दोगुनी आशीषें
परिचय
मुझे ‘दया’ शब्द अच्छा लगता है. मैं परमेश्वर का बहुत आभारी हूँ कि परमेश्वर दया के परमेश्वर हैं. विलियम शेक्सपियर ने द मरचेन ऑफ वेनिस में पिरशिया के संवाद में दया के आश्चर्य के बारे में कुछ लिखा है. वह ‘दया की उत्तमता’ के बारे में बताता है:
‘दया की उत्तमता’ अस्वाभाविक नहीं है,
यह स्वर्ग से कोमल वर्षा की तरह गिरती है
नीचे की जगहों पर: यह दोगुना उत्तम आशीष है;
यह उसे आशीष करती है जो देता है और उसे भी जो पाता है.’ नाटक IV दृश्य I
आप आशीषित हैं जब आप दया पाते हैं और आप आशीषित हैं जब आप दूसरों के प्रति दयावंत होते हैं
भजन संहिता 6:1-10
शौमिनिथ शैली के तारवाद्यों के निर्देशक के लिये दाऊद का एक गीत।
6हे यहोवा, तू मुझ पर क्रोधित होकर मेरा सुधार मत कर।
मुझ पर कुपित मत हो और मुझे दण्ड मत दे।
2 हे यहोवा, मुझ पर दया कर।
मै रोगी और दुर्बल हूँ।
मेरे रोगों को हर ले।
मेरी हड्डियाँ काँप—काँप उठती हैं।
3 मेरी समूची देह थर—थर काँप रही है।
हे यहोवा, मेरा भारी दु:ख तू कब तक रखेगा।
4 हे यहोवा, मुझ को फिर से बलवान कर।
तू महा दयावाने है मेरी रक्षा कर।
5 मरे हुए लोग तुझे अपनी कब्रों के बीच याद नहीं करते हैं।
मृत्यु के देश में वे तेरी प्रशंसा नहीं करते हैं।
अतःमुझको चँगा कर।
6 हे यहोवा, सारी रात मैं तुझको पुकारता रहता हूँ।
मेरा बिछौना मेरे आँसुओं से भीग गया है।
मेरे बिछौने से आँसु टपक रहे हैं।
तेरे लिये रोते हुए मैं क्षीण हो गया हूँ।
7 मेरे शत्रुओं ने मुझे बहुतेरे दु:ख दिये।
इसने मुझे शोकाकुल और बहुत दु:खी कर डाला और अब मेरी आँखें रोने बिलखने से थकी हारी, दुर्बल हैं।
8 अरे ओ दुर्जनों, तुम मुझ से दूर हटो।
क्योंकि यहोवा ने मुझे रोते हुए सुन लिया है।
9 मेरी विनती यहोवा के कान तक पहुँच चुकी है
और मेरी प्रार्थनाओं को यहोवा ने सुनकर उत्तर दे दिया है।
10 मेरे सभी शत्रु व्याकुल और आशाहीन होंगे।
कुछ अचानक ही घटित होगा और वे सभी लज्जित होंगे।
वे मुझको छोड़ कर लौट जायेंगे।
समीक्षा
दया के लिए पुकारें
आपके जीवन में ऐसा समय भी आता है जब आप सच में संघर्ष करते हैं और आपको कुछ भी सही नहीं दिखता? क्या आप ‘कमजोरी’ (व. 2), ‘संताप’ (व. 2), ‘पीड़ा’ (व. 3), ‘थका हुआ’ (व.6), ‘शोक’ (व. 6), ‘विलाप’ (व. 6) , ‘आंसुओं में (व. 7), और ‘शोक में कमजोरी’ (व. 7) महसूस करते हैं?
कभी कभी ऐसा हमारे खुद के पाप के कारण हो सकता है. या कभी-कभी यह ‘वियोग’, अचानक नुकसान, संबंधों में परेशानी, परिवार का टूटना, बीमारी, नौकरी में परेशानी,बेरोजगारी या विरोध के कारण हो सकता है.
दाऊद को भी मुश्किल घड़ी का सामना करना पड़ा लेकिन, इस बीच,उसने दया के लिए परमेश्वर को पुकारा: ‘हे यहोवा, मुझ पर अनुग्रह कर,’ (व.2). उसने प्रार्थना की: ‘अपने दृढ़ प्रेम और अपनी करूणा के निमित्त मेरा उद्धार कर।’ (व. 4 एएमपी).
कभी-कभी ऐसा लगता है कि हमारी परेशानियाँ कभी खत्म नहीं होंगी. ऐसा लगता है कि ये चलती रहेंगी. जब हम संघर्ष के समय में होते हैं तो हम दाऊद की तरह पुकारते हैं,‘हे यहोवा, कब तक?’ (व.3). हम दया के लिए पुकारते हैं और ऐसा लगता है कि परमेश्वर नहीं सुन रहे हैं. लेकिन वह सुन रहे हैं. ऐसा समय भी आता है जब हम दाऊद के समान कह सकते हैं: ‘हे यहोवा, मेरा रोना सुन. यहोवा ने दया के लिए मेरा गिड़गिड़ाना सुना है’ (वव.8-9).
प्रार्थना
प्रभु,‘कभी असफल न होनेवाले प्रेम’ और दया के लिए आपको धन्यवाद (व.4). धन्यवाद कि आपने मेरा रोना सुना है और मेरी प्रार्थनाओं को स्वीकार किया है. मुझ पर अनुग्रह कीजिये,है.
मत्ती 5:43-6:24
सबसे प्रेम रखो
43 “तुमने सुना है: कहा गया है ‘तू अपने पड़ौसी से प्रेम कर और शत्रु से घृणा कर।’ 44 किन्तु मैं कहता हूँ अपने शत्रुओं से भी प्यार करो। जो तुम्हें यातनाएँ देते हैं, उनके लिये भी प्रार्थना करो। 45 ताकि तुम स्वर्ग में रहने वाले अपने पिता की सिद्ध संतान बन सको। क्योंकि वह बुरों और भलों सब पर सूर्य का प्रकाश चमकाता है। पापियों और धर्मियों, सब पर वर्षा कराता है। 46 यह मैं इसलिये कहता हूँ कि यदि तू उन्हीं से प्रेम करेगा जो तुझसे प्रेम करते हैं तो तुझे क्या फल मिलेगा। क्या ऐसा तो कर वसूल करने वाले भी नहीं करते? 47 यदि तू अपने भाई बंदों का ही स्वागत करेगा तो तू औरों से अधिक क्या कर रहा है? क्या ऐसा तो विधर्मी भी नहीं करते? 48 इसलिये परिपूर्ण बनो, वैसे ही जैसे तुम्हारा स्वर्ग-पिता परिपूर्ण है।
दान की शिक्षा
6“सावधान रहो! परमेश्वर चाहता है, उन कामों का लोगों के सामने दिखावा मत करो नहीं तो तुम अपने परम-पिता से, जो स्वर्ग में है, उसका प्रतिफल नहीं पाओगे।
2 “इसलिये जब तुम किसी दीन-दुःखी को दान देते हो तो उसका ढोल मत पीटो, जैसा किआराधनालयों और गलियों में कपटी लोग औंरों से प्रशंसा पाने के लिए करते हैं। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि उन्हें तो इसका पूरा फल पहले ही दिया जा चुका है। 3 किन्तु जब तू किसी दीन दुःखी को देता है तो तेरा बायाँ हाथ न जान पाये कि तेरा दाहिना हाथ क्या कर रहा है। 4 ताकि तेरा दान छिपा रहे। तेरा वह परम पिता जो तू छिपाकर करता है उसे भी देखता है, वह तुझे उसका प्रतिफल देगा।
प्रार्थना का महत्व
5 “जब तुम प्रार्थना करो तो कपटियों की तरह मत करो। क्योंकि वे यहूदीआराधनालयों और गली के नुक्कड़ों पर खड़े होकर प्रार्थना करना चाहते हैं ताकि लोग उन्हें देख सकें। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ कि उन्हें तो उसका फल पहले ही मिल चुका है। 6 किन्तु जब तू प्रार्थना करे, अपनी कोठरी में चला जा और द्वार बन्द करके गुप्त रूप से अपने परम-पिता से प्रार्थना कर। फिर तेरा परम-पिता जो तेरे छिपकर किए गए कर्मों को देखता है, तुझे उन का प्रतिफल देगा।
7 “जब तुम प्रार्थना करते हो तो विधर्मियों की तरह यूँ ही निरर्थक बातों को बार-बार मत दुहराते रहो। वे तो यह सोचते हैं कि उनके बहुत बोलने से उनकी सुन ली जायेगी। 8 इसलिये उनके जैसे मत बनो क्योंकि तुम्हारा परम-पिता तुम्हारे माँगने से पहले ही जानता है कि तुम्हारी आवश्यकता क्या है। 9 इसलिए इस प्रकार प्रार्थना करो:
‘स्वर्ग धाम में हमारे पिता,
तेरा नाम पवित्र रहे।
10 जगत में तेरा राज्य आए।
तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में पूरी होती है वैसे ही पृथ्वी पर भी पूरी हो।
11 दिन प्रतिदिन का आहार तू आज हमें दे।
12 अपराधों को क्षमा दान कर
जैसे हमने अपने अपराधी क्षमा किये।
13 हमें परीक्षा में न ला
परन्तु बुराई से बचा।’
14 यदि तुम लोगों के अपराधों को क्षमा करोगे तो तुम्हारा स्वर्ग-पिता भी तुम्हें क्षमा करेगा। 15 किन्तु यदि तुम लोगों को क्षमा नहीं करोगे तो तुम्हारा परम-पिता भी तुम्हारे पापों के लिए क्षमा नहीं देगा।
उपवास की व्याख्या
16 “जब तुम उपवास करो तो मुँह लटकाये कपटियों जैसे मत दिखो। क्योंकि वे तरह तरह से मुँह बनाते हैं ताकि वे लोगों को जतायें कि वे उपवास कर रहे हैं। मैं तुमसे सत्य कहता हूँ उन्हें तो पहले ही उनका प्रतिफल मिल चुका है। 17 किन्तु जब तू उपवास रखे तो अपने सिर पर सुगंध मल और अपना मुँह धो। 18 ताकि लोग यह न जानें कि तू उपवास कर रहा है। बल्कि तेरा परम-पिता जिसे तू देख नहीं सकता, देखे कि तू उपवास कर रहा है। तब तेरा परम पिता जो तेरे छिपकर किए गए सब कर्मों को देखता है, तुझे उनका प्रतिफल देगा।
परमेश्वर धन से बड़ा है
19 “अपने लिये धरती पर भंडार मत भरो। क्योंकि उसे कीड़े और जंग नष्ट कर देंगे। चोर सेंध लगाकर उसे चुरा सकते हैं। 20 बल्कि अपने लिये स्वर्ग में भण्डार भरो जहाँ उसे कीड़े या जंग नष्ट नहीं कर पाते। और चोर भी वहाँ सेंध लगा कर उसे चुरा नहीं पाते। 21 याद रखो जहाँ तुम्हारा भंडार होगा वहीं तुम्हारा मन भी रहेगा।
22 “शरीर के लिये प्रकाश का स्रोत आँख है। इसलिये यदि तेरी आँख ठीक है तो तेरा सारा शरीर प्रकाशवान रहेगा। 23 किन्तु यदि तेरी आँख बुरी हो जाए तो तेरा सारा शरीर अंधेरे से भर जायेगा। इसलिये वह एकमात्र प्रकाश जो तेरे भीतर है यदि अंधकारमय हो जाये तो वह अंधेरा कितना गहरा होगा।
24 “कोई भी एक साथ दो स्वामियों का सेवक नहीं हो सकता क्योंकि वह एक से घृणा करेगा और दूसरे से प्रेम। या एक के प्रति समर्पित रहेगा और दूसरे का तिरस्कार करेगा। तुम धन और परमेश्वर दोनों की एक साथ सेवा नहीं कर सकते।
समीक्षा
दूसरों के प्रति दयावान रहें
दूसरों के प्रति दयावान रहना यीशु की शिक्षा का केन्द्र है. ‘अपने बैरियों से प्रेम रखो और अपने सताने वालों के लिये प्रार्थना करो। जिस से तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे’ (5:44-45अ). प्रेम करना, दया दिखाने से कहीं बढ़कर है, लेकिन दया प्रेम का अनिवार्य हिस्सा है.
जिन्होंने आपका बुरा किया है उनके प्रति भी दयावान रहने के लिए यीशु ने इस पद्यांश में तीन कारण बताए हैं:
अपने पिता के समान दिखने के लिए अपने शत्रुओं पर भी दया करो – ‘जिस से तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे ’ (व.45अ). परमेश्वर की दया उन पर भी बनी रहती है जो उनसे बैर रखते हैं: ‘वह भले और बुरों दोनो पर अपना सूर्य उदय करता है, और धमिर्यों और अधमिर्यों दोनों पर मेंह बरसाता है।’ (व. 45ब).
आपको इस हद तक दया करने के लिए अपनी दुनिया से परे होन होगा: ‘यदि तुम अपने प्रेम रखने वालों ही से प्रेम रखो, तो तुम्हारे लिये क्या फल होगा? क्या महसूल लेने वाले भी ऐसा ही नहीं करते?’ (व.46). हम केवल उनसे प्रेम करते हैं जो हमारे जैसे होते हैं या जिन्हें हम पसंद करते हैं. लेकिन आपको कुछ अलग बनने के लिए बुलाया गया है. आपको वह बनने के लिए बुलाया गया है जैसा कि डीट्रिक बोनोफर ने ‘मसीही लोगों की....... “असाधारण” विशेषता’ के रूप में वर्णन किया है.
क्षमा करने और क्षमा पाने के बीच कुछ संबंध है. हम स्वयं परमेश्वर की दया पाने के बाद दूसरों पर दया नहीं कर सकते. हम दूसरों को क्षमा करके स्वयं के लिए क्षमा नहीं कमा सकते,लेकिन यीशु कहते हैं कि परमेश्वर से क्षमा पाने के लिए हमें दूसरों को क्षमा करना अनिवार्य है. दूसरों को क्षमा किये बिना ‘आप परमेश्वर से क्षमा नहीं पा सकते. यदि आप अपना भाग करने के लिए मना करें, तो आप खुद को परमेश्वर के भाग से अलग कर देंगे’ (6:14ब-15, एमएसजी). हरदिन, दया और क्षमा पाइये और हरदिन दूसरों को क्षमा कीजिये और उन पर दया कीजिये.
यीशु यह भी समझाते हैं कि आप जो करते हैं उसमें आप व्यवहारिक रूप से दया कैसे कर सकते हैं. वह प्रार्थना के महत्व को उल्लेखित करते हैं. वह आपसे कहते हैं कि, ‘जो तुम्हें सताते हैं,उनके लिए प्रार्थना करो’ (5:44). अपने शत्रुओं के लिए प्रार्थना करने से आपको उन्हें उस तरह से देखने में मदद मिलती है जैसे परमेश्वर उन्हें देखते हैं. प्रार्थना में आप उनके साथ-साथ खड़े रहते हैं,उनके अपराध और व्यथा को खुद पर लेते हुए और आप उनके लिए परमेश्वर से निवेदन करते हैं. प्रार्थना प्रेम की कड़ी परीक्षा है. परमेश्वर की उपस्थिति के प्रकाश में आने से हमारे दिल की गहराई में बसी सच्ची भावनाएं प्रकट होती हैं.
दया का विषय प्रभु की प्रार्थना का मुख्य हिस्सा भी है: ‘और जिस प्रकार हम ने अपने अपराधियों को क्षमा किया है, वैसे ही तू भी हमारे अपराधों को क्षमा कर। ’ 96:12). (अवश्य ही इस प्रार्थना में दया के अलावा बहुत कुछ है,जिसे हम बाद में देखेंगे जब हम दूसरे सुसमाचार पर आएंगे.)
यीशु हमें सिखाते हैं कि जब हम प्रार्थना करें:
- तो इसे गुप्त रखें
‘गुप्त और एकांत जगह ढूँढो,ताकि तुम परमेश्वर के समक्ष वार्तालाप करने की परीक्षा में न पड़ो’ (व. 6अ. एनएसजी).
- इसे सच्ची रखें
‘जितना भी हो सके साधारण और ईमानदार रहें’ (व.6ब. एमएसजी).
- इसे सरल रखें
‘परमेश्वर तुम से बेहद प्रेम करते हैं इसलिए आप सरलता से प्रार्थना कर सकते हैं’ (व 9अ. एमएसजी).
अंत में,हमारे देने में भी दया मुख्य केन्द्र होना चाहिये. दूसरों के प्रति दया रखना उदारता एक स्वरूप है. ‘जब आप दूसरों की मदद करें,तो यह न सोचें कि यह कैसा दिखेगा. बस दया कीजिये – चुपचाप और सहज रूप से. यह परमेश्वर का तरीका है. जिसने आपको प्रेम में जन्मा है, दृश्य के पीछे कार्य करते हुए, और आपको मदद करते हुए’ (वव. 3-4, एमएसजी).
मैं जब भी पहाड़ का उपदेश पढ़ता हूँ. मैं देखता हूँ कि मुझ में कितनी कमी है और दया पाने के लिए मैं अपनी जरूरतों को अच्छे से जानता हूँ.
प्रार्थना
प्रभु,आपका धन्यवाद कि आप मेरे प्रति दयालु हैं. धन्यवाद कि आपने मेरे पापों को क्षमा किया है. प्रभु,मेरी सहायता कीजिये कि मैं हमेशा दूसरों के प्रति दयालु रहूँ.
उत्पत्ति 14:1-16:16
लूत पकड़ा गया
14अम्रापेल शिनार का राजा था। अर्योक एल्लासार का राजा था। कदोर्लाओमेर एलाम का राजा था। तिदाल गोयीम का राजा था। 2 इन सभी राजाओं ने सदोम के राजा बेरा, अमोरा के राजा बिर्शा, अद्मा के राजा शिनाब, सबोयीम के राजा शेमेबेर तथा बेला (बेला सोअर भी कहा जाता है) के राजा के साथ एक लड़ाई लड़ी।
3 सिद्दीम की घाटी में ये सभी राजा अपनी सेनाओं से मिले। (सिद्दीम की घाटी आज—कल लवण सागर है।) 4 इन राजाओं ने कदोर्लाओमेर की सेवा बारह वर्ष तक की थी। किन्तु तेरहवें वर्ष वे सभी उसके विरुद्ध हो गए। 5 इसलिए चौदहवें वर्ष कदोर्लाओमेर अन्य राजाओं के साथ उनसे लड़ने आया। कदोर्लाओमेर और उसके साथ के राजाओं ने रपाई लोगों को अशतरोत्कनम में हराया। उन्होंने हाम में जीजूजि लोगों को भी हराया। उन्होंने एमि लोगों को शाबेकिर्यातैम में हराया 6 और उन्होंने होरीत लोगों को सेईर के पहाड़ी प्रदेश से हराकर एल्पारान की ओर भगाया। (एल्पारान मरूभूमि के करीब है।) 7 तब राजा कदोर्लाओमेर पीछे को मुड़ा और एन्मिशपात को गया। (यह कादेश भी कहलाता है।) और सभी अमालेकी लोगों को हराया। उसने एमोरी लोगों को भी हराया। ये लोग हससोन्तामार में रहते हैं।
8 उस समय सदोम का राजा, अमोरा का राजा, अदमा का राजा, सबोयीम का राजा, और बेला का राजा, (बेला सोअर-ही है।) सभी एक साथ मिलकर अपने शत्रुओं से लड़ने के लिए गए। 9 वे एलाम के राजा कदोर्लाओमेर, गोयीम के राजा तिदाल, शिनार के राजा अम्रापेल, और एल्लासार के राजा अर्योक से लड़े। इस तरह चार राजा पाँच राजाओं से लड़ रहे थे।
10 सिद्दीम की घाटी में राल से भरे हुए अनेक गके थे। सदोम और अमोरा के राजा और उनकी सेनाएं भाग गई। अनेक सैनिक उन गद्ढों में गिर गए। किन्तु दूसरे लोग पहाड़ी में भाग गए।
11 सदोम और अमोरा के पास जो कुछ था उसे उनके शत्रुओं ने ले लिया। उन्होंने उनके सारे भोजन—वस्त्रों को ले लिया और वे चले गए। 12 अब्राम के भाई का पुत्र लूत सदोम में रहता था, उसे शत्रुओं ने पकड़ लिया। उसके पास जो कुछ था उसे भी शत्रु लेकर चले गए। 13 एक व्यक्ति ने, जो पकड़ा नहीं जा सका था उसने अब्राम (जो हिब्रू था) को ये सारी बातें बतायीं। एमोरी मम्रे के पेड़ों के पास अब्राम ने अपना डेरा डाला था। मम्रे एशकोल और आनेर के एक सन्धि एक दूसरे की मदद के लिए की थी और उन्होंने अब्राम की मदद के लिए भी एक वाचा की थी।
अब्राम लूत को छूड़ाता है
14 जब अब्राम को पता चला कि लूत पकड़ा गया है। तो उसने अपने पूरे परिवार को इकट्ठा किया और उनमें से तीन सौ अट्ठारह प्रशिक्षित सैनिकों को लेकर अब्राम ने दान नगर तक शत्रुओं का पीछा किया। 15 उसी रात उसने और उसके पुरुषों ने शत्रुओं पर अचानक धावा बोल दिया। उन्होंने शत्रुओं को हराया था दमिश्क के उत्तर में होबा तक उनका पीछा किया। 16 तब अब्राम शत्रु द्वारा चुराई गई सभी चीज़ें लाया। अब्राम स्त्रियों, नौकर, लूत और लूत की अपनी सभी चीज़ें ले आया।
17 कदोर्लाओमेर और उसके साथ के सभी राजाओं को हराने के बाद अब्राम अपने घर लौट आय। जब वह घर आया तो सदोम का राजा उससे मिलने शावे की घाटी पहुँचा। (इसे अब राजा की घाटी कहते हैं।)
मेल्कीसेदेक
18 शालेम का राजा मेल्कीसेदेक भी अब्राम से मिलने गया। मेल्कीसेदेक, सबसे महान परमेश्वर का याजक था। मेल्कीसेदेक रोटी और दाखरस लाया। 19 मेल्कीसेदेक ने अब्राम को आशीर्वाद दिया और कहा:
“अब्राम, सबसे महान परमेश्वर तुम्हें आशीष दे।
परमेश्वर ने पृथ्वी और आकाश बनाया।
20 और हम सबसे महान परमेश्वर की स्तुति करते हैं।
परमेश्वर ने शत्रुओं को हराने में तुम्हारी मदद की।”
तब अब्राम ने लड़ाई में मिली हर एक चीज़ का दसवाँ हिस्सा मल्कीसेदेक को दिया। 21 तब सदोम के राजा ने कहा, “तुम ये सभी चीज़ें अपने पास रख सकते हो, मुझे केवल मेरे उन मनुष्यों को दे दो जिन्हें शत्रु पकड़ कर ले गए थे।”
22 किन्तु अब्राम ने सदोम के राजा से कहा, “मैंने सबसे महान परमेश्वर यहोवा जिसने पृथ्वी और आकाश को बनाया है। उसके सम्मुख यह शपथ ली है 23 कि जो आपकी चीज़ है उसमें से कुछ भी न लूँगा। यहाँ तक कि एक धागा व जूते का तस्मा भी नहीं लूँगा। मैं यह नहीं चाहता कि आप कहें, ‘मैंने अब्राम को धनी बनाया।’ 24 मैं केवल वह भोजन स्वीकार करूँगा जो हमारे जवानों ने खाया है किन्तु आप दूसरे लोगों को उनका हिस्सा दें। हमारी लड़ाई में जीती हुई चीज़ें आप लें और इसमें से कुछ आनेर, एश्कोल और मस्रे को दें। इन लोगों ने लड़ाई में मेरी मदद की थी।”
अब्राम के साथ परमेश्वर की वाचा
15इन बातों के हो जाने के बाद यहोवा का आदेश अब्राम को एक दर्शन में आया। परमेश्वर ने कहा,
“अब्राम, डरो नहीं।
मैं तुम्हारी रक्षा करूँगा और
मैं तुम्हें एक बड़ा पुरस्कार दूँगा।”
2 किन्तु अब्राम ने कहा, “हे यहोवा ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे तू मुझे देगा और वह मुझे प्रसन्न करेगा। क्यों? क्योंकि मेरे पुत्र नहीं है। इसलिए मेरा दास दमिश्क का निओवासी एलीएजेर मेरे मरने के बाद मेरा सब कुछ पाएगा।” 3 अब्राम ने कहा, “तू ही देख, तूने मुझे कोई पुत्र नहीं दिया है। इसलिए मेरे घर में पैदा एक दास मेरी सभी चीज़ें पाएगा।”
4 तब यहोवा ने अब्राम से बातें कीं। परमेश्वर ने कहा, “तुम्हारी चीज़ों को तुम्हारा यह दास नहीं पाएगा। तुमको एक पुत्र होगा और तुम्हारा पुत्र ही तुम्हारी चीज़ें पाएगा।”
5 तब परमेश्वर अब्राम को बाहर ले गया। परमेश्वर ने कहा, “आकाश को देखो। अनेक तारों को देखो। ये इतने हैं कि तुम गिन नहीं सकते। भविष्य में तुम्हारा कुटुम्ब ऐसा ही होगा।”
6 अब्राम ने परमेश्वर पर विश्वास किया और परमेश्वर ने उसके विश्वास को एक अच्छा काम माना, 7 परमेश्वर ने अब्राम से कहा, “मैं ही वह यहोवा हूँ जो तुम्हें कसदियों के ऊर से बाहर लाया। यह मैंने इसलिए किया कि यह प्रदेश मैं तुम्हें दे सकूँ, तुम इस प्रदेश को अपने कब्ज़े में कर सको।”
8 किन्तु अब्राम ने कहा, “हे यहोवा, मेरे स्वामी, मुझे कैसे विश्वास हो कि यह प्रदेश मुझे मिलेगा?”
9 परमेश्वर ने अब्राम से कहा, “हम लोग एक वाचा बांधेंगे। तुम मुझको तीन वर्ष की एक गाय, तीन वर्ष की एक बकरी, और तीन वर्ष की एक भेड़ लाओ। एक फ़ाख्ता और एक कबूतर का बच्चा भी लाओ।”
10 अब्राम ये सभी चीज़ें परमेश्वर के पास लाया। अब्राम ने इन प्राणियों को मार डाला और हर एक के दो टुकड़े कर डाले। अब्राम ने एक आधा टुकड़ा एक तरफ तथा उसका दूसरा आधा टुकड़ा उसके विपरीत दूसरी तरफ रखा। अब्राम ने पक्षियों के दो टुकड़े नहीं किए। 11 थोड़ी देर बाद माँसहारी पक्षी वेदी पर चढ़ाए हुए मृत जीवों को खाने के लिए नीचे आए किन्तु अब्राम ने उनको भगा दिया।
12 बाद में सूरज डूबने लगा। अब्राम को गहरी नींद आ गयी। घन—घोर अंधकार ने उसे चारों तरफ से घेर लिया। 13 तब यहोवा ने अब्राम से कहा, “तुम्हें ये बातें जाननी चहिए। तुम्हारे वंशज विदेशी बनेंगे और वे उस देश में जांएगे जो उनका नहीं होगा। वे वहाँ दास होंगे। चार सौ वर्ष तक उनके साथ बुरा व्यवहार होगा। 14 मैं उस राष्ट्र का न्याय करूँगा तथा उसे सजा दूँगा, जिसने उन्हें गुलाम बनाया और जब तुम्हारे बाद आने बाले लोग उस देश को छेड़ेंगे तो अपने साथ अनेक अच्छी वस्तुएं ले जायेंगे।”
15 “तुम बहुत लम्बी आयु तक जीवित रहोगे। तुम शान्ति के साथ मरोगे और तुम अपने पुरखाओं के पास दफनाए जाओगे। 16 चार पीढ़ियों के बाद तुम्हारे लोग इसी प्रदेश में फिर आएंगे। उस समय तुम्हारे लोग एमोरियों को हरांएगे। यहाँ रहने वाले एमोरियों को, दण्ड देने के लिए मैं तुम्हारे लोगों का प्रयोग करूँगा। यह बात भविष्य में होगी क्योंकि एमोरी दण्ड पाने येग्य बुरे अभी नहीं हुए हैं।”
17 जब सूरज ढ़ल गया, तो बहुत अंधेरा छा गया। मृत जानवर अभी तक जमीन पर पड़े हुए थे। हर जानवर दो भागों में कटे पड़े थे। उसी समय धुएँ तथा आग का एक खम्भा मरे जानवरों के तुकड़ों के बीच से गुजरा।
18 इस तरह उस दिन यहोवा ने अब्राम को वचन दिया और उसके साथ वाचा की। यहोवा ने कहा, “मैं यह प्रदेश तुम्हारे वंशजों को दूँगा। मैं मिस्र की नदी और बड़ी नदी परात के बीच का प्रदेश उनको दूँगा। 19 यह देश केनी, कनिज्जी, कदमोनी, 20 हित्ती, परीज्जी, रपाई, 21 एमोरी, कनानी, गिर्गाशी तथा यबूसी लोगों का है।”
दासी हाजिरा
16सारै अब्राम की पत्नी थी। अब्राम और उसके कोई बच्चा नहीं था। सारै के पास एक मिस्र की दासी थी। उसका नाम हाजिरा था। 2 सारै ने अब्राम से कहा, “देखो, यहोवा ने मुझे कोई बच्चा नहीं दिया है। इसलिए मेरी दासी को रख लो। मैं इसके बच्चे को अपना बच्चा ही मान लूँगी।” अब्राम ने अपनी पत्नी का कहना मान लिया।
3 कनान में अब्राम के दस वर्ष रहने के बाद यह बात हुई और सारै ने अपने पति अब्रहमको हजिरा को दे दिया (हाजिरा मिस्री दासी थी।)।
4 हाजिरा, अब्राम से गर्भवती हुई। जब हाजिरा ने यह देखा तो उसे बहुत गर्व हुआ और यह अनुभव करने लगी कि मैं अपनी मालकिन सारै से अच्छी हूँ। 5 लेकिन सारै ने अब्राम से कहा, “मेरी दासी अब मुझसे घृणा करती है और इसके लिए मैं तुमको दोषी मानती हूँ। मैंने उसको तुमको दिया। वह गर्भवती हुई और तब वह अनुभव करने लगी कि वह मुझसे अच्छी है। मैं चाहती हूँ कि यहोवा सही न्याय करे।”
6 लेकिन अब्राम ने सारै से कहा, “तुम हाजिरा की मालकिन हो। तुम उसके साथ जो चाहो कर सकती हो।” इसलिए सारै ने अपनी दासी को दाण्ड दिया और उसकी दासी भाग गई।
हाजिरा का पुत्र इश्माएल
7 यहोवा के दूत ने मरुभूमि में पानी के सोते के पास दासी को पाया। यह सोता शूर जाने वाले रास्ते पर था। 8 दूत ने कहा, “हाजिरा, तुम सारै की दासी हो। तुम यहाँ क्यों हो? तुम कहाँ जा रही हो?”
हाजिरा ने कहा, “मैं अपनी मालकिन सारै के यहाँ से भाग रही हूँ।”
9 यहोवा के दूत ने उससे कहा, “तुम अपनी मालकिन के घर जाओ और उसकी बातें मानो।” 10 यहोवा के दूत ने उससे यह भी कहा, “तुमसे बहुत से लोग उत्पन्न होंगे। ये लो इतने हो जाएंगे कि गिने नहीं जा सकेंगे।”
11 दूत ने और भी कहा,
“अभी तुम गर्भवती हो और तुम्हे एक पुत्र होगा।
तुम उसका नाम इश्माएल रखना।
क्योंकि यहोवा ने तुम्हारे कष्ट को सुना है
और वह तुम्हारी मदद करेगा।
12 इश्माएल जंगली और आजाद होगा
एक जंगली गधे की तरह।
वह सबके विरुद्ध होगा।
वह एक स्थान से दूसरे स्थान को जाएगा।
वह अपने भाइयों के पास अपना डेरा डालेगा
किन्तु वह उनके विरुद्ध होगा।”
13 तब यहोवा ने हाजिरा से बातें कीं उसने परमेश्वर को जो उससे बातें कर रहा था, एक नए नाम से पुकारा। उसने कहा, “तुम वह ‘यहोवा हो जो मुझे देखता है।’” उसने उसे वह नाम इसलिए दिया क्योंकि उसने अपने—आप से कहा, “मैंने देखा है कि वह मेरे ऊपर नज़र रखता है।” 14 इसलिए उस कुएँ का नाम लहैरोई पड़ा। यह कुआँ कादेश तथा बेरेद के बीच में है।
15 हाजिरा ने अब्राम के पुत्र को जन्म दिया। अब्राम ने पुत्र का नाम इश्माएल रखा। 16 अब्राम उस समय छियासी वर्ष का था जब हाजिरा ने इश्माएल को जन्म दिया।
समीक्षा
परमेश्वर की दया प्राप्त कीजिये
पुराने नियम के दो विशिष्ट पद्यांश जो आज के लिए उस मुद्दे को दर्शाते हैं जिससे परमेश्वर की दया पाना संभव हो पाया है.
- यीशु के द्वारा परमेश्वर की दया पाना
यह उससे शुरु होता है जिसमें चार राजाओं द्वारा पाँच राजाओं को पराजित करने का स्पष्टीकरण असंगत और अजीब नजर आता है. फिर यह संबंध अब्राहम के भतीजे लूत से जुड़ता है जिसे चार राजाओं द्वारा घेर लिया गया था (14:12) पर अब्राहम द्वारा उसे बचाया गया था (व. 16). फिर विजय से वापस लौटते समय रहस्यमय ढंग से मेल्कीसेदेक ने अब्राहम को आशीषि दिया (वव. 18-20).
इसका वर्णन इब्रानियों अध्याय 7 में किया गया है,
जो यह समझाता है कि ये सभी यीशु की ओर दर्शाते हैं. मेल्कीसेदेक पुराने नियम में बाकी के सभी याजकों में प्रधान था (लैवीय याजक). अब्राहम,जो कि लेवी का परदादा था – जो कि ‘अपनी कटि में था’ – उसने अपना दसवांश मेल्कीसेदेक को दिया (उत्पत्ती 14:20). दूसरे शब्दों में लेवी ने मेल्कीसेदेक की प्रधानता को समझा.
मेल्कीसेदेक यीशु - प्रधान याजक - का पूर्वभास है,
जिसकी एक सिद्ध बलि ने हमारे सारे पापों को क्षमा करना संभव बनाया. इस तरह से,पुरानी याजक और बलि प्रथा का अंत हुआ.
‘रोटी और दाखमधु’ (व.18) प्रभु भोज के दाखरस और रोटी का पूर्वाभास है. ये सभी यीशु की सिद्ध बलि को दर्शाते हों,जिनका शरीर तोड़ा गया और जिनका लहू बहाया गया ताकि आपको और मुझे पूरी तरह से क्षमा मिले और परमेश्वर की दया मिले.
- विश्वास से परमेश्वर की दया प्राप्त कीजिये
फिर यह स्पष्टीकरण अब्राहम के लिए परमेश्वर के वायदे पर जाता है – इस सच्चाई के बावजूद कि सारा और अब्राहम बूढ़े थे और उनकी कोई संतान नहीं थी,उनका वंश तारों के समान असंख्य होनेवाला था. अब्राहम ने प्रभु पर विश्वास किया और उसने उसे धार्मिकता गिना’ (15:6).
आपको केवल क्षमा ही नहीं मिलती,बल्कि परमेश्वर अपनी दया में यह भी बताते हैं कि आप ‘परमेश्वर के साथ सही कर दिये गए हैं’ (व.6,एमएसजी). नये नियम में अक्सर इस वचन का वर्णन होता है, क्योंकि यह उस दया को दर्शाता है, क्षमा और सत्यनिष्ठा विश्वास से पाई जाती है – यानि, परमेश्वर पर विश्वास करने से (उदाहरण के लिए, रोमियों 4:1-5;गलातियों 3:6 देखें).
यह प्रोत्साहित करने वाला है कि,इब्रानियों में अब्राहम का वर्णन विश्वास के महान व्यक्तियों के रूप में किया गया है,फिर भी जब आप मूल कहानी देखते है तो आप पाएंगे कि उसका विश्वास पूरी तरह से अटल नहीं था.
जब संतान के लिए उनकी प्रार्थना का उत्तर नजर नहीं आया,तो अब्राहम और सारा ने मानवीय तरीके से परमेश्वर के लक्ष्य को पाने की योजना बनाई (उत्पत्ति 16:1-2). वे सहमत हुए कि अब्राहम हाजरा के साथ सोए और इश्माएल का जन्म हुआ (वव. 2-4). एक पाप दूसरे पाप को जन्म देता है और सारा हाजरा के साथ बुरा व्यवहार करती है (वव. 5-6).
यह पहली बार था जब परमेश्वर को अल रोही, परमेश्वर जो देखता है, कहा गया (16:13). यह महसूस करना आसान है कि आपको परमेश्वर द्वारा क्षमा मिल गई है, खास तौर पर उन पलों में जब,आप हाजरा के जैसा महसूस करते हैं कि उसके साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार किया गया. परमेश्वर जो देखते हैं, वह आपको विश्वास से जीने में मदद करते हैं. यहोवा वह परमेश्वर हैं जो आपको जंगल में भी देखते हैं और आपको खोजते हैं.
परमेश्वर जो देखते हैं,वह दया के परमेश्वर हैं. नया नियम बताता है कि परमेश्वर ने सारा और अब्राहम के पाप को अनदेखा किया और केवल उनके विश्वास को याद किया (इब्रानियों 11:11-12).
प्रार्थना
प्रभु आपकी अद्भुत दया के लिए धन्यवाद जो कि मेरे लिए यीशु की मृत्यु के द्वारा संभव हुई. आपको धन्यवाद कि वह प्रधान याजक हैं जिन्होंने क्रूस पर सिद्ध बलि दी ताकि मैं आपकी दया पा सकूँ. धन्यवाद कि मैं कभी भी आपकी दया नहीं कमा सकता लेकिन मैं इसे विश्वास से एक उपहार के रूप में ग्रहण करता हूँ.
पिप्पा भी कहते है
यह अद्भुत है कि परमेश्वर ने अब्राहम को ‘धार्मिकता’ माना उन सभी पर विचार करते हुए जो उसने किया था (उत्पत्ति 12:10-20 देखें).
\[‘पहाड़ के उपदेश’ (मत्ती 5-7) पर व्यापक विवरण और एप्लीकेशन जानने के लिए निकी गंबलेस की किताब द जीसस लाइफ स्टाइल देखें: shop.alpha.org/product/182/jesus-lifestyle-nicky-gumbel\]

App
Download The Bible with Nicky and Pippa Gumbel app for iOS or Android devices and read along each day.
संदर्भ
सन्दर्भ
डेट्रिक बोनोफर,द कॉस्ट ऑफ डिसाइपलशिप, न्यू यॉर्क: टचस्टोन (1995) पन्ना 134
जिन वचनों को (एएमपी) से चिन्हित किया गया है उन्हें एम्प्लीफाइड® बाइबल से लिया गया है. कॉपीराइट © 1954, 1958, 1962, 1964, 1965, 1987 लॉकमैन फाउंडेशन द्वारा प्राप्त अनुमति से उपयोग किया गया है। (www.Lockman.org)
जिन वचनों को (MSG) से चिन्हित किया गया है उन्हें मैसेज से लिया गया है। कॉपीराइट © 1993, 1994, 1995, 1996, 2000, 2001, 2002. जिनका प्रयोग एनएवीप्रेस पब्लिशिंग ग्रुप की अनुमति से किया गया है।
जहाँ पर कुछ बताया न गया हो, उन वचनों को पवित्र बाइबल, न्यू इंटरनैशनल संस्करण एन्ग्लिसाइड से लिया गया है, कॉपीराइट © 1979, 1984, 2011 बिबलिका, पहले इंटरनैशनल बाइबल सोसाइटी, हूडर और स्टोगन पब्लिशर की अनुमति से प्रयोग किया गया, एक हॅचेट यूके कंपनी सभी अधिकार सुरक्षित। ‘एनआईवी’, बिबलिका यू के का पंजीकृत ट्रेडमार्क संख्या 1448790 है।
नोट्स:
डेट्रिक बोनोफर, लिखते हैं, ‘प्रार्थना के माध्यम से हम अपने शत्रु के पास जाते हैं, उसकी तरफ खड़े रहते हैं,और उसके लिए परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं...... चूँकि हम उनके लिए प्रार्थना करते हैं इललिए हम उनकी निराशा और गरीबी को लेते हैं,और उनके अपराध तथा बरबादी को खुद पर लेते हैं और परमेश्वर से उनके लिए प्रार्थना करते हैं ’ (द कॉस्ट ऑफ डिसाइपलशिल, पन्ना 134).
2016 में नहीं:
सी.एस. लेविस, द वेट ऑफ ग्लोरी, (न्यू यॉर्क: हार्पर कोलिन्स, 2001, मूल रूप से 1949 में प्रकाशित), पन्ने 181-183.
जॉन विम्बर हनीकोम्ब विजन का चित्रण: जॉन विम्बर, पॉवर हीलिंग, पन्ना 52-53 से लिया गया है). जॉन विम्बर हनीकोम्ब विजन का चित्रण: जॉन विम्बर, पॉवर हीलिंग (न्यू यॉर्क: हार्पर कोलिन्स, 1991,मूल रूप से 1987 में प्रकाशित पन्ने 52-53
4 संभावित ट्वीट्स (एनजी – मैं टीम के लिए खुश हूँ कि उन्होंने इन में से एक को चुना. मुझे लगता है कि हम हर साल एक को चुनेंगे क्योंकि वरना अगले साल के लिए कुछ नहीं रह जाएगा.)
जॉन विम्बर्स का विजन ऑफ ए हनीकॉम्ब: ‘यह मेरी दया है,जॉन.... हरएक के लिए बहुत सी’. (लिन्क)
दया: उन लोगों को आशीषित करती है जो इसे देते हैं और जो इसे प्राप्त करते हैं. (लिन्क)
अपने शत्रुओं के लिए प्रार्थना करना हम उस तरह से देखने में मदद करता है जैसे परमेश्वर उन्हें देखते हैं. (लिन्क)
हमें उसके लिए बुलाया गया है जिसे बोनोहर ‘मसीही की....... असाधारण विशेषता कहते हैं’.