा था, तभी आकाश खुल गया। 22 और पवित्र आत्मा एक कबूतर का देह धारण कर उस पर नीचे उतरा और आकाशवाणी हुई कि, “तू मेरा प्रिय पुत्र है, मैं तुझ से बहुत प्रसन्न हूँ।”
समीक्षा
अच्छाई और पश्चाताप पवित्र आत्मा से आती है
कभी कभी लोग आश्चर्य चकित हो जाते हैं यूहन्ना के संदेश को 'अच्छे समाचार' के रूप में देखकर (व.18) - यह हमें बहुत नकारात्मक लग सकता है! फिर भी परमेश्वर का वचन हमेशा 'अच्छा समाचार' है. परमेश्वर का वचन जंगल में बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना के पास आया (व.2ब). यह 'पापों की क्षमा के लिए पश्चाताप' का एक संदेश है (व.3ब). पश्चाताप अच्छा है; यह स्वतंत्र करता है. यह स्वतंत्रता और क्षमा को लाता है.
पश्चाताप से 'अच्छा फल' प्राप्त होता है (व.9). बपतिस्मा देने वाले यूहन्ना कहते हैं, 'मन फिराव के योग्य फल लाओ' (व.8). यह 'अच्छा फल' क्या है? 'अच्छा फल' है सामाजिक न्याय और व्यक्तिगत नैतिकता. दिलचस्प रूप से, दिए गए सभी उदाहरण काम और पैसे से संबंधित हैं. अच्छाई कैसे दिखाई देती है?
1. उदारता
जो लोग इसका खर्च वहन कर सकते हैं, उन्होंने उनकी मदद करनी चाहिए जो नहीं कर सकते हैं: 'जिसके पास दो कुरते हो, वह उसके साथ जिसके पास नहीं है बांट ले और जिसके पास भोजन हो, वह भी ऐसा ही करे' (व.11).
2. ईमानदारी
यूहन्ना महसूल लेने वाले से कहते हैं, 'जो तुम्हारे लिये ठहराया गया है, उससे अधिक न लेना' (व.13).
3. संतुष्टि
यूहन्ना सैनिको से कहते हैं, 'किसी पर उपद्रव न करना और न झूठा दोष लगाना, और अपने वेतन पर संतोष करना' (व.14 ब.).
यूहन्ना समाजिक सत्यनिष्ठा के एक प्रचारक नहीं है. वह यीशु के बारे में कहते हैं, 'वह तुम्हें पवित्र आत्मा और आग से बपतिस्मा देगा' (व.16ब). आग शुद्धता, सामर्थ और जोश का प्रतीक है (गिनती 11:1-3). जैसा कि यीशु ने प्रार्थना की, 'पवित्र आत्मा शारीरिक रुप में कबूतर के समान उस पर उतरा, और यह आकाशवाणी हुईः 'तू मेरा प्रिय पुत्र है, मैं तुझ से प्रसन्न हूँ' (लूका 3:21-22).
अच्छाई एक विशेषता है जिसे संत पौलुस ने आत्मा के फलों में से एक बताया है (गलातियो 5:22). पवित्र आत्मा के द्वारा हम परमेश्वर की अच्छाई का अनुभव करते हैं. जो परमेश्वर ने यीशु से कहा, वह आपसे कहते हैं:
- परमेश्वर की संतान होने में आनंद मनाये
परमेश्वर यीशु से कहते हैं, 'तुम मेरे पुत्र हो' (लूका 3:22). यीशु के द्वारा आप परमेश्वर को 'पिता' कह सकते हैं. जबकि यीशु का पुत्रत्व अद्वितीय है, पौलुस प्रेरित लिखते हैं कि पमरेश्वर ने अपने पुत्र की आत्मा को हमारे हृदय में भेजा है (गलातियों 4:6). आपको परमेश्वर की संतान होने का यह अनुभव दिया गया है –दत्तक लेने के द्वारा. यह अनुभव आपकी पहचान, विश्वास और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है.
- परमेश्वर के प्रेम का अनुभव करें
परमेश्वर यीशु से कहते हैं, 'तुम मेरे पुत्र हो, जिससे मैं प्रेम करता हूँ' (लूका 3:22). अब, जैसा कि पौलुस लिखते हैं, 'परमेश्वर का प्रेम पवित्र आत्मा के द्वारा हमारे हृदय में उंडेला गया है जो कि हमें दिया गया है' (रोमियों 5:5). पवित्र आत्मा आपको परमेश्वर की इच्छा और आपके लिए प्रेम का अनुभव प्रदान करता है.
- परमेश्वर की प्रसन्नता की आशा करें
परमेश्वर अपने पुत्र यीशु से कहते हैं, 'तुझसे में अति प्रसन्न हूँ' (लूका 3:22). जब परमेश्वर का आत्मा आपमें रहने के लिए आता है, तब आपका जीवन उसे प्रसन्न करता है (रोमियो 8:8-9).
जैसे ही आप अपने हृदय में पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर के प्रेम और अच्छाई के ऊंडेले जाने का अनुभव करते हैं, वैसे ही पवित्र आत्मा का अच्छा फल बढ़ेगा.
प्रार्थना
परमेश्वर, आपका धन्यवाद क्योंकि आप अपनी संतान के रुप में मुझसे प्रेम करते हैं और आप मुझमें आनंद मनाते हैं. मेरी सहायता कीजिए कि मैं एक उदारता, ईमानदारी और संतोष का जीवन जीऊँ और अच्छा फल उत्पन्न करुँ.
गिनती 9:15-11:3
बादल और अग्नि
15 जिस दिन पवित्र साक्षीपत्र का तम्बू लगाया गया, एक बादल इसके ऊपर रूक गया। रात को बादल अग्नि की तरह दिखाई पड़ता था। 16 बादल तम्बू के ऊपर निरन्तर ठहरा रहा और रात को बादल अग्नि की तरह दिखाई दिया। 17 जब बादल तम्बू के ऊपर अपने स्थान से चलता था, इस्राएली इसका अनुसरण करते थे। जब बादल रुक जाता था तब इस्राएल के लोग वहीं अपना डेरा डालते थे। 18 यही ढंग था जिससे यहोवा इस्राएल के लोगों को यात्रा करने का आदेश देता था, और यही उसका उस स्थान के लिए आदेश था जहाँ उन्हें डेरा लगाना चाहिए था और जब तक बादल तम्बू के ऊपर ठहरता था।लोग उसी स्थान पर डेरा डाले रहते थे। 19 कभी—कभी बादल तम्बू के ऊपर लम्बे समय तक ठहरता था। इस्राएली यहोवा का आदेश मानते थे और यात्रा नहीं करते थे। 20 कभी—कभी बादल तम्बू के ऊपर कुछ ही दिनों के लिए रहता था और लोग यहोवा के आदेश का पालन करते थे। वे बादल का अनु शरण तब करते जब वह चलता था। 21 कभी—कभी बादल केवल रात में ही ठहरता था और जब बादल अगली सुबह चलता था तब लोग अपनी चीज़ें इकट्ठी करते थे और उसका अनुसरण करते थे, रात में या दिन में, यदि बादल चलता था तो लोग उसका अनुसरण करते थे। 22 यदि बादल तम्बू के ऊपर दो दिन या एक महीना या एक वर्ष ठहरता था तो लोग यहोवा के आदेश का पालन करते रहते थे। वे उसी डेरे में ठहरते थे और तब तक नहीं चलते थे, जबतक बादत नहीं चलता था। जब बादल अपने स्थान से उठता और चलता तब लोग भी चलते थे। 23 इस प्रकार लोग यहोवा के आदेश का पालन करते थे। वे वहाँ डेरा डालते थे जिस स्थान को यहोवा दिखाता था और जब यहोवा उन्हें स्थान छोड़ने के लिए आदेश देता था तब लोग बादल का अनुसरण करते हुए स्थान छोड़ते थे। लोग यहोवा के आदेश का पालन करते थे। यह आदेश था जिसे यहोवा ने मूसा के द्वारा उन्हें दिया।
चाँदी का बिगुल
10यहोवा ने मूसा से कहाः 2 “बिगुल बनाने के लिये चाँदी का उपयोग करो। चाँदी का पतरा बना कर उससे दो बिगुल बनाओ। ये बिगुल लोगों को एक साथ बुलाने और यह बताने के लिए होंगें कि डेरे को कब चलाना है। 3 जब तुम इन दोनों बिगुलों को बजाओगे, तो सभी लोगों को मिलापवाले तम्बू के सामने तुम्हारे आगे इकट्ठा हो जाना चाहिए। 4 यदि तुम केवल एक विगुल बजाते हो, तो नेता (इस्राएल के बारह परिवारों के मुखिया) तुम्हारे सामने इकट्ठे होंगे।
5 “जब तुम बिगुल को पहली बार कम बजाओ, तब पूर्व में डेरा लगाए हुए परिवारों के समूहों को चलना आरम्भ कर देना चाहिए। 6 जब तुम बिगुल को दूसरी बार कम बजाओगे तो दक्षिण के डेरे को चलना आरम्भ कर देना चाहिए। बिगुल की ध्वनि यह घोषणा करेगी कि लोग चलें। 7 जब तुम सभी लोगों को इकट्ठा करना चाहते हो तो बिगुल को दूसरे ढंग से लम्बी स्थिर ध्वनि निकालते हुए बजाओ। 8 केवल हारून के याजक पुत्रों को बिगुल बजाना चाहिए। यह तुम लोगों के लिए नियम है जो भविष्य में माना जाता रहेगा।
9 “यदि तुम अपने देश में किसी शत्रु से लड़ रहे हो तो, तुम उनके विरुद्ध जाने के पहले बिगुल को जोर से बजाओ। तब तुम्हारा परमेश्वर तुम्हारी बात सुनेगा, और वह तुम्हें तुम्हारे शत्रुओं से बचाएगा। 10 अपनी विशेष प्रसन्नता के समय में भी तुम्हें अपना बिगुल बजाना चाहिए। अपने विशेष पवित्र दिनों और नये चाँद की दावतों में बिगुल बजाओ और तुम्हारे परमेस्वर यहोवा को तुम्हें याद करने का यह विशेष तरीका होगा। मैं तुम्हें यह करने का आदेश देता हूँ, मैं तुम्हारा परमेस्वर यहोवा हूँ।”
इस्राएल के लोग आपने डेरे को ले चलते हैं
11 दूसरे वर्ष के दूसरे महीने में इस्राएल के लोगों द्वारा मिस्र छोड़ने के बीसवें दिन के बाद साक्षीपत्र के तम्बू के ऊपर से बादल उठा। 12 इसलिए इस्राएल के सभी लोगों ने सीनै की मरुभूमि से यात्रा करनी आरम्भ की वे एक स्थान से दुसरे स्थान को यात्रा तब तक करते रहे जब तक बादल पारान की मरुभूमि में नहीं रूका। 13 यह पहला समय था कि लोगों ने अपने डेरों को वैसे चलाया जैसा यहोवा ने मूसा को आदेश दिया था।
14 यहूदा के डेरे से तीन दल पहले गए। उन्होंने अपने झण्डे के साथ यात्रा की। पहला दल यहूदा के परिवार समूह का था। अम्मीनादाब का पुत्र नहशोन उस दल का नेता था। 15 उसके ठीक बाद इस्साकार का परिवार समूह आया। सूआर का पुत्र नतनेल उस दल का नेता था। 16 और तब जबूलून का परिवार समूह आया। हेलोन का पुत्र एलीआब उस दल का नेता था।
17 तब मिलापवाले तम्बू उतारे गए और गेर्शोन तथा मरारी परिवार के लोग पवित्र तम्बू को लेकर चले। इसलिए इन परिवारों के लोग पंक्ति में ठीक बाद में थे।
18 तब रूबेन के डेरे के तीन दल आए। उनहोंने अपने झण्डे के साथ यात्रा की। पहला दल रूबेन परिवार समूह का था। शदेऊर का पुत्र एलीआज़र इस दल का नेता था। 19 इसके ठीक बाद शिमोन का परिवार समूह आया। सूरीशद्दै का पुत्र शलूमीएल उस दल का नेता था। 20 और तब गाद का परिवार समूह आया। दूएल का पुत्र एल्यासाप उस दल का नेता था। 21 तब कहात परिवार के लोग आए। वे उन पवित्र चीज़ों को ले जा रहे थे जो पवित्र तम्बू में थीं। ये लोग इस समय इसलिए आए ताकि इन लोगों के पहुँचने के पहले पवित्र तम्बू लगा दिया जाए और तैयार कर दिया जाए।
22 इसके ठीक बाद एप्रैम के डेरे के तीन दल आए। उन्होंने अपने झण्डे के साथ यात्रा की। पहला दल एप्रैम के परिवार समूह का था। अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा उस दल का नेता था। 23 ठीक उसके बाद मनश्शे का परिवार समूह आया। पदासूर का पुत्र गम्लीएल उस दल का नेता था। 24 तब बिन्यामीन का परिवार समूह आया। गिदोनी का पुत्र अबीदान उस दल का नेता था।
25 पंक्ति में आखिरी तीन परिवार समूह अन्य सभी परिवार समूहों के लिए पृष्ठ रक्षक थे। ये दल दान के डेरे मे से थे। उन्होंने अपने झण्डे के साथ यात्रा की। पहला दल दान के परिवार समूह का था। अम्मीशद्दै का पुत्र अहीएजेर उस दल का नेता था। 26 उसके ठीक बाद आशेर का परिवार समूह आया। ओक्रान का पुत्र पजीएल उस दल का नेता था। 27 तब नप्ताली का परिवार समूह आया। एनान का पुत्र अहीरा उस दल का नेता था। 28 जब इस्राएल के लोग एक स्थान से दूसरे स्थान की यात्रा करते थे तब उनका यही ढंग था।
29 रूएल का पुत्र होबाब मिद्यानी था। (रूएल मूसा का ससुर था।) मूसा ने होबाब से कहा, “हम लोग उस देश की यात्रा कर रहे हैं जिसे परमेस्वर ने हम लोगों को देने का वचन दिया है। इसलिए हम लोगों के साथा आओ, हम लोग तुम्हारे साथ अच्छा व्यवहार करेंगे। परमेस्वर ने इस्राएल के लोगों को अच्छी चीजें देने का वचन दिया है।”
30 किन्तु होबाब ने उत्तर दिया, “नहीं, मैं तुम्हारे साथ नहीं जाऊँगा। मैं अपने देश और अपने लोगों के पास लौटूँगा।”
31 तब मूसा ने कहा, “हमें छोड़ो मत। तुम रेगिस्तान के बारे में हम लोगों से अधिक जानते हो। तुम हमारे पथ पदर्शक हो सकते हो। 32 यदि तुम हम लोगों के साथ आते हो तो यहोवा जो कुछ अच्छी चीज़ें देगा उसमें तुम्हारे साथ हम हिस्सा बटाऐंगे।”
33 इसलिए होबाब मान गया और उन्होंने यहोवा के पर्वत से यात्रा आरम्भ की। याजकों ने यहोवा के साक्षीपत्र के पवित्र सन्दूक को लिया और लोगों के आगे चले। वे डेरा डालने के स्थान की खोज में तीन दिन तक पवित्र सन्दूक ढोते रहे। 34 यहोवा का बादल हर एक दिन उनके ऊपर था और हर एक सुबह जब वे अपने डेरे को छोड़ते थे तो उनको रास्ता दिखाने के लिए बादल वहाँ रहता था।
35 जब लोग पवित्र सन्दूक के साथ यात्रा आरम्भ करते थे और पवित्र सन्दूक डेरे से बाहर ले जाया जाता था, मूसा सदा कहता था,
“यहोवा, उठ!
तेरे शत्रु सभी दिशाओं में भागें।
जो लोग तेरे विरुद्ध हों तेरे सामने से भागें।”
36 और जब पवित्र सन्दूक अपनी जगह पर रखा जाता था तब मूसा सदा यह कहता था,
“यहोवा, वापस आ,
इस्राएल के लाखों लोगों के पास।”
लोग फिर शिकायत करते हैं
11इस समय लोगों ने अपने कष्टों के लिए शिकायत की। यहोवा ने उनकी शिकायतें सुनी। जब यहोवा ने ये बातें सुनीं तो वह क्रोधित हुआ। यहोवा की तरफ से डेरे में आग लग गई। आग ने डेरे के छोर पर के कुछ हिस्से को जला दिया। 2 इसलिए लोगों ने मूसा को सहायता के लिये पुकारा। मूसा ने यहोवा से प्रार्थना की और आग का जलना बन्द हो गया। 3 इसलिए उस स्थान को तबेरा कहा गया। लोगों ने उस स्थान को यही नाम दिया क्योंकि यहोवा ने उनके बीच आग जला दी थी।
समीक्षा
परमेश्वर ने आपको अच्छी वस्तुएँ देने का वायदा किया है
मूसा ने अपने ससुर से कहा, 'परमेश्वर ने अच्छी वस्तुओं का वादा किया है' (10:29). उसने उन्हें अपने साथ आने का निवेदन किया, 'हम आपके साथ उन चीजों को बाँटेंगे जो कुछ परमेश्वर हमें देंगे' (व.32).
मूसा ने परमेश्वर के लोगों के साथ, परमेश्वर की बहुत सी अच्छाई का अनुभव किया था. परमेश्वर ने 'बादल' और 'आग' के साथ उनका मार्गदर्शन किया था – अपनी उपस्थिति के प्रतीक के रूप में (9:16). यह अच्छाई का एक अच्छा उदाहरण है जो कि परमेश्वर के लोगों के इतिहास में देखा जाता है.
उनके प्रति परमेश्वर की अच्छाई के बावजूद, उसके लोग 'बुड़बुड़ाने और यहोवा को बुरा कहने लगे' (11:1). जंगल में एक दूसरे समय पर वे अपने लीडर – मूसा और हारुन के विषय में भी कुड़कुड़ाए (निर्गमन 16:2). कभी कभी, जब हम उस अच्छाई को भूल जाते हैं जो परमेश्वर ने हमें दिखाई है, तब हम अपनी स्थिति के विषय में शिकायत करते हैं और हमारे लीडर्स पर भी दोष लगाते हैं. किंतु जहॉं कहीं संभव हो, लीडर्स को हमारी सहायता और उत्साह की जरुरत है.
हम सभी को अपने प्रति परमेश्वर की भलाई को याद रखने की आवश्यकता है, विशेषरुप से मसीह में, जो कि 'अच्छी वस्तुओं का महायाजक हैं' जो परमेश्वर देते हैं (इब्रानियों 9:11). शिकायत करना आपको कैद में रखता है, जबकि परमेश्वर की वफादारी को याद करना आपको मुक्त करता है. स्तुति, धन्यवादिता और आराधना यें शिकायत और कुड़कुड़ाने का ईलाज है.
प्रार्थना
परमेश्वर मैं आपकी स्तुति करता हूँ, मेरे प्रति आपकी सभी अच्छाईयों के लिए - यीशु के अच्छे समाचार के लिए, आपकी क्षमा के लिए, मेरे लिए आपके प्रेम के लिए, पवित्र आत्मा के लिए और मेरे हृदय में ऊंडेले गए प्रेम के लिए, इस तथ्य के लिए कि आप मुझमें आनंद मनाते हैं और मुझे छुड़ाते हैं. धन्यवाद परमेश्वर आपकी सभी आशीषों के लिए, आपके प्रावधान के लिए, स्वतंत्रता, मित्र, परिवार और स्वर्गीय स्थानों में सभी आत्मिक आशीषों के लिए. 'परमेश्वर अच्छे हैं – हर समय.'
पिप्पा भी कहते है
गिनती 11:1-3
'फिर वे लोग बुड़बुड़ाने लगे...उसका कोप भड़क उठा. और यहोवा की आग उनके मध्य में जल उठी, और छावनी के एक किनारे से भस्म करने लगी.'
मुझे नहीं लगता है कि परमेश्वर को शिकायत करना पंसद है. यह एक चेतावनी है. मैं भविष्य में और अधिक सावधान रहूँगा!
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संदर्भ
नोट्स:
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
जिन वचनों को (एएमपी, AMP) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (एमएसजी MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।